पूर्णिमा देवी बर्मन को व्हिटली गोल्ड अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया

भारत की डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन को दूसरी बार व्हिटली गोल्ड पुरस्कार (Whitley Gold Award) से सम्मानित किया गया है. पूर्णिमा देवी बर्मन असम की वन्यजीव जीवविज्ञानी हैं. उन्हें 2017 में भी इस  पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

डॉ. बर्मन ने लंदन, यूनाइटेड किंगडम में रॉयल ज्योग्राफिकल सोसाइटी पुरस्कार समारोह में चैरिटी संरक्षक राजकुमारी ऐनी से ट्रॉफी प्राप्त की.

मुख्य बिन्दु

  • पूर्णिमा देवी बर्मन को लुप्तप्राय पक्षी, ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क जिसे असमिया भाषा में हरगिला कहा जाता है के संरक्षण और उसके आर्द्रभूमि आवास के संरक्षण प्रयास के लिए सम्मानित किया गया.
  • हरगिला पक्षी मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व, विशेषकर असम के आर्द्रभूमि क्षेत्रों में पाए जाते हैं. पक्षियों की आबादी घटकर लगभग 450 रह गई थी. डॉ. पूर्णिमा के संरक्षण प्रयासों के कारण वर्तमान में इन क्षेत्रों में हरगिला पक्षियों की आबादी 1800 से अधिक हो गई है.
  • डॉ. बर्मन का लक्ष्य 2030 तक हरगिला पक्षी की वैश्विक आबादी को दोगुना कर 5,000 तक पहुंचाना है.
  • हरगिला पक्षी के पंखों का फैलाव 2.4 मीटर होता है और यह इसकी ऊंचाई 1.2 मीटर तक हो सकती है. इस पक्षी का घोंसला एक मीटर चौड़ा तक हो सकता है.
  • हरगिला पक्षी आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे मुख्यत: सड़ने वाले कार्बनिक पदार्थों को खाते हैं. वे पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखते हैं.

व्हिटली पुरस्कार: एक दृष्टि

व्हिटली फ़ंड फ़ॉर नेचर यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत एक परोपकारी संस्था है. इसकी स्थापना 1993 में हुई थी. इस संस्था ने 2007 में व्हिटली गोल्ड अवार्ड्स की स्थापना की थी. व्हिटली गोल्ड पुरस्कार को ग्रीन ऑस्कर भी कहा जाता है.