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पुलित्जर पुरस्कार 2024: कविता के क्षेत्र में ब्रेंडन सोम को सम्मानित किया गया

पुलित्जर पुरस्कार (Pulitzer Prize) 2024 के विजेताओं की घोषणा 7 मई को की गई थी. इन पुरस्कारों की घोषणा अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय ने पुलित्जर पुरस्कार बोर्ड की सिफारिशों पर की गई थी.

इस वर्ष कविता के क्षेत्र में ब्रेंडन सोम को सम्मानित किया गया है, वहीं खोजी पत्रकारिता के लिए द न्यूयॉर्क टाइम्स की हन्ना ड्रेयर को पुरस्कृत किया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • अमेरिका के समाचार पत्र ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ और ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ को वर्ष 2023 में गाजा में युद्ध से लेकर बंदूक हिंसा जैसी घटनाओं पर उल्लेखनीय कार्य के लिए तीन श्रेणियों में प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गयी है.
  • समाचार एजेंसी ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को अमेरिका में वैश्विक स्तर पर प्रवासियों के आवागमन की कवरेज के लिए फीचर फोटोग्राफी श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार दिया गया.
  • लोक सेवा (पब्लिक सर्विस) पुरस्कार खोजी पत्रकार संस्था ‘प्रोपब्लिका’ को दिया गया है. उसे अमेरिकी उच्चतम न्यायालय पर की गयी खबरों के लिए यह पुरस्कार दिया गया. प्रोपब्लिका ने अरबपतियों द्वारा न्यायाधीशों को महंगे उपहार और विलासितापूर्ण यात्राओं के उठाये गये खर्च का खुलासा किया था.
  • समाचार एजेंसी रॉयटर्स को फोटोग्राफी की श्रेणी में और एसोसिएटेड प्रेस को फ़ीचर फ़ोटोग्राफ़ी में पुलित्जर पुरस्कार दिया गया

पुलित्जर पुरस्कार (Pulitzer Prize): एक दृष्टि

  • पुलित्जर पुरस्कार, संयुक्त राज्य अमेरिका का एक प्रमुख पुरस्कार है. इसकी स्थापना 1917 में हंगरी मूल के अमेरिकी प्रकाशक जोसेफ पुलित्जर ने की थी.
  • यह पुरस्कार पत्रकारिता, साहित्य एवं संगीत रचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को प्रदान किया जाता है. यह पत्रकारिता के क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है.
  • इस पुरस्कार की घोषणा प्रत्येक वर्ष कोलम्बिया विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है. यह पुरस्कार 21 श्रेणियों में प्रदान किया जाता है.
  • पुलित्जर लोकसेवा श्रेणी के पुरस्कार के विजेताओं को एक गोल्ड मेडल दिया जाता है और अन्य श्रेणी के पुरस्कारों में सभी को 15,000 डॉलर दिए जाते हैं.

पूर्णिमा देवी बर्मन को व्हिटली गोल्ड अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया

भारत की डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन को दूसरी बार व्हिटली गोल्ड पुरस्कार (Whitley Gold Award) से सम्मानित किया गया है. पूर्णिमा देवी बर्मन असम की वन्यजीव जीवविज्ञानी हैं. उन्हें 2017 में भी इस  पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

डॉ. बर्मन ने लंदन, यूनाइटेड किंगडम में रॉयल ज्योग्राफिकल सोसाइटी पुरस्कार समारोह में चैरिटी संरक्षक राजकुमारी ऐनी से ट्रॉफी प्राप्त की.

मुख्य बिन्दु

  • पूर्णिमा देवी बर्मन को लुप्तप्राय पक्षी, ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क जिसे असमिया भाषा में हरगिला कहा जाता है के संरक्षण और उसके आर्द्रभूमि आवास के संरक्षण प्रयास के लिए सम्मानित किया गया.
  • हरगिला पक्षी मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व, विशेषकर असम के आर्द्रभूमि क्षेत्रों में पाए जाते हैं. पक्षियों की आबादी घटकर लगभग 450 रह गई थी. डॉ. पूर्णिमा के संरक्षण प्रयासों के कारण वर्तमान में इन क्षेत्रों में हरगिला पक्षियों की आबादी 1800 से अधिक हो गई है.
  • डॉ. बर्मन का लक्ष्य 2030 तक हरगिला पक्षी की वैश्विक आबादी को दोगुना कर 5,000 तक पहुंचाना है.
  • हरगिला पक्षी के पंखों का फैलाव 2.4 मीटर होता है और यह इसकी ऊंचाई 1.2 मीटर तक हो सकती है. इस पक्षी का घोंसला एक मीटर चौड़ा तक हो सकता है.
  • हरगिला पक्षी आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे मुख्यत: सड़ने वाले कार्बनिक पदार्थों को खाते हैं. वे पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखते हैं.

