अफगानिस्तान में राजनीतिक संकट: अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली

अफगानिस्तान में 9 मार्च को दो प्रतिंद्वद्वी नेताओं- अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने समांतर समारोहों में राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली. वहीं अशरफ गनी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान लगातार विस्फोट हुए. इससे वहां राजनीतिक संकट गहरा गया और इस दौरान राजधानी में कम से कम दो विस्फोट भी हुए. इससे तालिबान के साथ वार्ता की अमेरिका की योजना पर ही संकट गहरा गया.

चुनाव परिणामों में अशरफ गनी को जीत

18 फरवरी को घोषित हुए चुनाव परिणामों में अशरफ गनी को जीत हासिल हुई थी. लेकिन अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने मतगणना में धांधली का आरोप लगते हुए इस चुनाव परिणाम को मनाने से माना कर दिया था. अशरफ गनी के राष्ट्रपति पद के शपथ की घोषणा के बीच ही अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी खुद को राष्ट्रपति घोषित करते हुए शपथ की घोषणा कर दी थी.

अशरफ गनी तालिबान के कैदियों को रिहा करेगी

अशरफ गनी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अफगानिस्तान में शांति के लिए तालिबान के कैदियों को रिहा करने की घोषणा की. अफगान सरकार की नार्वे में तालिबान के साथ शांति वार्ता होनी है. वार्ता के तहत अफगान सरकार और तालिबान को एक दूसरे के कैदी छोड़ने होंगे. हालांकि, पहले गनी ने कैदियों को छोड़ने से मना कर दिया था.

अफगानिस्तान राष्ट्रपति चुनाव

अफगानिस्तान में 28 सितंबर 2019 को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुए थे. अब्दुल्ला ने मतगणना में धांधली का आरोप लगाया था. दोबारा वोटों की गिनती के बाद 18 फरवरी को परिणाम जारी किए गए थे. 50.64% वोटों के साथ अशरफ गनी की जीत हुई थी. लेकिन अब्दुल्ला ने इसे मानने से इनकार कर दिया था.

कौन है अब्दुल्ला अब्दुल्ला?

अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला पुराने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं. अब्दुल्ला अब्दुल्ला अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हैं. वह अफगानिस्तान के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. पिछली सरकार में विवाद होने पर उन्हें मुख्य कार्यकारी बनाकर सत्ता में साझेदार बनाया गया था.

भारत हिंद महासागर आयोग में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल हुआ

सेशल्स में हाल ही में हुई मंत्रिपरिषदीय बैठक में भारत को ‘हिंद महासागर आयोग’ (Indian Ocean Commission) में पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया गया है.

हिंद महासागर आयोग क्या है?

हिंद महासागर आयोग एक अंतर-सरकारी संगठन है जो दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में बेहतर सागरीय-अभिशासन (Maritime Governance) के लिए कार्य करता है. इस आयोग की स्थापना 1982 में मॉरीशस के पोर्ट लुई में की गयी थी. यह आयोग पश्चिमी हिंद महासागर के द्वीपीय राष्ट्रों को सामूहिक रूप से कार्य करने हेतु मंच प्रदान करता है.

हिंद महासागर आयोग के सदस्य

वर्तमान में इस आयोग में कोमोरोस, मेडागास्कर, मॉरीशस, रियूनियन (फ्राँस के नियंत्रण में) और सेशल्स शामिल हैं. भारत के अलावा इस आयोग के चार पर्यवेक्षक- चीन, यूरोपीय यूनियन, माल्टा तथा इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ ला फ्रांसोफोनी (International Organisation of La Francophonie- OIF) हैं.

भारत के परिप्रेक्ष्य में

भारत ने इस संगठन में शामिल होने से पश्चिमी हिंद महासागर के इस प्रमुख क्षेत्रीय आयोग में आधिकारिक पहुँच सुनिश्चित होगी. यह आयोग पश्चिमी हिंद महासागर के द्वीपों के साथ भारत की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा. यह भारत की ‘सागर पहल’ क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास (SAGAR- Security And Growth for All in the Region) नीति को और मज़बूत करता है.

चीन ने पूर्वी अफ्रीकी देश जिबूती में सैन्य केंद्र, ग्वादर (पाकिस्तान) और हम्बनटोटा (श्रीलंका) में बंदरगाह के निर्माण के साथ इस क्षेत्र में अपनी व्यापक उपस्थिति दर्ज कराई है. आयोग के सदस्य के रूप में भारत के शामिल होने के बाद इस क्षेत्र की राजनीतिक व सामरिक तस्वीर बदल गई है.

