लोकसभा ने ‘खनिज विधि संशोधन विधेयक 2020’ को मंजूरी दी

लोकसभा ने 6 मार्च को ‘खनिज विधि संशोधन विधेयक 2020’ को मंजूरी दे दी. इस विदेहेयक में कोयला खदानों के पट्टे संबंधी नियमों एवं आवंटन संबंधी प्रावधानों को स्पष्ट किया गया है. कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया था. यह विधेयक संसद से पारित होने के बाद इससे संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा. यह अध्यादेश जनवरी 2020 में जारी किया गया था.

इस विधेयक के माध्यम से ‘खनिज विकास एवं नियमन अधिनियम 1957’ और ‘कोयला खान विशेष प्रावधान अधिनियम 2015’ में संशोधन का प्रावधान किया गया है.

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि लौह अयस्क, मैगनीज अयस्क और क्रोमाइट अयस्क की 334 खानों की बाबत खनन पट्टे 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रहे हैं जिससे 46 गैर-प्रतिबद्ध खान कार्यरत हैं.

मल्टी-नेशन नौसैनिक अभ्यास ‘मिलन-2020’ को स्थगित किया गया

भारतीय नौसेना ने अपने मल्टी-नेशन नौसैनिक अभ्यास ‘मिलन-2020’ को स्थगित करने की 3 मार्च को घोषणा की. देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के कारण यह अभ्यास स्थगित किया गया है. यह नौसैनिक अभ्यास 18 से 28 मार्च तक विशाखापट्टनम के तट आयोजित किया जाना था.

इस मेगा अभ्यास में करीब 40 देशों की नौसेनाएं शामिल होने वाली थीं. इसमें शामिल होने वाले सभी देशों और कोरोना वायरस (COVID-19) के फैलने से लगे यात्रा को ध्यान में रखते हुए नौसैनिक अभ्यास को स्थगित किया गया है.

नया विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस ‘Raider-X’ का पुणे में अनावरण किया गया

पुणे में आयोजित राष्ट्रीय विस्फोटक डिटेक्शन कार्यशाला (NWND-2020) में एक नया विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस ‘Raider-X’ का अनावरण किया गया. ‘NWND-2020’ का आयोजन 1-2 मार्च को हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी (HEMRL) पुणे के हीरक जयंती समारोह पर किया गया था. इस समारोह का उद्घाटन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने किया था.

Raider-X: एक दृष्टि

  • विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस ‘Raider-X’ का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी (HEMRL) पुणे तथा भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) बैंगलोर ने मिलकर किया है.
  • HEMRL पुणे, DRDO की एक अग्रणी प्रयोगशाला है. यह वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेटों तथा उपयोगकर्ताओं को हाल के प्रौद्योगिकीय सुधारों के बारे में ज्ञान, अनुभव तथा नवीनतम जानकारी साझा करने के लिए यह एक मंच प्रदान करता है.
  • Raider-X में एक दूरी से विस्फोटकों की पहचान करने की क्षमता है. इस डिवाइस के द्वारा छुपाकर रखे गये विस्फोटकों की ढेर का भी पता लगाया जा सकता है.

‘स्वाति’ रडार की आपूर्ति के लिए भारत और अर्मेनिया में समझौता, ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के लिए बड़ी उपलब्धि

भारत ने अर्मेनिया के साथ चार करोड़ डॉलर (करीब 280 करोड़ रुपये) का एक रक्षा सौदा किया है. सौदा के तहत भारत अर्मेनिया को चार वेपन लोकेटिंग रडार (WLR) यानि घातक स्वाति की आपूर्ति करेगा.

‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के लिए उपलब्धि

इस रक्षा सौदे को भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. निर्यात के इस आर्डर से भारत को अपने हथियारों और रक्षा प्रणालियों की बिक्री के लिए एक नया बाजार बनाने में मदद मिलेगी. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले पांच वर्ष में 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा.

‘स्वाति’ रडार: एक दृष्टि

  • इन रडारों का उत्पादन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है.
  • अर्मेनिया ने रूस और पोलैंड की रडार प्रणालियों के कई परीक्षण के बाद भारत ‘स्वाति’ रडार को खरीदने का फैसला लिया है.
  • इनकी खासियत ये है कि यह दुश्मन के हथियारों की मौजूदगी तलाश कर उन्हें तबाह करने के लिए सेना को गाइड करने का काम करता है.
  • यह तेज गति, स्वचालित और दुश्मन की सटीक लोकेशन बताने वाले मोर्टारों, गोला-बारूदों और राकेटों से लैस है. इसकी मारक क्षमता 50 किलोमीटर रेंज की है.
  • इस रडार सिस्टम की अहमियत सीमा पार गोलीबारी वाले क्षेत्रों में भी होती है. इस स्वदेशी रडार प्रणाली को भारतीय सेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है.

