चीन ने 1 अक्टूबर को अपना 71वां राष्ट्रीय दिवस मनाया

चीन ने 1 अक्टूबर 2020 को अपना 71वां राष्ट्रीय दिवस मनाया. इस दिवस के आधिकारिक समारोह की शुरुआत 30 सितम्बर को हुई थी. समारोह की शुरुआत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के संस्थापक माओ जेडोंग की संरक्षित रखी गई पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देकर की.

इस अवसर पर आयोजित समारोह का मुख्य कार्यक्रम चीनी सेना की परेड रही. इस परेड में उसने मिसाइलों समेत अपने सबसे आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया.

दरअसल, 1 अक्टूबर 1949 को नए चीन की स्थापना हुई थी, इस लिहाज़ से अक्टूबर का पहला सप्ताह (गोल्डन वीक) चीन में बहुत ख़ास माना जाता है. इस दौरान तमाम कार्यालय व दफ़्तर बंद रहते हैं.

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योशिदे सुगा जापान के नए प्रधानमंत्री चुने गये, शिंजो आबे की जगह लेंगे

योशिदे सुगा (Yoshihide Suga) को जापान का नया प्रधानमंत्री चुना गया है. वह निर्वतमान प्रधानमंत्री शिंजो आबे की जगह लेंगे. शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों को लेकर कुछ ही दिन पहले पद से इस्तीफा दे दिया था.

जापान में सत्‍तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के नेतृत्‍व के चुनाव में योशिदे सुगा को जीत मिली है. आबे के कार्यकाल के दौरान 71 साल के सूगा कई महत्‍वपूर्ण पद संभाल चुके हैं. लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य योशिदे सुगा पार्टी में किसी गुट से संबद्ध नहीं रहे हैं. योशिदे सुगा, जापान में सबसे लंबे समय तक मुख्य कैबिनेट सचिव रहे हैं.

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जर्मनी, हिंद-प्रशांत क्षेत्र क्‍लब में शामिल हुआ

जर्मनी, हिंद-प्रशांत क्षेत्र क्‍लब (Indo-Pacific Club) में शामिल हो गया है. व्‍यापार मार्गों को आक्रामक चीन से सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठाया गया है. जर्मनी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी रणनीति औपचारिक रूप से अपनायी है और इस संबंध में 40 पृष्‍ठों के दिशा-निर्देशों का प्रारूप तैयार किया है.

फ्रांस के बाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए औपचारिक रणनीति तय करने वाला जर्मनी दूसरा देश बन गया है. इस रणनीति से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय व्‍यवस्‍था को दिशा देने में जर्मनी सक्रिय योगदान कर सकेगा.

हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) क्षेत्र क्या है?

  • हिंद यानि हिंद महासागर (Indian Ocean) और प्रशांत (Pacific) यानी प्रशांत महासागर के कुछ भागों को मिलाकर जो समुद्र का एक हिस्सा बनता है उसे हिंद प्रशांत क्षेत्र कहते हैं.
  • अमेरिका अपनी वैश्विक स्थिति को पुनर्जीवित करने के लिये इस क्षेत्र को अपनी भव्य रणनीति का एक हिस्सा मानता है. अमेरिका के इस रणनीति को चीन द्वारा चुनौती दी जा रही है.
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण है. अमेरिका इस क्षेत्र में वृहद् भारत-अमेरिकी सहयोग की बात कर रहा है. इस क्षेत्र में मुक्त व्यापार, आवाजाही की आज़ादी और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिये उपयुक्त ढाँचा बनाना इस रणनीति के मुख्य भाग हैं.
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रोकने के लिए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को ‘हिंद-प्रशांत रणनीति’ शामिल करना चाहता है.
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जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अपने पद से त्यागपत्र दिया

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से 28 अगस्त को त्यागपत्र दे दिया। 65 वर्षीय आबे ने जापान के प्रधानमंत्री के रूप में 7 साल और 8 महीने कार्य किया.

शिंजो आबे जापान के इतिहास में सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधान मंत्री बन गए हैं. वे 26 दिसंबर 2012 से जापान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे. इससे पहले उन्होंने जुलाई 2006 से सितंबर 2007 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था. तब वह देश के सबसे कम उम्र (52 वर्ष) के प्रधानमंत्री बने थे.

