चीन ने चंद्र रिसर्च मिशन के लिए अपना अंतरिक्ष यान ‘चांग’ई-6’ को प्रक्षेपित किया

चीन ने 3 मई को अपने चंद्र रिसर्च मिशन के लिए अपना अंतरिक्ष यान (स्पेसक्राफ्ट) ‘चांग’ई-6’ (Chang’e 6) को प्रक्षेपित किया है. यह प्रक्षेपण रॉकेट ‘लांग मार्च-5 वाई8’ के माध्यम से किया गया है. इस मिशन को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन नमूना एकत्र करने और फिर पृथ्वी पर वापस लाने का काम सौंपा गया है.

चंद्र मिशन यान ‘चांग’ई-6’: मुख्य बिन्दु

  • चांग’ई-6, चंद्रमा पर पहुंचने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. लैंडिंग के 48 घंटों के भीतर चंद्रमा की सतह से चट्टानों और मिट्टी को निकालने के लिए रोबोटिक हाथ बढ़ाया जाएगा, जबकि जमीन में छेद करने के लिए ड्रिल का इस्तेमाल किया जाएगा.
  • चांग’ई-6 मिशन का प्राथमिक लक्ष्य लैंडिंग और नमूना (सैंपल) एकत्र करना है. चांग’ई-6 चांद के दक्षिणी ध्रुव-एटकिन बेसिन क्रेटर पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. यह क्रेटर 4 अरब साल पहले बना था.
  • यह मिशन 53 दिनों तक चलने की उम्मीद है, जिसमें चांग’ई-6 चंद्रमा के अंधेरे इलाके में पहुंचकर वहां से दो किलोग्राम सैंपल्स इकट्ठा करेगा. इसमें चांद की मिट्टी और पत्थर जैसी चीजें शामिल होंगी.
  • अगर यह मिशन अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल होता है, तो चीन दुनिया का पहला ऐसा देश बन जाएगा जो चांद के उस हिस्से से नमूना लाने में कामयाब होगा जिसे पृथ्वी से कभी देखा ही नहीं जाता है.
  • भारत अगस्त 2023 में अपने चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बना था.
  • चांग’ई-6 मिशन के लैंडर पर फ्रांस, इटली और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी/स्वीडन के वैज्ञानिक उपकरण और ऑर्बिटर पर एक पाकिस्तानी पेलोड होगा.
  • चांग’ई 6 मिशन में पाकिस्तान द्वारा विकसित आईक्यूब-क़मर उपग्रह भी है. इस लघु उपग्रह में दो ऑप्टिकल कैमरे हैं जो चंद्रमा की सतह की तस्वीरें ले सकते हैं. यह पाकिस्तान का पहला चन्द्र मिशन है.

क्या है चांग’ई-6?

चांग’ई-6 एक स्पेसक्राफ्ट है, जिसके 4 हिस्से हैं. ऑर्बिटर, लैंडर, ऐसेंडर और रिटर्नर. ऑर्बिटर, मिशन के बाकी तीन हिस्सों को चांद तक ले जाएगा. इस मिशन का नाम चीनी चंद्रमा देवी (चांगा) के नाम पर रखा गया है.

लैंडर, मिशन का वो हिस्सा जो चांद की सतह पर उतरेगा. ऐसेंडर, लैंडर से सैंपल लेकर ऑर्बिटर तक पहुंचाएगा. रिटर्नर, सारे सैंपल लेकर धरती पर पहुंचेगा.