भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 23-24 सितंबर को नौसैनिक अभ्यास (PASSEX Exercise) आयोजित किया गया. इसका आयोजन हिंद महासागर के पूर्व में किया गया था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना (RAN) ने हिस्सा लिया था.
दोनों देशों के बीच इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से सह्याद्री और कर्मुक पोत और ऑस्ट्रेलियाई की ओर से HMAS होबार्ट शामिल हुए थे. इस अभ्यास में हथियार फायरिंग, सीमन्सशिप अभ्यास, नौसैनिक युद्धाभ्यास और क्रॉस डेक ऑपरेशन शामिल थे.
PASSEX मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच नियमित रूप से किया जाने वाला नौसैनिक अभ्यास है. भारतीय नौसेना मित्र देशों की नौसेनाओं की टुकड़ियों के साथ यह अभ्यास एक दूसरे के बंदरगाहों पर या समुद्र में करते हैं. इसका उद्देश्य अंतर-क्षमता को बढ़ाना और आपसी तालमेल में सुधार करना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-09-24 20:49:242020-09-26 12:05:41भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हिंद महासागर में नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया
भारत और जापान ने भारतीय सशस्त्र बल और जापान के आत्मरक्षा बल के बीच आपूर्ति और सेवाओं के प्रावधान से संबंधित आदान-प्रदान के एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं. नई दिल्ली में रक्षा सचिव डॉक्टर अजय कुमार और जापान के राजदूत श्री सुजुकी सातोशी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
इस समझौते से भारत और जापान के सशस्त्र बलों के बीच सैन्य गतिविधियों के बारे में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा तथा विशेष सामरिक और वैश्विक भागीदारी के सिलसिले में द्विपक्षीय रक्षा सहमति को बढ़ावा मिलेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-09-10 23:43:252020-09-11 17:59:18भारत और जापान के बीच आपूर्ति और सेवाओं के प्रावधान से संबंधित समझौते
भारत, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच 10 सितम्बर को एक नए गठबंधन की घोषणा की गई. यह घोषणा तीनों देशों के बीच आयोजित विदेश मंत्रालयों की पहली वर्चुअल बैठक की गई. यह तीनों देशों के बीच पहली बैठक थी जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने किया. फ्रांस से विदेश मंत्रालय में सेक्रेटरी जनरल फ्रांस्वा डिलात्रे और ऑस्ट्रेलिया से विदेश व व्यापार मंत्रालय की सेक्रेटरी फ्रांसिस एडमसॉन ने प्रतिनिधित्व किया.
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा
इस बैठक में तीनों देशों ने स्पष्ट कहा है कि वे इस बेहद चर्चित समुद्री क्षेत्र में साझा रणनीति बना रहे हैं. बैठक में नई भू-राजनीतिक चुनौतियों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर सबसे ज्यादा बात हुई है. तीनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग को लेकर भी विमर्श हुआ है. फ्रांस पहले भी हिंद व प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को लेकर अपनी चिंता जता चुका है.
चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ
यह गठबंधन चीन के आक्रामकता के खिलाफ संकेत देने के तौर पर देखा जा रहा है. हाल के दिनों में अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया तीसरा देश है, जो चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ काफी मुखर है. यही नहीं इस महीने के अंत तक भारत, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक नया गठबंधन भी रूप ले रहा है. इन तीनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों की भी एक बैठक आयोजित की जानी है. इसके अलाबा भारत, अमेरिका, जापान के साथ ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की बैठक नई दिल्ली में ही आयोजित करने की तैयारी चल रही है. चार देशों के इस गठबंधन को क्वाड नाम दिया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-09-10 23:40:142020-09-11 18:05:24भारत, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच नए गठबंधन की घोषणा की गई
भारत और रूस के नौसेना के बीच 4 से 5 सितंबर तक समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ का आयोजन किया गया. इसका आयोजन मलक्का जलडमरुमध्य (बंगाल की खाड़ी) में किया गया. यह INDRA NAVY का 11वां संस्करण था.
इस युद्ध-अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी ताल-मेल और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना तथा समुद्री सुरक्षा के लिए आपसी समझ को विकसित करना था.
समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’
समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ भारत और रूस के बीच एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है. इसका आयोजन प्रत्येक दो वर्ष में किया जाता है. समुद्री अभ्यास “INDRA NAVY” दोनों नौसेनाओं के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक संबंध का प्रतीक है.
इंद्र नौसेना अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी. भारतीय वायु सेना ने 2014 में रूसी वायु सेना के साथ अभ्यास ‘एविया इंद्र’ में भाग लिया था. 2017 में पहली बार त्रि-सेवा अभ्यास का आयोजन किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-09-06 22:10:112020-09-06 22:15:32भारत और रूस के नौसेना के बीच समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ का आयोजन किया गया
भारत ने रूस में अगले महीने होने वाले बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘कावकाज-2020’ से अलग हटने की घोषणा की है. इस अभ्यास का आयोजन 15 से 26 सितंबर 2020 तक रूस के अस्त्रखान प्रांत में आयोजित किया जाना था। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगले सप्ताह रूस यात्रा से पहले यह निर्णय लिया गया है.
‘कावकाज-2020’ सैन्य अभ्यास में SCO और मध्य एशियाई देशों के सदस्य देशों को आमंत्रित किया गया है। इस अभ्यास में लगभग 20 देशों के भाग लेने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत और रूस नजदीकी और विशिष्ट रणनीतिक साझीदार हैं और रूस के निमंत्रण पर भारत कई अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेता रहा है. लेकिन कोविड महामारी और इसके कारण अभ्यास में साजो-सामान की व्यवस्था सहित संबंधित कठिनाईयों को लेकर भारत ने कावकाज 2020 में सैन्य टुकड़ी नहीं भेजने का निर्णय लिया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-08-31 23:15:282020-09-01 08:18:58भारत ने रूस में होने वाले बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘कावकाज-2020’ से हटने की घोषणा की
भारत और श्रीलंका ने हाल ही में 40 करोड डॉलर के मुद्रा विनिमय (अदला-बदली) समझौता किया था. इस समझौते में दोनों पड़ोसी देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाने के उपायों पर विचार किया गया था.
इस समझौते के अनुबंध दस्तावेज पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने 26 जुलाई को हस्ताक्षर किये. समझौते पर हस्ताक्षर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के फ्रेमवर्क तहत किया गया है.
दोनों देशों के बीच मुद्रा विनिमय का उपयोग विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने और देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जाएगा. यह मुद्रा विनिमय समझौता नवम्बर 2022 तक मान्य होगा.
मुद्रा विनिमय (Currency Swap) क्या है?
मुद्रा विनिमय दो देशों के बीच एक विदेशी मुद्रा विनिमय अनुबंध है. यह अनुबंध दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों के बीच होता है. इस अनुबंध में एक देश का केंद्रीय बैंक दूसरे देश के केंद्रीय बैंक को विदेशी मुद्रा (सामान्यतः अमेरिकी डॉलर) प्रदान करता है.
विदेशी मुद्रा प्राप्त करने वाले देश का केंद्रीय बैंक पूर्व निर्धारित समय में बाजार विनिमय दर के अनुसार उस देश की मुद्रा के समान धनराशि लौटा देता है. यह समझौता एक मुद्रा के बदले दूसरी मुद्रा प्राप्त करने हेतु एक निश्चित समय के लिये किया जाता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-27 20:46:312020-07-27 20:46:31भारत ने श्रीलंका के साथ 40 करोड़ डॉलर की मुद्रा विनिमय का अनुबंध किया
भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में नौसैनिक अभ्यास ‘PASSEX’ आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का आयोजन हिंद महासागर में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास किया गया था. इस अभ्यास को वायु रक्षा सहित प्रशिक्षण और बेहतर तालमेल कायम करने के लिए डिज़ाइन किया गया था.
इस अभ्यास में भारतीय नौसैनिक जहाज़ों में INS शिवालिक, INS सह्याद्री, INS कामोर्ता और INS राणा शामिल थे. अमेरिका की ओर से अभ्यास में कैरियर USS निमित्ज, USS रोनाल्ड रीगन और दो अन्य अमेरिकी जहाज़ों ने हिस्सा लिया था. ‘कैरियर USS निमित्ज’ अमेरिकी नौसेना का सबसे बड़ा विमान वाहक है.
