अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर संगठन के सत्र का फ्रांस में आयोजन

अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर संगठन (ITER) के सत्र का आयोजन फ्रांस में हाल ही में किया गया था. इस संगठन के सत्र के अवसर पर फ्रांस में एक भव्य आयोजन किया गया था. इस आयोजन का उद्घाटन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने किया था. इस सत्र में दुनिया भर के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने हिस्सा लिया था.

क्या है ITER?

  • ITER, International Thermonuclear Experimental Reactor का संक्षिप्त रूप है. इसका उद्देश्य व्यावसायिक उपयोग के लिए फ्यूजन (संलयन) से ऊर्जा तैयार करने की संभावना तलाशना है.
  • यह ऊर्जा की कमी की समस्या से निबटने के लिए भारत सहित विश्व के कई राष्ट्रों द्वारा चलाया जा रहा एक अनुसंधान परियोजना है.
  • यह अनुसंधान अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सहयोग से ‘संलयन नाभिकीय प्रक्रिया’ पर आधारित है. वर्ष 2000 में इस परियोजना की कुल लागत 4.57 अरब यूरो आंकी गयी थी.
  • यह हाइड्रोजन बम के सिद्धांत पर आधारित नाभिकीय परियोजना को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है. इसमें नाभिकीय संलयन से उसी प्रकार से ऊर्जा मिलेगी जैसे पृथ्वी को सूर्य या अन्य तारों से मिलती है.
  • ITER परियोजना के सदस्‍य देश: इस परियोजना के भागीदार यूरोपियन यूनियन, जापान, चीन, रूस, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका हैं. भारत आधिकारिक रूप से इस परियोजना में 6 दिसम्बर, 2005 को शामिल हुआ था.

मोहम्मद इरफान अली गुयाना के नये राष्ट्रपति और मार्क फिलिप्स प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये

मोहम्मद इरफान अली गुयाना के नये राष्ट्रपति और मार्क फिलिप्स यहाँ के नए प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये हैं. मोहम्मद इरफान अली गुयाना के पूर्व आवास मंत्री और विपक्षी राजनीतिक दल पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी (PPP) के नेता हैं. वह डेविड आर्थर ग्रेंजर की जगह लेंगे.

गुयाना के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स रक्षा बल के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ और सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर रह चुके हैं.

गुयाना: एक दृष्टि

  • गुयाना, दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के उत्तर-मध्य भाग में स्थित एक देश है. यह हॉलैन्ड, पुर्तगालियों और अंग्रेजों का उपनिवेश था. गयाना को ब्रिटेन के 200 वर्षों के शाशन से 26 मई 1966 को आजादी मिली थी.
  • गुयाना में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है. यहाँ भारतीय अंग्रेजों के शासन काल में आये थे. यहाँ काम करने के लिये ब्रिटेन ने अपने अन्य उपनिवेशो से मज़दूर गयाना मे लाए थे.
  • गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन है. यहाँ की जनसंख्या लगभग 7.5 लाख है. गुयाना की मुद्रा गयानी डॉलर (GYD) हैं.

न्यूजीलैंड ने हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को निलंबित किया

न्यूजीलैंड ने हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को निलंबित कर दिया है. चीन द्वारा हांगकांग में नए सुरक्षा कानून को लागू करने के कारण यह फैसला लिया गया है. इस मुद्दे पर हाल ही में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन भी हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को निलंबित कर चुके हैं.

चीन न्यूजीलैंड का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और अतीत में वह अक्सर प्रत्यक्ष राजनीतिक टकराव से बचता रहा है. चीन हर साल अरबों डॉलर के कृषि सामान न्यूजीलैंड से खरीदता है. इसमें दूध पाउडर प्रमुख है.

प्रत्यर्पण संधि क्या है?

प्रत्यर्पण संधि दो देशों के बीच ऐसी संधि है, जिसके अनुसार देश में अपराध करके किसी दूसरे देश में जाकर रहने वाले अपरधियों को उस देश को प्रत्यर्पित कर दिया जाता है. भारत की 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है.

दक्षिण कोरिया ने अपना पहला सैन्य उपग्रह ‘ANASIS II’ का प्रक्षेपण किया

दक्षिण कोरिया ने हाल ही में अपना पहला सैन्य-संचार उपग्रह (military communications satellite) ‘ANASIS II’ का प्रक्षेपण किया था. इसका प्रक्षेपण अमेरिका की निजी अन्तरिक्ष कंपनी ‘SpaceX’ ने फ्लोरिडा स्थित केप कैनावेरल एयर फोर्स स्टेशन से किया था.