तटीय सुरक्षा मजबूत करने के लिए गश्ती पोत ‘वज्र’ का जलावतरण किया गया

भारतीय गश्ती पोत ‘‘यार्ड 45006 वज्र’’ (OPV) को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है. परिवहन मंत्री मनसुख मांडविया की मौजूदगी में 27 फरवरी को चेन्नई के कट्टूपल्ली बंदरगाह पर इस पोत का औपचारिक रूप से जलावतरण किया गया.

यह भारतीय नौसेना का छठा गश्ती पोत है. इस पोत का इस्तेमाल दिन और रात निगरानी के साथ-साथ विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में आतंकवाद-रोधी/तस्करी विरोधी अभियानों के साथ-साथ तटीय सुरक्षा के लिए भी किया जाएगा.

यार्ड 45006 वज्र: एक दृष्टि

  • केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ के अभियान के तहत ‘लार्सन एंड टुब्रो’ द्वारा निर्माण किए जाने वाले सात पोत की श्रृंखला में ‘यार्ड 45006’ छठा पोत है.
  • यह उन्नत किस्म की नौवहन और संचार प्रणाली से लैस है. इसके साथ ही इसमें नयी मशीनरी और उपकरणों का इस्तेमाल हुआ है. ऐसे में इससे लगातार निगरानी की जा सकेगी.
  • OPV में अल्ट्रा-आधुनिक तकनीक के साथ दो नेविगेशन रडार, अत्याधुनिक नेविगेशनल और नवीनतम संचार प्रणाली होगी.

22वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी गयी, विधि आयोग संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22वें विधि आयोग (22nd Law Commission) के गठन को मंजूरी दी है. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 19 फरवरी को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में दी गई. यह आयोग सरकार को जटिल कानूनी मुद्दों पर सलाह देगा. इस का कार्यकाल तीन वर्ष होगा.

22वें विधि आयोग में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष, चार पूर्णकालिक सदस्य और पदेन सदस्य के रूप में विधि मंत्रालय के विधायी विभाग सचिव पदेन सदस्य के रूप में होंगे. इसमें अधिकतम पांच अंशकालिक सदस्य भी होंगे.

21वां विधि आयोग

21वें विधि आयोग का कार्यकाल 31 अगस्त 2018 को समाप्त हुआ था. जस्टिस बीएस चौहान (सेवा निवृत्त) इस आयोग के अध्यक्ष थे. 21वें विधि आयोग ने जो अनुसंशा की थी, उनमें लोकसभा और विधानसभा का चुनाव साथ-साथ कराने तथा समान नागरिक संहिता शामिल है.

विधि आयोग: एक दृष्टि

  • विधि आयोग भारत सरकार द्वारा समय-समय पर गठित एक गैर-सांविधिक निकाय है.
  • मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद विधि मंत्रालय आयोग के गठन संबंधी अधिसूचना जारी करता है.
  • विधि आयोग का कार्य किसी न्याय-प्रणाली में कानूनों की स्थिति की समीक्षा करना तथा कानूनों में सुधार की शिफारिश करना है.
  • आयोग का कार्यकाल अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से तीन साल तक के लिए होता है.
  • अब तक गठित 21 विधि आयोगों ने 277 रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं.
  • आम तौर पर सुप्रीम कोर्ट के अवकाश प्राप्त जज अथवा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इस आयोग के अध्यक्ष होते हैं.

विधि आयोग का संक्षिप्त इतिहास

पहली बार विधि आयोग 1833 के चार्टर ऐक्ट के अंतर्गत 1834 में गठित किया गया था. इस समय भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन था. लार्ड मैकाले ने ब्रिटिश संसद में भारत के लिए विधि आयोग के गठन पर बल दिया था. मैकाले इस आयोग अध्यक्ष थे.

भारत की स्वतंत्रता के बाद प्रथम विधि आयोग का गठन 5 अगस्त 1955 को भारतीय संसद में हुई थी. श्री मोतीलाल चिमणलाल सेटलवाड इस आयोग के अध्यक्ष थे. उनके अतिरिक्त 10 अन्य सदस्य थे. स्वतन्त्र भारत में अब तक 22 विधि आयोग बन चुके हैं.

उच्‍चतम न्‍यायालय ने महिला अधिकारियों को सेना में स्‍थाई कमीशन दिया जाने का निर्देश दिया है


उच्‍चतम न्‍यायालय ने महिला अधिकारियों को भी पुरुष अधिकारियों की तरह सेना में स्‍थाई कमीशन दिया जाने का निर्देश दिया है. 17 फरवरी को सुनाये अपने फैसले में न्यायलय ने केन्‍द्र सरकार को तीन महीने के भीतर उन सभी महिला अधिकारियों को स्‍थाई कमीशन दिये जाने का आदेश दिया जिन्‍होंने इसका विकल्‍प चुना है. न्‍यायालय ने कहा कि महिला अधिकारियों को कमान तैनाती दिये जाने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं होगा.

महिलाओं को तैनाती से वंचित रखना समानता के अधिकार के विरूद्ध

न्‍यायमूर्ति डीवाई चन्‍द्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने सरकार के इस तर्क को अस्वीकार कर दिया कि महिलाओं को स्‍थाई कमीशन अथवा कमान तैनाती न दिया जाना मनोवैज्ञानिक सीमाओं और सामाजिक व्‍यवस्‍था के तहत है. अदालत ने कहा कि महिलाओं को इस तरह की तैनाती से वंचित रखना गैर-तार्किक तथा समानता के अधिकार के विरूद्ध है.

दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय के फैसले को सही माना

उच्‍चतम न्‍यायालय ने महिला अधिकारियों को स्‍थार्इ कमीशन की अनुमति के दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय के 2010 के फैसले पर कोई रोक नहीं लगायी है. दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय ने 2010 में शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत सेना में आने वाली महिलाओं को सेवा में 14 साल पूरे करने पर पुरुषों की तरह स्थायी कमिशन देने का आदेश दिया था. इस फैसले के खिलाफ रक्षा मंत्रालय ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.

चुनाव लड़ने वाले उम्‍मीदवारों पर आपराधिक मुकदमों का ब्‍यौरा सार्वजानिक करने का निर्देश

उच्‍चतम न्‍यायालय ने राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने वाले उम्‍मीदवारों पर लम्बित आपराधिक मुकदमों का ब्‍यौरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया है. राजनीति के अपराधीकरण के मुद्दे से जुड़ी अवमानना याचिका की सुनवाही करते हुए न्‍यायालय ने यह निर्देश दिए.

निर्वाचन आयोग को सूचना देने के निर्देश

न्‍यायालय ने राजनीतिक दलों से आपराधिक मुकदमों का सामना कर रहे उम्‍मीदवार को चुनाव में उतारने का फैसला करने के 72 घंटों के अन्‍दर निर्वाचन आयोग को सूचना देने के निर्देश का अनुपालन करने संबंधी रिपोर्ट भी मांगी है.

राजनीति के अपराधीकरण में चिन्‍ताजनक वृद्धि

अपने आदेश में न्‍यायमूर्ति एफ नरीमन की पीठ ने कहा कि ऐसा लगता है कि लोकसभा के पिछले चार चुनावों के दौरान राजनीति के अपराधीकरण में चिन्‍ताजनक स्‍तर तक वृद्धि हुई है.

कारण बतायें कि ऐसे उम्‍मीदवारों का चुनाव क्‍यों किया

न्‍यायालय ने राजनीतिक दलों को यह भी निर्देश दिया कि वे अपनी वेबसाइट पर कारण बतायें कि ऐसे उम्‍मीदवारों का चुनाव क्‍यों किया गया है, जिन के खिलाफ आपराधिक मुकदमे लम्बित हैं. राजनीतिक दलों को फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया तथा एक स्‍थानीय भाषा और एक राष्‍ट्रीय अखबार में भी यह ब्‍यौरा प्रकाशित कराने का निर्देश दिया गया है.

DRDO सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रनाश मिसाइल का विकास कर रहा है

रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (DRDO) भारत की थल और वायु सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रनाश मिसाइल का विकास कर रहा है. 200 किमी रेंज की इस टैक्टिकल बैलेस्टिक मिसाइल को पारंपरिक वारहैड से लैस किया जा सकेगा. यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने के लिए यह ठोस ईंधन का उपयोग करती है.

प्रनाश, प्रहार का आधुनिक प्रारूप

प्रनाश को प्रहार मिसाइल का आधुनिक रूप माना जा रहा है. प्रहार की क्षमता 150 किमी दूरी तक वार करने की है. इसे भी टेक्टिकल मिशन के लिए DRDO द्वारा विकसित किया जा रहा है.