मुहिद्दीन यासीन ने मलेशिया के आठवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली

मोहिउद्दीन यासीन ने 1 मार्च को मलेशिया के आठवें प्रधानमंत्री के रूप में ली शपथ ली. यासीन ने महातिर मोहम्मद का स्थान लिया है जिन्होंने पिछले हफ्ते इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने महातिर की जगह खुद को पार्टी प्रेसिडेंट घोषित कर दिया था. 72 वर्षीय मुहिद्दीन महातिर सरकार में गृह मंत्री थे. उन्होंने ने 2009 से 2015 तक पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की सरकार में उप-प्रधानमंत्री के रूप में काम किया था.

मलेशिया के राजा सुल्तान अब्दुल्लाह सुल्तान शाह ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले महातिर मोहम्मद की सत्ता में वापसी की कोशिशों नकारते हुए नए प्रधानमंत्री के तौर पर मोहिउद्दीन यासीन को नियुक्त किया.

महातिर मोहम्मद का इस्तीफा

94 वर्षीय महातिर मोहम्मद ने मलेशिया के प्रधानमंत्री पद से 24 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था. उनकी पार्टी (युनाइटेड इंडेजेनियस पार्टी ऑफ मलेशिया या PPBM) गठबंधन से अलग हो गई थी. महातिर ने पार्टी अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया था.

महातिर के इस्तीफा देने का कारण

हाल के दिनों में महातिर और अनवर इब्राहिम के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया था. दोनों ने 2018 में मिलकर सरकार बनाई थी. उस दौरान महातिर ने अपनी सहयोगी पार्टी को भी सत्ता सौंपने की बात कही थी. अनवर ने महातिर पर धोखेबाजी का आरोप लगाया और सत्ता सौंपने का अपना वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया था.

भारत के द्विपक्षीय मामले में दखल देने के कारण महातिर चर्चा में रहे थे

महातिर मोहम्मद भारत के द्विपक्षीय मामले में दखल देने के कारण हाल के दिनों में चर्चा में रहे थे. उन्होंने भारतीय संविधान से अनुच्छेद-370 और 35A में संशोधन मामले में भारत विरोधी बयान दिया था. मोहम्मद ने भारतीय संसद से पारित नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का भी विरोध किया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने मलेशियाई राजदूत को बुलाकर साफ कर दिया था कि भारत इसे आंतरिक मामलों में दखल मानता है.

अमरीका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर, भारत पर्यवेक्षक के रूप में आम‍ंत्रित

अफगानिस्तान में शांति के लिए अमेरिका और तालिबान के बीच 29 फरवरी को ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इस समझौते पर कतर की राजधानी दोहा में हस्‍ताक्षर किए गये. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया. दोनों पक्षों के बीच 18 महीनों की वार्ता के बाद यह समझौता हुआ.

भारत पर्यवेक्षक के रूप में आम‍ंत्रित

भारत को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में पर्यवेक्षक के रूप में आम‍ंत्रित किया गया था. कतर में भारत के राजदूत पी कुमारन इस ऐतिहासिक समारोह में उपस्थित थे. भारत, अफगानिस्‍तान में शांति और सुलह प्रक्रिया में महत्‍वपूर्ण भागीदार रहा है. यह पहला मौका था जब भारत तालिबान से जुड़े किसी मामले में आधिकारिक तौर पर शामिल हुआ.

क्या है समझौता?

इस समझौते से अफगानिस्‍तान से हजारों अमरीकी सैनिकों की चरणबद्ध वापसी होगी. अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 13 हजार सैनिक हैं. विदेशी सैनिकों की वापसी के लिए 14 महीने की समय सीमा तय की गई है. अमेरिका अपने बलोंसैनिकों की संख्या शुरू में ही घटाकर 8,600 तक करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह वह स्तर है जिसे अफगानिस्तान में अमेरिकी और नाटो बलों के कमांडर, जनरल स्कॉट्स मिलर ने उनके मिशन को पूरा करने के लिए आवश्यक बताया था.