इस प्रक्षेपण में फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से ANASIS II उपग्रह को पृथ्वी के भूस्थिर अंतरण कक्षा (geostationary transfer orbit) स्थापित किया गया था.

दक्षिण कोरिया द्वारा किया गया सैन्य-संचार उपग्रह का प्रक्षेपण, परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया के खिलाफ अपना बचाव के परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है.

चीन ने मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए अपना पहला यान ‘तिआनवेन-1’ को प्रक्षेपित किया

चीन ने मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए अपना पहला यान ‘तिआनवेन-1’ (Tianwen-1) को प्रक्षेपित किया है. यह प्रक्षेपण दक्षिण चीन के हेनान प्रांत के वेनचांग स्‍पेस लॉन्‍च सेंटर से किया गया. इस प्रक्षेपण में चीनी रॉकेट ‘लॉन्‍ग मार्च-5-Y4’ के माध्यम से ‘तिआनवेन-1’ को मंगल के लिए भेजा गया था. ‘तिआनवेन-1’ अपने साथ एक रोवर ले गया है जो मंगल की सतह पर लैंड करेगा.

चीन के नैशनल स्‍पेस एडमिनिस्‍ट्रेशन ने अनुसार 2000 सेकंड की उड़ान के बाद यह रॉकेट पृथ्‍वी-मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया. इसके बाद अब यह मंगल ग्रह की ओर रवाना हो गया है. चीन का अंतरिक्ष यान करीब 7 महीने की यात्रा के बाद फरवरी 2021 में मंगल ग्रह के गुरुवत्‍वाकर्षण वाले इलाके में प्रवेश कर जाएगा.

चीन का यह मिशन अगर सफल रहता है तो यह मानव के इतिहास में पहली बार में मंगल की कक्षा में चक्‍कर लगाने, लैंडिंग करने का एक ही मिशन में पहला अभियान होगा. इस मिशन का लक्ष्‍य मंगल की सतह पर बर्फ का पता लगाना है. इसके अलावा सतह की संरचना, जलवायु और पर्यावरण के बारे में पता लगाना है.

मंगल के लिए अन्य देशों के प्रयास

मंगल मिशन पर अब तक अमेरिका, रूस, भारत और यूरोपीय संघ ने अपने यान को सफलतापूर्वक भेजा है. भारत मंगल की परिक्रमा पर यान भेजने वाला पहला एशियाई देश है. भारत के इस मंगल मिशन का नाम ‘मंगलयान’ है. चीन ने रूस के सहयोग से मंगल ग्रह को लेकर 2011 में अपना यान ‘यिंगहुओ -1’ को लॉन्च किया था. यह मिशन असफल रहा था.

UAE ने मंगल ग्रह के लिए अपना पहला उपग्रह ‘HOPE’ को प्रक्षेपित किया

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने 20 जुलाई को मंगल ग्रह के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन में शामिल उपग्रह ‘HOPE’ को प्रक्षेपित किया. यह प्रक्षेपण जापान के तानेगाशिमा स्पेस सेंटर से किया गया. ‘HOPE’ नामक इस उपग्रह को तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से H2-A नामक रॉकेट के ज़रिए भेजा गया.

इस प्रक्षेपण के साथ है UAE पहला अरब देश होगा, जिसने मंगल ग्रह के लिए अपना उपग्रह भेजा हो. इस अंतरिक्ष यान पर अरबी में ‘अल-अमल’ लिखा हुआ था.

UAE का प्रोजेक्ट मंगल पर जाने वाले तीन प्रोजेक्ट में से एक है. इसमें चीन के ताइनवेन-1 और अमेरिका के मार्स 2020 भी शामिल हैं.

उपग्रह ‘HOPE’ के मंगल की कक्षा में फरवरी, 2021 में पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद यह एक मंगल वर्ष यानी 687 दिनों तक उसकी कक्षा में चक्कर लगाएगा. UAE में इस प्रोजेक्ट को अरब के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखा जा रहा है.

भारतीय मूल के चंद्रिका प्रसाद को सूरीनाम का राष्ट्रपति चुना गया

भारतीय मूल के चंद्रिका प्रसाद संतोखी को सूरीनाम का राष्ट्रपति चुना गया है. सूरीनाम की संसद ‘नेशनल एसेंबली’ ने संतोखी को राष्ट्रपति के रूप में सर्वसम्मति से चुना है.