निर्यात के लिए अन्तर्राष्ट्रीय प्रावधान के अनुरूप

प्रनाश मिसाइल की रेंज मिसाइलों को बेचने के लिए तय अन्तर्राष्ट्रीय प्रावधान के अनुरूप है. अगले दो वर्ष में प्रनाश का ट्रायल शुरू किया जा सकता है. इस दौरान इसके सिंगल स्टेज सॉलिड प्रोपलेंट प्रारूप को मित्र देशों को निर्यात के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा.

भारतीय सेना दुनिया में पहला बुलेट-प्रूफ बैलिस्टिक हेलमेट का निर्माण किया

सेना की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना के मेजर अनूप मिश्रा ने एक बुलेट-प्रूफ बैलिस्टिक हेलमेट का निर्माण किया है. यह दुनिया में पहला ऐसा बुलेटप्रूफ हेलमेट है जो 10 मीटर की दूरी से AK-47 से चलाई गई गोली को रोक सकता है. इससे पहले अनूप मिश्रा ने बुलेट-प्रूफ जैकेट का निर्माण किया था जो स्नाइपर राइफल की गोलियों से सुरक्षा प्रदान कर सकती है.

अनूप मिश्रा द्वारा ‘अभेद प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत बनाया गया

बैलिस्टिक हेलमेट को मेजर अनूप मिश्रा द्वारा ‘अभेद प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत बनाया गया है. इसी के तहत फुल बॉडी प्रोटेक्शन बुलेटप्रूफ जैकेट भी विकसित किया गया था. अनूप मिश्रा भारतीय सेना के कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (CME) के लिए काम करते हैं. स्वदेशी सर्वत्र बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने पर तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने मेजर मिश्रा को आर्मी डिजाइन ब्यूरो एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया था.

पुणे की कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (CME), एक प्रमुख सामरिक और तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान कोर ऑफ इंजीनियर्स की मातृ संस्था है. CME कॉम्बैट इंजीनियरिंग, CBRN प्रोटेक्शन, वर्क्स सर्विसेज और GIS मामलों में सभी शस्त्र और सेवाओं के कर्मियों को निर्देश देने के अलावा इंजीनियरों के कोर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए भी जिम्मेदार है.

मंत्रिमंडल ने ‘चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020’ को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जनवरी को ‘चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020’ को मंजूरी दी. इसके अंतर्गत गर्भपात अधिनियम-1971 में संशोधन की व्‍यवस्‍था की गई है. विधेयक में गर्भपात कराने की अधिकतम अवधि 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है. यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा.

विधेयक में गर्भावस्था के 20 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए एक चिकित्सक की राय और 20 से 24 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए दो चिकित्सकों की राय लेना अनिवार्य करने का प्रस्‍ताव है. दो चिकित्‍सकों में से एक सरकारी चिकित्‍सक होना जरूरी है.

‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन

71वें गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक रूप से समापन नई दिल्‍ली के विजय चौक पर ‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ हो गया. गणतंत्र दिवस समारोह 26 से 29 जनवरी तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस अवसर पर मुख्‍य समारोह दिल्ली में राजपथ पर आयोजित किया गया था. यहां हर साल की तरह देश की संस्कृति को दिखाने वाली झाकियों के साथ भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था. राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड की सलामी ली थी.

बीटिंग द रिट्रीट एक सैन्य परंपरा है

बीटिंग द रिट्रीट सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जब सूर्यास्त होने पर सेना युद्ध बंद कर देती थी. जैसे ही बिगुल वादक समापन की धुन बजाते थे सैनिक युद्ध बंद कर देते थे और अपने शस्त्रास्त्र समेट कर युद्ध के मैदान से लौट जाते थे. इसी को ध्यान में रखते हुए समापन धुन बजाने के दौरान अविचल खड़े रहने की परंपरा आज तक कायम है. समापन पर ध्वज और पताकाएं खोलकर रख दी जाती हैं और झंडे उतार दिये जाते हैं.

बीटिंग द रिट्रीट का इतिहास

बीटिंग द रीट्रीट कार्यक्रम 1950 के शुरूआती दशक से चला आ रहा है. जब भारतीय सेना के मेजर रोबर्ट्स ने स्वदेशी तर्ज पर सामूहिक बैंड के प्रदर्शन का अनोखा समारोह प्रस्तुत किया था. समय के साथ ही यह राष्ट्रीय स्वाभिमान प्रदर्शित करने वाला कार्यक्रम बन गया है.