डेली कर्रेंट अफेयर्स
डिजिटल सर्विस सेक्टर में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक देश बना
विश्व व्यापार संगठन (WTO) ने 10 अप्रैल को नवीनतम वैश्विक व्यापार आउटलुक और सांख्यिकी (Global Trade Outlook and Statistics) रिपोर्ट पेश की थी.
WTO रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के डिजिटल सेवाओं (डिजिटल सर्विस) के निर्यात में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह अब 257 बिलियन डॉलर हो गया है. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है.
- इस वृद्धि ने भारत को रैंकिंग में जर्मनी से आगे निकलने में मदद की है, लेकिन यह अभी भी संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और आयरलैंड से पीछे है.
- डिजिटल रूप से वितरित सेवाओं, जिसमें शिक्षा, गेमिंग और स्ट्रीमिंग संगीत और वीडियो में पेशेवर सेवाएँ शामिल हैं, में पिछले दो दशकों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है.
- 2023 में डिजिटल सेवाओं का वैश्विक निर्यात बढ़कर 4.25 ट्रिलियन डॉलर हो गया. यह साल-दर-साल 9 फीसदी अधिक है.
- 2023 में वैश्विक स्तर पर वस्तुओं के व्यापार के सभी सेक्टर में गिरावट आई, वहीं, डिजिटल सर्विस का निर्यात बढ़ता रहा.
- रिपोर्ट के मुताबिक यूरोप और एशिया में (जो क्रमशः 52.4 प्रतिशत और 23.8 प्रतिशत की वैश्विक हिस्सेदारी रखते हैं) निर्यात में क्रमशः 11 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
विश्व व्यापार संगठन (WTO)
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. यह राष्ट्रों के बीच वैश्विक व्यापार को नियंत्रित और सुगम बनाता है. इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है.
- इसकी स्थापना 1995 में हुई थी. यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित टैरिफ़ और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) का स्थान लिया था.
- WTO में यूरोपीय संघ सहित 164 सदस्य देश शामिल हैं. ईरान, इराक, भूटान, लीबिया जैसे 23 देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है. भारत इसका संस्थापक सदस्य है.
- WTO का उद्देश्य मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना, बाधाओं को कम करना और आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना है.
भारत ने 16 देशों में सैन्य प्रतिनिधि ‘सैन्य अताशे’ की नियुक्ति की
भारत सरकार ने 16 देशों में सैन्य प्रतिनिधियों ‘सैन्य अताशे’ (military attache) की नियुक्ति की है. ये वो देश है जहां भारत हथियारों निर्यात करता है या जहां निर्यात किए जाने की संभावनाएं हैं. इन देशों में पोलैंड आर्मेनिया जिबूती पोलैंड तंजानिया मोजाम्बिक इथियोपिया और फिलीपींस आदि शामिल हैं.
मुख्य बिन्दु
- सैन्य अताशे एक उच्च-रैंकिंग सैन्य अधिकारी होते हैं जो दूतावासों में राजदूत के मातहत काम करते हैं. यह दोनों देशों के द्विपक्षीय सैन्य और रक्षा संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
- सैन्य अताशे इन देशों के साथ न सिर्फ भारत का सैन्य तालमेल बढ़ाने में मदद करेंगे बल्कि चीन के बढ़ते प्रभाव से भी निपटने में मदद करेंगे.
- भारत ने अप्रैल 2024 में अफ्रीका के कई देशों, पोलैंड, आर्मेनिया और फिलीपींस सहित करीब 16 देशों में पहली बार अपने डिफेंस अताशे (सैन्य प्रतिनिधि) की नियुक्ति की है. जबकि कुछ ही दिनों पहले भारत ने रूस, यूके समेत कुछ देशों से डिफेंस अताशे की संख्या में कमी की थी.
- पिछले वित्त वर्ष (2022-23) में 21,083 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड रक्षा निर्यात होने से भारत सरकार इस सेक्टर को लेकर उत्साहित है.
- 2023-24 में देश से रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये (2.63 अरब डॉलर) तक पहुंच गया. छह साल पहले इसका आकार 5 हजार करोड़ रुपए से भी कम था. प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2025 तक 5 अरब डॉलर के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है.
- भारत सरकार की योजना इन देशों के साथ अपने रणनीतिक संबंध मजबूत करने और हथियारों के निर्यात को बढ़ावा देने की है. इन देशों में डिफेंस अताशे की मौजूदगी से हमें अपना डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
- स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, म्यांमार भारतीय हथियारों का सबसे बड़ा आयातक है, जिसका भारत के निर्यात में 31 फीसदी हिस्सा है. श्रीलंका (19%) दूसरे स्थान पर है. मॉरीशस, नेपाल, आर्मेनिया, वियतनाम और मालदीव अन्य प्रमुख आयातक हैं.
- जहाज भारत से सबसे अधिक निर्यात होने वाली रक्षा सामग्री है, जिसकी देश के कुल रक्षा निर्यात में करीब 61% हिस्सेदारी है. इसके बाद विमान, सेंसर, बख्तरबंद, तटीय निगरानी प्रणाली, कवच एमओडी लॉन्चर और एफसीएस, रडार के लिए स्पेयर, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और लाइट इंजीनियरिंग मैकेनिकल पार्ट्स आदि आते हैं.
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी का नया निदेशक नियुक्त किया गया
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस को राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJC), भोपाल का नया निदेशक नियुक्त किया है. इसकी घोषणा भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने 10 अप्रैल को की थी. न्यायमूर्ति बोस इसी दिन उच्चतम न्यायालय से सेवा निवृत हुए थे.
राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJC): मुख्य बिन्दु
- राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (National Judicial Academy) भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रशिक्षण संस्थान है जो मुख्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में काम करने वाले न्यायिक अधिकारियों के लिए है.
- संस्थान को 17 अगस्त 1993 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत किया गया था. एनआर माधव मेनन इसके संस्थापक निदेशक थे.
- यह संस्थान भोपाल में स्थित है. इसके संस्थान भवन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति ने 5 सितंबर, 2002 को किया था. संस्थान के शासी निकाय के अध्यक्ष भारत के मुख्य न्यायाधीश होते हैं.
- NJA का प्राथमिक उद्देश्य देश भर में ट्रायल कोर्ट और संवैधानिक न्यायालयों के न्यायाधीशों को प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना है.
चंद्रयान-3 की टीम को अमेरिका के स्पेस फाउंडेशन का शीर्ष पुरस्कार
इसरो की चंद्रयान-3 मिशन टीम को अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए 2024 जॉन एल ‘जैक’ स्विगर्ट, जूनियर पुरस्कार (John L. ‘Jack’ Swigert Jr. Award) से सम्मानित किया गया है. यह पुरस्कार अमेरिका के स्पेस फाउंडेशन (Space Foundation) द्वारा दिया जाता है.
मुख्य बिन्दु
- कोलोराडो स्थित स्पेस फाउंडेशन के वार्षिक अंतरिक्ष संगोष्ठी उद्घाटन समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया. ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्य दूत डीसी मंजूनाथ ने इसरो की टीम की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया.
- स्पेस फाउंडेशन अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सूचना, शिक्षा और सहयोग प्रदान करता है. स्पेस फाउंडेशन के सीईओ हीथर प्रिंगल ने कहा, अंतरिक्ष में भारत का नेतृत्व दुनिया के लिए एक प्रेरणा है.
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को यह पुरस्कार चंद्रयान-3 टीम की असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया गया है. चंद्रयान-3 चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर उतरने वाला विश्व का पहला यान था.
- इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को जुलाई 2023 में लॉन्च किया था. चंद्रयान-3 मिशन में शामिल विक्रम नामक लैंडर और प्रज्ञान नामक रोवर को 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतारा गया था.
- अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए जॉन एल. ‘जैक’ स्विगर्ट जूनियर पुरस्कार का नाम अंतरिक्ष यात्री जॉन एल. स्विगर्ट जूनियर के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने प्रसिद्ध अपोलो 13 चंद्र मिशन में काम किया था.
दक्षिण चीन सागर में चार देशों का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया
दक्षिण चीन सागर में 7 अप्रैल 2024 को चार देशों का संयुक्त नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया था. इन देशों में अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल थे.
मुख्य बिन्दु
- यह अभ्यास चीन की आक्रामकता को देखते हुए आयोजित किया गया था. संयुक्त अभ्यास में पनडुब्बी रोधी युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास भी शामिल था.
- यह इस क्षेत्र में पहला साझा नौसैन्य अभ्यास था. यह अभ्यास चीन के क्षेत्रीय दावों पर जोर देने की आक्रामक कार्रवाईयों से पैदा चिंताओं के बीच हुआ है.
- दक्षिण चीन सागर विवाद का मुख्य कारण समुद्र पर विभिन्न क्षेत्रों का दावा करना. चीन, दक्षिण-चीन सागर के 80% भाग को अपना मानता है.
दक्षिण चीन सागर का महत्व
- दक्षिण चीन सागर को दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक माना जाता है. यह व्यापार तथा परिवहन के लिये एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है.
- दक्षिण चीन सागर में स्थित विभिन्न देशों के बीच इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने को लेकर तनाव व्याप्त है.
- इस क्षेत्र की मूल विवाद की जड़ है दक्षिण चीन सागर में स्थित स्पार्टली और पार्सल द्वीप, क्योंकि यह दोनों द्वीप कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से परिपूर्ण हैं.
- मत्स्य व्यापार में शामिल देशों के लिए यह जल क्षेत्र काफी महत्त्वपूर्ण है. साथ ही इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण इसका सामरिक महत्त्व भी बढ़ जाता है.
फिलीपींस और चीन के मध्य दक्षिण चीन सागर पंचाट
- फिलीपींस ने 22 जनवरी 2013 को समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुबंध VII के तहत चीन के विरुद्ध मध्यस्थ कार्यवाही आरंभ की थी.
- इस मध्यस्थता न्यायालय में फिलीपींस ने चीन पर इस क्षेत्र पर दबदबा कायम करने सहित कई अन्य आरोप लगाए थे.
- चीन इन सभी कार्यवाही में गैर हाजिर रहा. चीन ने इस मध्यस्थता को स्वीकार करने से मना कर दिया.
12 अप्रैल: अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान का दिवस
प्रत्येक वर्ष 12 अप्रैल को पूरे विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान का दिवस’ (International Day of Human Space Flight) मनाया जाता है. यह दिवस अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवता के लिए अंतरिक्ष युग की शुरूआत करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतरराष्ट्रीय मानव अंतरिक्ष उड़ान दिवस को मनाने की घोषणा 2011 में की थी. बाहरी अंतरिक्ष मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOOSA), बाहरी अंतरिक्ष में शांतिपूर्ण उपयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है.
यूरी गैगरीन ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी
यह दिवस सोवियत नागरिक यूरी गगारिन द्वारा पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान भरने की स्मृति में मनाया जाता है. यूरी गगारिन ने 12 अप्रैल 1961 को पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान भरी थी. उन्होंने वोस्टॉक नामक अंतरिक्ष-यान से यह उड़ान भरी थी.
गैगरीन अंतरिक्ष पर जाने वाले और पृथ्वी की सफलतापूर्वक परिक्रमा करने वाले पहले व्यक्ति थे. इस ऐतिहासिक घटना ने मानव के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण का रास्ता खोल दिया था.
रूस में कॉस्मोनॉटिक्स दिवस
इस दिन को रूस में कॉस्मोनॉटिक्स दिवस (Cosmonautics Day) के रूप में मनाया जाता है. 2001 से अमेरिका इस दिन को ‘विश्व अंतरिक्ष पार्टी’ (World Space Party) के रूप में मना रहा है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
भारत-अमरीका कार्यकारी संचालन समूह की 27वीं बैठक
भारत-अमरीका कार्यकारी संचालन समूह की 27वीं बैठक हवाई में अमरीकी सेना मुख्यालय में आयोजित की गई. इसमें उभरते खतरों, संघर्ष और विभिन्न चुनौतियों से निपटने के आवश्यक उपायों पर चर्चा की गई.
अमेरिका और जापान ने व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय बैठक की
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने व्हाइट हाउस में बैठक की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने और हिन्द-प्रशान्त क्षेत्र में चीन की बढ़ती हठधर्मिता पर चर्चा की.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 648.56 अरब डॉलर पहुँचा
RBI द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पांच अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.98 अरब डॉलर बढ़कर अब तक के सबसे ऊंचे स्तर 648.56 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. इस दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 54.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 571.17 अरब डॉलर, स्वर्ण भंडार 2.4 अरब डॉलर बढ़कर 54.56 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया.
वियतनाम का प्रतिनिधिमंडल भारत के दौरे पर
वियतनाम का प्रतिनिधिमंडल भारत के दौरे पर हैं. दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की. वियतनाम भारत की पूर्वोन्मुखी नीति (Look East Policy) का एक महत्वपूर्ण भागीदार देश है. वियतनाम भारत मैत्री संघ के अध्यक्ष डॉ. ह्यून तान लाप ने रक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की सराहना की.