चुनाव में डेसी बॉउटर्स को हराया

चंद्रिका प्रसाद ने पूर्व सैन्य तानाशाह डेसी बॉउटर्स की जगह ली है. उनकी प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) ने बॉउटर्स की नेशनल पार्टी ऑफ सूरीनाम (NPS) को मई में संपन्न हुए चुनाव में हराया था.
बॉउटर्स ने वर्ष 1980 में निर्वाचित सरकार का तख्तापलट दिया था. उन्हें 15 विरोधियों की हत्या के मामले में 20 साल कैद की सजा हुई थी, जिसके खिलाफ उन्होंने अपील की है.

सूरीनाम आर्थिक संकट के दौर में

संतोखी ने ऐसे समय में सूरीनाम के नेतृत्व की बागडोर संभाली है जब उसके रिश्ते नीदरलैंड समेत दूसरे पश्चिमी देशों से खराब हो चुके हैं. देश इस समय आर्थिक संकट के दौर से भी गुजर रहा है.

डेसी बॉउटर्स के शासनकाल में तख्तापलट समेत अन्य कारणों से सूरीनाम के संबंध नीदरलैंड और अन्य पश्चिमी देशों के साथ अच्छे नहीं रहे हैं.

चंद्रिका प्रसाद संतोखी: एक दृष्टि

61 वर्षीय चंद्रिका प्रसाद संतोखी सूरीनाम के पूर्व-न्यायमंत्री व प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) के नेता हैं. वे नीदरलैंड के पुलिस अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं और सूरीनाम के मुख्य पुलिस आयुक्त रह चुके हैं. वर्ष 2005 के दौरान वह देश के न्याय मंत्री भी रह चुके हैं.

सूरीनाम: एक दृष्टि

सूरीनाम पहले नीदरलैंड (पूर्व डच) का ही उपनिवेश रहा है. इसकी कुल आबादी 5,87,000 है, जिसमें 27.4 फीसद लोग भारतवंशी हैं. प्रोग्रेसिव रिफॉर्म पार्टी (PRC) मूल रूप से भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है. PRC को सूरीनाम में यूनाइटेड हिंदुस्तानी पार्टी कहा जाता था.

सूरीनाम मूल रूप से बॉक्साइट के निर्यात पर निर्भर रहा है, लेकिन हाल ही में उसके जलीय क्षेत्रीय में विशाल तेल भंडार पाए गए हैं. ये तेल भंडार देश को आर्थिक मुश्किलों से निकालने में मददगार साबित हो सकते हैं.

ट्यूनीशिया के प्रधानमंत्री इलियास फाखफाख ने इस्तीफा दिया

ट्यूनीशिया के प्रधानमंत्री इलियास फाखफाख ने 15 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पद में रहते हुए एक कंपनी में शेयर होने के आरोपों के कारण अपना इस्तीफा दिया है. दरअसल प्रधानमंत्री का एक कचरा निस्तारण कंपनी में शेयर था और उसी कंपनी को 1.50 करोड़ यूरो का सरकारी ठेका भी हासिल हुआ था.

ट्यूनीशिया में राजनीतिक तनाव ऐसे समय में उपजा है जब कोरोना वायरस महामारी और उसकी वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद देश गहरे आर्थिक और सामाजिक संकटों का सामना कर रहा है.

फाखफाख का प्रधानमंत्री के पद से हटना इस्लामिक पार्टी इनाहदाहा के लिए जीत है. प्रधानमंत्री का इस पार्टी से टकराव था क्योंकि वह एक सहयोगी पार्टी को सरकार विस्तार में जगह देने से इनकार कर रहे थे. फाखफाख ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री के लिए नया नाम तय नहीं कर लिया जाता है तब तक वह काम करते रहेंगे.

पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल की

पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने पांच साल के अपने दूसरे कार्यकाल के लिए जीत हासिल की. रूढ़िवादी डूडा ने हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में वारसा के उदारवादी महापौर रफाल ट्रजासकोव्स्की को हराया है.

इस चुनाव में डूडा को 51.21 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रफाल ट्रजासकोव्स्की को 48.79 प्रतिशत वोट मिले हैं. इससे पहले आंद्रेजे डूडा ने वर्ष 2015 में पोलैंड का राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था.

