उच्चतम न्यायालय ने वाट्सएप, ईमेल और फैक्स से समन भेजने की इजाजत दी

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने वाट्सएप, ईमेल और फैक्स से लगभग सभी कानूनी प्रक्रियाओं के लिए अनिवार्य समन और नोटिस भेजने की इजाजत दे दी है. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई में पीठ ने फोन मैसेंजर सेवाओं के माध्यम से उसी दिन नोटिस और समन भेजे जाने की इजाजत दी. इस पीठ में जस्टिस एएस बोपन्ना और आर सुभाष रेड्डी भी शामिल हैं,

पीठ ने वाट्सएप को विशेष रूप से प्रभावी सेवा के रूप में नामित करने के अटॉर्नी जनरल के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया. पीठ ने कहा, दो नीले निशान बताएंगे कि प्राप्तकर्ता ने नोटिस देख लिया है.

प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत नवाचार चुनौती का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में स्तरीय ऐप विकसित करने के लिये ‘आत्मनिर्भर भारत नवाचार चुनौती’ (AatmaNirbhar Bharat Innovate Challenge) का शुभारंभ किया है. इसका उद्देश्य स्टार्ट-अप और तकनीकी क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना तथा भारतीय ऐप निर्माताओं और नवाचारों को प्रोत्साहित करना है.

मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने लोगों और प्रौद्योगिकी से जुड़े समुदाय से आत्मनिर्भर भारत नवाचार चुनौती में भाग लेने का आग्रह किया. यह चुनौती दो स्तरों पर आयोजित होगी- मौजूदा ऐप का संवर्धन और नये ऐप का विकास.
  • ई-लर्निंग, वर्क फ्रॉम होम, गेमिंग, बिज़नस, मनोरंजन, कार्यालय संबंधी कार्य और सोशल नेटवर्किंग के लिये मौजूदा ऐप को बढ़ावा देने और नये ऐप विकसित करने के लिये सरकार आवश्यक सहयोग उपलब्ध करेगी.
  • इस चुनौती के नतीजे मौजूदा ऐप को बेहतर बनाने और लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करेंगे. भारतीय ऐप्स में विश्व स्तरीय बनने की क्षमता है.
  • उन्होंने कहा कि भारत और विश्व की अनेक समस्‍याओं के समाधान के लिये नये ऐप विकसित किये जाने की असीम संभावना है.
  • भारत के पास प्रौद्योगिकी और स्टार्ट-अप के अनुकूल पारिस्थितिकीय तंत्र है और इनके लिये भारतीय बाजारों में भी अपार क्षमता है.

प्रधानमंत्री ने लद्दाख की यात्रा कर मौजूदा रक्षा तैयारियों का जायजा लिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को लद्दाख की यात्रा कर मौजूदा रक्षा तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने लेह में सेना, वायुसेना और ITBP के जवानों को संबोधित किया. इस दौरे में उनके साथ प्रमुख रक्षा अध्‍यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत और सेना अध्‍यक्ष मनोज मुकुन्‍द नरवणे भी थे.

चीन के साथ तनाव के बीच निमू में अग्रिम चौकी पर मौजूद वरिष्‍ठ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को मौजूदा स्थिति की जानकारी दी. करीब 11 हजार फुट की उंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम क्षेत्रों में शामिल है. यह क्षेत्र जन्‍सकार रेंज से घिरा है और सिन्‍धु नदी के तट पर है. प्रधानमंत्री ने एक बार फिर गलवान घाटी में बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.