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WHO ने अफ्रीका महाद्वीप को पोलियो मुक्त घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अफ्रीका महाद्वीप को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया है. WHO अफ्रीका रीजन के कार्यालय ने 25 अगस्त 2020 को अफ्रीका के अंतिम देश नाइजीरिया के पोलियो मुक्त देश घोषित किया. इस घोषणा के साथ ही पूरा अफ्रीका महाद्वीप वाइल्ड पोलियो से मुक्त हो गया.

यह दूसरी बार है जब WHO ने अफ्रीका में किसी वायरस को खत्म किया है. चार दशक पहले अफ्रीका में चेचक को पूरी तरह से खत्म किया गया था. WHO के अनुसार जब किसी देश में चार साल तक पोलियो का कोई नया मामला नहीं सामने आता तो उसे पोलियो मुक्त मान लिया जाता है.

WHO के अनुसार अफ्रीका महाद्वीप में पोलियो वायरस केवल अफ्रीका के नाइजीरिया में ही बचा था. 1996 में पूरे अफ्रीका में करीब 75 हजार बच्चे पोलियो का शिकार हुए थे. इस दौरान अफ्रीका का हर एक देश प्रभावित था.

WHO ने 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) शुरू की थी. तब से लेकर अब तक लगभग पूरी दुनिया से पोलियो को खत्म किया जा चुका है. अफ्रीका में आखिरी बार पोलियो का मामला साल 2016 में नाइजीरिया में आया था.

अब केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो वायरस मौजूद

अफ्रीका को पोलियो वायरस से मुक्त किए जाने के बाद अब केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश बचे हैं जहां अभी तक पोलियो वायरस मौजूद है.

2014 में भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था

WHO ने 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया था. इस दिन दिल्ली स्थित WHO के कार्यालय में आयोजित समारोह में दक्षिण-पूर्व एशिया को पोलियो मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया. इसी के तहत भारत भी पोलियो मुक्त घोषित हो गया था. कभी भी एक देश को अकेले पोलियो मुक्त घोषित नहीं किया जाता है.

पोलियो: एक दृष्टि

  • पोलियो एक विषाणुजन्य यानि वायरस से होने वाला रोग है. यह अधिकांशत: बच्चों को होता है, यद्यपि यह बीमारी किसी को भी हो सकती है.
  • पोलियो का संक्रमण मुख्य रूप से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फेको-मौखिक मार्ग के द्वारा होता है. यह पानी या मल पदार्थ, अस्वच्छ भोजन के साथ, जल के संक्रमण से हो सकता है.
  • पोलियो से शरीर के अंगों में विकलांगता आ सकती है. पोलियो लाईलाज है, क्‍योंकि इसका लकवापन ठीक नहीं हो सकता है. बचाव ही इस बीमारी का एक मात्र उपाय है.
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डॉल्फ़िन के संरक्षण के लिए भारत, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमा में सहमति

नदियों में पाई जाने वाली डॉल्फ़िन के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए भारत, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमा के विशेषज्ञ मिलकर सहयोग करने पर सहमत हुए हैं. यह सहमति वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक संगोष्ठी में बनी. इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से इस डॉल्फ़िन के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा की.

डॉल्फ़िन एक विशेष प्रजाति है जो मुख्य रूप से एशिया और दक्षिण अमरीका की नदियों में पाई जाती है. यह प्रजाति तेजी से लुप्त हो रही है. भारत के राष्ट्रीय जलीय जंतु गांगेय डॉल्फिन को प्रकृति संरक्षण के अन्तर्राष्ट्रीय संघ द्वारा लुप्तप्राय घोषित किया गया है.

विशेषज्ञों का मानना था कि डॉल्फिन संरक्षण के लिए वैज्ञानिक हस्तक्षेप के साथ सामुदायिक भागीदारी भी जरूरी है. उन्होंने छात्रों को डॉल्फिन के बारे में जानकारी देने और इस बारे में समग्र जागरूकता पर भी चर्चा की.

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इज़राइल और UAE के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमति

इज़राइल और संयुक्त अरब अमारात (UAE) के बीच आपसी संबंध सामान्य बनाने और पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमति बनी है. यह सहमति अमरीका के राष्‍ट्रपति डोनल्‍ड ट्रम्‍प की मध्यस्थता में 13 अगस्त को हुई वार्ता बैठक में बनी. यह बैठक अमरीका के राष्‍ट्रपति डोनल्‍ड ट्रम्‍प, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू और अबू धाबी के शहजादे मोहम्मद अल नाह्यान के बीच हुई थी.