WHO ने कोरोना से निपटने के उसके तौर-तरीक़ों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना से निपटने के उसके तौर-तरीक़ों और सरकारों की प्रतिक्रिया की समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया है. संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एढेनॉम ग़ेब्रेसस ने कहा है कि इस महामारी का व्यापक मूल्यांकन किया जाना ज़रुरी है.

हेलेन क्लार्क और एलेन जॉनसन संयुक्त अध्यक्ष होंगे

न्यूज़ीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ इस समिति के संयुक्त अध्यक्ष होंगे और अन्य सदस्यों का चयन करेंगे. यह समिति नवम्बर 2020 में स्वास्थ्य मंत्रियों की वार्षिक बैठक में अपनी अंतरिम रिपोर्ट जबकि मई 2021 में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

यह कदम अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की प्रतिक्रिया के बाद उठाया गया है. उन्होंने कोरोना को लेकर संगठन की कड़ी आलोचना की थी और संगठन पर चीन की कठपुतली की तरह काम करने का आरोप लगाया था.

मालदीव और श्रीलंका ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य हासिल किया

मालदीव और श्रीलंका ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का हासिल कर लिया है. यह घोषणा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्‍टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन के लिए क्षेत्रीय पुष्टिकरण आयोग की पांचवीं बैठक के बाद की.

2023 तक उन्‍मूलन का लक्ष्‍य

दोनों देशों ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य समय से पहले हासिल किया है. WHO ने चेचक और खसरा के उन्‍मूलन का लक्ष्‍य वर्ष 2023 तक रखा है.

दक्षिण-पूर्व एशिया में उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दो देश

मालदीव और श्रीलंका, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले दो देश बन गए हैं. मालदीव में चेचक का अंतिम मामला वर्ष 2009 में और खसरे का अक्‍टूबर 2015 में सामने आया था. श्रीलंका में चेचक का अंतिम मामला मई 2016 में और खसरे का मार्च 2017 में सामने आया था.

दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में- भारत, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, थाईलैंड, मालदीव, म्यांमार, उत्तर कोरिया, तिमोर-लेस्ते, इंडोनेशिया और नेपाल शामिल हैं.

श्रीलंका, खसरा का उन्मूलन करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया का 5वा देश

श्रीलंका ‘खसरा’ (measles) का उन्मूलन करने वाला दक्षिण-पूर्व एशिया का पांचवा देश बना था. WHO ने इसकी घोषणा 10 जुलाई को की थी. दक्षिण-पूर्व एशिया में इससे पहले यह उपलब्धि भूटान, मालदीव, कोरिया और तिमोर ने हासिल की थी.

किसी बीमारी का उन्मूलन तब घोषित किया जाता है जब उस बामारी के एक भी मामले पिछले तीन वर्ष में नहीं आये हो.

अमेरिका ने WHO के साथ सभी संबंध खत्म करने की आधिकारिक जानकारी संयुक्त राष्ट्र को दी

अमेरिका ने 6 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ अपने देश के सभी संबंध खत्म करने की आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र को जानकारी दी है. नियमों के अनुसार WHO से अमेरिका के अलग होने की प्रक्रिया 1 वर्ष बाद यानी 6 जुलाई 2021 से प्रभावी होगा.

अमेरिका का WHO पर चीन का पक्ष लेने का आरोप

अमेरिका ने WHO पर कोविड-19 को लेकर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. यह वैश्विक महामारी 2019 में चीन के वुहान शहर से ही शुरू हुई थी.

अमेरिका ने आरोप लगाया है कि WHO ने इस वैश्विक महामारी के खतरों को लेकर समय पर सही जानकारी नहीं देकर विश्व को गुमराह किया. WHO के कारण इस वायरस से दुनिया भर में पांच लाख से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. जिनमें से 1,30,000 से अधिक लोग तो अमेरिका के ही हैं.

अमेरिका ने WHO की आर्थिक सहायता बंद किया

अमेरिका ने WHO को दिए जाने वाले आर्थिक सहायता पर अप्रैल 2020 में रोक लगा दी थी. अमेरिका WHO को प्रतिवर्ष 893 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता देता है, जो विश्व में सबसे अधिक है. ब्रिटेन दूसरे कुल 435 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता के साथ नंबर पर है. इसके बाद जर्मनी और जापान का नंबर आता है. चीन WHO को करीब 86 मिलियन डॉलर का योगदान करता है.