व्हिटली पुरस्कार: एक दृष्टि

व्हिटली फ़ंड फ़ॉर नेचर यूनाइटेड किंगडम में पंजीकृत एक परोपकारी संस्था है. इसकी स्थापना 1993 में हुई थी. इस संस्था ने 2007 में व्हिटली गोल्ड अवार्ड्स की स्थापना की थी. व्हिटली गोल्ड पुरस्कार को ग्रीन ऑस्कर भी कहा जाता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सर्जक पुरस्कार प्रदान किए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 मार्च को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में ‘राष्ट्रीय सर्जक पुरस्कार’ (National Creators Award) 2024 प्रदान किए थे. पहली बार शुरू किये गये इस पुरस्कार का उद्देश्य देश की सृजनात्मक प्रतिभाओं का सम्मान करना है.

मुख्य बिन्दु

  • ‘ग्रीन चैंपियन’ श्रेणी में प्रवेश पांडे को पुरस्कृत किया गया, जबकि कीर्तिका गोविंदसामी को ‘सर्वश्रेष्ठ कहानीकार’ का पुरस्कार दिया गया.
  • गायिका मैथिली ठाकुर को ‘कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार मिला. टेक श्रेणी में गौरव चौधरी और सर्वश्रेष्ठ यात्रा निर्माता पुरस्कार कामिया जानी को दिया गया.
  • पुरस्कृत किए गए अन्य लोगों में रणवीर अल्लाहबादिया, जया किशोरी, तंजानिया के किरी पॉल, संयुक्त राज्य अमेरिका के ड्रू हिक्स और जर्मनी के कैसेंड्रा के अलावा जाह्नवी सिंह, आरजे रौनक, नमन देशमुख, अंकित बैयनपुरिया, निश्चय, अरिदमन, पीयूष पुरोहित और अमन गुप्ता शामिल थे. इन सभी को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए.

राष्ट्रीय सर्जक पुरस्कार: एक दृष्टि

  • इस वर्ष यानि 2024 में राष्ट्रीय सर्जक पुरस्कार की शुरुआत पहली बार की गई है. इस पुरस्कार का मकसद कथा वाचन, सामाजिक बदलाव, पर्यावरणीय संवहनीयता और शिक्षा समेत दूसरे क्षेत्रों में बेहतरीन काम को बढ़ावा देना है.
  • राष्ट्रीय सर्जक पुरस्कार 2024 के लिए, वोटिंग राउंड में अलग-अलग पुरस्कार श्रेणियों में डिजिटल सर्जकों के लिए लगभग 10 लाख वोट डाले गए. इसके बाद, तीन अंतरराष्ट्रीय सर्जक समेत 23 विजेताओं का चयन किया गया. पहले दौर में 20 विभिन्न श्रेणियों में 1.5 लाख से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे.
  • यह पुरस्कार बीस श्रेणियां में प्रदान किया जाएगा इनमें सर्वश्रेष्ठ कहानीकार पुरस्कार वर्ष का सेलिब्रिटी निर्माता, ग्रीन चैंपियन पुरस्कार, सामाजिक परिवर्तन का सर्वश्रेष्ठ समर्थक, सबसे प्रभावशाली कृषक, वर्ष का सांस्कृतिक राजदूत, स्वच्छता राजदूत पुरस्कार, न्यू इंडिया चैंपियन और अंतरराष्ट्रीय निर्माता पुरस्कार शामिल हैं.

लालकृष्‍ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया

केंद्र सरकार ने 3 फ़रवरी को लाल कृष्‍ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ (Bharat Ratna) से सम्मानित करने की घोषणा की थी.वह भारत के सर्वोच्‍च सम्मान से सम्मानित होने वाले 50वें व्‍यक्ति होंगे.

कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए असाधारण योगदान देने वाले लोगों को ‘भारत रत्‍न’ से नवाजा जाता है.