समझौते के मुख्य बिंदु

  • इसे ‘इज़राइल-UAE शांति समझौता’ (Israel-UAE Peace Deal) के रूप में जाना जाता है. यह इज़राइल द्वारा फिलिस्तीनी क्षेत्रों को अपने हिस्सों में को जोड़ने की योजना को निलंबित कर देगा.
  • इस समझौते के परिणामस्वरूप, इस्राइल अपने कब्जे वाले पश्चिमी तट (वेस्ट बैंक) से लगे इलाकों पर अपनी विवादास्पद योजना को निलंबित रखेगा. वेस्ट बैंक, इज़राइल और जॉर्डन के बीच स्थित है. इसका एक प्रमुख शहर फिलिस्तीन की वास्तविक प्रशासनिक राजधानी ‘रामल्लाह’ है.
  • इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे जिनमें- निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दे शामिल होंगे.

संयुक्त राष्ट्र ने समझौते का स्वागत किया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरश ने इज़राइल और संयुक्त अरब अमारात के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के समझौते का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि इस समझौते से इज़राइल और फिलीस्तीन के नेताओं को फिर से सार्थक बातचीत का अवसर मिलेगा. इस तरह दोनों देश संयुक्त राष्ट्र संकल्पों, अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और द्विपक्षीय समझौतों के तहत परस्पर विवादों का समाधान कर सकते हैं.

इज़राइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला खाड़ी देश

संयुक्त अरब अमारात इज़राइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला खाड़ी देश और तीसरा अरब देश बन गया है. इससे पहले खाड़ी से अलग दो अरब देशों- मिस्र और जॉर्डन ने इजरायल के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित किए थे. इजराइल और मिस्र में 1979 में और जॉर्डन और इजराइल में 1994 में समझौता हो चुका है.

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जापान के जहाज से तेल रिसाव के बाद मॉरीशस ने पर्यावरण आपातकाल की घोषणा की

मॉरीशस ने हाल ही में ‘पर्यावरणीय आपातकाल’ (Environmental emergency) की घोषणा की है. जापानी जहाज से कई टन ईंधन के रिसाव के कारण यह घोषणा की गयी है. मॉरीशस ने इस मुद्दे पर फ्रांस से मदद की अपील की है.

मॉरीशस के पास हिंद महासागर में एक मूंगा चट्टान से जापानी शिप एमवी वाकाशिओ (MV Wakashio) के टकराने के बाद ईंधन लीक होने की वजह से यह पर्यावरण संकट पैदा हुआ. मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने कहा था कि रिसाव के रूप में आई ये आपदा करीब 13 लाख आबादी वाले उनके देश के लिए ‘खतरा’ है जो पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर है.

मॉरीशस की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर करता है. 2019 में मॉरीशस ने पर्यटन से 63 अरब मॉरीशस रुपये पर्यटन से कमाए गए थे. यहां की जैव-विवधता, खासकर समुद्री जीवन पूरी दुनिया में मशहूर है. ऐसे में इस पर्यावरण संकट से न सिर्फ जलीय जीवन बल्कि उस पर निर्भर लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी खतरा पैदा हो सकता है.

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महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने 9 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने दिलावाई.

हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व में श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (SLPP) पार्टी और सहयोगियों को दो तिहाई सीटें पाई थीं. SLPP ने 145 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत दर्ज करते हुए अपने सहयोगियों के साथ कुल 150 सीटें अपने नाम कीं जो 225 सदस्यीय सदन में दो तिहाई बहुमत के बराबर है.

महिंदा राजपक्षे इससे पहले 2005 से 2015 तक करीब एक दशक तक राष्ट्रपति रहे हैं. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में SLPP की टिकट पर जीत दर्ज की थी. गोटबाया राजपक्षे महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई हैं.

महिंदा राजपक्षे ने इस साल जुलाई में संसद की राजनीति में 50 वर्ष पूरे किए हैं. वे 1970 में महज 24 साल की उम्र में सांसद निर्वाचित हुए थे. उसके बाद वे दो बार राष्ट्रपति चुने गए और तीन बार प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए.

श्रीलंका में दो विपक्षी पार्टियों समागी जना बालावेगया (SJB) और युनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) में UNP बुरी तरह पराजित हुई और उसके नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी चुनाव हार गये. पार्टी को मात्र एक सीट मिली. UNP से अलग होकर बनी SJB को चुनाव में 54 सीटें मिली हैं और वह मुख्‍य विपक्षी दल है.