इस अभ्यास का आयोजन ऐसे समय पर किया गया है जब भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में सीमाई गतिरोध बना हुआ है और दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ता जा रहा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-26 21:31:142020-07-26 21:31:14भारत और अमेरिका के बीच हिंद महासागर में PASSEX नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया
भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक और व्यापार समिति की 14वीं बैठक (14th UK-India Joint Economic and Trade Committee- JETCO) 24 जुलाई को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गयी. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन की अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार राज्य मंत्री एलिजाबेथ ट्रस ने बैठक की संयुक्त अध्यक्षता की.
इस बैठक में दोनों देशों ने आपसी मुक्त व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्धता दोहराई. मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में प्रारंभिक उपायों के तौर पर दोनों पक्ष सीमित व्यापार समझौते करेंगे. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए श्री गोयल और सुश्री ट्रस के बीच नई दिल्ली में विचार-विमर्श होगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-25 21:33:582020-07-25 21:33:58भारत-ब्रिटेन आर्थिक और व्यापार समिति की 14वीं बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘इंडिया आइडियाज’ वर्चुअल शिखर सम्मेलन (India Ideas Summit) 2020 को संबोधित किया. इस सम्मेलन का आयोजन अमरीका-भारत व्यापार परिषद (America-India Business Council) ने 21-22 जुलाई को किया था. परिषद के गठन की 45वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इसका आयोजन किया गया था. इस वर्ष के ‘इंडिया आइडियाज’ शिखर सम्मेलन का विषय- ‘बेहतर भविष्य का निर्माण’ (Building a Better Future) था.
सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना और उसके बाद के परिवेश में भारत और अमरीका की साझा भूमिका को रेखांकित किया. इस सम्मेलन में दोनों ही देशों के बीच पारस्परिक संबंधों सहित कोविड महामारी के बाद उत्पन्न परिस्थितियों की चर्चा और मूल्यांकन पर बल दिया गया.
शिखर सम्मेलन में मुख्य वक्ताओं में प्रधानमंत्री मोदी के अलाबा विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर, अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, अमरीकी राज्य वर्जीनिया के सिनेटर मार्क वार्नर और संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमरीकी राजदूत रहीं निकी हेली शामिल थे.
अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है. उन्होंने कहा कि भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में और वैश्विक स्तर पर भी अमरीका का एक उभरता हुआ सुरक्षा भागीदार है. उन्होंने कहा कि अमरीका ने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा आयोजित की जा रही जी-7 देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया है.
अमरीका-भारत व्यापार परिषद क्या है?
अमरीका-भारत व्यापार परिषद (America-India Business Council) का गठन 1975 में किया गया था. यह दोनों देशों के बीच निवेश प्रवाह को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है. यह सरकारों और व्यापारियों के बीच सीधे संपर्क का काम करती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-23 21:20:592020-07-23 21:20:59अमरीका-भारत व्यापार परिषद द्वारा ‘इंडिया आइडियाज’ वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन
भारत और अमेरिका के बीच 18 जुलाई को दूसरी रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी मंत्रीस्तरीय बैठक (US-India Strategic Energy Partnership ministerial meeting) हुई. तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और उनके अमेरिकी समकक्ष डैन ब्रोइलेट ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के ज़रिये हुई इस बैठक की सह-अध्यक्षता की. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारण समेत कई अहम मुद्दों पर समझौते हुए.
बैठक में दोनों देशों के बीच ऑयल एंड गैस सेक्टर में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति बनी. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पहली बार रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारण को लेकर अहम समझौता हुआ. इसके साथ ही गैस आधारित अर्थव्यवस्था और डीकोर्बोनाइजेशन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी समझौते हुए.
डीकार्बोनाइजेशन को लेकर दोनों देशों ने उच्च तकनीक की मदद से अक्षय ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन स्रोतों से हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए एक सार्वजनिक-निजी हाइड्रोजन टास्क फोर्स का भी गठन किया. भारत में अगले साल होने वाले पहले सोलर डेकाथलॉन में सहयोग के लिए भी दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ.
