RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समि‍ति (MPC) की बैठक 8-10 फरवरी को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2021-22) की छठी द्विमासिक (फरवरी-) मौद्रिक नीति (6th Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.

MPC की बैठक: मुख्य बिंदु

रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. यह लगातार 10वीं बार था जब RBI ने नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखी.

RBI ने इस वित्त वर्ष (2021-22) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष 2022-2023 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. 2021-22 के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3% अनुमानित है.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर4%
रिवर्स रेपो दर3.35%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर (MSF)4.25%
बैंक दर4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)18%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?

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NSO ने वित्त वर्ष 21 के लिए GDP वृद्धि का पहला संशोधित अनुमान जारी किया

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए देश के GDP वृद्धि दर का पहला संशोधित अनुमान 1 फरवरी को जारी किया था.

इन अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 भारत की GDP वृद्धि दर -6.6 प्रतिशत है. इससे पहले यह अनुमान -7.3 प्रतिशत था. COVID महामारी के कारन लगाए गए लॉकडाउन के कारण इस दौरान भारतीय GDP में कमी आई है.

NSO ने 2019-20 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि दर को भी संशोधित कर 3.7 प्रतिशत कर दिया है, पहले यह 4 प्रतिशत था.

वित्त वर्ष 2019-20 में (2011-12 मूल्य पर) वास्तविक जीडीपी 145.69 लाख करोड़ रुपये रही थी जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में यह 135.58 लाख करोड़ रुपये रहा.

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वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए केन्द्रीय आम बजट का सार


वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने 1 फरवरी को लोकसभा में वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट (Union Budget) पेश किया था.

वित्‍त वर्ष 2022-23: एक दृष्टि
  • वित्त मंत्री सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के लिए 39.44 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था.
  • सरकार को सबसे अधिक कमाई उधार व अन्य देनदारियों से होगी. इसकी कुल कमाई में 35 फीसदी हिस्सेदारी होगी. अगले वित्त वर्ष में सरकार की पूरी कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च होगा.
  • पूंजीगत परिव्‍यय में 35.4 प्रतिशत की बढोतरी की घोषणा की गयी है. 2022-23 में केंद्र सरकार का प्रभावी पूंजीगत व्यय 10.68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4.1% है.
  • चालू वर्ष में संशोधित वित्‍तीय घाटा GDP का अनुमानत: 6.9 प्रतिशत है, जबकि बजट अनुमान में यह 6.8 प्रतिशत है. 2022-23 में राजकोषीय घाटा GDP का अनुमानत: 6.4 प्रतिशत है. 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से निचले स्‍तर पर लाया जाएगा.
रुपया कहाँ से आया और कहाँ गया
सरकार की आमदनीसरकार का खर्च
  • ऋण से इतर पूंजी प्राप्तियां: 2%
  • कर से इतर राजस्व: 5%
  • वस्तु एवं सेवा कर (GST) : 16%
  • केन्द्रीय उत्पाद शुल्क: 7%
  • सीमा शुल्क: 5%
  • आय कर: 15%
  • निगम कर: 15%
  • उधार और अन्य देयताएं: 35%
  • ब्याज: 20%
  • रक्षा: 8%
  • सब्सिडी: 8%
  • वित्त आयोग और अन्य खर्च: 10%
  • करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा: 17%
  • पेंशन: 4%
  • केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं: 9%
  • केन्द्रीय क्षेत्र की योजना: 15%
  • अन्य खर्च: 9%
मुख्य योजनाओं पर आवंटित राशि
योजनाFY23 में आवंटन
(हजार करोड़ रुपये)
FY22 में संशोधित आवंटन
(हजार करोड़ रुपये)
नेशनल हेल्थ मिशन37.834.9
जल जीवन मिशन6045
नेशनल एजुकेशन मिशन39.5530.8
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना1914
पीएम किसान6867.5
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना6.4005
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना107.4
मंत्रालयों को आवंटित राशि
मंत्रालयआवंटित राशि
(लाख करोड़ रुपये)
दूरसंचार1.05
रसायन व खाद1.08
कृषि व किसान कल्याण1.33
ग्रामीण विकास1.38
रेल1.40
होम अफेयर्स1.86
सड़क परिवहन व राजमार्ग1.99
कंज्यूमर अफेयर्स, फूड व पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन2.17
रक्षा5.25

