फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने अपने पद से इस्तीफा दिया

फ्रांस के प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप (Edouard Philippe) ने 3 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. देश के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों द्वारा सरकार में फेरबदल की संभावनाओं के बीच उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है. यह फेरबदल ऐसे समय में किया जाएगा, जब कुछ दिन पहले स्थानीय चुनावों में मैक्रों की पार्टी को फ्रांस के बड़े शहरों में हार का सामना करना पड़ा था.

राष्ट्रपति मैक्रों अपने कार्यकाल के अंतिम दो साल में कोरोना वायरस संकट से बुरी तरह प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.

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अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच एक नया मुक्त व्यापार समझौता लागू हुआ

अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच एक नया मुक्त व्यापार समझौता (United States–Mexico–Canada Agreement) 1 जुलाई, 2020 से लागू हो गया. तीनों देशों ने मैक्सिको सिटी में 10 दिसम्बर को इस समझौते पर हस्ताक्षर किया थे, जिसे संबंधित देशों की संसद ने अनुमोदित किया था.

अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा नया मुक्त व्यापार समझौता (USMCA)

USMCA दो साल से अधिक समय तक चली सघन बातचीत के बाद हुआ था. यह नया समझौता 25 साल पुराने उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) का स्थान लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने NAFTA को भेद-भाव पूर्ण बताया था.

USMCA में श्रम सुधार, पर्यावरण संबंधी मसलों की निगरानी आदि को कठोर बनाने के प्रावधान शामिल किये गये हैं. इसमें औषधियों के सस्ते जेनेरिक संस्करणों की राह में बाधा बनने वाले प्रावधानों को भी दूर करने के उपाय किये गये हैं.

उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) क्या है?

NAFTA, उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (North American Free Trade Agreement का संक्षिप्त रूप है. यह एक व्यापार समझौता था जो मेक्सिको, कनाडा और अमेरिका के बीच 1 जनवरी, 1994 से प्रभाव में आया था. इस संधि का उद्देश्य उपरोक्त तीन उत्तर अमेरिकी देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना था.

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मलावी राष्ट्रपति चुनाव में लाजर मैकार्थी चकवेरा ने जीत हासिल की

मलावी में हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दल मलावी कांग्रेस पार्टी (MCP) के नेता लाजर मैकार्थी चकवेरा (Lazarus Chakwera) ने जीत हासिल की है. यहाँ न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद दोबारा चुनाव कराए गए थे. मौजूदा राष्ट्रपति पीटर मुथारिका (Peter Mutharika) ने दोबारा चुनाव कराने के अदालत के निर्णय को मलावी के इतिहास में सबसे खराब करार दिया था.

दक्षिण अफ्रीकी देश मलावी में मई 2019 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में व्यापक अनियमितताओं के आरोपों के कारण यहाँ महीनों से में प्रदर्शन जारी था. यहाँ की संवैधानिक न्यायालय के दोबारा चुनाव करने का निर्देश दिया था. जिसमे लाजर मैकार्थी चकवेरा ने चकवेरा ने 58 प्रतिशत मत (26 लाख वोट) के साथ चुनाव में जीत हासिल की. मौजूदा राष्ट्रपति मुथारिका को 17 लाख वोट मिले.

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माइकल मार्टिन आयरलैंड के नये प्रधानमंत्री चुने गये, लियो वराडकर का इस्तीफा

माइकल मार्टिन को आयरलैंड का नया प्रधानमंत्री चुना गया है. आयरलैंड की संसद के निचले सदन की विशेष बैठक में 27 जून को डबलिन में हुए मतदान में उन्हें प्रधानमंत्री चुना गया. मार्टिन के पक्ष में 93 मत जबकि उनके खिलाफ 63 मत डाले गये.

माइकल मार्टिन आयरलैंड के राजनीतिक दल ‘फियाना फाल पार्टी’ के नेता हैं. आयरिश संसद के वर्तमान निचले सदन में कुल 160 सीटें हैं. फियाना फाल पार्टी के सभी 84 सांसदों, फाइन गेल और ग्रीन पार्टी के संयुक्त गठबंधन ने श्री मार्टिन को नए प्रधानमंत्री के रूप में अपने नामांकन के लिए मतदान किया था.

भारतीय मूल के लियो वराडकर उप-प्रधानमंत्री होंगे

इससे पहले आयरलैंड के प्रधानमंत्री भारतीय मूल के लियो वराडकर ने माइकेल मार्टिन के साथ ऐतिहासिक गठबंधन समझौते के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

समझौते के तहत नई सरकार में लियो वराडकर उप-प्रधानमंत्री होंगे और दो साल बाद फिर से प्रधानमंत्री के पद पर वापस आ जाएंगे. वराडकर आयरलैंड के राजनीतिक दल ‘फाइन गेल पार्टी, के नेता हैं.

