म्‍यामांर के राष्‍ट्रपति ऊ विन मिन्‍त की भारत यात्रा, दोनों देशों के बीच दस समझौते

भारत और म्यामां के बीच आधारभूत संरचना, ऊर्जा, संचार और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में दस समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये. ये समझौते भारत की यात्रा पर आये म्‍यामां के राष्‍ट्रपति ऊ विन मिन्‍त और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के बीच 27 फरवरी को हुए द्विपक्षीय वार्ता के दौरान हुये. इस वार्ता में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय हितों के विभिन्‍न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

भारत की ‘एक्‍ट ईस्‍ट’ और ‘पडोसी पहले’ नीति और म्‍यामां की गुटनिरपेक्ष नीति की पुष्टि करते हुए, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत बनाने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाई. दोनों पक्ष आतंकवादके मुकाबले में सहयोग पर भी सहमत हुए. वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार, सेना और जातीय सशस्‍त्र समूह के बीच चल रही शांति प्रक्रिया के लिए पूर्ण समर्थनव्‍यक्‍त किया.

भारतने म्‍यामां के राखिन राज्‍य में शांति, स्थिरता और विकास के लिए अपने समर्थन को दोहराया. भारत की इम्‍फाल और म्‍यामां के मांडले के बीच समन्वित बस सेवा इस साल अप्रैल से शुरू होने की उम्‍मीद है. वार्ता में भारत ने म्‍यामा के तमू में आधुनिक एकीकृत चैक-पोस्‍ट निर्माण के लिए प्रतिबद्धता दोहराई.

म्‍यामां के राष्‍ट्रपति मिन्‍त 26 से 29 फरवरी तक भारत की यात्रा पर हैं. उनके साथ म्‍यामां की प्रथम महिला दॉव चो चोभी हैं. श्री मिन्‍ट ने विदेश मंत्री सुब्रमण्‍यम जयशंकर से भी मुलाकात की. म्यामां के राष्ट्रपति अपनी यात्रा के दौरान आगरा और बोध-गया भी जायेंगे.

म्यामांर और भारत संबंध

  • म्यामां और भारत के बीच धार्मिक तथा भाषायी संबंध हैं. यह भारत की सीमा से लगा एकमात्र आसियान देश है जो दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है.
  • भारत अपने ‘ईस्ट एक्‍ट’ और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीतियों के अनुरूप म्यामां के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है.
  • भारत, म्यामां का पांचवा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में 2018-19 के दौरान 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और वर्तमान में यह 107 करोड़ डॉलर के स्तर पर है.

अमरीका के राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रंप की भारत यात्रा, दोनों देशों के बीच 3 अरब डालर से ज्यादा के रक्षा सौदे पर सहमति

अमरीकी राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रंप ने 24-25 फरवरी को भारत की यात्रा पर थे. उनकी यह पहली भारत यात्रा थी. इस यात्रा में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी पत्‍नी और अमरीका की प्रथम महिला मिलानिया ट्रम्‍प और प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी भी आये थे. इस यात्रा में राष्‍ट्रपति ट्रंप की सलाहकार और उनकी पुत्री इवांका ट्रंप तथा दामाद तथा वरिष्‍ठ सलाहकार जार्ड कुशनर भी शामिल थे.

अहमदाबाद, आगरा और नई दिल्‍ली का दौरा

भारत की इस यात्रा में अमरीकी राष्‍ट्रपति ने अहमदाबाद, आगरा और नई दिल्‍ली का दौरा किया था. यात्रा के दौरान आगरा उन्होंने आगरे का ताजमहल, गुजरात में साबरमती आश्रम और दिल्ली में राष्ट्रपति भवन सहित कुछ प्रमुख स्थानों का दौरा किया.

12 सदस्‍यों का प्रतिनिधिमण्‍डल

अमरीकी राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रंप और उनकी पत्‍नी मिलानिया ट्रंप के साथ भारत दौरे में उनके साथ 12 सदस्‍यों का प्रतिनिधिमण्‍डल भी था. प्रतिनिधिमंडल में वाणिज्‍य सचिव, ऊर्जा सचिव, राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, कार्यवाहक चीफ ऑफ स्‍टॉफ, राष्‍ट्रपति के दो वरिष्‍ठ सलाहकार, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार नीति के लिए विशेष प्रतिनिधि और चीफ ऑफ स्टाफ तथा व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव भी शामिल थे.