इस बार के बजट में सरकार की चार प्राथमिकताएं हैं:

  1. पीएम गतिशक्ति
  2. समावेशी विकास
  3. उत्‍पादकता में वृद्धि और निवेश
  4. ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु कार्य योजना तथा निवेश का वित्‍तपोषण

उद्योग

  • सूक्ष्‍म और लघु उद्योगों (MSME) को अधिक सक्षम बनाया जायेगा. आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी स्‍कीम को मार्च-2023 तक बढाया जायेगा. इसके गारंटी दायरे को 50 हजार करोड रुपये से बढाकर पांच लाख करोड रूपये कर दिया गया है. इस स्‍कीम के अन्‍तर्गत सूक्ष्‍म और लघु उद्योगों (MSME) को ऋण प्रदान किया जाता है.
  • उच्च ऊर्जा दक्षता मॉड्यूल के निर्माण के लिए PLI के लिए 19,500 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. यह भारत को 2030 तक 280 GW के अपने सौर ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी.
  • स्‍थानीय कारो‍बारियों और आपूर्ति श्रृंखला को सहायता के लिए एक केंद्र एक उत्‍पाद योजना को प्रोत्‍साहन दिया जाएगा. वित्‍त वर्ष 2022-23 में चिप और नवीनतम प्रौद्योगिकी युक्‍त ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे.

कृषि

  • वित्त मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के सीधे भुगतान के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. फसल मूल्‍यांकन, भूमि रिकार्ड के डिजिटलीकरण, कीटनाशक का उपयोग और पोषक तत्‍वों के लिए किसान ड्रोन इस्‍तेमाल किए जाएंगे.
  • 44.605 हजार करोड रूपये की अनुमानित लागत से केन-बेतवा नदी संपर्क परियोजना लागू की जाएगी. इसका उद्देश्‍य नौ लाख हेक्‍टेयर से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराना, 62 लाख लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति करना और 103 मेगावाट पनबिजली तथा 27 मेगावाट सौरऊर्जा का उत्‍पादन करना है.

आधारभूत संरचना का विकास

  • पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान को 25,000 किमी तक विस्तारित किया जायेगा. 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनलों को अगले तीन वर्षों में विकसित किया जायेगा. अगले तीन वर्षों में चार सौ वंदे भारत रेलगाडियों का विकास और विनिर्माण किया जाएगा. सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए 2,000 किलोमीटर से अधिक रेल नेटवर्क को स्वदेशी विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी कवच ​​के तहत लाया जाएगा.
  • हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने और लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए बजट में प्रस्‍तावों की घोषणा की है. इनसे हरित ऊर्जा को प्रोत्‍साहन मिलेगा.
  • ‘प्रधानमंत्री पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास पहल’ नाम का कार्यक्रम पूर्वोत्‍तर परिषद के माध्‍यम से चलाया जाएगा. इसके लिए 1.5 हजार करोड रूपये का प्रारम्भिक आबंटन किया जा रहा है.
  • राज्यों को आधारभूत संरचना के विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता ब्याज मुक्त प्रदान किया जायेगा.
  • पीएम आवास योजना के चिन्हित लाभार्थियों के लिए 80 लाख घरों का निर्माण पूरा किया जाएगा. 3.8 करोड़ घरों में नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

शिक्षा

  • अनुपूरक शिक्षण के लिए ‘पीएम ई विद्या’ (PM eVIDYA) के ‘वन क्‍लास वन टीवी’ चैनल कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढाकर 200 टीवी चैनलों तक पहुंचाया जाएगा. यह कक्षा 1 से कक्षा 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षित करने के लिए है.
  • देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर वैयक्तिकृत शिक्षण अनुभव के साथ विश्‍वस्‍तरीय शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्‍वविद्यालय स्‍थापित किया जाएगा.
  • स्वास्थ्य
  • एक राष्ट्रीय टेलीहेल्थ कार्यक्रम की घोषणा की गयी है. राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक खुला मंच तैयार किया जाएगा. इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, अद्वितीय स्वास्थ्य पहचान और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच शामिल होगी.

