बंगाल की खाड़ी में भारत और इंडोनेशिया की नौसेना का युद्धाभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ आयोजित किया गया

भारत और इंडोनेशिया की नौसेना का संयुक्त समुद्री युद्धाभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ (Maritime Exercise Samudra Shakti) 6-7 नवंबर को आयोजित किया गया. यह युद्धाभ्यास बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया गया था. इस युद्धाभ्यास में भारतीय नौसेना का पनडुब्बी रोधी युद्धक कॉरवेट – INS कामोरता और इंडोनेशियाई युद्धक जहाज KRI उस्मान हारून ने भाग लिया.

इस संयुक्त युद्धाभ्यास में आपसी तालमेल, भू-तल पर युद्धाभ्यास, वायु में रक्षा अभ्यास, हथियार फायरिंग ड्रिल, हेलिकॉप्टर संचालन एवं बोर्डिंग ऑपरेशन शामिल था. अभ्यास का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, समुद्री सहयोग का विस्तार करना, अंतर-क्षमता को बढ़ाना और प्रशिक्षणों का आदान-प्रदान करना था.

भारत और इंडोनेशिया के बीच इस युद्धाभ्यास सहमति मई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया की यात्रा के दौरान बनी थी. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने व्यापक सामरिक साझेदार पर बल दिया था.

SCO की बैठक: भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच पहला संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास ‘डस्‍टलिक 2019’

शंघाई सहयोग संगठन की (SCO) के शासनाध्यक्षों की बैठक 3-4 नवम्बर को उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और उज्बेकिस्तान सरकार के साथ द्विपक्षीय कार्यक्रमों में भाग लिया.

भारत और उज्‍बेकिस्‍तान में 3 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

भारत और उज्बेकिस्तान ने 3 नवम्बर को सैन्य चिकित्सा और सैन्य शिक्षा के क्षेत्र में ताशकंद में 3 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. ये समझौते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उज्बेकिस्तान सरकार के साथ हुए द्विपक्षीय वार्ता के दौरान किये गये.

भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच पहला संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास ‘डस्‍टलिक 2019’

भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच पहला संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास ‘डस्‍टलिक 2019’ उज्‍बेकिस्‍तान के ताशकंद में 4 से 13 नवम्बर तक चिरचिक प्रशिक्षण क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है. दोनों देशों के बीच पहली बार आयोजित यह संयुक्‍त अभ्‍यास आतंकवाद से निपटने के तौर तरीकों पर केंद्रित है.

इस सैन्‍य अभ्‍यास के दौरान दोनों देशों की सशस्‍त्र सेनाएं अपने बेहतरीन अनुभवों को साझा करते हुए प्रभावी परिचालन के तरीके हासिल करेंगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उज्‍बेकिस्‍तान के रक्षामंत्री मेजर जनरल बखोदिर निज़मोविच कुरबानोफ ने इससे जुड़े एक कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया.

जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल की भारत यात्रा: दोनों देशों के बीच 17 समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गए

जर्मन चांसलर सुश्री एंगेला मर्केल ने 1 से 3 नवम्बर तक भारत की यात्रा की. सुश्री मर्केल के साथ संघीय सरकार के कई मंत्री और सचिव तथा एक उच्‍चस्‍तरीय व्‍यापार शिष्‍टमंडल भी थे.

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल ने 1 नवम्बर को नई दिल्ली में 5वीं द्विवार्षिक अंतर सरकारी परामर्श बैठक की संयुक्‍त रूप से अध्यक्षता किये. इस बैठक में दोनों देशों के बीच नई प्रौद्योगिकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कृषि, तटीय प्रबंधन और शिक्षा के क्षेत्रों में 17 समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गए.
  • दोनों नेताओं द्विपक्षीय बैठक में आर्थिक भागीदारी, व्‍यापार, निवेश और कृषि सहित कई द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान विज्ञान, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, दोनों देशों के लोगों में आपसी संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित द्विपक्षीय मुद्दों के सभी पहलुओं पर बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए द्विपक्षीय रक्षा सहयोग प्रगाढ़ बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
  • द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त वक्‍तव्‍य में कहा गया है कि दोनों पक्ष, रक्षा उद्योग के प्रमाणन में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा उत्‍पाद के क्षेत्र में उत्‍तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरिडोर में अवसरों का लाभ उठाने के लिय जर्मनी को आमंत्रित किया. एंगेला मर्केल ने भारत को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रगति के लिए बधाई दी.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की सऊदी अरब की यात्रा: दोनों देशों के बीच 12 समझौते, FII फोरम में संबोधन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 29 अक्टूबर को सऊदी अरब की यात्रा की. वे सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्‍दुल अजीज़ के निमंत्रण पर वहां गये थे. इस यात्रा के क्रम में उन्होंने सऊदी शाह के साथ द्विपक्षीय बैठक किये और युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्‍मद बिन सलमान के साथ शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ताओं में हिस्‍सा लिया.

