Tag Archive for: Awards and Prizes

रतन टाटा को असम का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘असम वैभव’ देने की घोषणा की गयी

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिसवा सरमा ने रतन टाटा को राज्य का सर्वोच्च नागरिक ‘असम वैभव’ सम्मान देने की घोषणा की है. राज्य में कैंसर की देखभाल के लिए उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया है.

रतन टाटा की पहल पर टाटा ट्रस्ट ने असम सरकार के सहयोग से 2018 में 19 कैंसर देखभाल इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया था. इसका शिलान्यास रतन टाटा ने किया था.

इसमें लगभग 2200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिसमें आधी राशि टाटा समूह की कंपनियों व आधी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी.

‘एडवांटेज असम – ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2018’ के दौरान टाटा ट्रस्ट ने उसी साल फरवरी में असम सरकार के साथ एक समझौता पर हस्ताक्षर किया था.

समाजसेवी संस्था ‘प्रथम’ को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुना गया

समाजसेवी संस्था ‘प्रथम’ को साल 2021 के ‘इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार’ के लिए चुना गया है. इसकी घोषणा इंदिरा गांधी स्मारक न्यास ने हाल ही में की थी. पूर्व प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने ‘प्रथम’ को इस पुरस्कार के लिए चुना था.

समाजसेवी संस्था एनजीओ ‘प्रथम’ को यह पुरस्कार भारत और दुनिया भर में कमजोर तबकों के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करने के प्रति समर्पित होने के लिए दिया जा रहा है. ‘प्रथम’ एनजीओ की स्थापना फरीदा लांबे और माधव चव्हाण ने 1994 में मुंबई में झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को शिक्षा देने के लिए की थी.

इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार: एक दृष्टि

  • इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में दिया जाता है. 1984 में उनकी हत्या कर दी गई थी.
  • यह पुरस्कार इंदिरा गांधी स्मृति न्यास द्वारा ‘शांति, निरस्त्रीकरण एवं विकास’ के लिए काम करने वाले व्यक्तियों, समूहों एवं संस्थाओं को दिया जाता है.
  • इस पुरस्कार के अंतर्गत 25 लाख रुपए नकद, एक ट्रॉफी और प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाता है.
  • पहला इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार 1986 में ‘पार्लामेंटेरिअंस फार ग्लोबल ऐक्शन’ नमक संस्था को दिया गया था.
  • वर्ष 2017 का इंदिरा गांधी पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को प्रदान किया गया था. उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 2004 से 2014 के बीच देश का नेतृत्व करने और उनकी उपलब्धियों के लिए दिया गया था.
  • वर्ष 2018 का इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वाइरन्मन्ट’ (CSE) को दिया गया था. CSE की वर्तमान महानिदेशक सुनीता नारायण हैं.

प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कारों की घोषणा

केंद्र सरकार ने साल 2018 के लिए प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कारों (PMSA) की घोषणा कर दी है. इस बार ये पुरस्कार सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 69 कर्मचारियों को दिए जाएंगे.

  • साल 2018 के लिए श्रम भूषण पुरस्कारों के लिए 4, श्रम वीर या वीरांगना पुरस्कारों के लिए 12 और श्रम-श्री पुरस्कारों के लिए 17 नामांकनों को चुना गया है.
  • कुल पुरस्कार विजेताओं में से 49 कर्मचारी सार्वजनिक क्षेत्र से हैं जबकि 20 कर्मचारी निजी क्षेत्र से हैं. पुरस्कार पाने वालों में 8 महिला कार्यकर्ता शामिल हैं.
  • श्रम भूषण: श्रम भूषण पुरस्कारों की कुल संख्या 4 है. इसमें 1,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक ‘सनद’ दिया जाता है.
  • श्रम वीर या वीरांगना: इस श्रेणी में वीरांगना पुरस्कारों की कुल संख्या 12 है. इसमें 60,000 रुपये का नगद पुरस्कार और एक ‘सनद’ दिया जाता है.
  • श्रम श्री या देवी: इस वर्ग में पुरस्कारों की कुल संख्या 17 है. इसमें 40,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक ‘सनद’ दिया जाता है.

प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार: एक दृष्टि

प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के किए गए उत्कृष्ट योगदान, नवीन क्षमताओं, उत्पादकता के क्षेत्र में बढ़ाने वाले कामगारों को सम्मानित करने के लिए हर साल दिया जाता है. प्रधानमंत्री श्रम पुरस्‍कारों के लिए चयन उन्‍हीं उपक्रमों से किया जाता है जिनमें 500 या उससे ज्‍यादा श्रमिक कार्यरत होते हैं. यह पुरस्कार 1985 में स्थापित किया गया था.