डिजिटल अर्थव्‍यवस्‍था और बैंकिंग

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाईयों का गठन किया जाएगा. ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके डिजिटल रुपया जारी किया जायेगा.
  • पिछले बजट में डिजिटल भुगतान इको सिस्‍टम के लिए वित्‍तीय सहायता की जो घोषणा की गई थी वह 2022-23 में भी जारी रहेगी. इससे डिजिटल भुगतान को प्रोत्‍साहित किया जा सकेगा.
  • 2022-23 में देश के सभी डेढ लाख डाकघरों में कोर-बैंकिंग सिस्‍टम डिजिटल रूप से जोडा जायेगा जिससे वित्‍तीय समावेशन संभव हो सकेगा.

कर

  • बजट के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की कि वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के हस्तांतरण पर 30% कर लगाया जायेगा. यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा.

रक्षा

  • रक्षा के लिए पूंजी खरीद बजट का 68% आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया जाएगा. यह पिछले वित्त वर्ष में 58 प्रतिशत था.
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25% रक्षा अनुसंधान एवं विकास उद्योग, स्टार्टअप और शिक्षा के लिए खोला जाएगा.
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वित्त वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया गया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2022 पेश किया. इससे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया था.

आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22: मुख्य बिंदु

  • 2022-23 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 8 से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हो सकती है. 2020-21 में GDP वृद्धि -7.3 प्रतिशत थी. 2021-22 में GDP वृद्धि वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्‍त बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सर्वाधिक है.
  • 2020-21 में कृषि क्षेत्र में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. 2021-22 में इस क्षेत्र के 3.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है. चालू वर्ष में, खरीफ सत्र के लिए खाद्यान्न उत्पादन करीब 150 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर आने का अनुमान है.
  • 2020-21 में औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि दर -7 प्रतिशत वृद्धि ही थी लेकिन 2021-22 में यह 11.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
  • 2020-21 में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर -8.4 प्रतिशत थी जो 2021-22 में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है.
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) का कुल शुद्ध लाभ 2020-21 के पहले छह महीनों के दौरान 14,688 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 की पहली छमाही में 31,144 करोड़ रुपये हो गया है.
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विमानन कम्‍पनी ‘एयर इंडिया’ को टाटा सन्‍स को आधिकारिक रूप से सौंपा गया

विमानन कम्‍पनी ‘एयर इंडिया’ को टाटा सन्‍स को आधिकारिक रूप से सौंप दिया गया. इसके साथ ही एयर इंडिया के विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो गई. एयर इंडिया का प्रबंधन और नियंत्रण अब पूरी तरह से टाटा समूह के अधीन होगा. टाटा समूह को एयर इंडिया के साथ ही उसकी दो इकाईयां एयर इंडिया एक्‍सप्रेस और एयर इंडिया SATS भी सौंप दी गई है.

एयर इंडिया का अधिग्रहण

टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टैलेस (Talace) ने एयर इंडिया, एयर इंडिया SATS एयरपोर्ट और एयर इंडिया एक्सप्रेस का अधिग्रहण किया गया है.

इससे पहले, एयर इंडिया का पूर्ण स्वामित्व सरकार के पास था. टाटा समूह ने अक्टूबर 2021 में केंद्र सरकार के साथ एक शेयर खरीद समझौता किया. टाटा संस की सहायक कंपनी टैलेस ने 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के लिए 18,000 करोड़ रुपये की सर्वाधिक बोली लगाई थी.

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इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए 5 वर्ष का रोडमैप और दृष्टिकोण दस्तावेज जारी किया गया

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ICEA के साथ मिलकर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए 5 वर्ष का रोडमैप और दृष्टिकोण दस्तावेज जारी किया है. इसका शीर्षक है- ‘2026 तक तीन सौ बिलियन डॉलर का सतत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और निर्यात’. यह रोडमैप दो-भाग वाले विज़न दस्तावेज़ का दूसरा भाग है. इसका पहला भाग नवंबर 2021 महीने  में जारी किया गया था.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोबाइल निर्माण में दोहरे नियमों के मुद्दे पर उद्योग जगत की आशंकाओं पर स्पष्ट किया कि दूरसंचार विभाग मोबाइल निर्माण में प्रवेश नहीं कर रहा है और मोबाइल निर्माण नियामक व्यवस्था पहले के समान रहेगी.

सरकार ने अगले 6 वर्षों में चार PLI योजनाओं – सेमीकंडक्टर और डिजाइन, स्मार्टफोन, आईटी हार्डवेयर और घटकों में लगभग 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है.