रियाद में फ्यूचर इन्‍वेस्‍टमेंट इनिशिएटिव फोरम

प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब के फ्यूचर इन्‍वेस्‍टमेंट इनिशिएटिव (FII) फोरम के तीसरे सत्र को सम्‍बोधित किया. फोरम को सम्‍बोधित कर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. दावेस इन डिज़र्ट कहा जाने वाला वैश्विक FII सऊदी अरब का बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन है.


प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • अगले पांच वर्षों में भारत को पचास खरब डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का संकल्‍प दोहराया. उन्‍होंने कहा कि भारत की स्‍टार्ट-अप कंपनियों ने अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर निवेश करना शुरु कर दिया है.
  • भारत दुनिया का तीसरा बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम बन गया है. भारत में वन बिलियन वियर्स डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाले विनिकॉम की संख्या बढती जा रही है. हमारे कई स्टार्टअप्स वैश्विक स्तर पर निवेश करने लगे हैं.
  • प्रधानमंत्री ने ग्लोबल बिजनेस को प्रभावित करने वाले पांच बड़े ट्रेंड की बात की. पहला ट्रेंड है टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का प्रभाव, दूसरा ग्लोबल ग्रोथ के लिए इन्फ्रास्टेक्चर की इंपोर्टेंस, तीसरा ह्यूमन रिसोर्स और फ्यूचर ऑफ वर्क में तेजी से हो रहा बदलाव. चौथा कंपेशन एंड एनवायरमेंट और पांचवां बिजनेस फ्रेंडली गवर्नन्स.
  • प्रधानमंत्री ने व्‍यापार को सुगम बनाने के लिए सरकार के विभिन्‍न उपायों की जानकारी दी. उन्‍होंने कहा कि भारत 2024 तक रिफाइनरी, पाइपलाइन और गैस टर्मिनल के क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश करेगा ताकि ऊर्जा उत्‍पादन के लिए ढांचा कायम किया जा सके.
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार की आवश्‍यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संस्‍था संघर्ष समाधान के लिए एक वांछित संस्‍थान के रूप में विकसित नहीं हो पाई है. उन्‍होंने कहा कि शक्तिशाली देशों ने संयुक्‍त राष्‍ट्र को संस्‍थान की बजाय औजार के रूप में अधिक देखा है.

दोनों देशों के बीच 12 समझौते

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच 12 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. जिन क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए उनमें सुरक्षा सहयोग, नवीकरणीय ऊर्जा, अवैध व्‍यापार और मादक पदार्थों की तस्‍करी रोकने तथा नागर विमानन जैसे क्षेत्र शामिल हैं. दोनों पक्षों के बीच पहला नौसैन्य अभ्यास 2019 के अंत या अगले साल की शुरुआत में होगा.

भारत-सऊदी अरब रणनीति साझेदारी परिषद का गठन

दोनों देशों ने सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मुद्दों संबंधी निर्णयों पर समन्वय के लिए भारत-सऊदी अरब रणनीति साझेदारी परिषद गठित करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस परिषद की अगुआई प्रधानमंत्री मोदी और युवराज मोहम्मद करेंगे और यह दो साल के अंतराल पर मिला करेगी.

रुपे कार्ड शुरू करने के संबंध में सहमति

दोनों देशों ने रुपे कार्ड शुरू करने के संबंध में भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. सऊदी अरब में 26 लाख भारतीय काम करते हैं. भारत से करीब दो लाख हाजी और तीन लाख उमराह तीर्थयात्री हर साल सऊदी अरब का दौरा करते हैं और रुपे कार्ड की स्वीकार्यता उन्हें सस्ते लेन-देन में मदद करेगी.