SII के अध्यक्ष डॉ. सायरस पूनावाला को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के अध्यक्ष डॉ. सायरस पूनावाला को 2021 के लिए प्रतिष्ठित लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान उनके काम के लिए सम्मानित किया जाएगा, जिसमें उन्होंने कोविशील्ड टीका बनाकर कई लोगों की जिंदगियों को बचाने में मदद की.

पूनावाला कोविड-19 रोधी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के अध्यक्ष हैं. उनके नेतृत्व में दुनिया को रिकॉर्ड वक्त में कोविशील्ड टीके की करोड़ों खुराक मिल पायी. पूनावाला अलग-अलग टीकों को किफायती दामों पर बनाने में अग्रणी रहे हैं.

लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार

पुरस्कार के तौर पर एक लाख रुपये का नकद इनाम और एक स्मृति चिह्न दिया जाएगा. यह पुरस्कार हर साल एक अगस्त को लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दिया जाता है लेकिन महामारी के कारण इस बार तारीख बदल दी गयी है.

यह पुरस्कार पहली बार वर्ष 1983 में प्रदान किया गया था. इस पुरस्कार के विजेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी, इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शामिल हैं.

भारतीय ग्राफिक कलाकार आनंद राधाकृष्णन को प्रतिष्ठित आइजनर पुरस्कार

भारतीय ग्राफिक कलाकार आनंद राधाकृष्णन को प्रतिष्ठित विल आइजनर कॉमिक इंडस्ट्री अवार्ड (Will Eisner Comic Industry Award) से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार “सर्वश्रेष्ठ चित्रकार / मल्टीमीडिया कलाकार- आंतरिक कला” (Best Painter/Multimedia Artist- interior art)” क्षेत्र में एक ग्राफिक नॉवल की कला और छवियों के निर्माता के लिए दिया गया है. राधाकृष्णन को यूके के कलरीस्ट जॉन पियर्सन (John Pearson) के साथ संयुक्त रूप से यह पुरस्कार दिया गया है.

आइजनर पुरस्कार: एक दृष्टि

आइजनर पुरस्कार प्रतिवर्ष दिए जाते हैं और इस पुरस्कार को कॉमिक्स की दुनिया में ऑस्कर के बराबर माना जाता है. आइजनर्स नाम के प्रसिद्ध लेखक और कलाकार विल आइजनर (Will Eisner) के सम्मान में दिया है. पुरस्कारों की घोषणा हर साल सैन डिएगो कॉमिक-कॉन (San Diego Comic-Con) में की जाती है.

इंडिया स्मार्ट सिटी कॉन्टेस्ट 2020: उत्तर प्रदेश को शीर्ष स्थान पर

केन्द्र सरकार ने 25 जून को इंडिया स्मार्ट सिटी अवार्ड (India Smart City Award) 2020 के परिणाम घोषित किये थे. स्मार्ट सिटी मिशन के छह वर्ष पूरे होने पर भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ये परिणाम घोषित किये थे. इस प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश को शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य के रूप में स्थान दिया गया.

  • इंडिया स्मार्ट सिटी कॉन्टेस्ट 2020 में मध्यप्रदेश को राज्यों की श्रेणी में दूसरा पुरस्कार मिला है, जबकि प्रदेश की पांच स्मार्ट सिटी को विभिन्न श्रेणियों में 11 पुरस्‍कार प्राप्त हुए हैं.
  • इस प्रतियोगिता में तमिलनाडु तीसरे स्थान पर रहा. चंडीगढ़ को सर्वश्रेष्ठ केंद्र शासित प्रदेश का पुरस्कार दिया गया.
  • सूरत और इंदौर ने कई क्षेत्रों में अपने समग्र प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार जीता.

भारतीय मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन को वर्ष 2021 का पुलित्जर पुरस्कार

वर्ष 2021 के पुलित्जर पुरस्कारों (Pulitzer Prize) की घोषणा 11 जून को की गई. भारतीय मूल की अमेरिकी पत्रकार मेघा राजगोपालन को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. उन्होंने सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण कर बताया था कि कैसे चीन लाखों उइगुर मुसलमानों को कैद कर रखा है.

अमेरिका की डार्नेला फ्रेजियर को ‘पुलित्जर स्पेशल साइटेशन’ का अवार्ड मिला. उन्होंने मिनेसोटा में उस घटना को रिकॉर्ड किया था, जिस दौरान अश्वेत-अमेरिकन जॉर्ज फ्लॉएड की जान चली गई थी. इसके बाद दुनियाभर में नस्लीय हिंसा के विरोध में भारी प्रदर्शन हुए थे.

भारतीय मूल के पत्रकार नील बेदी को स्थानीय रिपोर्टिंग कैटेगरी में पुलित्जर पुरस्कार दिया गया है. उन्होंने फ्लोरिडा में सरकारी अधिकारियों के बच्चों की तस्करी को लेकर टंपा बे टाइम्स के लिए इंवेस्टीगेशन स्टोरी की थी.

