GST परिषद की 37वीं बैठक पणजी में आयोजित की गयी

वस्तु और सेवा कर (GST) परिषद की 37वीं बैठक वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन की अध्‍यक्षता में गोआ के पणजी में 20 सितम्बर को आयोजित की गयी. इस बैठक में लिए गए निर्णयों के मुताबिक नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी.

37वीं बैठक में लिए गये निर्णय के मुख्य बिंदु

  • GST परिषद ने बैठक में जूलरी, वाहन और होटल इंडस्ट्री को राहत देने का फैसला किया. कैफीन वाले पेय पदार्थों तथा रेल गाड़ी के सवारी डिब्बे एवं वैगन पर GST को बढ़ाया गया है.
  • इस बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार 2 करोड़ से कम टर्न ओवर वाली कंपनियों को वार्षिक GST रिटर्न भरना जरूरी नहीं होगा.
  • 1,000 से 7500 रुपये तक के होटल कमरों पर GST की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है. वहीं, 7,500 रुपये से अधिक के होटल कमरों पर 28 प्रतिशत की जगह पर 18 प्रतिशत का GST लगेगा. एक हजार रुपये से कम के होटल कमरों पर कोई GST नहीं है.
  • 28 प्रतिशत के GST के दायरे में आने वाले 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल वाहनों पर उपकर को घटाकर एक प्रतिशत और ऐसे डीजल वाहनों पर सेस की दर को घटाकर तीन प्रतिशत किया है.


सरकार ने आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिये कई घोषणाएं की

सरकार ने आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिये 20 सितम्बर को कई घोषणाएं की. इन घोषणाओं के तहत वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने निगमित कर (कॉरपोरेट टैक्‍स) दरों को घटाने का प्रस्‍ताव किया है.

वित्‍तमंत्री की घोषणाओं के मुख्य बिंदु

  • अब घरेलू कंपनियों को 22 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स देना होगा. सरचार्ज के साथ टैक्स की प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी. पहले यह दर 35 प्रतिशत थी. नयी दर इस वित्त वर्ष के 1 अप्रैल से प्रभावी होगी. दर कम करने तथा अन्य घोषणाओं से राजस्व में सालाना 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है.
  • वित्‍त वर्ष 2019-20 से आयकर अधिनियम में नये प्रावधान जोड़े गए हैं. जिनके तहत छूट या प्रोत्‍साहन का लाभ न लेने वाली स्‍वदेशी कम्‍पनियां 22 प्रतिशत की दर से आयकर (इनकम टैक्‍स) देने का विकल्‍प अपना सकती है.
  • 1 अक्‍तूबर 2019 या उसके बाद बनने वाली और 31 मार्च 2023 तक उत्‍पादन शुरू करने वाली कंपनियों को केवल 15 प्रतिशत की दर से आयकर देना होगा.


अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए निर्यात और हाउसिंग सेक्टर में कई घोषणाएं

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 14 सितम्बर को कई घोषणाएं कीं. ये घोषणाएं निर्यात और हाउसिंग सेक्टर से संबंधित हैं.

वित्त मंत्री ने निर्यात (एक्सपोर्ट) को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी में कमी की घोषणा की. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश के चार जगहों पर वार्षिक मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा. यह आयोजन मार्च 2020 से शुरू होगा. जेम्स ऐंड जूलरी, योगा एवं टूरिजम, टैक्सटाइल एवं लेदर क्षेत्र में ये आयोजन होगा.

वित्त मंत्री ने पैसों के अभाव में लटकी अफॉर्डेबल इनकम कैटिगरी के हाउजिंग परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये का स्ट्रेस फंड बनाने की घोषणा की. इसका फायदा उन्हीं रियल एस्टेट परियोजनाओं को मिल सकेगा, जो न तो एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग असेट्स) हैं और न ही उनका मामला एनसीएलटी (नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल) में चल रहा है.