रायगढ़ में रिफाइनरी परियोजना

भारत और सऊदी अरब ने महाराष्‍ट्र के रायगढ़ में महत्वाकांक्षी पश्चिमी तट रिफाइनरी परियोजना पर आगे बढ़ने का फैसला किया. इसमें सऊदी तेल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अरामको, यूएई की अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां निवेश करेंगी.

इंडियन ऑयल मिडिल ईस्ट और सऊदी कंपनी अल जेरी के बीच संयुक्त उपक्रम के लिए भी MOU पर हस्ताक्षर हुए जिससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंध बढ़ेंगे.

भारत और सउदी अरब का संयुक्त बयान: मुख्य बिंदु

  • भारत और सऊदी अरब ने कार्यनीतिक भागीदारी परिषद स्‍थापित करने पर सहमति व्‍यक्‍त की है. दोनों देशों ने आंतकरोधी कार्रवाई में सहयोग बढ़ाने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया है. दोनों देशों ने उग्रवाद और आंतकवाद की सार्वभौम समस्‍या को किसी खास जाति धर्म या संस्‍कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को अनुचित बताया.
  • भारत और सउदी अरब ने सभी प्रकार के आंतकवादी कृत्‍यों की निंदा की तथा मिसाइल और ड्रोन जैसे हथियारों तक आंतकवादियों की पहुंच रोकने पर बल दिया, ताकि वे अन्‍य देशों के खिलाफ उनका प्रयोग न कर सकें.
  • दोनों देशों ने अपनी राष्‍ट्रीय सुरक्षा सहित आपसी हितों पर असर डालने वाले जल-मार्गों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों को बढ़ावा देने में द्विपक्षीय समझौतों के महत्‍व को स्‍वीकार किया.
  • आतंकवादी कार्रवाई, सूचनाओं के आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण और संचार अपराधों से निपटने में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई.

भारत-सऊदी अरब संबंध: एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सउदी अरब ने साढे चार सौ भारतीय कैदियों को रिहा किया.
  • प्रधानमंत्री मोदी के आग्रह पर सऊदी अरब के शाह हज यात्रियों का कोटा बढ़ाकर दो लाख करने पर राजी हो गए हैं. 2019 में एक लाख 75 हजार 25 भारतीय हज पर गए थे.
  • भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और वह अपनी तेल जरूरतों का 83 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है. इराक के बाद सऊदी अरब इसका दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. भारत हर महीने सऊदी अरब से करीब 2,00,000 टन एलपीजी खरीदता है.

भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किये

भारत और पाकिस्तान ने 24 अक्टूबर को करतारपुर साहिब गलियारा खोले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए. बाबा गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव पर डेरा बाबा नानक में जीरो प्वाइंट पर दोनों देशों के अधिकारियों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 नवंबर को डेरा बाबा नानक सीमा पर गलियारे का उद्घाटन करेंगे और 550 सदस्यों वाली पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

समझौते के मुख्य बिंदु

  1. समझौते के अनुसार सभी धर्मों के पांच हजार भारतीय श्रद्धालु और भारतीय मूल के लोग करतारपुर साहिब दर्शन के लिए वीजा मुक्त यात्रा कर सकेंगे. श्रद्धालुओं को अपने साथ केवल एक वैध पासपोर्ट लाना होगा.
  2. करतारपुर कॉरिडोर सुबह सूर्योदय से शाम तक खुला रहेगा. सुबह आने वाले श्रद्धालुओं को उसी दिन शाम को लौटना होगा. यह गलियारा कुछ अधिसूचित दिनों के अलावा वर्ष भर खुला रहेगा.
  3. भारत, यात्रा से दस दिन पहले श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्‍तान को भेजेगा और पाकिस्‍तान से यात्रा से चार दिन पहले श्रद्धालुओं की अंतिम सूची जारी की जायेगी.
  4. समझौते से पहले भारत ने पाकिस्तान की ओर से प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर का शुल्क लगाने के फैसले को लेकर उनसे पुनर्विचार करने के लिए कहा है. हालांकि इस कॉरिडोर की अहमियत के मद्देनजर फिलहाल मौजूदा सहमतियों के साथ आगे बढ़ने का फैसला भी किया गया.