SEP (Strategic Energy Partnership) की स्थापना के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय हाइड्रोकार्बन व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. 2019-20 के दौरान द्विपक्षीय हाइड्रोकार्बन व्यापार 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर तक पहुंच गया, जो 2017-18 की तुलना में 93% अधिक है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-18 21:53:452020-07-18 21:53:45भारत और अमेरिका के बीच दूसरी रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी मंत्रीस्तरीय बैठक
ईरान ने भारत को चाबहार रेल परियोजना से अलग करने की 14 जुलाई को घोषणा की. घोषणा के तहत ईरान इस रेल परियोजना को भारत की आर्थिक सहायता के बिना पूरा करेगा. इसके लिए वह ईरान के राष्ट्रीय विकास निधि से 40 करोड़ डॉलर की धनराशि का उपयोग करेगा.
चाबहार परियोजना: एक दृष्टि
सन 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान की यात्रा की थी जिस दौरान चाबहार समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था. पूरे परियोजना पर करीब 1.6 अरब डॉलर का निवेश होना था.
इस परियोजना में चाबहार बंदरगाह और इस बंदरगाह से जहेदान के लिए 628 किलोमीटर रेलवे लाइन को पूरा किया जाना था.
इस परियोजना से भारत के अफगानिस्तान और अन्य मध्य-एशियाई देशों तक एक वैकल्पिक मार्ग मुहैया कराना जाना था. इसके लिए ईरान, भारत और अफगानिस्तान के बीच त्रिपक्षीय करार हुआ था.
भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित करने में अरबों रुपये खर्च किए हैं.
भारत के लिए चाबहार व्यापारिक के साथ-साथ रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण है. यह बंदरगाह चीन की मदद से विकसित किए गए पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर है. इसलिए भारत के लिहाज से ये काफी महत्वपूर्ण है.
अमेरिका के दबाव की वजह से भारत के रिश्ते ईरान के साथ पूर्ववत नहीं हैं. अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह के लिए राहत दे रखी है. वैसे भी भारत ने पहले से ही ईरान से तेल का आयात बहुत कम कर दिया है.
चाबहार रेल परियोजना
चाबहार रेल परियोजना चाबहार पोर्ट से जहेदान के बीच बनाई जानी है. भारत और ईरान के बीच हुए समझौते के तहत भारत की सरकारी रेल कंपनी भारतीय रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (IRCON) इस परियोजना को पूरा करने वाली थी.
इस प्रोजेक्ट के लिए IRCON के इंजीनियर ईरान गए थे लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत ने रेल परियोजना पर काम को शुरू नहीं किया.
चीन और ईरान के बीच नये समीकरण की उम्मीद
अमेरिका की एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम एशिया में अमेरिका के साथ चल विवाद के कारण चीन और ईरान जल्द ही एक बड़ा समझौता कर सकते हैं. इसके अनुसार चीन ईरान से बेहद सस्ती दरों पर तेल खरीदेगा और इसके बदले में पेइचिंग ईरान में 400 अरब डॉलर का निवेश करने जा रहा है. चीन ईरान की सुरक्षा के लिए घातक आधुनिक हथियार देगा. रिपोर्ट के अनुसार ईरान और चीन के बीच 25 साल के रणनीतिक समझौते पर बातचीत पूरी हो गई है
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-14 22:42:522020-07-14 22:42:52ईरान ने भारत को चाबहार रेल परियोजना से अलग किया
भारत, ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निवेशक देश बन गया है. वर्ष 2019 में भारत ने ब्रिटेन में 120 परियोजनाओं में निवेश और 5429 रोज़गार सृजित किया था.
ब्रिटेन सरकार के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत FDI में चार प्रतिशत की वृद्धि कर तीसरे से दूसरे पायदान पर आ गया है. वर्तमान में ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिहाज से अमरीका पहले स्थान पर है. दूसरे स्थान पर भारत और तीसरे स्थान पर जर्मनी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2020-07-11 22:46:542020-07-11 22:46:54भारत, ब्रिटेन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निवेशक देश बना