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भारत विश्व में खीरा का सबसे बड़ा निर्यातक बना

भारत विश्व में खीरा का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने 223 मिलियन डॉलर के मूल्य के साथ 2,23,515 मीट्रिक टन ककड़ी और खीरे का निर्यात किया था. भारत ने पिछले वित्त वर्ष में अचार बनाने वाले खीरे के निर्यात में 20 करोड़ डॉलर का आंकड़ा पर कर लिया. खीरे के इस प्रसंस्कृत उत्पाद को वैश्विक स्तर पर गेरकिंस के रूप में जाना जाता है.

मुख्य बिंदु

  • खीरे को ककड़ी और खीरे के तहत दो श्रेणियों में निर्यात किया जाता है. इन्हें सिरका या एसिटिक एसिड के माध्यम से तैयार और संरक्षित किया जाता है.
  • खीरे की खेती, प्रोसेसिंग और निर्यात की शुरूआत भारत में 1990 के दशक में कर्नाटक में छोटे स्तर पर हुई थी. बाद में पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से खीरे को प्रोसेसिंग कर निर्यात किया जाने लगा.
  • दुनिया की खीरा आवश्यकता का लगभग 15 प्रतिशत उत्पादन भारत में होता है.
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अंतर-राज्‍यीय पारेषण प्रणाली-हरित ऊर्जा गलियारे के दूसरे चरण को स्‍वीकृति

मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने 6 जनवरी को अंतर-राज्‍यीय पारेषण प्रणाली-हरित ऊर्जा गलियारे (इंट्रास्‍टेट ट्रांसमिशन सिस्‍टम ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर) के दूसरे चरण (फेस-2) को स्‍वीकृति दी.

  • दूसरे चरण पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपया खर्च होगा. इसके माध्‍यम से 10750 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा. लगभग 20 गीगावॉट रेन्‍युअल उर्जा का उत्पादन किया जाएगा. दूसरे फेस में सात राज्‍य- गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, उत्‍तर प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्‍थान शामिल हैं.
  • हरित ऊर्जा गलियारा का पहला चरण तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में लागू किया जा रहा है. इसका लक्ष्य 24 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पन्न करना है. पहले चरण में 10142 करोड़ रुपये की कुल लागत थी.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस फैसले से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 450 गीगावॉट का लक्ष्य हासिल करने के भारत के प्रयासों को मजबूती मिलेगी. इससे ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण के अनुकूल विकास को बढ़ावा मिलेगा.
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भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, दिसंबर 2021 जारी की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 29 दिसम्बर को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) का 24वां अंक जारी किया. इस रिपोर्ट में वित्तीय स्थिरता के जोखिमों और वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन का मूल्यांकन किया गया है. यह मूल्यांकन वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की उप-समिति द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है.

मुख्य बिंदु

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) का जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (CRAR) 16.6 प्रतिशत के नए शिखर पर पहुंच गया और सितंबर 2021 में उनका प्रावधान कवरेज अनुपात (PCR) 68.1 प्रतिशत था. कॉर्पोरेट क्षेत्र मजबूत हो रहा है और बैंक ऋण वृद्धि में सुधार हो रहा है.
  • क्रेडिट जोखिम के लिए समष्टि तनाव जांच यह दर्शाता है कि SCB का सकल गैर-निष्पादित आस्ति (GNPA) अनुपात, बेसलाइन परिदृश्य के तहत सितंबर 2021 में 6.9 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2022 तक 8.1 प्रतिशत और गंभीर तनाव परिदृश्य के तहत 9.5 प्रतिशत हो सकता है. हालांकि, SCB के पास तनाव की स्थिति में भी समग्र और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर पर्याप्त पूंजी होगी.
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के साथ-साथ सूक्ष्म वित्त खंड में भी तनाव के उभरते संकेतों से, आगे, इन पोर्टफोलियो की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता होगी.
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उपभोक्‍ता संरक्षण नियम, 2021 की अधिसूचना जारी की गयी

सरकार ने उपभोक्‍ता संरक्षण नियम (Consumer Protection Rules) 2021 की अधिसूचना जारी कर दी है. ये नियम देश में प्रत्‍यक्ष वि‍क्रय के माध्‍यम से खरीदी या बेची गई वस्‍तु और सेवाओं पर लागू होंगे. साथ ही, उपभोक्‍ताओं को वस्‍तु और सेवाएं देने वाली सीधी बिक्री से जुड़ी कंपनियों पर भी ये नियम लागू होंगे. ये नियम उन कंपनियों पर भी लागू होंगे जो देश में स्‍थापित नहीं है, लेकिन उपभोक्‍ताओं को वस्‍तु या सेवाएं उपलब्‍ध करा रही हैं.