पुलित्जर पुरस्कार (Pulitzer Prize): एक दृष्टि

  • पुलित्जर पुरस्कार, संयुक्त राज्य अमेरिका का एक प्रमुख पुरस्कार है. इसकी स्थापना 1917 में हंगरी मूल के अमेरिकी प्रकाशक जोसेफ पुलित्जर ने की थी.
  • यह पुरस्कार पत्रकारिता, साहित्य एवं संगीत रचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को प्रदान किया जाता है. यह पत्रकारिता के क्षेत्र का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है.
  • इस पुरस्कार की घोषणा प्रत्येक वर्ष कोलम्बिया विश्वविद्यालय द्वारा किया जाता है. यह पुरस्कार 21 श्रेणियों में प्रदान किया जाता है.
  • पुलित्जर लोकसेवा श्रेणी के पुरस्कार के विजेताओं को एक गोल्ड मेडल दिया जाता है और अन्य श्रेणी के पुरस्कारों में सभी को 15,000 डॉलर दिए जाते हैं.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने महिला सशक्तीकरण पर AICTE लीलावती पुरस्कार 2020 प्रदान किये

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 11 अप्रैल को महिला सशक्तीकरण के लिए विजेताओं को ‘AICTE लीलावती पुरस्कार 2020’ प्रदान किया. नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में AICTE के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने भी हिस्सा लिया.

‘महिला सशक्तीकरण’ थीम पर आधारित, AICTE ने कुल 456 प्रविष्टियों में से विजेताओं को चुना, जिन्होंने 6 उप-विषयों में प्रतिस्पर्धा की, जिसमें महिला स्वास्थ्य, आत्मरक्षा, स्वच्छता, साक्षरता, महिला उद्यमिता और कानूनी जागरूकता शामिल हैं.

प्रत्येक उप-विषय के तहत शीर्ष 10 प्रविष्टियों को प्रजेंटेशन के लिए प्रोफेसर सुषमा यादव, कुलपति, बीपीएस महिला विश्वविद्यालय खानपुर कला, हरियाणा और डॉ. विनीता एस. सहाय, निदेशक, आईआईएम बोधगया की अध्यक्षता वाली दो कमेटियों के समक्ष आमंत्रित किया गया था.

मुख्य पुरस्कार विजेता

‘महिला उद्यमिता’ उप विषय में सोना कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु से SWEAT (सोना महिला उद्यमिता और प्रशिक्षण) ने प्रतियोगिता जीती.

‘डिजिटल साक्षरता’ उप विषय के तहत भारतीय विद्यापीठ ने प्रतियोगिता जीती.
‘साक्षरता’ उप विषय के तहत यह पुरस्कार इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट पुणे ने जीता.

AICTE लीलावती पुरस्कार: एक दृष्टि

  • AICTE लीलावती पुरस्कार राष्ट्र में नारीत्व को सशक्त बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रदान किया जात है. केन्‍द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 11 अप्रैल 2020 को वर्चुअल तरीके से लीलावती पुरस्‍कार-2020 की शुरूआत की थी.
  • यह अनूठा कार्यक्रम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने महिला सशक्तिकरण के लिए शैक्षिक पहल के रूप में शुरू किया गया था.

वर्ष 2020 का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार आशा भोसले को दिया गया

महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष 2020 का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार (Maharashtra Bhushan award) महान गायिका आशा भोसले को प्रदान करने का निर्णय लिया है. पुरस्कार समिति की बैठक में 25 मार्च को यह निर्णय लिया गया. इस बैठक की अध्यक्षता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की थी.

आशा भोसले देश की जानी-मानी गायिका हैं. वह 16 हजार से ज्यादा गानों में अपनी आवाज दे चुकी हैं. उन्हें वर्ष 2002 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
आशा भोसले का जन्म महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था. उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर भी एक क्लासिकल सिंगर थे. भारत रत्न लता मंगेशकर आशा भोसले की बहन हैं.

महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार: एक दृष्टि

  • महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, महाराष्ट्र का एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है. यह महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार पहली बार वर्ष 1995 में प्रदान का गया था. पहला महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार मराठी लेखक पीएल देशपांडे को दिया गया था.
  • शुरुआत यह पुरस्कार साहित्य, कला, खेल व विज्ञान के क्षेत्रों में प्रदान किया जाता था. अब इसमें सामाजिक कार्य, पत्रकारिता, लोक प्रशासन और स्वास्थ्य सेवा को भी शामिल किया गया है.
  • इस पुरस्कार के विजेताओं का चयन महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित समिति द्वारा किया जाता है. पुरस्कार के तहत 10 रुपये की नकद राशि प्रदान की जाती है.