अहमदाबाद में ‘इंडिया रोड शो’

राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रंप ने भारत के इस यात्रा की शुरुआत अहमदाबाद से की थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं हवाईअड्डे पर राष्ट्रपति ट्रंप की आगवानी की थी. वहां दोनों नेताओं ने करीब 22 किलोमीटर लंबे भव्य रोड-शो में भाग लिया जिसका नाम ‘इंडिया रोड शो’ दिया गया था.

हैदराबाद हाउस में उच्‍चस्‍तरीय बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बीच 25 फरवरी को नई दिल्‍ली के हैदराबाद हाउस में उच्‍चस्‍तरीय वार्ता बैठक हुई. बैठक में व्‍यापार, निवेश, रक्षा तथा सुरक्षा, आतंकवाद से निपटने, ऊर्जा सुरक्षा और हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया.

वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने 3 अरब डालर से ज्यादा के रक्षा सौदे पर सहमति जतायी. दोनों देशों ने तीन समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये. इनमें मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य तथा चिकित्‍सा उत्‍पादों की सुरक्षा के बारे में समझौता ज्ञापन और LNG के निर्यात के लिए एक्‍सन मोबिल तथा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के बीच समझौता शामिल है. दोनों पक्षों ने रणनीतिक ऊर्जा भागीदारी बढ़ाने का भी फैसला किया है.

दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक में चौबीस रोमियो हैलीकॉप्‍टरों की खरीद को भी अंतिम रूप दिया गया. दोनों देश नशीले पदार्थों की तस्‍करी को रोकने के लिए नई व्‍यवस्‍था बनाने पर सहमत हुए. भारत और अमरीका ने आतंकवाद के समर्थकों को भी आतंकवाद का दोषी ठहराने के प्रयास तेज करने का फैसला किया.

मिलानिया ट्रम्‍प हैप्‍पीनैस क्‍लास में शामिल हुई

अमरीका की प्रथम महिला मिलानिया ट्रम्‍प नई दिल्‍ली के मोती बाग में सर्वोदय विद्यालय देखने पहुंची थीं. श्रीमती ट्रम्‍प ने दिल्‍ली के इस स्‍कूल में बच्‍चों से बातचीत की, विद्यालय की विभिन्‍न गतिविधियों की जानकारी ली और वे पाठ्यक्रम की हैप्‍पीनैस क्‍लास में शामिल हुई.

‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम का आयोजन

अमरीकी राष्‍ट्रपति डॉनल्‍ड ट्रंप के स्‍वागत में अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम आयोजित किया गया था. यह आयोजन मोटेरा में विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम ‘सरदार पटेल स्टेडियम’ में किया गया था. इस स्टेडियम को पहले ‘मोटेरा स्टेडियम’ नाम से जाता था.

अमेरिका के ह्यूस्टन में 2019 में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के आधार पर इस कार्यक्रम का नाम ‘नमस्ते ट्रंप’ रखा गया था. कार्यक्रम का आयोजन डोनाल्ड ट्रम्प नगरिक अभिदान समिति द्वारा किया गया था. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने एक लाख से ज्यादा लोगों की उपस्थिति में मंच साझा किया.

भारत की यात्रा करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति

डोनाल्ड ट्रंप छठे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जिन्होंने भारत की यात्रा की है. इससे पहले 1959 में ड्विट डी ईसेनहॉवर, 1969 में निक्सन, 1978 में कार्टर, 2000 में बिल क्लिंटन, 2006 में जार्ज डब्ल्यू बुश और 2010- 2015 में ओबामा भारत के दौरे पर आ चुके हैं. डोनाल्ड ट्रम्प गुजरात का दौरा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं.

वर्ष 2000 में अमरीकी राष्‍ट्रपति बिल क्‍लिंटन की भारत यात्रा को परिवर्तनकारी माना जाता है. इस यात्रा के दौरान क्लिंटन और तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने आपसी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की भूमिका रखी थी. यह यात्रा भारत और अमरीका के बीच रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी की शुरूआत थी.

साल 2006 में जॉर्ज बुश ने अपने पहले कार्यकाल में भारत की यात्रा की जिसे परमाणु समझौते को अंतिम रूप देने की उपलब्धि के रूप में याद किया जाता है. इसी समझौते के बाद भारत के लिए वाणिज्यि‍क परमाणु गतिविधियां शुरू करने का रास्ता खुला था.

