RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समि‍ति (MPC) की बैठक 6-8 अप्रैल को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पहली द्विमासिक (मार्च-अप्रैल) मौद्रिक नीति (1st Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.

MPC की बैठक: मुख्य बिंदु

  • रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. यह लगातार 11वीं बार था जब RBI ने नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखी.
  • MPC ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है. फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमपीसी ने आर्थिक वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था.
  • चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत के स्तर पर रहने की संभावना जतायी है. पहले इसके 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर4%
रिवर्स रेपो दर3.35%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर (MSF)4.25%
बैंक दर4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)18%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?

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भारत का कृषि निर्यात 50 बिलियन डॉलर, अब तक के उच्चतम स्तर पर

वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI&S) ने वर्ष 2021-22 के दौरान देश में कृषि उत्पादन से संबंधित आंकड़े 6 अप्रैल को जरी किया था.

DGCI&S 2022 रिपोर्ट: मुख्य बिंदु

  • इन आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में कृषि उत्पाद (समुद्री तथा कृषि उत्पाद सहित) का निर्यात 50 बिलियन डॉलर से अधिक था. यह अब तक का सबसे अधिक कृषि उत्पाद निर्यात है.
  • (DGCI&S) द्वारा जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार 2021-22 के दौरान कृषि निर्यात 19.92 प्रतिशत बढ़कर 50.21 बिलियन डॉलर हो गया. यह वृद्धि दर 2020-21 के 17.66 प्रतिशत यानी 41.87 बिलियन से अधिक है.
  • 2021-22 में चावल (9.65 बिलियन डॉलर), गेहूं (2.19 बिलियन डॉलर), चीनी (4.6 बिलियन डॉलर) तथा अन्य अनाजों (1.08 बिलियन डॉलर) के लिए यह अब तक का सबसे अधिक निर्यात है. भारत ने चावल के लिए विश्व बाजार में लगभग 50 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है.
  • गेहूं निर्यात में अप्रत्याशित 273 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. जहां 2020-21 में गेहूं निर्यात 568 मिलियन डॉलर का था वहीं यह 2021-22 में चार गुना बढ़कर 2119 मिलियन डॉलर हो गया.
  • समुद्री उत्पादों का निर्यात अब तक का सबसे अधिक 7.71 बिलियन डॉलर हुआ है. मसालों का निर्यात लगातार दूसरे वर्ष बढ़कर 4 बिलियन डॉलर का हो गया है.
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प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के सात वर्ष पूरे, जानिए क्या है मुद्रा योजना

8 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के सात वर्ष पूरे हो गये. प्रधानमत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को इस योजना का शुभारम्‍भ किया था.

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY): एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का उद्देश्‍य गैर-निगमित और गैर-कृषि, लघु या सूक्ष्‍म उद्यमों को दस लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना है.
  • योजना की शुरुआत से अब तक कुल 18.60 लाख करोड़ रूपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं. अब तक 34.42 करोड से अधिक उद्यमियों को यह ऋण दिया गया है, इनमें से 68 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को दिए गए हैं. लगभग 22 प्रतिशत ऋण नए उद्यमियों को दिया गया है.
  • इस योजना से छोटे कारो‍बार के लिए अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिली है और बिल्‍कुल निचले स्‍तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार अवसर सृजित हुए हैं.
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भारत ने 2022 में रिकॉर्ड 417.81 अरब डॉलर का निर्यात किया, व्यापार घाटा 192.41 अरब डॉलर

भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड 417.81 अरब डॉलर का निर्यात किया. भारत का यह किसी एक वित्त वर्ष में सर्वाधिक निर्यात है. इसके साथ भारत ने इस दौरान 610.41 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात भी किया. इस तरह निर्यात की तुलना में आयात अधिक रहने से वित्त वर्ष 2022 में देश का व्यापार घाटा (Trade Deficit) 192.41 अरब डॉलर रहा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 4 अप्रैल को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई थी.