सरकार ने अगले 5 वर्ष के राष्ट्रीय योजनाओं का खाका तैयार करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया

सरकार ने अगले 5 वर्ष के राष्ट्रीय अवसंरचना योजनाओं का खाका तैयार करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है. आर्थिक मामलों के सचिव इस कार्यबल के अध्यक्ष होंगे. यह कार्यबल 5 वर्ष यानी वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक एक सौ लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय अवसंरचना योजनाओं का खाका तैयार करेंगे.

इस कार्यबल का गठन 2024-25 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए किया गया है. यह कार्यबल वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अपनी रिपोर्ट 31 अक्तूबर 2019 तक सौंपेगा. वित्तीय वर्ष 2021 से 2025 तक के लिए रिपोर्ट 31 दिसंबर 2019 तक सौंपी जाएगी.

कार्यबल के कार्य
यह कार्यबल चालू वित्‍त वर्ष में शुरू की जा सकने वाली तकनीकी और आर्थिक रूप से व्‍यावहारिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पहचान करेगा. इसके अलावा, कार्यबल वार्षिक अवसंरचना निवेश लागतों का अनुमान लगाने तथा वित्त पोषण के उपयुक्त स्रोतों की पहचान करने में मंत्रालयों का मार्गदर्शन करेगा.


RBI ने बैंकों द्वारा दिए गये लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सभी बैंकों को होम लोन, पर्सनल लोन और MSMI सेक्टर को दिए गये लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया है. इससे नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का लाभ कर्ज लेने वाले ग्राहकों तक जल्दी पहुंचने की उम्मीद है.

वास्तव में RBI ने नीतिगत दरों में कई बार कमी की है, लेकिन बैंक इसका फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुँचने दे रहे हैं. इसी के मद्देनजर RBI ने सर्कुलर जारी कर बैंकों के लिए सभी नए फ्लोटिंग दर वाले पर्सनल या खुदरा ऋण और MSMI को फ्लोटिंग दर वाले कर्ज को 1 अक्टूबर, 2019 से बाहरी मानक से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है.

RBI साल 2019 में चार बार रेपो रेट में कुल मिलाकर 1.10 फीसदी कटौती कर चुका है. इस वित्त वर्ष में अप्रैल के बाद से अब तक RBI नीतिगत दरों में 0.85% की कटौती कर चुका है. RBI का कहना है कि उसकी रेपो दर में 0.85 फीसदी कटौती के बाद बैंक अगस्त तक अपनी ब्याज दरों में केवल 0.30% तक ही कटौती कर पाए हैं.

लोन देने वाले बैंकों का कहना है कि उसकी देनदारियों की लागत कम होने में समय लगता है जिसकी वजह से रिजर्व बैंक की कटौती का लाभ तुरंत ग्राहकों को देना संभव नहीं है.


IDBI बैंक में 9 हजार करोड़ रुपए की पूंजी डालने को मंजूरी दी गयी

सरकार ने भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI बैंक) में एक मुश्‍त 9 हजार करोड़ रुपए की पूंजी डालने को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यतक्षता में 3 सितम्बर को हुई आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला हुआ. फैसले के तहत सरकार और भरतीय जीवन बीमा निगम (LIC) दोनों मिलकर यह पूंजी डालेंगे. 9,000 करोड़ रुपये में से सरकार एक बार में 4,557 करोड़ रुपये IDBI बैंक में डालेगी. वहीं LIC में 4,700 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी.

उल्लेखनीय है कि LIC ने वर्ष 2018 में IDBI बैंक का अधिकरण किया था. IDBI बैंक में LIC की हिस्सेदारी (शेयर) की 51 फीसदी, जबकि 49 फीसदी हिस्सेदारी सरकार की है.


स्विटजरलैंड के बैंकों में भारतीयों के खातों की जानकारी भारतीय अधिकारिय़ों से साँझा की जायेगी

भारत और स्विटजरलैंड के बीच हुए समझौते के अनुसार स्विटजरलैंड के बैंकों में भारतीयों के वित्तीय खातों की जानकारी 1 सितम्बर 2019 से कर अधिकारिय़ों को उपलब्ध हो जायेगी. काले धन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में यह महत्वपूर्ण कदम होगा और इससे स्विस बैंक की गोपनीयता के युग का अंत हो जायेगा. भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के सभी वित्तीय खातों के संदर्भ में वर्ष 2018 की जानकारी प्राप्त होगी.