2010 में बराक ओबामा की यात्रा से भारत-अमरीकी संबंधों को और प्रगाढ़ तथा मजबूत करने का संदेश दिया गया. ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया. ओबामा ने 2015 में अपनी पत्नी मिशेल के साथ दोबारा भारत की यात्रा की और इस तरह पद पर रहते हुए दो बार भारत यात्रा करने वाले वह पहले अमरीकी राष्ट्रपति बने.

भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार

भारत और अमरीका के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार पिछले दो वर्ष में 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर बढ़ा है और यह 2018 में 142 अरब डॉलर पहुंच गया. दोनों देशों की ओर से वाणिज्यिक वस्तुओं का व्यापार लगभग 87 अरब डॉलर हो गया है. इसमें से भारत ने अमरीका को 54 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओँ का निर्यात किया.

ऊर्जा क्षेत्र में अमरीका, भारत के प्रमुख साझेदार के रूप में उभरा है. अमरीका और भारत के कच्चे तेल के आयात का छठा सबसे बड़ा स्रोत भी बन गया है. भारत ने अमेरिका से 18 अरब डॉलर के रक्षा उत्पादों को खरीद की है.

चीन को पीछे छोड़कर भारत अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना

अमेरिका अब चीन को पीछे छोड़कर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में भारत और अमेरिका के बीच 87.95 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था. इस दौरान भारत का चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार 87.07 अरब डॉलर रहा. इसी तरह 2019-20 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान भारत का अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार 68 अरब डॉलर रहा, जबकि इस दौरान भारत और चीन का द्विपक्षीय व्यापार 64.96 अरब डॉलर रहा.

भारत-अमेरिका व्यापर: एक दृष्टि

  • अमेरिका उन चुनिंदा देशों में से है, जिसके साथ व्यापार संतुलन का झुकाव भारत के पक्ष में है. वर्ष 2018-19 में भारत का चीन के साथ जहां 53.56 अरब डॉलर का व्यापार घाटा (trade deficit) रहा था, वहीं अमेरिका के साथ भारत 16.85 अरब डॉलर के व्यापार लाभ (trade surplus) की स्थिति में था.
  • भारत और अमेरिका आने वाले समय में भी आर्थिक संबंधों को बढ़ाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. यदि दोनों देश ‘मुक्त व्यापार समझौता’ (FTA) कर लेते हैं तो द्विपक्षीय व्यापार बहुत आगे स्तर पर पहुंच सकता है.
  • अमेरिका के साथ FTA भारत के लिये बेहद फायदेमंद होगा क्योंकि अमेरिका भारतीय माल एवं सेवाओं का सबसे बड़ा बाजार है.
  • अमेरिका के साथ भारत का आयात और निर्यात दोनों बढ़ रहा है, जबकि चीन के साथ आयात-निर्यात दोनों में गिरावट आ रही है.
  • भारत अमेरिका में स्टील, स्टील उत्पाद और एल्युमिनियम उत्पादों का निर्यात करीब 22.7 अरब डॉलर का हुआ था.
    भारत को अमेरिका के साथ FTA करते वक्त सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि अमेरिका मक्का और सोयाबीन जैसे जिंसों का सबसे बड़ा उत्पादक व निर्यातक है.

पुर्तगाल के राष्ट्रपति भारत यात्रा पर, दोनों देशों में 7 समझौते

पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सलो हिबेलो डिसूजा 13 से 16 फरवरी तक भारत की यात्रा पर हैं. उनके साथ वहां के विदेश मंत्री प्रोफेसर अगस्‍तो सान्‍तोस सिल्‍वा और विदेश राज्‍यमंत्री प्रोफेसर युरिको ब्रिलहांत डायस और राष्‍ट्रीय सुरक्षा मंत्री जोरगे सेगुरो सांचेज़ भी आये हैं. यह राष्ट्रपति मार्सलो की पहली भारत यात्रा है.

दोनों देशों के बीच सात समझौते किए गए

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने राष्‍ट्रपति डिसूज़ा से नई दिल्‍ली के हैदराबाद हाउस में में शिष्टमंडल स्तर की वार्ता बैठक की. इस वार्ता बैठक में दोनों नेताओं ने व्‍यापार और निवेश सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने पर व्‍यापक विचार विमर्श किया. इस दौरान दोनों देशों के बीच सात समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए गए.