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FATF की वर्चुअल बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की वर्चुअल (विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से) बैठक 21-24 जून को आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्यक्षता चीन ने की थी.

पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में रखने का निर्णय

बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. लश्कर-ए-तय्यबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों के आर्थिक स्रोतों को समाप्त करने में पाकिस्तान की नाकामी को देखते हुए, संस्था ने यह फैसला लिया. इस फैसले के बाद, अब पाकिस्तान को अक्तूबर 2020 में होने वाली FATF की अगली बैठक तक निगरानी सूची में ही रहना होगा.

उल्लेखनीय है कि चार बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है. FATF ने इससे पहले अक्टूबर 2019, जून 2019 और फरवरी 2020 में हुई बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था.

FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होगी.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

Argentina, Australia, Austria, Belgium, Brazil, Canada, China, Denmark, European Commission, Finland, France, Germany, Greece, Gulf Co-operation Council, Hong Kong, China, Iceland, India, Ireland, Israel, Italy, Japan, Republic of Korea, Luxembourg, Malaysia, Mexico, Netherlands, New Zealand, Norway, Portugal, Russian Federation, Singapore, South Africa, Spain, Sweden, Switzerland, Turkey, United Kingdom, United States and Saudi Arabia

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

चीन

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अमेरिकी सेना में पहली बार वायुसेना प्रमुख के रूप में किसी अश्वेत को नियुक्त किया गया

अमेरिका में वायुसेना के चीफ ऑफ स्टाफ पद पर जनरल चार्ल्स ब्राउन जूनियर को नियुक्त किया गया है. उपराष्ट्रपति माइक पेंस की अध्यक्षता में अमेरिकी सीनेट ने उनकी नियुक्ति की 9 जून को सर्वसम्मति से पुष्टि की. अमेरिकी सेना में पहली बार किसी अश्वेत को वायुसेना प्रमुख बनाया गया है.

जनरल चार्ल्स ब्राउन देश की सैन्य सेवाओं में से एक का नेतृत्व करने वाले पहले अश्वेत अधिकारी हैं. ब्राउन हाल ही में अमेरिका प्रशांत वायु सेना के कमांडर रह चुके हैं. वह लड़ाकू विमान पायलट हैं और उनके पास 2,900 घंटे से अधिक समय तक विमान उड़ाने का अनुभव है. ब्राउन 1984 में वायु सेना में शामिल हुए.

अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद प्रदर्शन

जनरल ब्राउन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद हिंसक प्रदर्शनों का सामना कर रहा है. फ्लॉयड की 25 मई को मिनियापोलिस में पुलिस हिरासत में मौत के बाद नस्ली भेदभाव के विरोध में अमेरिका समेत कई अन्य देशों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

हथकड़ी लगे काले व्यक्ति फ्लॉयड की गर्दन को श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन द्वारा घुटने से दबाए जाने का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में दिख रहा है कि अधिकारी कम से कम आठ मिनट तक अपने घुटने से 46 वर्षीय फ्लॉयड की गर्दन दबाए रखता है. इस दौरान फ्लॉयड सांस रुकने की बात कहता नजर आता है.

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भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच वार्ता, शांतिपूर्ण समाधान के लिए सहमति

भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच 6 जून को उच्च स्तरीय वार्ता हुई. यह वार्ता लद्दाख में मोल्दो-चुशूल सीमा चौकी के पास चीनी क्षेत्र में आयोजित की गयी थी.

इस वार्ता में भारत और चीन की सेना के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व लेफिटनेंट जनरल हरिंदर सिंह के नेतृत्‍व में भारतीय शिष्‍टमंडल ने किया जबकि चीन का नेतृत्‍व वहां के मेजर जनरल लिन लुई ने किया. इस वार्ता में दोनों देश विभिन्‍न द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप सीमा क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सहमत हुए.

LAC पर जारी गतिरोध को खत्म करने का मुद्दा

दोनों देशों के बीच यह वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए थी. अब तक चीन से कई स्तर पर बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक किसी समाधान पर नहीं पहुंचा जा सका है.

5 मई को पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ गई जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई. उसके बाद भारत ने फैसला किया कि पैंगोंग सो, गलवान वैली, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे सभी विवादत जगहों पर चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए भारतीय सैनिक मजबूत रुख अपनाएंगे.