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अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर संगठन के सत्र का फ्रांस में आयोजन

अंतरराष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर संगठन (ITER) के सत्र का आयोजन फ्रांस में हाल ही में किया गया था. इस संगठन के सत्र के अवसर पर फ्रांस में एक भव्य आयोजन किया गया था. इस आयोजन का उद्घाटन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने किया था. इस सत्र में दुनिया भर के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने हिस्सा लिया था.

क्या है ITER?

  • ITER, International Thermonuclear Experimental Reactor का संक्षिप्त रूप है. इसका उद्देश्य व्यावसायिक उपयोग के लिए फ्यूजन (संलयन) से ऊर्जा तैयार करने की संभावना तलाशना है.
  • यह ऊर्जा की कमी की समस्या से निबटने के लिए भारत सहित विश्व के कई राष्ट्रों द्वारा चलाया जा रहा एक अनुसंधान परियोजना है.
  • यह अनुसंधान अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सहयोग से ‘संलयन नाभिकीय प्रक्रिया’ पर आधारित है. वर्ष 2000 में इस परियोजना की कुल लागत 4.57 अरब यूरो आंकी गयी थी.
  • यह हाइड्रोजन बम के सिद्धांत पर आधारित नाभिकीय परियोजना को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है. इसमें नाभिकीय संलयन से उसी प्रकार से ऊर्जा मिलेगी जैसे पृथ्वी को सूर्य या अन्य तारों से मिलती है.
  • ITER परियोजना के सदस्‍य देश: इस परियोजना के भागीदार यूरोपियन यूनियन, जापान, चीन, रूस, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका हैं. भारत आधिकारिक रूप से इस परियोजना में 6 दिसम्बर, 2005 को शामिल हुआ था.
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मोहम्मद इरफान अली गुयाना के नये राष्ट्रपति और मार्क फिलिप्स प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये

मोहम्मद इरफान अली गुयाना के नये राष्ट्रपति और मार्क फिलिप्स यहाँ के नए प्रधानमंत्री नियुक्त किये गये हैं. मोहम्मद इरफान अली गुयाना के पूर्व आवास मंत्री और विपक्षी राजनीतिक दल पीपुल्स प्रोग्रेसिव पार्टी (PPP) के नेता हैं. वह डेविड आर्थर ग्रेंजर की जगह लेंगे.

गुयाना के नवनियुक्त प्रधानमंत्री मार्क एंथनी फिलिप्स रक्षा बल के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ और सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर रह चुके हैं.

गुयाना: एक दृष्टि

  • गुयाना, दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के उत्तर-मध्य भाग में स्थित एक देश है. यह हॉलैन्ड, पुर्तगालियों और अंग्रेजों का उपनिवेश था. गयाना को ब्रिटेन के 200 वर्षों के शाशन से 26 मई 1966 को आजादी मिली थी.
  • गुयाना में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है. यहाँ भारतीय अंग्रेजों के शासन काल में आये थे. यहाँ काम करने के लिये ब्रिटेन ने अपने अन्य उपनिवेशो से मज़दूर गयाना मे लाए थे.
  • गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन है. यहाँ की जनसंख्या लगभग 7.5 लाख है. गुयाना की मुद्रा गयानी डॉलर (GYD) हैं.
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न्यूजीलैंड ने हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को निलंबित किया

न्यूजीलैंड ने हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को निलंबित कर दिया है. चीन द्वारा हांगकांग में नए सुरक्षा कानून को लागू करने के कारण यह फैसला लिया गया है. इस मुद्दे पर हाल ही में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन भी हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि को निलंबित कर चुके हैं.

चीन न्यूजीलैंड का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और अतीत में वह अक्सर प्रत्यक्ष राजनीतिक टकराव से बचता रहा है. चीन हर साल अरबों डॉलर के कृषि सामान न्यूजीलैंड से खरीदता है. इसमें दूध पाउडर प्रमुख है.

प्रत्यर्पण संधि क्या है?

प्रत्यर्पण संधि दो देशों के बीच ऐसी संधि है, जिसके अनुसार देश में अपराध करके किसी दूसरे देश में जाकर रहने वाले अपरधियों को उस देश को प्रत्यर्पित कर दिया जाता है. भारत की 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है.

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