मुख्य बिन्दु

  • लालकृष्‍ण आडवाणी 5 बार लोकसभा और 4 बार राज्‍यसभा से सांसद रहे हैं. 3 बार भारतीय जनता पार्टी के अध्‍यक्ष भी रहे चुके हैं.
  • उनका जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में हुआ था. 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
  • लालकृष्‍ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं. वे 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे.
  • आडवाणी के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में हुई थी. यहां से उन्होंने देश के उप प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया.

राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार-2022: डॉ अमिय को राष्ट्रीय युवा भू-वैज्ञानिक पुरस्कार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 24 जुलाई को राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार (National Geoscience Awards) 2022 प्रदान किया था. उन्होंने दो महिलाओं सहित 22 भू-वैज्ञानिकों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया.

राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार (NGA) 2022: मुख्य बिन्दु

  • एनजीए-2022 के लिए 22 नामांकित वैज्ञानिकों का चयन किया गया था. जिसमें राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए एक, राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-विभिन्न क्षेत्रों के लिए आठ (तीन टीम, तीन संयुक्त, दो व्यक्तिगत अवार्ड) व राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार के लिए एक नाम शामिल थे.
  • राष्ट्रीय युवा भू-वैज्ञानिक पुरस्कार डॉक्‍टर अमिय कुमार सामल को प्रदान किया गया, जो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर हैं.
  • लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए राष्ट्रीय भू-विज्ञान पुरस्कार डॉक्‍टर ओम नारायण भार्गव को प्रदान किया गया. डॉक्‍टर भार्गव पिछले चार दशकों में हिमालय में अपने कार्यों के लिए जाने जाते हैं.
  • खान मंत्रालय 1966 से हर साल तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (NGA) प्रदान करता है. यह पुरस्कार भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता, समर्पण व नवाचार के लिए दिया जाता है.
  • अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि खनन भारतीय अर्थव्यवस्था का प्राथमिक क्षेत्र है और आर्थिक विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान है.

वर्ष 2022 का ‘सखारोव फ्रीडम प्राइज’ यूक्रेनी लोगों को दिया गया

वर्ष 2022 का ‘सखारोव फ्रीडम पुरस्कार’ (Sakharov freedom prize)  यूक्रेनी लोगों को दिया गया है. यह यूरोपीय संघ का एक प्रतिष्ठित अवार्ड है जो प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है.

मुख्य बिन्दु

  • यह पुरस्कार यूक्रेन-रूस संघर्ष में यूक्रेन के लोगों के संघर्ष को सम्मान देने के लिए दिया गया है. यह पुरस्कार यूक्रेन को यूरोपीय संघ के पूर्ण समर्थन को भी दर्शाता है. वर्ष 2022 के नोबेल का शांति पुरस्कार में भी यूक्रेन की मानवाधिकार संस्था शामिल है.
  • सखारोव फ्रीडम पुरस्कार मानवाधिकार और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कार्य करने वाले लोगों या इन कार्यों में जुड़े संगठनों को दिया जाता है. इस अवार्ड के विजेता को 50000 यूरो प्रदान किये जाते है.
  • इस अवार्ड से सम्मानित नेल्सन मंडेला, मलाला यूसुफजई, डेनिस मुकवेगे और नादिया मुराद सहित कई पुरस्कार विजेताओं ने नोबेल शांति पुरस्कार भी जीता है.
  • इस अवार्ड की शुरुआत वर्ष 1988 में की गयी थी, इसे पहली बार नेल्सन मंडेला (Nelson Mandela) और अनातोली मार्चेंको (Anatoli Marchenko) को दिया गया था.
  • यह पुरस्कार, पूर्व सोवियत संघ (USSR) के भौतिक वैज्ञानिक और नोबेल अवार्ड विजेता आंद्रेई सखारोव के नाम पर दिया जाता है. उन्होंने परमाणु निरस्त्रीकरण, शांति और मानवाधिकार रक्षा का समर्थन किया था.

तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा को लद्दाख का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा को लद्दाख के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘डीपाल आरएनजीम डस्टन’ (dPal rNgam Duston Award) पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • उन्हें यह सम्मान विशेषकर लद्दाख में मानवता की सेवा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है. यह पुरस्कार लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (LAHDC) द्वारा प्रदान किया गया है.
  • LAHDC के स्थापना दिवस के मौके पर सिंधु घाट पर तिब्बती आध्यात्मिक गुरु को ‘डीपाल आरएनजीम डस्टन’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
  • दलाई लामा ने कहा कि लद्दाख और तिब्बत धार्मिक और सांस्कृतिक समानता के साथ शक्तिशाली सिंधु नदी से जुड़े हुए हैं.
  • उन्होंने कहा कि बदलती हुई जलवायु स्थिति चिंता का एक प्रमुख कारण है और उन्होंने सभी से अपने कार्य में पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का आग्रह किया है.

कौन हैं दलाई लामा?

दलाई लामा एक संन्यासी होते हैं जो तिब्‍बतियों के धर्मगुरु हैं. वर्तमान में तेनजिन ग्यात्सो 14वें दलाई लामा हैं. लामा तेनजिन ग्यात्सो (6 जुलाई, 1935 – वर्तमान) तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु हैं. उनका जन्म उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले ये ओमान परिवार में हुआ था. 1989 में, उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

वर्ष 2022 का टेंपलटन पुरस्कार फ्रैंक विल्जेक को दिया गया

वर्ष 2022 का टेंपलटन पुरस्कार (Templeton Prize) भौतिक विज्ञानी फ्रैंक विल्जेक (Frank Wilczek) को दिया गया गया है. यह प्राप्त करने वाले वह छठे नोबेल पुरस्कार विजेता हैं. उन्हें एच डेविड पोलित्ज़र और डेविड ग्रॉस के साथ वर्ष 2004 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार दिया गया था.

टेंपलटन पुरस्कार: एक दृष्टि

  • यह पुरस्कार जॉन टेम्पलटन द्वारा वर्ष 1972 में स्थापित किया गया था. टेंपलटन पुरस्कार प्रतिवर्ष ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जिसकी उपलब्धियां सर जॉन टेम्पलटन की परोपकारी दृष्टि को आगे बढ़ाती हैं.
  • यह पुरस्कार जॉन टेम्पलटन फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है. पहला टेंपलटन पुरस्कार वर्ष 1973 में मदर टेरेसा को दिया गया था.

प्रतिष्ठित वास्तुकार बालकृष्ण दोशी को रॉयल गोल्ड मेडल-2022 से सम्मानित किया गया

प्रतिष्ठित भारतीय वास्तुकार बालकृष्ण दोशी को ‘रॉयल गोल्ड मेडल’ (Royal Gold Medal) 2022 से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान उनके 70 वर्षीय करियर और 100 से ज्यादा परियोजनाओं में बेहद अहम उपलब्धि हासिल करने के लिए दिया गया है. रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स (RIBA) के अध्यक्ष साइमन ऑलफोर्ड ने दोशी को अहमदाबाद, गुजरात में यह पुरस्कार प्रदान किया.

  • बीवी दोशी ने 100 से अधिक परियोजनाओं पर काम किया है जिसमें शैक्षिक सुविधाएं, सांस्कृतिक भवन, आवास विकास आदि शामिल हैं.
  • वर्ष 2018 में, उन्हें वास्तुकला का नोबल कहे जाने वाले प्रित्ज़कर आर्किटेक्चर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वह दोनों पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बन गये हैं.

रॉयल गोल्ड मेडल: एक दृष्टि

  • यह पुरस्कार रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स (RIBA) द्वारा प्रत्येक वर्ष दिया जाता है. यह वास्तुकला (architecture) के क्षेत्र में दिया जाने वाला दुनिया के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है.
  • यह सम्मान आजीवन किए गए काम को मान्यता देने वाले रॉयल गोल्ड मेडल को व्यक्तिगत रूप से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा अनुमोदित किया जाता है और इसे ऐसे व्यक्ति या लोगों को दिया जाता है, जिनका वास्तुकला की उन्नति पर महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है.

अमेरिका के वैज्ञानिक डॉ सिंथिया रोसेनज़विग को विश्व खाद्य पुरस्कार देने की घोषणा

विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ने अमेरिका के वैज्ञानिक डॉ सिंथिया रोसेनज़विग (Cynthia Rosenzweig) को विश्व खाद्य पुरस्कार (World Food Prize) 2022  देने की घोषणा की है. उन्हें ‘जलवायु और खाद्य प्रणालियों के बीच संबंध’ पर उनके शोध के लिये यह पुरस्कार दिया गया है. पुरस्कार के रूप में उन्हें 2,50,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 1.90 करोड़ रुपये) दिए जाएंगे.