समझौते के तहत तालिबान को स्‍थायी युद्धविराम और युद्ध के बाद के अफगानिस्‍तान में सत्‍ता में भागीदारी के लिए अफगान सरकार, सिविल सोसायटी तथा राजनीतिक गुटों के साथ बातचीत शुरू करनी होगी. समझौते में 10 मार्च तक एक हजार सरकारी बंदियों को छोडे जाने के बदले में पांच हजार तालिबान बंदियों की रिहाई की बात भी कही गई है.

भारत का पक्ष

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि राष्ट्रीय एकता, क्षेत्रीय अखंडता, लोकतंत्र, विविधता को मजबूत बनाने और बाहर से प्रायोजित आतंकवाद की समाप्ति में भारत अफगानिस्‍तान का साथ देगा. शांति समझौते पर हस्ताक्षर से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला काबुल पहुंचे हैं. विदेश सचिव ने वहां के नेताओं को बताया कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान को निरंतर समर्थन देता रहेगा.

भारत की चिंता

तालिबान के साथ पाकिस्‍तान के अच्‍छे संबंध हैं. इस समझौते के बाद पाकिस्‍तान अपने आतंकी शिविर अपने देश से हटाकर अफगानिस्‍तान भेज सकता है. साथ ही दुनिया को दिखा सकता है कि वह आ‍तंकियों का पोषण नहीं कर रहा है. इसके अलावा तालिबानी आतंकी कश्‍मीर की ओर रुख कर सकता है.

अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने आतंकवादियों की रिहाई की शर्त को अस्‍वीकार किया

अफगानिस्‍तान के राष्‍ट्रपति अशरफ गनी ने 1 मार्च को समझौते को खारिज करते हुए जेलों में बंद तालिबानी आतंकवादियों की रिहाई की शर्त को अस्‍वीकार कर दिया. उन्‍होंने पूर्ण-युद्धविराम के लक्ष्‍य तक पहुंचने के लिए हिंसा में कमी लाने के प्रयास जारी रखे जाने की बात कही.

मिस्र के पूर्व-राष्ट्रपति मोहम्मद होस्नी मुबारक का निधन

अरब गणराज्य मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद होस्नी मुबारक का 25 फरवरी को निधन हो गया. वे 91 वर्ष के थे. होस्नी मुबारक तीस वर्ष तक मिस्र के राष्ट्रपति रहे थे. वे मिस्र के चौथे राष्ट्रपति थे. मुबारक के नेतृत्व में 1991 में खाड़ी युद्ध में मिस्र ने सक्रिय भागीदारी निभाई थी.

मोहम्मद होस्नी मुबारक को 1975 में उप-राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था. 14 अक्टूबर 1981 को राष्ट्रपति अनवर अल-सदात की हत्या के बाद उन्होंने राष्ट्रपति का पद संभाला था. मुहम्मद अली पाशा के बाद वे सबसे लंबे समय से मिस्र के शासक रहे थे. वर्ष 1995 में इन्हें जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

मुबारक को देशभर में 18 दिन चले विरोध प्रदर्शनों के बाद 11 फरवरी, 2011 को इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में मुबारक को गिरफ्तार कर लिया गया और प्रदर्शनकारियों की मौत तथा भ्रष्टाचार के मामले में उन पर मुकदमा चलाया गया. उन्हें 2012 में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई लेकिन 2017 तक उन्हें सभी आरोपों से बरी करने के बाद रिहा कर दिया गया.

मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने इस्तीफा दिया

मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने 24 फरवरी को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा वहां के राजा सुल्तान अब्दुल्लाह सुल्तान शाह को सौंपा. महातिर के इस्तीफे के साथ ही मलेशिया में अब नई सरकार के गठन की संभावनाएं तेज हो गईं हैं. महातिर ने उप-प्रधानमंत्री वान अजीजा वान इस्माइल को देश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है.

94 वर्षीय महातिर की पार्टी (युनाइटेड इंडेजेनियस पार्टी ऑफ मलेशिया या PPBM) गठबंधन से अलग हो गई है. महातिर ने पार्टी अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया है.

महातिर के इस्तीफा देने का कारण

हाल के दिनों में महातीर और अनवर इब्राहिम के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया था. दोनों ने 2018 में मिलकर सरकार बनाई थी. उस दौरान महातिर ने अपनी सहयोगी पार्टी को भी सत्ता सौंपने की बात कही थी. अनवर ने महातिर पर धोखेबाजी का आरोप लगाया और सत्ता सौंपने का अपना वादा नहीं निभाने का आरोप लगाया.