मुख्य बिंदु

  • वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का व्यापार घाटा 87.5 फीसदी बढ़कर 192.41 अरब डॉलर रहा. इससे पिछले वित्त वर्ष में देश को 102.63 अरब डॉलर व्यापार घाटा हुआ था.
  • जब निर्यात (Import) कम होता है और आयात (Export) अधिक होता है, तो उसे व्यापार घाटा (Trade Deficit) कहते हैं. वही जब कोई देश आयात कम और निर्यात अधिक करता है तो उसे ट्रेड सरप्लस (Trade Surplus) कहते हैं.
  • भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 610.22 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया, जो इसके पिछले वित्त वर्ष से 54.71 फीसदी अधिक है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारत का आयात 394.44 अरब डॉलर रहा था. वहीं वित्त वर्ष 2019-20 में भारत का आयात 474.71 अरब डॉलर रहा था, जिसके मुकाबले यह 28.55 फीसदी अधिक है.
  • वित्त वर्ष 2021-22 में भारत में किये गये आयात बिल में 31% योगदान पेट्रोलियम उत्पादों का था. इस दौरान कुल 18.4 अरब डॉलर के पेट्रोलियम उत्पाद आयात हुए, जो पिछले वित्त वर्ष में आयात हुए आयात (10.2 अरब डॉलर) से 80% अधिक है.
  • जिन क्षेत्रों ने व्यापारिक निर्यात में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनमें इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम उत्पाद, आभूषण, रत्न, फार्मास्यूटिकल्स और रसायन शामिल हैं.
  • अमेरिका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, नीदरलैंड, यूके, हांगकांग, जर्मनी और बेल्जियम शीर्ष निर्यात गंतव्य थे.
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मौजूदा विदेश व्यापार नीति को सितंबर 2022 तक विस्तारित किया गया

वाणिज्य मंत्रालय ने मौजूदा विदेश व्यापार नीति (FTP) को 30 सितंबर, 2022 तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है. मौजूदा विदेश व्यापार नीति (2015-20) 1 अप्रैल, 2015 से लागू हुई थी. सरकार ने सितंबर 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण विदेश व्यापार नीति 2015-20 को 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया था.

विदेश व्यापार नीति भारत में आयात और निर्यात के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करती है. मंत्रालय प्रत्येक पांच साल में नीति की घोषणा करता है.

देश का वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर से अधिक रहा है, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है.

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नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए RBI  ने रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब की शुरुआत की

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) की स्थापना की है. इसका उद्घाटन RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 25 मार्च को बंगलूरू में किया था.

मुख्य बिंदु

  • इसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत 100 करोड़ रुपए का प्रारंभिक पूंजी योगदान के साथ एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है. यह RBI की पूर्ण स्वामित्त्व वाली सहायक कंपनी है.
  • RBIH की स्थापना देश में नवाचारों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए की गई है. यह हब देश के वित्तीय नवाचार क्षेत्र में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र, BFSI क्षेत्र, अकादमिक और नियामकों जैसे हितधारकों के बीच सामंजस्य लाने की भी तलाश करेगा.
  • इस हब के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड का गठन किया गया है. एस गोपालकृष्णन को इस हब का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बोर्ड में शिक्षाविदों के साथ-साथ उद्योग जगत को भी शामिल किया गया है.
  • यह हब विभिन्न स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करेगा. यह विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिए सरकारी विभागों, मंत्रालयों के साथ सहयोग करेगा.
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नीति आयोग का निर्यात तैयारी सूचकांक 2021 जारी: गुजरात लगातार दूसरी बार शीर्ष पर

नीति आयोग ने 25 मार्च को को ‘निर्यात तैयारी सूचकांक’ (Export Preparedness Index) 2021 जारी किया था. यह इस सूचकांक का दूसरा संस्करण था जो प्रतिस्पर्धात्मकता संस्थान (Institute of Competitiveness) के सहयोग से जारी की गई थी.

मुख्य बिंदु

  • यह सूचकांक राज्यों की उनकी निर्यात क्षमता और प्रदर्शन के संदर्भ में उनकी तैयारी का आकलन करता है.
  • इस सूचकांक के अनुसार, 78.86 फीसदी निर्यात तैयारियों के साथ गुजरात लगातार दूसरी बार पहले पायदान पर है, जबकि महाराष्ट्र 77.14 के साथ दूसरे स्थान पर है. वहीं तीसरे स्थान पर कर्नाटक है.
  • इस सूचकांक के अनुसार, शीर्ष पांच स्थानों में तमिलनाडु और हरियाणा को भी जगह दी गई है. जबकि सूची में उत्तर प्रदेश छठे और मध्य प्रदेश सातवें स्थान पर है. इसके बाद पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और दिल्ली का स्थान है.
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भारत ने एक वर्ष में 400 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात किया

भारत ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 400 बिलियन डॉलर के वस्तुओं का निर्यात कर नया रिकॉर्ड बनाया है. यह पिछले साल से 37 फीसदी अधिक है. भारत ने इससे पहले 2018-19 में सबसे ज्यादा 330.07 बिलियन डॉलर मूल्य के वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात कर रिकॉर्ड बनाया था.

मुख्य बिंदु

भारत के प्रमुख निर्यात उत्पाद: पेट्रोलियम, इलेक्ट्रॉनिक, इंजीनियरिंग, चमड़ा, कॉफी, प्लास्टिक, सभी टेक्सटाइल के रेडिमेड कपड़े, मांस, डेयरी उत्पाद, समुद्र से अर्जित उत्पाद और तंबाकू थे.