करतारपुर साहिब गलियारा (कोरिडोर): एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2018 में देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दी थी.
  • चार किलोमीटर से ज्‍यादा यह कोरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब और पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक शाइन को जोड़ेगा.
  • करतारपुर दरबार साहिब पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है. यहाँ गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे.

भारत और बंगलादेश के हितधारकों की पहली बैठक गुवाहाटी में आयोजित की गयी

भारत और बंगलादेश के हितधारकों की पहली बैठक 22-23 अक्टूबर को गुवाहाटी में आयोजित की गयी. इस बैठक समारोह का उद्घाटन असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया. बैठक का उद्देश्य आसियान देशों (Association of Southeast Asian Nations) तथा बंगलादेश, भूटान और नेपाल के साथ व्यापार विस्तार में असम को केंद्र-बिंदु बनाना था.

इस बैठक में द्विपक्षीय व्यापार और संपर्क पर प्रमुख रूप से चर्चा हुई. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल ने गुवाहाटी में सड़क समझौते, सीमा पार सतह मार्ग व्यापार और बंदरगाह उपयोग समझौते सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

बैठक में भाग लेते हुए बांग्लादेश के वाणिज्‍य मंत्री टीपू मुंशी ने कहा है कि बांग्लादेश और पूर्वोत्‍तर भारत के बीच भौतिक सम्‍पर्क ढांचों और लोगों के बीच संपर्क से दोनों देशों को लाभ पहुंचेगा.

अमरीका-भारत कार्यनीतिक साझेदारी फोरम की बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गयी


अमरीका और भारत के कार्यनीतिक साझेदारी फोरम (US India Strategic Partnership Forum- USISPF) की बैठक 21 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित की गयी. बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दोनों देशों को द्विपक्षीय समझौते जैसे बड़े उपायों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अमरीकी कंपनियों को प्रौद्योगिकी, पूंजी और नए व्यापार मॉडल तथा भारत की जैव ईंधन क्रांति में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया.

अमरीका-भारत कार्यनीतिक साझेदारी फोरम के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने तीन D डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी), और दिमाग (बौद्धिक क्षमता) को भारत की विशिष्ट पहचान बताया. उन्होंने कारोबार आसान बनाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कमी, श्रम सुधार और भारतीय युवाओं की उद्यमिता जोखिम क्षमता बढाने जैसे सरकार के उपायों की चर्चा भी की. फोरम के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण में भरोसा व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के अगले 5 वर्ष विश्व के अगले 25 वर्षों का निर्धारण करेंगे.

अमरीका और भारत के कार्यनीतिक साझेदारी फोरम (USISPF) का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि, उद्यमिता, रोजगार सृजन और नवाचार क्षेत्रों में भारत और अमरीका के बीच कार्यनीतिक साझेदारी मजबूत करना है. USISPF की स्थापना 2017 में की गयी थी.

भारत एवं मालदीव के बीच 10वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्यूवरिन 2019’ पुणे में आयोजित किया गया

भारत एवं मालदीव के बीच 10वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्यूवरिन’ (EKUVERIN) 2019 महाराष्ट्र के पुणे में 7 से 20 अक्टूबर तक आयोजित किया गया.

‘एक्यूवरिन’ भारतीय सेना एवं मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के मध्य एक वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास है. ‘एक्यूवरिन’ का अर्थ ‘मित्र’ होता है. इस सैन्य अभ्यास का आयोजन वर्ष 2009 से भारत एवं मालदीव में बारी-बारी से किया जाता है.

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था के अनुरूप उग्रवाद और आतंकवाद रोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए दोनों सेनाओं के बीच आपसी सहयोग और ताल-मेल बढ़ाना है.

उपराष्‍ट्रपति की कोमोरॉस और सियरा लियोन की यात्रा: कोमोरोस के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया

उप-राष्‍ट्रपति की कोमोरॉस की यात्रा: सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान से सम्‍मानित किये गये

उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू 10 से 14 अक्टूबर तक दो अफ्रीकी देशों कोमोरॉस और सियरा लियोन की यात्रा पर हैं. भारत सरकार अफ्रीका को एक ‘फोकस महाद्वीप’ मानता है. पिछले पांच सालों में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के स्तर पर 32 अफ्रीकी देशों की यात्राओं से साफ होता है.