भारत के द्विपक्षीय मामले में दखल देने के कारण महातिर चर्चा में रहे थे

महातिर मोहम्मद भारत के द्विपक्षीय मामले में दखल देने के कारण हाल के दिनों में चर्चा में रहे थे. उन्होंने भारतीय संविधान से अनुच्छेद-370 और 35A में संशोधन मामले में भारत विरोधी बयान दिया था. मोहम्मद ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का भी विरोध किया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने मलेशियाई राजदूत को बुलाकर साफ कर दिया था कि भारत इसे आंतरिक मामलों में दखल मानता है.

आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वराडकर ने चुनाव में हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दिया

आयरलैंड के प्रधानमंत्री भारतीय मूल के लियो वराडकर ने एक संसदीय मतदान में करारी हार मिलने के बाद 21 फरवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वराडकर को मतदान में पुन: निर्वाचन के लिए पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाया. उन्होंने आयरलैंड के राष्ट्रपति माइकल डी हिगिन्स को अपना इस्तीफा सौंपा. वराडकर नई सरकार के कमान संभालने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे. वराडकर के पिता का जन्म मुंबई में हुआ था.

किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं

आयरलैंड में हुए आम चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. वराडकर की पार्टी ‘फाइन गाइल’ ने उन्हें फिर से राष्ट्रपति पद के लिए नामित किया था लेकिन उन्हें 160 सदस्यीय सदन में केवल 36 मत मिले जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया. ‘सिन फीन पार्टी’ अध्यक्ष मैरी लाउ मैक्डोनल्ड को 45 मत मिले और ‘फियान्ना फाएल’ के नेता माइकल मार्टिन को 41 मत मिले.

अफ़ग़ानिस्तान राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी को विजेता घोषित किया गया

अफ़ग़ानिस्तान में हाल ही में हुए राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए गये हैं. इस चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी को विजेता घोषित किया गया है. चुनाव परिणाम की घोषणा अफ़ग़ानिस्तान के इंडिपेंडेंट इलेक्शन कमिशन ने 19 फरवरी को की.

अफ़ग़ानिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए 28 सितंबर 2019 को मतदान हुए थे. साल 2001 में अमरीकी बलों ने तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंका था. उसके बाद यह चौथी बार चुनाव कराए गए थे. इस चुनाव में अफ़ग़ानिस्तान के 9.6 मिलियन मतदाताओं में से केवल 1.8 मिलियन मतदाताओं ने ही मतदान किया था.

इस चुनाव में अशरफ़ ग़नी को 50.64% मत मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला को 39.52% वोट मिले. वहीं, अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने देश में ताजा राष्ट्रपति चुनाव परिणामों को मानने से इंकार कर दिया है और उन्होंने खद को ही विजेता घोषित कर दिया है.

इसके अलावा तालिबान ने भी अशरफ गनी की जीत को खारिज कर दिया है और अमेरिका की शांति योजना पर सवाल खड़े किए हैं. इस योजना में हिंसा में कमी करने और स्थाई समझौते पर अमेरिका और तालिबान के बीच 29 फरवरी तक हस्ताक्षर करने का आह्वान किया है. चुनावी नतीजे की घोषणा ऐसे वक्त में हुई है जब तालिबान से शांति समझौते की कोशिश चल रही है.

WHO ने कोरोना वायरस से हुई बीमारी का आधिकारिक नाम ‘Covid-2019’ बताया

विश्व स्वास्थ्य संगठऩ (WHO) ने कोरोना वायरस से हुई बीमारी का आधिकारिक नाम ‘कोविड-2019’ (Covid-2019) दिया है. WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनॉम ने जिनेवा में इसकी घोषणा की. WHO ने संयुक्त राष्ट्र संकट प्रबंधन दल का गठन किया है जो कोविड-19 पर ध्यान केन्द्रित करेगा.

कोरोना वायरस शब्द उसके नवीनतम प्रारूप को बताने की बजाय केवल उस समूह का उल्लेख करता है जिसका वह सदस्य है. नया नाम, कोरोना वायरस और बीमारी से लिया गया है और साथ में 2019 वर्ष के लिए है जिसमें इस वायरस का प्रकोप सामने आया था. ‘COVID’ में ‘CO’ का मतलब ‘corona’, ‘VI’ का मतलब ‘virus’ और ‘D’ का मतलब ‘disease’ (बीमारी) है. इस वायरस की पहचान पहली बार 31 दिसंबर 2019 को चीन में हुई थी.

