तीनों सेनाओं का पहला सम्मेलन ‘परिवर्तन चिंतन’ दिल्ली में आयोजित किया गया

तीनों सेनाओं का पहला सम्मेलन ‘परिवर्तन चिंतन’ (Parivartan Chintan) 8 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया था. सम्मेलन की अध्यक्षता रक्षा प्रमुख (CDS) जनरल अनिल चौहान ने की थी.

मुख्य बिन्दु

  • भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल विवेक राम चौधरी और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने हिस्सा लिया.
  • सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता और एकीकरण प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए नए विचार, पहल और सुधार की दिशा में काम करना था. सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र बलों में परिवर्तनकारी परिवर्तनों को आगे बढ़ाना, भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहने की उनकी तत्परता को मजबूत करना और त्रि-सेवा, बहु-डोमेन संचालन को सक्षम करना है.
  • सम्मेलन में सेना के तीन अंगों के बीच तालमेल बढाने और एकीकरण से संबंधित सुधार, पहल और नए विचारों पर विचार-विमर्श हुआ.
  • सम्मेलन का उद्देश्य सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता और एकीकरण प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए नए विचार, पहल और सुधार की दिशा में काम करना था.
  • देश में सशस्त्र बलों के तीनों सेनाओं को मिलाकर एक एकीकृत थिएटर कमांड (Integrated Theatre Commands) स्थापित करने पर चर्चा हुई.
  • भारत में, तीनों सेनाओं के लिए कुल 17 कमांड बनाए गए हैं. इनमें से 7-7 कमांड थल सेना और वायु सेना के हैं, जबकि 3 नौसेना के कमांड हैं. अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी), भारत में मौजूद दो एकीकृत कमांड हैं.
  • एकीकृत थिएटर कमांड लागू होने के बाद, हर कमांड में तीनों सेनाओं के लिए एक ही कमांडर होगा. यह कमांडर, सभी संसाधनों के लिए निर्णय लेने में सक्षम होगा.
  • भारत में एक एकीकृत त्रि-सेवा कमांड स्थापित करने की सिफारिश की थीडीबी शेकतकर समिति ने की थी. लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीबी शेकतकर समिति का गठन 2015 में केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई थी.
  • दुनिया के कई देशों, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन आदि में थिएटर कमान हैं. अमेरिका थिएटर कमांड सिस्टम के साथ आने वाला पहला देश था. वर्तमान में उसके पास छह भौगोलिक और चार कार्यात्मक कमांड हैं.