रिनपोछे की चर्चा: एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बकुला रिनपोछे की चर्चा की. उन्होंने कहा कि लद्दाख ने कुशल बकुला रिनपोछे जैसे महान राष्ट्रभक्त देश को दिये हैं.
  • 19वें कुशक बकुला रिनपोछे कुशक बकुला रिनपोछे के अवतार माने जाते हैं. उनका जन्म 19 मई, 1917 को लेह (लद्दाख) में हुआ था. वे लद्दाख के सर्वाधिक प्रसिद्ध लामाओं में से एक थे.
  • रिनपोछे भारत के अन्तर्राष्ट्रीय राजनयिक भी थे. उन्होने मंगोलिया एवं रूस में बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान के लिये उल्लेखनीय योगदान दिया था.
  • 1922 में 13वें दलाई लामा ने उन्हें 19वाँ कुशक बकुला घोषित किया. तिब्बत की राजधानी ल्हासा के द्रेपुंग विश्वविद्यालय में उन्होंने 14 वर्ष तक बौद्ध दर्शन का अध्ययन किया था.
  • 1947-48 में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण कर दिया. श्री रिम्पोछे ने भारतीय सेना के साथ मिलकर इसे विफल किया और लद्दाख को बचा लिया था.

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना का नवम्‍बर तक के लिए विस्‍तार किया गया

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना का नवम्‍बर 2020 तक के लिए विस्‍तार किया गया है. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 30 जून को राष्‍ट्र को सम्‍बोधित करते हुए किया.

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना के तहत देशभर में 80 करोड जरूरतमंद लोगों को अब नवम्‍बर 2020 तक मुफ्त राशन दिया जायेगा.

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना

इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों के हर सदस्‍य को हर महीने पांच किलोग्राम गेहूं या चावल और एक किलोग्राम चना मुफ्त उपलब्‍ध कराया जाता है. इस योजना को नवम्‍बर तक बढ़ाने पर सरकार को 90 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च करनी होगी. कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद इस योजना शुरू की गयी थी.

प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • पिछले तीन महीनों में करीब बीस करोड़ गरीब लोगों के जनधन खातों में 31 हजार करोड रुपए अंतरित किए गए हैं.
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए भेजे गए हैं.
  • गरीबों को रोजगार उपलब्‍ध कराने के लिए चलाए जा रहे प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं.
  • आज देश एक-राष्‍ट्र, एक-राशन कार्ड की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिससे रोजगार के लिए एक राज्‍य से दूसरे राज्‍य में जाने वाले गरीब मजदूरों को बड़ा फायदा होगा.

बैंकिंग विनियमन संशोधन अध्‍यादेश, 2020 लागू, सहकारी बैंक RBI की निगरानी में

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 27 जून को बैंकिंग विनियमन संशोधन अध्‍यादेश, 2020 को मंजूरी दे दी. इस अध्‍यादेश के जरिए बैंकिंग विनियमन अधिनियम (Banking Regulation Act), 1949 में संशोधन किया गया है.

अध्‍यादेश के तहत खाताधारकों के हितों की रक्षा और प्रशासन में सुधार से सहकारी बैंकों को मजबूत करने के प्रावधान किये गए हैं. इसके साथ ही, सहकारी बैंकों के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौजूदा शक्तियों का भी विस्‍तार किया गया है.

अध्‍यादेश के लागू हो जाने के बाद देश के 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंक RBI की निगरानी (सुपरवाइजरी पॉवर्स) के अंतर्गत आ जाएंगे. अब RBI की शक्तियां जैसे कि अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही अब सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी.

अध्यादेश (Ordinance) क्या होता है?

  • संविधान के अनुच्छेद 123 के अनुसार अध्यादेश ऐसा कानून हैं जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी से लागू किया जाता है.
  • अध्यादेश तभी जारी किया जाता है जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है. इसका प्रभाव संसद द्वारा बनाए गए कानून के बराबर ही होती है और यह तत्काल लागू हो जाता है, परंतु ये अल्पकालिक होती हैं.
  • अध्यादेश को मान्य रहने के लिए अधिकतम 6 महीने के अन्दर संसद के दोनों सदनों में पारित करना आवश्यक है. अगर संसद अध्यादेश को पारित कर देती है, तो वह अधिनियम (Act) बन जाता है.

भारतीय नौसेना ने स्वदेशी एंटी-टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम ‘मारीच’ को शामिल किया

भारतीय नौसेना ने 26 जून को एक उन्नत एंटी-टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम ‘मारीच’ (Maareech) को शामिल किया. मारीच के शामिल किये जाने से भारतीय नौसेना के पनडुब्बी विरोधी युद्ध क्षमताओं में वृद्धि होगी.