यात्रा के पहले चरण में श्री नायडू 10 अक्टूबर को पूर्वी अफ्रीकी द्वीप कोमोरॉस की राजधानी मोरोनी पहुंचे थे. यहाँ उन्होंने राष्‍ट्रपति अज़ाली असौमानी से आपसी हितों के मुद्दों पर वार्ता बैठक की.

इस यात्रा के क्रम में भारत ने अफ्रीका में 18 नए दूतावास खोलने का फैसला किया है. भारत ने कोमोरोस को ऊर्जा और समुद्री रक्षा सहयोग के लिए छह करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान करने की घोषणा की. कोमोरास की राजधानी मोरोनी में संसद को सम्‍बोधित करते हुए उप-राष्‍ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि दोनों देशों ने रक्षा और उर्जा सहित कुछ महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में समझौते किए. भारत ने मोरनी में अट्ठारह मेगावाट क्षमता का विद्युत सयंत्र लगाने के लिए 41 करोड़ 60 लाख डॉलर से अधिक की ऋण सुविधा देने की घोषणा की.

उप-राष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू को कोमोरोस के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान “द आर्डर ऑफ दा ग्रीन क्रिसेंट” से सम्‍मानित किया गया. कोमोरोस के राष्‍ट्रपति अज़ाली असोउमानी ने उन्हें यह सम्‍मान प्रदान किया.

सियरा लियोन की यात्रा: भारत और सियरा लियोन में छह समझौते

भारत और सियरा लियोन ने 13 अक्टूबर को छह समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए. इनमें धान की खेती के लिए तीन करोड़ डॉलर की ऋण सीमा बढ़ाना भी शामिल है. ये समझौते सियेरा लियोन की यात्रा पर गये उप-राष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू और सियेरा लियोन के राष्‍ट्रपति जूलियस माडा बियो के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान हुए.

दोनों देशों ने पैन-अफ्रीकन टेली एजुकेशन, टेली मेडि‍सिन पहल-ई-विद्या भारती और ई-आरोग्‍य भारती में सियेरा लियोन की भागीदारी के लिए समझौते पर भी हस्‍ताक्षर किए. दोनों देश इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि वर्तमान वास्‍तविकताओं पर विचार करने और मौजूदा वैश्‍विक चुनौतियों के समाधान के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार की जरूरत है.

श्री नायडू पश्चिम अफ्रीकी देशों कोमोरॉस और सियरा लियोन की पांच दिन की यात्रा के दूसरे चरण में सियेरा लियोन की राजधानी फ्रीटाउन पहुंचे थे.

दूसरा भारत-चीन अनौपचारिक शिखर सम्‍मेलन मामल्‍लपुरम में आयोजित किया गया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति षी चिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता 11-12 अक्टूबर को तमिलनाडु के मामल्‍लपुरम में आयोजित की गयी. दोनों नेताओं में कई दौर में अनौपचारिक वार्ता और शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ता हुई. शिष्‍टमंडल स्‍तर की वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी उपस्थित थे. चीन के शिष्‍टमंडल में पोलित ब्‍यूरो के वरिष्‍ठ सदस्‍य‍ और विदेश मंत्री शामिल थे.

अनौपचारिक शिखर वार्ता में महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे द्विपक्षीय व्यापार, वैश्विक व्यापार, पीपल टू पीपल कॉन्टेक्ट, अगले साल दोनों देशों के बीच 70वीं वर्षगांठ, डिप्लोमेटिक रिलेशन की और टूरिज़्म के ऊपर गहनता से चर्चा हुई. इसके साथ ही क्लाइमेट चेंज, WTO और कई अन्य सारे क्षेत्रीय मु्द्दों पर भी बात हुई.

चीनी राष्ट्रपति के साथ बैठक में आपसी रणनीतिक साझेदारी, व्यापारिक संबंध के अलावा लोगों के बीच आपसी संबंध को बढ़ावा देने के लिए भी सहमति बनी. इस क्रम में मामल्लपुरम और चीन के फूचियन प्रांत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने पर भी विचार हुआ.

श्री मोदी ने षी चिनपिंग को उनकी तस्‍वीर वाली एक शॉल उपहार स्‍वरूप भेंट की. इसे कोयम्‍बटूर के सिरुमुगई के शिल्‍पकारों ने विशेष रूप से उनके लिए तैयार किया है. प्रधानमंत्री ने उन्‍हें कांचीपुरम सिल्‍क की साड़ी भी भेंट की.