भारत और स्विट्जरलैंड के कर अधिकारियों के बीच बैठक

भारत और स्विट्जरलैंड के कर अधिकारियों के बीच 29-30 अगस्त को नई दिल्ली में बैठक हुई. इस बैठक में दोनों पक्षों ने विशिष्ट मामलों में भारत के अनुरोध पर कर संबंधी सूचना साझा करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया. स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्त विभाग में कर प्रभाग के उपाध्यक्ष निकोला मारियो लूश्‍या (Nicolas Mario Luscher) के नेतृत्व में शिष्टमंडल ने राजस्व सचिव एबी पांडेय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष पीसी मोदी ने इस बैठक में हिस्सा लिया. CBDT आयकर विभाग के लिए नीति निर्माण करता है.


CSO ने देश की आर्थिक विकास दर से संबंधित ताजा आंकड़े जारी किये

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने देश की आर्थिक विकास दर से संबंधित ताजा आंकड़े 30 अगस्त को जारी किये. इन आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की आर्थिक विकास दर 5 फीसदी रही है. यह साढ़े छह वर्षों का निचला स्तर है. पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) में आर्थिक विकास दर 5.8 फीसदी रही थी.


सरकार ने कई बैंकों के आपस में विलय की घोषणा की

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई सरकारी बैंकों के विलय की 30 अगस्त को घोषणा की थी. इस विलय योजना में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करके 4 बड़े बैंक बनाए जाने का निर्णय लिया गया है. इन सारे विलय के बाद वर्ष 2017 के 27 सरकारी बैंकों की संख्या से घटकर 12 रह जाएगी.

इन बैंकों का विलय
विलय-1. पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का आपस में विलय किया जाएगा. इससे विलय के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा. इसका कारोबार 17.95 लाख करोड़ का होगा.

विलय-2. केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय किया जाएगा. इस दोनों बैंकों के विलय के बाद यह चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा और इसका कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये का होगा.

विलय-3. यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा. यह देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक तैयार होगा. इसका कारोबार 14.6 लाख करोड़ रुपये होगा.

विलय-4. इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा, जिससे सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा. जिसका कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा.

बैंकों को 55,250 करोड़ रुपये की पूंजी

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रेडिट ग्रोथ तथा विनियामकीय अनुपालन के लिए बैंकों को 55,250 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की भी घोषणा की है.
  • इसके तहत पंजाब नैशनल बैंक को 16,000 करोड़ रुपये, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,700 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़ रुपये, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये देने की घोषणा की गयी है.
  • इसके अलावा, इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,800 करोड़ रुपये, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,300 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2,100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ रुपये तथा पंजाब ऐंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपये की पूंजी मिलेगी.

सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी किया था बैंकों का विलय

  • इससे पहले, नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भी बैंकों का विलय किया था.
  • सबसे पहले स्टेट बैंक में उसके 5 सहयोगी बैंकों- स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के अलावा महिला बैंक का विलय किया गया. 1 अप्रैल 2017 से स्टेट बैंक में सहयोगी बैंकों का विलय प्रभावी हुआ था.
  • बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया गया था. यह विलय 1 अप्रैल 2019 से प्रभावी हुआ था.

देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ़ बड़ौदा में विलय…»


भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 29 अगस्त को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की. यह रिपोर्ट हर साल जारी की जाती है. इस रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक (RBI) के कामकाज तथा संचालन के विश्लेषण के साथ ही अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में सुधार के लिए सुझाव दिए जाते हैं.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में चलन में मौजूद मुद्रा 17 फीसदी बढ़कर 21.10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.
  • केंद्र सरकार को अधिशेष कोष (सरप्लस रिजर्व) से 52,637 करोड़ रुपये देने के बाद RBI के आकस्मिक कोष में 1,96,344 करोड़ रुपये की राशि बची है.
  • संकटग्रस्त परिसम्पत्तियों का जल्दी पता लगाकर समाधान करने से बैंकों को अपने फंसे ऋण का अनुपात नीचे लाने में मदद मिली है. यह पिछले वर्ष के ग्यारह दशमलव दो प्रतिशतसे कम होकर नौ दशमलव एक प्रतिशत पर आ गया है.
  • वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों में 71,542.93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 6,801 मामले सामने आए हैं, जो पिछले वर्ष से 15 प्रतिशत अधिक है.
  • घरेलू मांग घटने से आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत है.
  • IL&FS संकट के बाद NBFC से वाणिज्यिक क्षेत्र को ऋण प्रवाह में 20 फीसदी की गिरावट आई है.
  • कृषि ऋण माफी, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन, आय समर्थन योजनाओं की वजह से राज्यों की वित्तीय प्रोत्साहनों को लेकर क्षमता घटी है.

RBI ने सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी
उल्लेखनीय है कि RBI ने हाल ही में अपने डिविडेंड और सरप्लस फंड से सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की घोषणा की है. RBI इस रकम में से 1.23 लाख करोड़ रुपये सरप्लस फंड से और बाकी 52,637 करोड़ रुपये सरप्लस रिजर्व से ट्रांसफर करेगा.


रिजर्व बैंक सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपए लाभांश और अधिशेष के तौर पर हस्तांतरित करेगा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपए हस्तांतरित करने की फैसला किया है. यह राशि लाभांश और अधिशेष के रूप में दिया जायेगा. इस राशि में से 1,23,414 करोड़ रुपये वर्ष 2018-19 के लिए सरकार को मिलने वाला अधिशेष है, जबकि 52,637 करोड़ रुपए को अतिरिक्त प्रावधानों के रूप में चिन्हित किया गया है.

बिमल जालान समिति की सिफारिशों पर राशि को हस्तांतरित करने का निर्णय

  • RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई में रिजर्व बैंक के केन्द्रीय निदेशक मंडल ने बिमल जालान समिति की सिफारिशों को मानते हुए यह राशि सरकार को हस्तांतरित करने का निर्णय किया.
  • RBI के अतिरिक्त रिजर्व को सरकार को स्थानांतरित करने पर विचार करने के लिए RBI के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में 26 दिसंबर 2018 को इस समिति का गठन किया गया था.
  • बिमल जालान समिति को RBI के वर्तमान इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क की समीक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई थी. इस समिति ने RBI के गवर्नर को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.


वित्‍त मंत्री ने उच्‍च आर्थिक विकास के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए कई उपायों की घोषणा की

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन ने उच्‍च आर्थिक विकास के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए 23 अगस्त को कई उपायों की घोषणा की. वित्‍त मंत्री द्वारा घोषित किए गए उपायों से व्‍यापार करने में सरलता और मांग में बढ़ोत्‍तरी होगी. साथ ही, सस्‍ती दरों पर कर्ज भी उपलब्‍ध होंगे.

उच्‍च आर्थिक विकास के लिए किये गये मुख्य उपाय: एक दृष्टि

  • वित्‍तमंत्री ने राष्‍ट्रीय आवास बैंक द्वारा आवास वित्‍त कंपनियों को 20 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त सहायता की घोषणा की.
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर बढ़ा हुआ सरचार्ज वापस ले लिया गया है और बजट से पहले की स्थिति बहाल कर दी गई है.
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त राशि जारी की गई है. कर्ज तथा तरलता बनाए रखने के लिए 5 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.
  • वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कंप‍नी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जगह जुर्माना लेकर 14 हजार मामले वापस लेने का फैसला किया है.
  • गैर बैंकिंग वित्‍तीय कंपनियों और आवास वित्‍त कंपनियों के लिए आंशिक ऋण योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
  • सरकार ने ऑटो क्षेत्र में मांग बढ़ाने और आवास ऋण सस्‍ते करने के लिए भी कदम उठाए हैं. अत्‍यधिक अमीर लोगों पर सरचार्ज वापस लिए जाएंगे.