मारीच का विकास स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी से किया गया है. यह सरकार की ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल और उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के संकल्प को भी व्यक्त करता है.

एंटी-टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम ‘मारीच’: एक दृष्टि

  • यह टॉरपीडो युद्धपोतों या जहाजों के सभी मोर्चों से गोला दागे जाने में सक्षम है.
  • यह एंटी-टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम को नौसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा मिलकर बनाया गया है.
  • इस डिकॉय सिस्टम का उत्पादन कार्य भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) करेगा.
  • यह आने वाले टॉरपीडो को खोजने, उसकी स्थिति का पता लगाने और बेअसर करने में सक्षम है.

अंतरिक्ष, बैंकिंग और पशुपालन क्षेत्रों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये

सरकार ने अंतरिक्ष, बैंकिंग और पशुपालन क्षेत्रों में सुधार के लिए हाल ही में कई निर्णय लिए हैं. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 24 जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गये. इसकी जानकारी परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी.

अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी

सरकार ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एतिहासिक सुधारों को लागू करते हुए अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी दी है. यह फैसला देश को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए किया गया है.

सरकार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रभावी सामाजिक-आर्थिक उपयोग के लिए ‘भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकार केंद्र’ (IN-SPACe) का गठन करेगी. IN-SPACe, Indian National Space Promotion and Authorization Centre का संक्षिप्त रूप है.

सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों को नया रूप देकर इसे आपूर्ति आधारित मॉडल से मांग आधारित मॉडल में बदलेगा.

पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष की शुरुआत

एक और महत्त्वपूर्ण निर्णय में सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये के ‘पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष’ (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund) की शुरुआत की. इस कोष के तहत देश में पशुपालन, डेयरी और पशुधन संबंधी उद्यमों का विकास किया जायेगा. इसका उद्देश्य देश में करीब 35 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है.

पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष के तहत बैंक संबंधित क्षेत्रों में उद्यम शुरू करने के लिए 90 प्रतिशत तक ऋण देंगे. सरकार ने इस योजना के तहत सभी ऋण के लिए ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की है.

सहकारी बैंकों को RBI की निगरानी में लाने के लिए अध्यादेश

सरकार ने सभी सहकारी बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की निगरानी में लाने के लिए एक अध्यादेश लाने का निर्णय किया. अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देश के 1,482 शहरी सहकारी बैंक और 58 बहु-राज्य सहकारी बैंक RBI की निगरानी (सुपरवाइजरी पॉवर्स) के अंतर्गत आ जाएंगे.

यह अध्यादेश इन बैंकों में जमाकर्ताओं की राशि को सुरक्षित रखने का आश्वासन देने के लिए किया गया है. अब RBI की शक्तियां जैसे कि अनुसूचित बैंकों पर लागू होती हैं, वैसे ही अब सहकारी बैंकों के लिए भी लागू होंगी.

रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक, राष्ट्र सुरक्षा परिषद सीट के लिए भारत का समर्थन

रूस, भारत और चीन (RIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक 23 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के (वर्चुअल) माध्यम आयोजित की गयी. इस त्रिपक्षीय बैठक की मेजबानी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ द्वारा की गयी.

इस बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र के संभावित सुधारों पर चर्चा हुई. बैठक में रुसी विदेश मंत्री ने संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत के दावे का समर्थन किया.

बैठक में विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय कानून का सम्‍मान, सहयोगी देशों के वैध हितों का ध्‍यान, बहुपक्षवाद को समर्थन और साझा हितों को बढावा देना ही टिकाऊ विश्‍व व्‍यवस्‍था कायम करने का एकमात्र तरीका है.

डॉ. जयशंकर ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र 50 सदस्‍यों के साथ शुरू हुआ था और आज 193 देश इसके सदस्‍य हैं. इसलिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के निर्णय लेने की प्रक्रिया को पहले की तरह जारी नहीं रखा जा सकता.