इन नियमों के सरकारी गजट में प्रकाशन की तिथि से 90 दिन के अंदर प्रत्यक्ष विक्रय से जुड़ी मौजूदा कंपनियों को इनका अनुपालन करना होगा. सीधी बिक्री करने वाली कंपनियों और विक्रेताओं पर अपने उत्पादों की बहु स्तरीय बिक्री के लिये नये सदस्यों की श्रृंखला बनाने की पिरामिड योजना को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध रहेगा.

प्रत्येक प्रत्यक्ष बिक्री इकाई (direct selling entity) को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता होगी जो अधिनियम और इन नियमों के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा.

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फाइजर ने कोविड-19 रोधी दवा ‘पैक्सलोविड’ विकसित किया, अमेरिका ने दी मंजूरी

फाइजर ने हाल ही में कोविड-19 रोधी दवा ‘पैक्सलोविड’ (Paxlovid)  विकसित किया था जिसे अमेरिका ने मंजूरी दे दी है. ये दवा गंभीर बीमारी की स्थिति में 12 साल के बच्चों और बड़ों को दी जा सकती है.

मुख्य बिंदु

  • कोरोना से लड़ने वाली ये दुनिया की पहली ओरल एंटीवायरल पिल होगी. ये एक एंटीवायरल दवा है जिसे PF-07321332 नाम दिया गया है. इस एंटीवायरल दवा को HIV मेडिसिन रीटोनाविर के लो डोज के साथ मिक्स कर दिया जाता है. यानी कोविड-19 की एक नई दवा को पहले से मौजूद रीटोनाविर के साथ दिया जाएगा. दवाओं के कॉम्बिनेशन के इस कोर्स को पैक्सलोविड नाम दिया गया है.
  • ट्रायल में ये दवा ओमिक्रॉन सहित कोरोना के खिलाफ बेहद कारगर रही है. कंपनी ने इसकी इफेक्टिवनेस जानने के लिए 2,250 लोगों पर ट्रायल किए थे. लक्षण नजर आने के 3 दिन बाद ये दवा हल्के लक्षणों से पीड़ित मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन और मौत से रोकने में दवा 89% कारगर रही है. लक्षण नजर आने के 5 दिन बाद लेने पर हॉस्पिटलाइजेशन और मौत रोकने में 88% कारगर है.
  • अमेरिका ने पैक्सलोविड के बाद मर्क कंपनी की मोलनुपिराविर को भी मंजूरी दे दी है. इसे कोरोना से संक्रमित 18 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर मरीजों को दिया जाएगा. मोलनुपिराविर दवा वायरस के जेनेटिक कोड में गड़बड़ी कर उसकी फोटोकॉपी होने से रोकती है.
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सीसीआई ने एयर इंडिया लिमिटेड के शेयरधारिता अधिग्रहण को मंजूरी दी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने टाटा समूह के एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस तथा AISATS के प्रस्तावित अधिग्रहण को 20 दिसम्बर को मंजूरी दे दी. टाटा समूह की कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड घरेलू विमानन कंपनी को एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 प्रतिशत तथा एयर इंडिया SATS एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (AISATS) में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करना है.

CCI भारत में प्रमुख राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नियामक है. यह एक वैधानिक निकाय है, जो कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत काम करता है. यह प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 को लागू करने के लिए जिम्मेदार है.

टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया का अधिग्रहण किया है

टाटा ग्रुप ने भारी कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को हाल में खरीदा था. इसके लिए टाटा ग्रुप के टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने अक्टूबर 2021 में 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया का अधिग्रहण के लिए सफल बोली लगायी थी. कंपनी इस अधिग्रहण समझौते के तहत 2,700 करोड़ रुपये नकद देगी तथा विमानन कंपनी पर 15,300 करोड़ रुपये के कर्ज की जवाबदेही लेगी.

एयर इंडिया की स्थापना 1932 में टाटा एयरलाइंस के रूप में हुई थी. बाद में सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर लिया था. सरकार पिछले कई साल से इसे बेचने की कोशिश में लगी थी. आखिरकार टाटा संस के रूप में उसे खरीदार मिल गया और एयरलाइन की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया.

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