विश्व खाद्य पुरस्कार क्या है?

  • विश्व खाद्य पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है. इसे कृषि के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार माना जाता है. यह पुरस्कार अमेरिकी संस्था ‘व‌र्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन’ द्वारा वर्ष 1987 से दिया जा रहा है. दुनिया में भोजन की गुणवत्ता और उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार करके वाले व्यक्तियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.
  • पुरस्कार विजेता को 2,50,000 अमेरिकी डॉलर के नकद पुरस्कार के अलावा प्रसिद्ध कलाकार और डिजाइनर, शाऊल बास द्वारा डिज़ाइन की गई एक मूर्ति प्रदान की जाती है.
  • डॉ. एमएस स्वामीनाथन जिन्हें भारत में हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है, वर्ष 1987 में इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे.
  • वर्ष 2021 में भारतीय मूल की पोषण विशेषज्ञ डॉ शकुंतला हरक सिंह थिल्स्टेड ने पुरस्कार जीता और वर्ष 2020 में भारतीय अमेरिकी मृदा वैज्ञानिक डॉ रतन लाल को यह पुरस्कार दिया गया था.

डॉक्‍टर भूषण कुमार और सहयोग कुष्ठ यज्ञ ट्रस्ट  को अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्कार

चंडीगढ़ के डॉक्‍टर भूषण कुमार और सहयोग कुष्ठ यज्ञ ट्रस्ट, गुजरात को कुष्ठ रोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय गांधी पुरस्कार-2021 से सम्मानित किया गया है. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने यह पुरस्कार 13 अप्रैल को नई दिल्ली में प्रदान किया.

  • उपराष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्‍टर भूषण कुमार और सहयोग कुष्ठ यज्ञ ट्रस्ट दोनों ही कुष्ठ रोग के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने और पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए निष्‍ठा से काम कर रहे हैं.
  • यह वार्षिक पुरस्कार गांधी मेमोरियल लेप्रोसी फाउंडेशन द्वारा स्थापित किया गया था. यह सम्मान उन व्यक्तियों व संगठनों के कार्य को मान्यता और महत्व देने के लिए है जिन्होंने इस बीमारी और इससे जुड़े पूर्वाग्रहों से लड़ने के लिए अथक प्रयास किया है.

वर्ष 2022 का एबेल पुरस्कार डेनिस पार्नेल सुलिवन को देने की घोषणा

वर्ष 2022 का एबेल पुरस्कार (Abel Prize) अमेरिकी गणितज्ञ डेनिस पार्नेल सुलिवन को देने की घोषणा हाल ही में की गयी है. इन्हें यह सम्मान टोपोलॉजी (topology), विशेष रूप से इसके ज्यामितीय, बीजीय और गतिशील पहलुओं में उनके योगदान के लिए दिया गया है.

एबेल पुरस्कार (Abel Prize): एक दृष्टि

  • एबेल पुरस्कार प्रत्येक वर्ष गणित के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियों के लिए नॉर्वे के राजा द्वारा प्रदान किया जाता है. यह गणित का नोबेल पुरस्कार से भी जाना जाता है.
  • यह पुरस्कार नार्वेजियन अकादमी ऑफ साइंस एंड लेटर्स (Norwegian Academy of Science and Letters) द्वारा ओस्लो में प्रदान किया जाता है.
  • इस पुरस्कार की स्थापना के लिए नील्स हेनरिक एबेल मेमोरियल फंड की स्थापना 1 जनवरी, 2002 को नॉर्वे में की गई थी.
  • इस पुरस्कार के तहत 60 लाख नार्वेजियन क्रोनर (6 Million Norwegian Kroner) अर्थात 7 लाख 76 हजार अमेरिकी डॉलर के समतुल्य पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है.

प्रथम एबेल पुरस्कार

पहला एबेल पुरस्कार वर्ष 2003 में फ्रांस के गणितज्ञ जीन-पियर सेर को दिया गया था.

एबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय

श्रीनिवास एसआर वर्धन एक मात्र भारतीय गणितज्ञ हैं जिन्हें वर्ष 2007 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.