यह अनौपचारिक शिखर वार्ता विश्व की दो तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के बीच आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देगी.

भारत-चीन तीसरा अनौपचारिक शिखर सम्‍मेलन चीन में

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे जारी रखते हुए प्रधानमंत्री को तीसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए भी आमंत्रित किया. इस आमंत्रण को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्वीकार कर लिया है. श्री चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के बीच पहला अनौपचारिक शिखर सम्‍मेलन 2018 में चीन के वुहान में हुआ था.

मामल्‍लपुरम चीनी सम्‍बंधों से जुड़ी विश्‍व धरोहर

तमिलनाडु का सुप्रसिद्ध पर्यटक स्‍थल मामल्‍लपुरम चीनी सम्‍बंधों से जुड़ी विश्‍व धरोहर की श्रेणी में आता है. यह दोनों देशों के बीच 1700 साल पुराने संबंधों का राजदार है. तमिलनाडु का यह प्राचीन शहर अपने भव्य मंदिरों, स्थापत्य और सागर-तटों के लिए बेहद ही लोकप्रिय है. द्रविड वास्तुकला की दृष्टि से यह शहर अग्रणी स्थान रखता है.

सातवीं शताब्दी में यह शहर पल्लव राजाओं की राजधानी था और इस दौरान चीन के साथ कई स्तरों पर संबंध भी थे. पल्लव वंश के राजा नरसिंह द्वितीय ने चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अपने दूतों को चीन भी भेजा था. यह चीन से व्‍यापार करने वाले पल्‍लव राजवंश का बंदरगाह था.

दरअसल, इस क्षेत्र में काफी समय पहले चीन, फारस और रोम के प्राचीन सिक्के मिले थे, इतिहासकारों के मुताबिक ये इस बात के सबूत देते हैं कि यहां पर बंदरगाह के जरिए इन देशों के साथ व्यापार होता था.

चीन और भारत के बीच व्यापारिक के अलावा आध्यात्मिक संबंध भी रहे हैं. भारतीय बौद्ध-भिक्षु ने 520 या 526 ई. में मल्‍लापुरम से ही चीन गए थे और उन्‍होंने वहां बौद्ध धर्म का प्रचार किया था.

भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास डलहौजी के बकलोह में किया जा रहा है

भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘नोमेडिक एलीफैंट-2019’ 5 से 18 अक्टूबर तक डलहौजी के बकलोह में किया जा रहा है. यह इस अभ्यास का 14वां संस्करण है. मंगोलिया सेना का प्रतिनिधित्व 084 एयर बोर्ने स्पेशल टास्क बटालियन के अधिकारी और भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व राजपूताना राइफल्स रेजीमेंट की एक बटालियन कर रही है.

दो सप्ताह तक चलने वाले अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक प्रशिक्षण का आदान-प्रदान करेंगे. इस दौरान पर्वतीय भूभाग में सुनियोजित और तकनीकी योग्यता का संयुक्त रूप से अभ्यास करेंगे. अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेना के बीच आपसी तालमेल को बढ़ावा देने सहित संकटपूर्ण स्थिति को संयुक्त ऑपरेशन के माध्यम से सफलतापूर्वक किया जाएगा.


बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा: दोनों देशों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आये बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ 5 अक्टूबर को नई दिल्‍ली में द्विपक्षीय वार्ता की. इस वार्ता में दोनों देशों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये.

वार्ता में भारत और बांग्लादेश ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है जिससे भारत को बांग्लादेश में तटीय निगरानी प्रणाली स्थापित करने में मदद मिलेगी. इस प्रणाली से भविष्य में भारत और बांग्लादेश के बीच जहाज़रानी समझौते का रास्ता खुलेगा. समुद्री सुरक्षा की दृष्टि से भी यह उपयोगी और महत्वपूर्ण होगा.

दोनों नेताओं ने बांग्लादेश से LPG के आयात सहित तीन भागीदारी परियोजनाओं का भी वीडियों कांफ्रेंस के ज़रिये शुभारंभ किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस समझौते को महत्वपूर्ण बताया. दो अन्‍य परियोजनाएं – बंगलादेश की राजधानी ढाका में रामकृष्‍ण मिशन, वि‍वेकानंद भवन का निर्माण और बांग्‍लादेश-भारत पेशेवर कौशल विकास संस्‍थान की स्‍थापना हैं.