अमेरिकी संसद ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को महाभियोग के आरोपों से बरी किया

अमेरिकी संसद सीनेट ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प को महाभियोग के सभी आरोपों से 5 फरवरी को बरी कर दिया गया है. सीनेट ने राष्ट्रपति को सत्ता के दुरुपयोग और संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के महाभियोग के दोनों आरोपों से दोषमुक्त कर दिया.

अमेरिकी सीनेट में सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी के पास जहां सीनेट में 53 सीटें हैं, वहीं डेमोक्रेट्स के पास 47 सीटें हैं. सीनेट में ट्रम्प को सत्ता के दुरुपयोग के आरोप से 48 के मुकाबले 52 मतों से बरी किया गया. जबकि संसद की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के मुद्दे पर उन्हें 47 के मुकाबले 53 मतों से दोषमुक्त किया गया. एकमात्र रिपब्लिकन सीनेटर मिट रोमनी ने सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों पर ट्रंप के खिलाफ वोट किया. सीनेट में राष्ट्रपति पर महाभियोग पारित करने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है.

हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में यह प्रस्ताव पास हुआ था

इससे पहले 8 दिसंबर 2019 को अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग के लिए महाभियोग का यह प्रस्ताव पास हो गया था. विपक्षी डेमोक्रैट्स के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में महाभियोग के पक्ष में 230 और विरोध में 197 वोट पड़े थे.

डोनाल्ड ट्रंप महाभियोग का सामना करने वाले तीसरे राष्ट्रपति

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस देश के इतिहास में तीसरे ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन पर महाभियोग चलाया गये था. अमेरिकी में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग की प्रक्रिया के तहत नहीं हटाया गया है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहले दो और अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही हुई थी. 1968 में अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन और 1998 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर महाभियोग चलाया गया था लेकिन सीनेट ने उन्हें दोषी नहीं ठहराया. वहीं पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग से पहले ही साल 1974 में इस्तीफा दे दिया था.

ट्रंप पर क्या थे आरोप?

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प पर पहला आरोप सत्ता का दुरुपयोग था, जिसमें उनपर यूक्रेन पर 2020 के आम चुनावों में उनके संभावित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को बदनाम करने के लिए दबाव बनाने का आरोप है. दूसरा आरोप महाभियोग मामले में सदन की जांच में सहयोग नहीं करने का है.

संयुक्‍त अरब अमारात में प्राकृतिक गैस की सबसे बड़ी खोज

संयुक्‍त अरब अमारात (UAE) ने अबूधाबी और दुबई के साथ लगने वाली सीमा के पास 80 ट्र‍िलियन घनफुट प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार की खोज की है. नया गैस क्षेत्र पांच हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और संयुक्‍त अरब अमारात में प्राकृतिक गैस की सबसे बड़ी खोज है.

जेबेल अली गैस क्षेत्र की खोज से संयुक्‍त अरब अमारात प्राकृतिक गैस के मामले में आत्‍मनिर्भर हो जाएगा वह अगले 50 वर्षों के अपने विकास कार्यक्रमों के अनुरूप विकास परियोजनाओं के अगले चरण की तैयारी कर सकेगा.

अद्दू पर्यटन क्षेत्र स्‍थापित करने के लिए भारत और मालदीव में समझौता

भारत और मालदीव ने मालदीव में अद्दू पर्यटन क्षेत्र स्‍थापित करने के लिए पांच समझौता ज्ञापनों पर 2 फरवरी को हस्‍ताक्षर किए. अद्दू पर्यटन क्षेत्र मालदीव में अद्दू अतोल के पांच द्वीपों पर होगा. इस परियोजना की लागत चौबीस लाख नब्‍बे हजार डॉलर होगी.

इन समझौता ज्ञापनों पर मालदीव में भारतीय उच्‍चायुक्‍त संजय सुधीर, मालदीव के विदेश मंत्री अब्‍दुल्‍ला शाहिद तथा अद्दू नगर परिषद के प्रतिनिधि ने हस्‍ताक्षर किए. होराफूशी में बोतल बंद पानी का संयंत्र स्‍थापित करने के एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर किए गए.