इन समझौतों में गुजरात में लोथल में राष्ट्रीय समुद्री परिसर के विकास में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन, औद्योगिक और बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन, ऑडियो / विजुअल सहयोग और सह-उत्पादन पर समझौता, राजनयिक प्रशिक्षण और सूचनाओं के आदान-प्रदान पर समझौता ज्ञापन, बंदरगाह पर समुद्री परिवहन के क्षेत्र में सहयोग समझौता, स्टार्ट-अप पर सहयोग के लिए स्टार्ट-अप पुर्तगाल और इन्वेस्ट इंडिया के बीच समझौता ज्ञापन शामिल हैं.

भारत-पुर्तगाल संबंध

पुर्तगाल के साथ भारत के संबंध बहुत मैत्रीपूर्ण रहे हैं और हाल के वर्षों में इसमें और प्रगाढ़ता आई है. दोनों देशों के बीच अर्थव्यवस्था और व्यापार, विज्ञान, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोगात्मक संबंध हैं.

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ‘अजेय वारियर-2020’ सैन्य-अभ्यास का आयोजन किया जायेगा

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच संयुक्त सैन्य-अभ्यास ‘अजेय वारियर-2020’ का आयोजन 13 से 26 फरवरी तक किया जाएगा. यह दोनों देशों के बीच इस सैन्य अभ्यास का पांचवां संस्करण है, जिसका आयोजन यूनाइटेड किंगडम के सैलिसबरी मैदान में किया जायेगा.

इस अभ्यास में भारतीय और यूनाइटेड किंगडम सेना के 120 सैनिक शामिल होंगे. इस अभ्यास का उद्देश्य शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्रों में आतंकवादियों के संचालन पर जोर देने के साथ की कंपनी स्तर के संयुक्त प्रशिक्षण का संचालन किया जायेगा.

अजेय वारियर सैन्य-अभ्यास: एक दृष्टि

अजेय वारियर अभ्यास यूनाइटेड किंगडम और भारत में वैश्विक रूप से आयोजित किया जाता है. दोनों देशों के बीच इस अभ्यास का आयोजन 2005 से किया जा रहा है.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की भारत यात्रा, प्रधानमंत्री मोदी के साथ उच्‍चस्‍तरीय बैठक वार्ता

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे 7 से 11 फरवरी तक भारत की यात्रा पर हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली और नवंबर 2019 में नई सरकार बनने के बाद श्रीलंकाई नेतृत्‍व की तरफ से ये तीसरी भारत यात्रा है.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने भारत की इस यात्रा के क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ उच्‍चस्‍तरीय बैठक वार्ता की. इस बैठक में कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्‍यापारिक सहयोग, हिंद महासागर में सुरक्षा, श्रीलंकाई अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण की सुविधा और पर्यटन विकास जैसे मुद्दे शामिल थे.

श्री मोदी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिन्‍दा राजपक्ष के साथ 8 फरवरी को नई दिल्‍ली में द्विपक्षीय वार्ता की. इस वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ अपना सहयोग और बढ़ाने पर चर्चा की. श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने मछुआरों के मुद्दे पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाने का निर्णय लिया है.

वार्ता के बाद प्रेस वक्‍तव्‍य में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि आतंकवाद इस क्षेत्र में एक बड़ी समस्‍या है और भारत तथा श्रीलंका ने इसका यथोचित तरीके से मुकाबला किया है. उन्‍होंने कहा कि दोनों देश आतंकवाद से निपटने के लिए परस्‍पर सहयोग और बढ़ाएंगे.

श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने श्री मोदी की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति की प्रशंसा की. उन्‍होंने कहा कि भारत श्रीलंका का निकटतम और विश्‍वसनीय मित्र रहा है. दोनों देशों के संबंध ऐतिहासिक हैं और मजबूत नींव पर आधारित हैं. प्रधानमंत्री राजपक्षे इस यात्रा के दौरान वाराणसी, बोधगया, सारनाथ और तिरूपति भी जायेंगे.

भारत और ब्राजील के बीच 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए

भारत और ब्राजील के बीच 25 जनवरी को 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. ये समझौते प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और भारत की यात्रा पर आये ब्राजील के राष्‍ट्रपति जाईर मेसियस बोल्‍सोनारो के बीच नई दिल्‍ली में हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान हुए.

दोनों देशों के बीच ये समझौते स्‍वास्‍थ्‍य, जैव ऊर्जा सहयोग, सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान, भू-गर्भ और खनिज संसाधन सहित अनेक महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में किए गए. इसके अलावा साइबर सुरक्षा, विज्ञान और तकनीकी, पशुधन और डेयरी क्षेत्र में भी समझौते हुए हैं. ब्राजील के राष्‍ट्रपति बोल्‍सोनारो भारत के 71वें गणतंत्र दिवस 2020 समारोह में मुख्‍य अतिथि हैं.