भारतीय विदेश मंत्री ने तत्‍कालीन राजनीति परिस्थितियों में भारत को उचित सम्‍मान नहीं जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अन्‍याय पिछले 75 वर्ष में भी ठीक नहीं किया गया, जबकि दुनिया पूरी तरह बदल चुकी है. इसलिए विश्‍व के लिए यह महत्‍वपूर्ण है कि भारत के योगदान का सम्‍मान किया जाए और अतीत की भूल सुधारी जाए.

द्वारकानाथ कोटनिस के योगदान को याद किया गया

विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन को भारतीय चिकित्सक द्वारकानाथ कोटनिस के योगदान के बारे में याद दिलाया. 1938 में जापान-चीन युद्ध के समय द्वारकानाथ कोटनिस के नेतृत्व में भारतीय मेडिकल मिशन ने बिना किसी नींद के 72 घंटे तक ऑपरेशन किया था. इस मिशन द्वारा 800 से अधिक घायल चीनी सैनिकों का इलाज किया गया था.

महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य स्तर में सुधार के लिए जया जेटली की अध्यक्षता में कार्यदल का गठन

केंद्र सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय ने देश में महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य तथा पोषण स्तर में सुधार के लिए 6 जून को एक कार्यदल का गठन किया है. इसकी प्रमुख जया जेटली होंगी. यह दल अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई तक सौंपेगा. वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने 2020-2021 के बजट में महिलाओं के लिए एक कार्यदल बनाने की घोषणा की थी.

यह कार्यदल शिशु मृत्‍यु दर, मातृ मृत्‍यु दर, कुल प्रजनन दर, जन्‍म लेने वाले शिशुओं और बच्चों में बालक-बालिका के अनुपात और स्‍वास्‍थ्‍य तथा पोषण से संबंधित अन्‍य मुद्दों पर विचार करेगा. यह महिलाओं में उच्‍च शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय भी सुझाएगा. यह दल इन विषयों से संबंधित विधायी उपायों और मौजूदा कानूनों में संशोधन के बारे में सुझाव देगा.

वायुसेना ने LCA तेजस के साथ नए स्‍क्‍वाड्रन ‘फ़्लाइंग बुलेट्स’ का शुभारंभ किया

वायुसेना ने हल्‍के लड़ाकू विमान LCA तेजस के साथ अपने नए स्‍क्‍वाड्रन नंबर-18 ‘फ़्लाइंग बुलेट्स’ के संचालन का शुभारंभ किया. वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कोयम्‍बटूर के निकट सुलूर वायुसेना अड्डे में इसकी शुरूआत की.

फ़्लाइंग बुलेट्स आधुनिक बहुउद्देश्‍यीय लड़़ाकू विमान LCA तेजस के साथ संचालित होने वाली वायुसेना की दूसरी स्‍क्‍वाड्रन के रूप में काम करेगी. तेजस के साथ संचालित पहली स्‍क्‍वाड्रन का नाम नंबर-45 ‘फ़्लाइंग डैगर्स’ है जिसका मुख्‍यालय भी सुलूर वायुसेना अड्डा ही है.

नम्‍बर-18 स्‍क्‍वाड्रन

नम्‍बर-18 स्‍क्‍वाड्रन का गठन 1965 में हुआ था और श्रीनगर से संचालित और वहां उतरने वाला यह पहला स्‍क्‍वाड्रन था. इस स्‍क्‍वाड्रन से कुछ सैनिकों को 1971 में पाकिस्‍तान के साथ युद्ध के दौरान परमवीर चक्र से सम्‍मानित किया गया था. इस स्‍क्‍वाड्रन को इस वर्ष सुलूर बेस में 1 अप्रैल से फिर शुरू किया गया है.

LCA तेजस

यह देश में ही निर्मित LCA तेजस चौथी पीढ़ी का लडाकू विमान है. इसे हिंदुस्‍तान एरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया. LCA तेजस हल्‍के लड़ाकू विमान को सभी मानकों के साथ पूर्ण संचालन की मंजूरी मिल गयी है.