फिंगर-4 में चीनी कब्जा सबसे अहम मुद्दा

दोनों देशों के बीच हुई इस वार्ता में सबसे अहम मुद्दा यह था कि इस बार चीनी सैनिक गलवान घटी के फिंगर-4 तक आ गए हैं. दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक यह ऐसा इलाका है जहां भारत और चीन, दोनों दावा करते हैं और इस इलाके में भारतीय सैनिक हमेशा से गश्त करते आये हैं.

समझौते के अनुसार सैनिक वहां आ तो सकते हैं लेकिन वहां कोई ढांचा खड़ा नहीं कर सकते हैं और न ही वहां डेरा डाल सकते हैं. चीन ने इस समझौते का उल्लंघन करते हुए वहां बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कर दिए हैं. उनका मकसद भारतीय सैनिकों को इससे आगे गश्त करने से रोकना है जबकि भारतीय सैनिक शुरू से ही फिंगर-8 तक गश्त करते रहे हैं.

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अमेरिका खुला आसमान संधि से हटने की घोषणा की, जानिए क्या है खुला आसमान संधि

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के साथ खुला आसमान संधि (Open Skies Treaty) से हटने की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस द्वारा इस संधि के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है.

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प औपचारिक रूप से संधि से हटाने की योजना की जानकारी संधि में शामिल देशों को देंगे. इसके बाद संधि से बाहर निकलने की छह महीने की उलटी गिनती शुरू होगी.

रूस और यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया

रूस ने अमेरिकी घोषणा का खंडन करते हुए कहा है कि अमेरिका के हटने से यूरोपीय सुरक्षा को खतरा पैदा होगा और अमेरिकी सहयोगियों के हितों को नुकसान पहुंचेगा.

जर्मनी के विदेश मंत्री हेइको मास ने अमेरिका से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. मास ने कहा कि जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड और ब्रिटेन ने अमेरिका को बार-बार समझाया था कि हाल के वर्षों में रूस के साथ जो समस्याएं हैं, वे संधि से बाहर निकलने के लिये उचित नहीं हैं. उन्होंने कहा, कि यह संधि लगभग पूरे उत्तरी गोलार्ध में सुरक्षा और शांति कायम रखने में योगदान करती है.

खुला आसमान संधि (Open Skies Treaty) क्या है?

खुला आकाश समझौता (Open Skies Treaty) अमेरिका और रूस सहित 35 देशों के बीच ‘हवाई निगरानी’ (Aerial Surveillance Flights) के लिए एक संधि है. इस संधि में नाटो के सदस्य भी संधि में शामिल हैं. इस संधि पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किए गए थे. इस संधि का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ाना है और सभी प्रतिभागियों में विश्वास उत्पन्न करता है.

इस संधि में शामिल देश की सेना को किसी अन्य सदस्य देश की हवाई सीमा में अल्प सूचना पर एक निश्चित संख्या में निगरानी उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देता है. संधि के तहत निगरानी विमान सैन्य प्रतिष्ठानों और गतिविधियों की जानकारी और तस्वीरें एकत्र कर सकता है.

खुला आसमान संधि में शामिल देश

Belarus, Belgium, Bosnia and Herzegovina, Bulgaria, Canada, Croatia, the Czech Republic, Denmark (including Greenland), Estonia, Finland, France, Georgia, Germany, Greece, Hungary, Iceland, Italy, Kazakhstan, Latvia, Lithuania, Luxembourg, the Netherlands, Norway, Poland, Portugal, Romania, the Russian Federation, Slovakia, Slovenia, Spain, Sweden, Turkey, Ukraine, the United Kingdom, United States and Kyrgyzstan.

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इज़राइल में प्रधानमंत्री नेतन्याहू की अगुवाई में पांचवीं बार नई सरकार ने शपथ ली

इज़राइल में 17 मई को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में नई सरकार ने शपथ ली. इज़राइली संसद ‘नेसेट’ में नई सरकार के विश्वास मत के दौरान सरकार के पक्ष में 73 मत, जबकि विपक्ष में 46 मत पड़े.

इज़राइल में एक के बाद एक हुए तीन चुनावों में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. इस कारण देश के इतिहास में सबसे लंबा राजनीति गतिरोध खत्म हो गया था जो इस शपथ के साथ ही खत्म हो गया. गतिरोध के दौरान 500 दिनों से भी ज्यादा वक्त तक कार्यवाहक सरकार बागडोर संभाले हुए थी.

