डेली कर्रेंट अफेयर्स
भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रचा
भारत के युवा ग्रैंडमास्टर दोमाराजू गुकेश ने 22 अप्रैल को फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट (FIDE CANDIDATES Tournament) 2024 जीतकर इतिहास रचा.
मुख्य बिन्दु
- डी गुकेश ने टोरंटो में अंतिम राउंड में अमेरिके के हिकारू नाकामुरा के साथ ड्रॉ खेला. उन्होंने टूर्नामेंट में 14 में से 9 अंक अर्जित किए.
- उन्होंने 17 साल की उम्र में कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर सबसे कम उम्र में यह टूर्नामेंट जीतने वाले खिलाड़ी बन गए हैं.
- गुकेश पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद के बाद कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने वाले दूसरे भारतीय प्लेयर हैं. आनंद ने साल 2014 में इस टूर्नामेंट को जीता था.
- कैंडिडेट्स टूर्नामेंट का आयोजन वर्ल्ड चैंपियन को चुनौती देने वाले खिलाड़ी को चुनने के लिए होता है. गुकेश को अब इस साल के आखिर में चीन के डिंग लिरिन के विरुद्ध खेलने का अवसर मिलेगा.
- उन्होंने रूस के गैरी कास्पोरोव का 40 साल पुराना रिकॉर्ड ध्वस्त किया है, जिन्होंने 1984 में 22 साल की उम्र में कैंडिडेट्स जीता था.
पद्म पुरस्कार 2024 का वितरण, जानिए पद्म पुरस्कार के बारे में, पद्म पुरस्कार 2023 की पूरी सूची
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पद्म सम्मान 2024 के प्राप्तकर्ताओं को 22 अप्रैल को इस सम्मान से अलंकृत किया. राष्ट्रपति भवन में आयोजित वितरण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह मौजूद थे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या 25 जनवरी 2024 को पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी थी. इस वर्ष 5 लोगों को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 110 को पद्मश्री देने की घोषणा की गई थी.
पद्म सम्मान 2024: मुख्य बिन्दु
- पुरस्कार पाने वालों में तीस महिलाएं हैं. सूची में विदेशी, अनिवासी भारतीय मूल के लोग, विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिक सहित आठ व्यक्ति शामिल हैं.
- पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और अभिनेता चिरंजीवी, अभिनेत्री वैजयंतीमाला बाली, भरतनाट्यम नृत्यांगना पदमा सुब्रह्मण्यम को पद्मविभूषण के लिए चुना गया है. सामाजिक कार्यकर्ता बिंदेश्वर पाठक को मरणोपरांत पद्मविभूषण से सम्मानित किया जाएगा.
- सर्वोच्च न्यायलय की पहली महिला न्यायाधीश एम.फातिमा बीवी और तमिल अभिनेता विजय कांत को मरणोपरांत पद्मभूषण प्रदान किया जाएगा. पद्मभूषण पुरस्कार पाने वालों में बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, गायिका ऊषा उथुप, उद्योगपति सीताराम जिंदल, संगीत निर्देशक प्यारेलाल शर्मा और फॉक्सकोन अध्यक्ष यंग ल्यू शामिल हैं.
- पद्म पुरस्कार विजेताओं में 34 ऐसे नायक भी हैं, जिनकी चर्चा बहुत कम है. इनमें भारत की पहली महिला महावत पर्बती बरूआ, जनजातीय पर्यावरण कार्यकर्ता चामी मुर्मु और सामाजिक कार्यकर्ता संगथंनकिमा शामिल हैं.
जाने पद्म पुरस्कार के बारे में, पद्म पुरस्कार 2023-24 की पूरी सूची…»
23 अप्रैल 2024: विश्व पुस्तक दिवस, स्ट्रासबर्ग को विश्व पुस्तक राजधानी 2024 नामित किया गया
प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल को ‘विश्व पुस्तक दिवस’ (World Book Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों के बीच किताब पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना है.
चूंकि किताबी दुनिया में कॉपीराइट एक अहम मुद्दा है, इसलिए विश्व पुस्तक दिवस पर इस पर भी जोर दिया जाता है. इसी वजह से दुनिया के कई हिस्सों में इसे ‘विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ (World Book and Copyright Day) के तौर पर भी मनाया जाता है.
ब्रिटेन और आयरलैंड में 23 अप्रैल को सेंट जॉर्ज दिवस होता है. इस वजह से वहां मार्च के पहले गुरुवार को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है.
विश्व पुस्तक राजधानी 2024
UNESCO प्रत्येक वर्ष विश्व पुस्तक राजधानी (World Book Capital) नामित करता है. यह पुस्तक राजधानी 23 अप्रैल से 1 वर्ष की अवधि के लिए रहती है. इस वर्ष फ्रान्स के स्ट्रासबर्ग (Strasbourg, France) को ‘विश्व पुस्तक राजधानी 2024’ के रूप में नामित किया गया है.