यह पहली बार है जब भारत ने वस्तुओं के निर्यात (merchandise exports) में 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार किया है. भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 650 बिलियन डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा था. इसमें से सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य 250 बिलियन डॉलर था और वस्तुओं के निर्यात का लक्ष्य 400 बिलियन डॉलर तय किया गया था.

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फ्लेक्‍स ईंधन से चलने वाले वाहनों का निर्माण किया जायेगा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 12 फरवरी को नई दिल्ली में वैश्विक व्‍यापार सम्‍मेलन को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ऑटोमोबिल कंपनियां छह महीने के भीतर फ्लेक्‍स ईंधन से चलने वाले वाहनों का निर्माण प्रारंभ कर देंगी. फ्लेक्‍स ईंधन गैसोलीन के साथ मेथेनॉल अथवा एथेनॉल के मिश्रण से तैयार किया जाता है.

उन्‍होंने कहा कि जल्‍द ही देश में अधिकतर गाडि़यां पूरी तरह एथेनॉल से चलने लगेंगी. सरकार पेट्रोल-डीजल के स्‍थान पर अन्‍य वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर जोर दे रही है. सरकार ने उत्‍पादन से जुड़े प्रोत्‍साहन यानी पीएलआई स्‍कीम में फ्लेक्‍स ईंधन इंजन के मोटर वाहन और कलपुर्जों को भी शामिल किया है.

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ड्रोन उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना की शुरुआत

सरकार ने हाल ही में ड्रोन उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना शुरू किया है. इस उद्देश्य से 10 मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने 120 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के लिए ड्रोन उद्योग (Drone Industry) से आवेदन आमंत्रित किए हैं.

मुख्य बिंदु

  • PLI स्कीम को 30 सितंबर 2021 को अधिसूचित किया गया था. यह अगले तीन वित्तीय वर्षों में भारत में ड्रोन के निर्माण के लिए कुल 120 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान करना चाहती है.
  • इस योजना के तहत, ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माताओं को अगले तीन वर्षों के दौरान उनके द्वारा किए गए मूल्यवर्धन का 20% प्रोत्साहन दिया जाएगा.
  • PLI योजना की मदद से उम्मीद है कि 2026 तक भारतीय ड्रोन उद्योग का कुल कारोबार 15,000 करोड़ रुपये तक हो जाएगा.
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फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के डिजिटल लेन-देन लिए ‘यूपीआई 123पे’ की शुरुआत

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के डिजिटल लेन-देन लिए ‘यूपीआई 123पे’ (UPI 123PAY) नाम से सिस्टम शुरू की है. इसकी शुरुआत 8 मार्च को RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी.

यूपीआई 123पे: मुख्य बिंदु

  • UPI 123PAY की मदद से देश के 40 करोड़ से ज्यादा फीचर फोन उपयोगकर्ता अब स्मार्टफोन और इंटरनेट के बिना भी UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भुगतान कर सकेंगे.
  • RBI ने डिजिटल भुगतान के लिए एक सर्वर साइड कॉमन लाइब्रेरी बनाई है. इसमें फीचर फोन यूजर्स को शामिल किया गया है. ‘यूपीआई 123पे’ सुविधा से फीचर फोन यूजर्स तीन आसान चरणों में भुगतान कर सकते हैं. ये हैं, कॉल करो, चूज करो और पे करो.
  • फीचर फोन में UPI सुविधा का लाभ लेने के लिए उपभोक्ताओं को सबसे पहले अपने बैंक खाते को मोबाइल नंबर से लिंक करना होगा. उपभोक्ता को अपने डेबिट कार्ड के विवरण के जरिये अपना यूपीआई पिन जेनरेट करना होगा. इसके बाद ही भुगतान कर सकेंगे.
  • यूपीआई 123पे के तहत फीचर फोन उपयोगकर्ता आईवीआई नंबर 08045163666 पर कॉल कर भुगतान कर सकेंगे.
  • 2021-22 में अब तक UPI लेनदेन 76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41 लाख करोड़ रुपये था.
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वर्ष 2024 तक कृषि क्षेत्र में डीजल के स्थान पर अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल का लक्ष्य

सरकार ने वर्ष 2024 तक देश में कृषि क्षेत्र को डीजल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कृषि क्षेत्र में डीजल के स्थान पर अक्षय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) के शत-प्रतिशत इस्‍तेमाल प्रतिवाधता दोहराई है. इससे भारत के कृषि क्षेत्र को डीजल से मुक्ति मिलेगी.

मुख्य बिंदु

  • यह लक्ष्य 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन की हिस्सेदारी बढ़ाने और 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जक बनने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप निर्धारित किया गया है.
  • पीएम-कुसुम (PM-KUSUM) योजना के माध्यम से, केंद्र सरकार कृषि को सौर ऊर्जा से चलाने के लिए एक योजना चला रही है इससे सौर ऊर्जा से चलने वाली सिंचाई प्रणाली स्थापित करने में मदद मिलेगी.
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