लिकुड पार्टी और ब्लू एंड व्हाइट की गठबंधन सरकार

चुनावों में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने बेनी गांट्ज के ‘ब्लू एंड व्हाइट पार्टी’ के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई है. बेनी गांट्ज नेतन्याहू के लंबे समय तक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं. इस गठबंधन सरकार में गांट्ज ने रक्षा मंत्री और वैकल्पिक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है.

गठबंधन के समझौते के तहत सत्ता की साझीदारी पर बनी सहमति के मुताबिक नई सरकार में 18 महीने बाद नेतन्याहू पद छोड़ देंगे और 17 नवंबर 2021 को बेनी गांट्ज प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे. नेसेट ने लिकुड पार्टी के यारिव लेविन को नया अध्यक्ष चुना है.

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WTO के अध्यक्ष रोबर्टो एज़ेवेडो ने अपने पद से त्यागपत्र का फैसला किया

विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अध्यक्ष रोबर्टो एज़ेवेडो ने अपने पद से त्यागपत्र देने का फैसला किया है. रोबर्टो एज़ेवेडो ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से एक साल पहले त्यागपत्र दिया है. वो अपना पद 31 अगस्त 2020 को छोड़ देंगे. उनका दूसरा चार वर्षीय कार्यकाल सितंबर 2021 को समाप्त होने वाला था.

ब्राजील के 62 वर्षीय पूर्व राजनयिक एजे़वेडो ने अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के दबाव की वजह से 14 मई को त्यागपत्र की घोषणा की. ट्रम्प ने विश्व व्यापार संगठन पर अमरीका के प्रति पक्षपात और अन्य शिकायतों का आरोप लगाया था.

विश्व व्यापार संगठन (WTO): एक दृष्टि

विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विश्व व्यापार से जुड़े नियम बनाता है. इसकी स्थापना 1995 में GATT (General Agreement on Tariffs and Trade) के स्थान पर लाने के लिए की गई थी. WTO का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है.

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8 मई 2020: चेचक के उन्मूलन की 40वीं वर्षगांठ, स्मारक डाक टिकट जारी किया गया

8 मई 2020 को दुनियाभर में चेचक के उन्मूलन की 40वीं वर्षगांठ मनाई गयी. इस अवसर पर विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र (UN) की डाक एजेंसी ने एक स्मारक डाक टिकट जारी किया है.

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मूल के एक शीर्ष अधिकारी अतुल खरे ने इस स्‍मारक टिकट जारी करने में मुख्य भूमिका निभाई है. यह डाक टिकट चेचक से लड़ने में वैश्विक एकजुटता की एक पहचान है और एक साथ काम करने वाले लाखों लोगों को सम्मान करता है.

1980 में चेचक के उन्मूलन की घोषणा की गयी थी

1980 में इसी दिन WHO के 33वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में चेचक के उन्मूलन की आधिकारिक घोषणा की गयी थी. यह WHO के 10 साल के वैश्विक प्रयास के बाद संभव हो पाया था. इस दौरान दुनिया भर के हजारों स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया गया था और 50 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया गया.

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ईरान में वर्तमान मुद्रा ‘रियाल’ को बदलकर ‘तोमान’ करने के लिए विधेयक

ईरान की संसद ने अपनी वर्तमान मुद्रा (करेंसी) ‘रियाल’ (Rial) में कई तरह के परिवर्तन के लिए हाल ही में एक विधेयक पारित किया है. इस विधेयक के अनुसार ‘रियाल’ में चार शून्य तक की कटौती की जाएगी और इसका नाम बदलकर तोमान (Toman) किया जाएगा. यानी एक तोमान का मूल्य 10,000 रियाल के बराबर होगी.

इस विधेयक को ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामनेई की अध्यक्षता वाली कमेटी के समक्ष पेश किया जाएगा.

मुद्रा में परिवर्तन की वजह

अमेरिका द्वारा ईरान लगाये गये कई प्रतिबंधों के कारण ईरानी मुद्रा रियाल के मूल्य में बड़ी गिरावट आई है. मुद्रा में गिरावट के कारण यहाँ मुद्रास्फीति (महँगाई दर) चरम पर है. मुद्रा से चार शून्य हटाने का फैसला देश की मुद्रा की मजबूती के लिए लिया गया है. ईरान सरकार के नए फैसले के बाद नई करेंसी ‘तोमान’ डॉलर के मुकाबले 15.6 के स्तर पर होगी.

तोमन पहले से प्रचालन में है

ईरान में तोमन का प्रचालन पहले से ही है. दरअसल अब तक ईरान की आधारिक मुद्रा रियाल थी. और दस रियाल को एक तोमन कहा जाता था. लेकिन अब नए बदलाव के बाद एक तोमन दस हजार रियाल के बराबर होगा.

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