दोनों नेताओं का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्राजील, भारत के आर्थिक रूपातंरण में एक महत्‍वपूर्ण सहभागी है. उन्‍होंने कहा कि द्विपक्षीय व्‍यापार में वृद्धि की उच्‍च संभावना है. विकासशील देशों के रूप में भारत और ब्राजील आतंकवाद सहित बहुपक्षीय मुद्दों पर समान दृष्टिकोण रखते हैं. ब्राजील के राष्‍ट्रपति बोल्‍सोनारो ने कहा कि ब्राजील भारत के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए आगे भी प्रयास जारी रखेगा.

अफ्रीका में महात्मा गांधी के सम्मान में पहला अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया गया

विदेश मंत्री एस जयशंकर और नाईजर के राष्ट्रपति महमदौ इसोफौ ने 21 जनवरी को अफ्रीका में महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन किया. यह सम्मेलन केंद्र भारत-नाईजर मैत्री और अफ्रीका के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है.

महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र महात्मा गांधी की स्मृति में भारत द्वारा स्थापित किया गया है. आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल सुविधायुक्त यह सम्मेलन केंद्र अफ्रीका में महात्मा गांधी के सम्मान में स्थापित पहला केंद्र है. 2 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई थी.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर नाईजर और ट्यूनीशिया की तीन दिन की यात्रा के पहले चरण में नाईजर की राजधानी नियामी पहुंचे थे.

जानिए क्या है भारत और नेपाल के बीच कालापानी विवाद, भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण

भारत और नेपाल के बीच हाल के दिनों में कालापानी विवाद चर्चा में रहा है. दोनों देशों के बीच यह मुद्दा तब सुर्खियों में आ गया जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद देश का नया राजनीतिक नक्शा प्रकाशित किया था. नेपाल कालापानी बॉर्डर के मुद्दे पर भारत से बात करना चाहता है. इस बीच भारत सरकार ने कहा है कि नए नक्शे में नेपाल के साथ लगी सीमा में किसी तरह के बदलाव से इंकार किया है.

कहां है कालापानी?

कालापानी चीन, नेपाल और भारत की सीमा के मिलन-बिंदु पर 372 वर्ग किमी का क्षेत्र है. भारत इसे उत्तराखंड का हिस्सा मानता है जबकि नेपाल इसे अपने नक्शे में दर्शाता है.

नेपाली सुप्रीम कोर्ट में याचिका

नेपाली सुप्रीम कोर्ट में इससे संबंधित याचिका दायर कर मांग की गई थी कि वह नेपाल सरकार को नेपाली भूभाग के संरक्षण के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयास शुरू करने का आदेश दे. इस याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल सरकार से दो वास्तविक नक्शे उपलब्ध कराने को कहा है. एक नक्शा 1816 में सुगौली समझौते का और दूसरा नक्शा 1960 के सीमा संधि का.

सुगौली संधि क्या है?

नेपाल और ब्रिटिश इंडिया के बीच सुगौली संधि साल 1816 में हुआ था. इसमें कालापानी इलाके से होकर बहने वाली महाकाली नदी भारत-नेपाल की सीमा मानी गई है. नेपाल का दावा है कि विवादित क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र से गुजरने वाली जलधारा ही वास्तविक नदी है, इसलिए कालापानी नेपाल के इलाके में आता है. वहीं, भारत नदी का अलग उद्गम स्थल बताते हुए इस पर अपना दावा करता है.

सुगौली संधि के अंतर्गत नेपाल को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से उन सभी हिस्सों पर हक छोड़ना था, जो नेपाल के राजा ने युद्धों में जीतकर हासिल किए थे. इनमें पूर्वोत्तर में सिक्किम रियासत तथा पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल के क्षेत्र भी शामिल थे.

चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण है कालापानी

कालापानी इलाके का लिपुलेख दर्रा चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. 1962 से ही कालापानी पर भारत की इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की पहरेदारी है.

भारत और पाकिस्तान ने परमाणु ठिकानों और कैदियों की सूची साझा की

भारत और पाकिस्तान ने 1 जनवरी को एक-दूसरे को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और कैदियों की सूची सौंपी. इन प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक माध्यम से एक साथ किया गया. यह आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच परमाणु ठिकानों पर हमले के विरुद्ध समझौते (Agreement on Prohibition of Attacks against Nuclear Installations and Facilities) के तहत किया जाता है.

परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची संबंधी समझौता: एक दृष्टि

  • पाकिस्तान और भारत के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले पर प्रतिबंध संबंधी समझौते के अनुच्छेद-2 के तहत यह सूची साझा की जाती है. इस समझौते के तहत दोनों देश हर वर्ष 1 जनवरी को इस सूची का आदान प्रदान करते हैं.
  • यह समझौता 31 दिसम्बर 1988 में किया गया था और 27 जनवरी 1991 से अमल में है. 1 जनवरी 1992 को पहली बार दोनों देशों ने एक दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची सौंपी थी.
  • दोनों देशों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का भी 1 जनवरी को आदान-प्रदान करते हैं. कैदियों की सूची का आदान-प्रदान 21 मई, 2008 को हुए राजनयिक पहुंच संबंधी समझौते के तहत किया जाता है.

भारत-जापान के बीच समुद्री मामलों पर वार्ता कें पांचवे दौर की बैठक तोक्यो में हुई

भारत और जापान के बीच समुद्री मामलों पर वार्ता कें पांचवे दौर की बैठक 24 दिसम्बर को तोक्यो में हुई. भारत की ओर से विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव इंद्र मणि पांडे की अगुवाई में शिष्टमंडल ने इसमें हिस्सा लिया. वहीं, जापान के शिष्टमंडल की अगुवाई विदेश नीति ब्यूरो में उप-सहायक मंत्री, उपमहानिदेशक राजदूत यमान्का ए ओसमू ने की.

इस बैठक में दोनों पक्षों ने समुद्री क्षेत्र में परस्पर हित के कई विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अपने समुद्री सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों की पहचान की. दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर भारत में अगले दौर की वार्ता करने पर सहमति जताई.

निरस्त्रीकरण, परमाणु हथियारों का अप्रसार और निर्यात नियंत्रण पर भारत-जापान द्विपक्षीय विमर्श
इस बीच, निरस्त्रीकरण, परमाणु हथियारों का अप्रसार और निर्यात नियंत्रण पर भारत-जापान द्विपक्षीय विमर्श का आठवां दौर 23 दिसंबर को तोक्यो में आयोजित हुआ. भारतीय पक्ष की अगुवाई पांडे ने की जबकि जापानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में निरस्त्रीकरण, परमाणु हथियारों का अप्रसार और विज्ञान विभाग में महानिदेशक राजदूत हिसाजिमा नओतो ने किया.

भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर चर्चा के लिए विशेष प्रतिनिधियों की 22वीं बैठक

भारत और चीन के बीच सीमा मुद्दे पर चर्चा के लिए विशेष प्रतिनिधियों की बैठक 21 दिसम्बर को नई दिल्‍ली में आयोजित की गयी. इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच यह 22वीं बैठक थी. इस बैठक में भारतीय शिष्‍टमंडल का नेतृत्‍व राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के शिष्‍टमंडल का नेतृत्‍व वहां के विदेश मंत्री वांग यी ने किया.

अक्‍टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति षी चिनफिंग के बीच चेन्‍नई में दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के बाद यह दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की पहली बैठक थी.

सीमा मुद्दे पर हुई 22वीं बैठक के मुख्य बिंदु

  • बैठक में भारत-चीन विकास साझेदारी को और सुदृढ़ बनाने पर खास तौर पर चर्चा हुई. दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों ने सीमा मामले को भारत-चीन संबंधों के नीतिगत परिपेक्ष्य में देखे जाने की आवश्‍यकता पर जोर दिया. उन्‍होंने सीमा के मसले के युक्तिसंगत, निष्‍पक्ष और परस्‍पर स्‍वीकार्य समाधान के प्रयास तेज करने का भी संकल्‍प लिया.
  • बैठक में दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत थे कि सीमा मसले के शीघ्र समाधान से दोनों ही देशों के बुनियादी हितों को फायदा पहुंचेगा. भारत और चीन के बीच इस बात को लेकर भी एक जैसी राय थी कि द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन बना रहना चाहिए और इसके लिए अंतिम समाधान निकाला जा सकता है.
  • उन्‍होंने सीमा पर तैनात सुरक्षा कर्मियों के बीच संचार और संपर्क बनाए रखने और सीमा प्रबंधन के लिए आपसी भरोसा बढ़ाने के मौजूदा प्रयासों को तेज करने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया.