राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत रत्न अलंकरण प्रदान किए

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 5 शख्सियतों को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किया. यह सम्मान पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और श्री पीवी नरसिम्हा राव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉक्‍टर एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत दिया गया.

पूर्व उप-प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी देश के इस सर्वोच्च नागरिक अलंकरण प्रदान किया गया.

30 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में चारों शख्सियतों के परिजनों ने यह सम्मान हासिल किया. नरसिम्हा राव के बेटे पीवी प्रभाकर राव, चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी, कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर और एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने राष्ट्रपति से यह सम्मान प्राप्त किया.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 मार्च को आडवाणी के घर जाकर उन्हें सम्मानित किया. तबीयत खराब होने के कारण वे सम्मान समारोह में शामिल नहीं हो सके थे.

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे. उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की.

नरसिम्हा राव

नरसिम्हा राव देश के नौवें प्रधानमंत्री थे. प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला. इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है.

डॉ. एमएस स्वामीनाथन

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए. डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की.

लालकृष्‍ण आडवाणी

लालकृष्‍ण आडवाणी 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्‍यसभा से सांसद रहे हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं. वे 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे. आडवाणी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में हुई थी. यहां से उन्होंने देश के उप प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया.

कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे. उनकी पहचान अति पिछड़ा वर्ग के बड़े नेता के तौर पर होती है. बिहार की राजनीति में ग़रीब गुरबों की सबसे बड़ी आवाज़ बन कर उभरे थे. कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे.

इस वर्ष 5 व्यक्तियों को यह सम्मान देने की घोषणा की गई है. इनके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को यह सम्मान मिल चुका है.
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