इस विमान में फ्लाई बाई वायर उड़ान नियंत्रित प्रणाली, एकीकृत डिजिटल वैमानिकी और बहुआयामी रडार प्रणाली है. इस सुपरसोनिक लड़ाकू विमान को अपनी तरह का सबसे हल्‍का और सबसे छोटा विमान माना जा रहा है.

अधीर रंजन चौधरी संसद के लोक लेखा समिति के अध्यक्ष चुने गए

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को संसद की लोक लेखा समिति (Parliament’s public accounts committee-PAC) के पुनः अध्यक्ष चुने गये हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों की राय से उन्हें इस समिति का अध्यक्ष चुना है. परंपरा के तौर पर इस समिति के अध्यक्ष का पद विपक्षी दल के नेता को दिया जाता रहा है.

अध्यक्ष सहित इस समिति में लोकसभा और राज्यसभा के 20 सदस्य चुने गए हैं. इनमें लोकसभा से 15 और राज्यसभा से 5 सदस्य शामिल हैं. समिति का कार्यकाल 1 मई 2020 से 30 अप्रैल 2021 तक रहेगा.

क्या है लोक लेखा समिति (PAC)?

  • लोक लेखा समिति (PAC) का काम सरकारी खर्चों के खातों की जांच करना है. जांच का आधार नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट होती है.
  • PAC की रिपोर्टों में सिफारिशें होती हैं जो तकनीकी रूप से सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं होतीं. लेकिन, उन्हें गंभीरता से लिया जाता है और सरकार संसद में कार्रवाई नोट्स भी रखती है.
  • PAC संसद की सबसे पुरानी समिति है. इस समिति का प्रावधान 1921 में भारत सरकार अधिनियम 1919 में किया गया था.
  • PAC का कार्यकाल 1 वर्ष का होता है. PAC के अध्यक्ष का चयन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा विपक्षी दलों की राय से किया जाता है. इस समिति में अधिकतम 22 सदस्य हो सकते हैं.

‘महामारी रोग अधिनियम 1897’ में संशोधन के लिए अध्यादेश

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘महामारी रोग अधिनियम 1897’ (The Epidemic Diseases Act of 1897) में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया है. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 22 अप्रैल को हुई मंत्रीमंडल की बैठक में लिया गया. इस संशोधन अध्यादेश में स्वास्थ्य-कर्मियों पर हमला गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है. यानी थाने से आरोपी को जमानत नहीं मिल सकेगी.

स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले के आरोपियों को पांच लाख रुपये तक जुर्माना और सात तक की सजा हो सकती है. ऐसे मामले की जांच वरिष्ठ इंस्पेक्टर के स्तर पर 30 दिन में पूरा करने और एक साल के भीतर अदालत में इसकी सुनवाई पूरी कर फैसला का प्रावधान कर दिया गया है.

महामारी रोग अधिनियम 1897 क्या है?

  • भारत में महामारी से निपटने के लिए ‘महामारी अधिनियम (एक्ट) 1897’ लागू किया गया था. इस कानून को अंग्रेजों के जमाने में उस समय लागू किया गया था जब भूतपूर्व बंबई स्टेट में बूबोनिक प्लेग ने महामारी का रूप लिया था. इस अधिनियम की चार धाराएं हैं.
  • इस अधिनियम का उपयोग उस समय किया जाता है, जब किसी भी राज्य या केंद्र सरकार को इस बात का विश्वास हो जाए कि राज्य व देश में कोई खतरनाक बीमारी प्रवेश कर चुकी है और समस्त नागरिकों में फैल सकती है.
  • 123 साल पुराने इस कानून में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हिंसक वारदातों के लिए सजा का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था. इस कानून की धारा 3 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति इस दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता है तो भारतीय दंड संहिता की (IPC) धारा 188 के तहत सजा देने की बात कही गई थी.
  • संपूर्ण भारत में यह अधिनियम पहली बार COVID-19 से बचने के लिए मार्च 2020 में लागू किया गया. सन 1959 में हैजा के प्रकोप को देखते हुए उड़ीसा सरकार ने यह अधिनियम लागू किया था.