प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4 से 5 सितम्बर तक रूस की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के व्लादिवोस्तोक में आयोजित 5वी पूर्वी आर्थिक मंच (5th Eastern Economic Forum) की बैठक में भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर मुख्य अतिथि के रूप में इस मंच में शामिल हुए थे. इससे पहले उन्होंने व्लादिवोस्तोक में ही आयोजित रूस और भारत के बीच 20वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिष्टमंडल स्तर की वार्ता की थी.
पूर्वी आर्थिक मंच का पूर्ण सत्र
रूस के व्लादिवोस्तोक में 5 सितम्बर को पूर्वी आर्थिक मंच का पूर्ण सत्र आरम्भ हुआ था. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मंच के पूर्ण सत्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी एक्ट ईस्ट नीति में पूर्व एशिया पर सक्रियता से विचार किया है. इस घोषणा से ‘एक्ट फार ईस्ट’ नीति भी शुरू हो गई है.
भारत ने रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए एक अरब अमरीकी डॉलर की ऋण सुविधा (लाइन ऑफ क्रेडिट) देने की घोषणा की. यह पहला मौका है कि जब भारत ने किसी देश के क्षेत्र विशेष को लाइन ऑफ क्रेडिट दिया है. भारत पहला देश है जिसने व्लादिवोस्तोक में वाणिज्य दूतावास स्थापित किया है.
पूर्वी आर्थिक मंच: एक दृष्टि
- पूर्वी आर्थिक मंच एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का विस्तार करने और रूस की सुदूर पूर्व अर्थव्यवस्था विकसित करने संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करता है.
- 2015 में रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास के लक्ष्य से बना EEF अब व्यापार और निवेश के अवसर प्रदान करने वाले एक बहुपक्षीय मंच के रूप में उभरा है.
- यह क्षेत्र चीन, जापान, कोरिया से निवेश प्राप्त कर रहा है लेकिन भारतीय उपस्थिति अभी तक सीमित थी.
- पुतिन के निमंत्रण पर श्री मोदी की इस यात्रा से अब भारतीय व्यापारियों को संसाधन संपन्न सुदूर पूर्वी रुसी क्षेत्र में अवसरों का दोहन करने का अवसर प्राप्त होगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई द्विपक्षीय बैठक की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक से अलग कई द्विपक्षीय बैठक की.
जापान: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए इसे मुक्त क्षेत्र बनाए जाने का आह्वान किया. दोनों नेताओं ने यह फैसला भी किया कि दिसम्बर 2019 में नई दिल्ली में वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन से पहले दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक कराई जाए.
श्री मोदी और श्री आबे ने 16 देशों के बीच चल रहे क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग समझौते पर और अफ्रीकी देशों के साथ त्रिपक्षीय संबंधों के महत्व पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने अफ्रीका में साथ-साथ काम करने की बात कही.
मलेशिया: प्रधानमंत्री ने मलेशिया के प्रधानमंत्री डॉक्टर महातिर बिन मोहम्मद से मुलाकात में विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण सहित अनेक मुद्दों पर बातचीत की. दोनों नेताओं ने किसी भी तरह के आतंकवाद से कड़ा संघर्ष जारी रखने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया.
मंगोलिया: प्रधानमंत्री मोदी मंगोलिया के राष्ट्रपति खल्तमागीन बट्टुल्गा से भी मिले. राष्ट्रपति बट्टुल्गा सितम्बर 2019 में भारत आने वाले हैं.
रूस और भारत के बीच 20वां वार्षिक शिखर सम्मेलन
रूस और भारत के बीच 20वां वार्षिक शिखर सम्मेलन 4 सितम्बर को रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी के इस सुदूर-पूर्व क्षेत्र का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बन गये. इस बैठक में रूस की यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शिष्टमंडल स्तर की वार्ता की.
दोनों देशों के बीच कई समझौतों और सहमति पर हस्ताक्षर किए गए
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्ता के दौरान दोनों देशों में विभिन्न क्षेत्रों में 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. चार समझौते तेल और गैस, तरल प्राकृतिक गैस और कोकिंग कोल पर और पांच समझौते व्यापार तथा निवेश से जुड़े हैं. दो समझौते बुनियादी ढांचा क्षेत्र से संबंधित हैं. रक्षा और श्रव्य-दृष्य कार्यक्रम तैयार करने के क्षेत्र का एक-एक समझौता भी हुआ.
चेन्नई से व्लादिवोस्तोक के बीच नौवहन सम्पर्क
दोनों देशों के बीच परिवहन के क्षेत्र में चेन्नई से व्लादिवोस्तोक के बीच नौवहन सम्पर्क स्थापित करने पर भी सहमति बनी है. रूस में श्रमिकों की कमी है इस सिलसिले में चेन्नई और व्लादिवोस्तिक मार्ग बहुत उपयोगी है. इससे दो प्रमुख बंदरगाह जुड़ जाएंगे, जिससे भारत और रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के बीच सहयोग को बल मिलेगा.
रूस के राष्ट्रपति ने भारत में बड़ी बुनियादी ढांचा तथा अन्य परियोजनाओं में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की. रक्षा क्षेत्र में हुआ समझौता ज्ञापन संयुक्त उद्यम के जरिए मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत रूस में निर्मित हथियारों के लिए अतिरिक्त पुर्जों के उत्पादन के बारे में है.
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन किया. इस सम्मेलन के मुख्य बिंदु हैं:
- श्री मोदी ने कहा कि बात-चीत का उद्देश्य भारत-रूस सहयोग के नये आयाम का पता लगाना था. इनमें व्यापार, सुरक्षा, समुद्री सहयोग और पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलकर काम करना शामिल है.
- हमने भारत की फ्री ओपन और इन्क्लुजिव इंडो-पेसिफिक के कॉनसेप्ट पर भी उपयोगी चर्चा की. हम सहमत हैं कि साइबर सिक्योरिटी, काउंटर टेरेरिज्म, इनवॉयरमेंट प्रोटेक्शन जैसे क्षेत्रों में भारत और रूस का सहयोग और मजबूत करेंगे.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और रूस किसी देश के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ हैं. रूस ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के कदम का यह कहते हुए समर्थन किया कि राज्य के दर्जे में बदलाव भारतीय संविधान के अनुरूप है.
- दोनों नेताओं ने मौजूदा वैश्विक वास्तविकताओं के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों का आह्वान किया. रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की उम्मीदवारी पर अपना समर्थन व्यक्त किया.
- रूस ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता का भी पुरजोर समर्थन किया. दोनों नेताओं ने सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की.
भारत-रूस व्यापार: एक दृष्टि
- वर्तमान में दोनों देशों का कुल व्यापार लगभग 11 बिलियन अमरीकी डालर है जबकि दोनों देशों में 2025 तक 30 बिलियन अमरीकी डालर के व्यापार का लक्ष्य रखा है.
- श्री मोदी और श्री पुतिन इस अवधि में 50 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश का लक्ष्य भी प्राप्त करने का इरादा रखते हैं.
- रूस का सुदूर पूर्व भारतीय निवेशों के लिए मजबूत क्षमता प्रदर्शित करता है जबकि रूसी कंपनियां मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत में निवेश की संभावनाएं तलाश रही है.
प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी की रूस यात्रा: मुख्य बिंदु
- प्रधानमंत्री महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया और योग ऐप की भी शुरूआत की.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व्लादिवोस्तोक के पास ज्वेज़दा पोत निर्माण संयंत्र देखने गये.
- रूस के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दूसरे विश्व युद्ध में USSR की विजय के 75वें विजय दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. यह समारोह मई 2020 में मॉस्को में होगा.