पुस्तक दिवस 2024 की थीम
इस वर्ष यानी वर्ष 2024 में विश्व पुस्तक दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘रीड योर वे’ (Read Your Way) है.
विश्व पुस्तक दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने विश्व पुस्तक दिवस को प्रस्तावित किया था. पहला विश्व पुस्तक दिवस 23 अप्रैल, 1995 को मनाया गया था.
विश्व पुस्तक दिवस को 23 अप्रैल को मनाने का विचार स्पेन की एक परंपरा से आया. स्पेन में हर साल 23 अप्रैल को ‘रोज डे’ मनाया जाता है. इस दिन लोग प्यार के इजहार के तौर पर एक-दूसरे को फूल देते हैं.
1926 में जब स्पेन के विख्यात लेखक मिगेल डे सरवांटिस (Miguel de Cervantes) का निधन हुआ तो उस साल स्पेन के लोगों ने महान लेखक की याद में फूल की जगह किताबें बांटीं. स्पेन में यह परंपरा जारी रही जिससे ‘विश्व पुस्तक दिवस’ मनाने का विचार आया.
23 अप्रैल: संयुक्त राष्ट्र अंग्रेजी और स्पेनिश भाषा दिवस
प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र अंग्रेजी भाषा दिवस (UN English Language Day) मनाया जाता है. इसी दिन (23 अप्रैल को) संयुक्त राष्ट्र स्पेनिश भाषा दिवस भी मनाया जाता है. भाषा दिवस को मनाने का उद्देश्य बहु-भाषावाद तथा सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना है.
विलियम शेक्सपियर का जन्मदिन
23 अप्रैल को अंग्रेजी के मशहूर विलियम शेक्सपियर का जन्म हुआ था और उनकी मृत्यु भी इसी दिन हुई थी. इसलिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने 23 अप्रैल को अंग्रेजी भाषा दिवस के तौर पर चुना.
संयुक्त राष्ट्र 6 आधिकारिक भाषाओं के लिए अलग-अलग दिवस
संयुक्त राष्ट्र के 6 आधिकारिक भाषाएं हैं. इन 6 आधिकारिक भाषाओं के लिए अलग-अलग दिवस निश्चित किये गये हैं:
- अरबी भाषा: 18 दिसम्बर
- चीनी भाषा: 20 अप्रैल
- अंग्रेजी भाषा: 23 अप्रैल
- स्पेनिश भाषा: 23 अप्रैल
- फ़्रांसिसी भाषा: 20 अप्रैल
- रूसी भाषा: 6 जून
22 अप्रैल 2024: पृथ्वी दिवस, ग्रह बनाम प्लास्टिक थीम पर मनाया गया
प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय और पर्यावरण सुरक्षा के बारे में लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाना है.
पृथ्वी दिवस 2024 की थीम
इस वर्ष यानी 2024 के पृथ्वी दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘ग्रह बनाम प्लास्टिक’ (Planet vs. Plastics) था.
पृथ्वी दिवस का इतिहास
1969 में यूनेस्को सम्मेलन में इस दिन को प्रस्तावित किया गया था. पहली बार, पृथ्वी दिवस 1970 में मनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र ने 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 2009 में की थी.
अमेरिका में पृथ्वी दिवस को ‘वृक्ष दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. अमेरिका के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने 22 अप्रैल 1970 को इस कार्यक्रम को पर्यावरण शिक्षा के रूप में मनाने के लिये चुना था.
21 अप्रैल: सिविल सेवा दिवस
प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस (Civil Services Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस सिविल सेवकों को स्वयं को नागरिकों के लिए पुनर्समर्पित करने तथा अपनी वचनबद्धता को पुनर्सज्जित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
इसी दिन 1947 में पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने ‘आल इंडिया एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस ट्रेनिंग स्कूल’ के पहले बैच के अधिकारियों को दिल्ली के मेटकाफ़ हाउस में पहली बार संबोधित किया था. सरदार पटेल ने अपने संबोधन में सिविल सेवकों को ‘स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया’ के रूप में संबोधित किया था.
भारत सरकार ने वर्ष 2006 से इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया था. 21 अप्रैल 2023 को देश में 17वां सिविल सेवा दिवस मनाया गया.
सरदार वल्लभभाई पटेल के अनुसार, सिविल सेवक भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. वे लोक प्रशासन के सुचारू संचालन के लिए अथक प्रयास करते हैं. उनकी ज़िम्मेदारी सत्ताधारी पार्टी की नीतियों को क्रियान्वित करने की ओर है.