पद्म पुरस्कार 2021 की घोषणा, जानिए पद्म पुरस्कार के बारे में, पद्म पुरस्कार 2021 की पूरी सूची

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार ने वर्ष 2021 के पद्म पुरस्कारों की घोषणा की. इस वर्ष कुल 119 लोगों को पद्म पुरस्कार दिए जायेंगे. 7 लोगों को पद्म विभूषण, 10 को पद्म भूषण और 102 को पद्मश्री पुरस्कार दिया जाएगा.

इस वर्ष पद्म विभूषण सम्मान पाने वाले सूची में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे, मूर्तिकार सुदर्शन साहू और इस्‍लामी विद्वान वहीदुद्दीन खान शामिल है. जाने माने गायक स्‍वर्गीय एसपी बालासुब्रमण्‍यम को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्‍मान से अलंकृत किया जाएगा.

लोकसभा की पूर्व अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन, जानी-मानी पार्श्‍व गायिका के एस चित्रा, वरिष्‍ठ कन्‍नड़ कवि चन्‍द्रशेखर कम्‍बारा, और सेवा निवृत्‍त लोकसेवक नृपेन्‍द्र मिश्रा पद्म भूषण सम्मान पाने वाले सूची में शामिल हैं. गुजरात के पूर्व मुख्‍यमंत्री स्‍वर्गीय केशुभाई पटेल, असम के पूर्व मुख्‍यमंत्री स्‍वर्गीय तरुण गोगोई और पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री स्‍वर्गीय राम विलास पासवान को मरणोपरांत पद्मभूषण से सम्‍मानित किया जाएगा.

102 व्‍यक्तियों को पद्मश्री से सम्‍मानित करने की घोषणा की गई है. इनमें समाजसेविका सिंधुताई सपकाल, ब्रिटिश फिल्‍म निर्देशक पीटर ब्रूक और ग्रीक इंडोलॉजिस्‍ट निकोलस कज़ानस शामिल हैं. गोवा की पूर्व राज्‍यपाल मृदुला सिन्‍हा, भारतीय मूल के स्‍पेनिश नागरिक के जेसूट प्रिस्‍ट और स्‍वर्गीय लेखक फादर वालेस को मरणोपरांत पद्मश्री से अलंकृत किया जाएगा.

जाने पद्म पुरस्कार के बारे में, पद्म पुरस्कार 2021 की पूरी सूची…»

32 किशोरों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 के लिए चुना गया

इस वर्ष उत्‍कृष्‍ट उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP)-2021 के लिए 32 किशोरों को चुना गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन पुरस्कार विजेताओं से संवाद किया और संबोधित किया.

इस वर्ष कला और संस्‍कृति के क्षेत्र में 7 पुरस्‍कार दिये गये हैं. वहीं, 9 पुरस्‍कार नवाचार के लिए और 5 पुरस्‍कार स्‍कूल संबंधी उपलब्धियों के लिए दिया गया है. 7 बच्‍चों को खेल श्रेणी में पुरस्‍कार दिये गये हैं. इसके अलावा 3 बच्‍चों को उनकी बहादुरी के लिए और एक बच्‍चे को समाज सेवा के क्षेत्र में उसके प्रयासों के लिए दिया गया है.

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार: एक दृष्टि

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को पहले ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ नाम से जाना जाता था. यह पुरस्कार नवाचार, शिक्षा, खेल, कला और संस्‍कृति, सामाजिक सेवा और बहादुरी के क्षेत्र में असाधारण योग्‍यता और उत्‍कृष्‍ट उपलब्धियों के लिए दिया जाता है. यह पुरस्कार उन अथवा संस्थानों को भी प्रदान किया जाता है जो बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करते हैं.

बाल शक्ति पुरस्कार के विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपये, 10,000 के पुस्तक वाउचर, एक प्रमाण-पत्र तथा एक प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार को जीतने वाले संस्थान को 5 लाख रुपये, एक पदक, प्रशस्ति-पत्र तथा प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है.

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार: राजेंद्र भंडारी और सीड्स को चुना गया

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार 2021 के विजेताओं की घोषणा 23 जनवरी के गयी. इस वर्ष के पुरस्कार के लिए, नामांकन एक जुलाई, 2020 से शुरू किया गया था.

आपदाओं पर वैज्ञानिक अध्ययन की शुरुआत करने वाले राजेंद्र कुमार भंडारी को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है. भंडारी को इस पुरस्कार की व्यक्तिगत श्रेणी में चुना गया है. इस पुरस्कार के संस्थागत श्रेणी के पुरस्कार के लिए ‘सतत पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी विकास सोसायटी’ (SEEDS) को चुना गया है.

सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार: एक दृष्टि

यह पुरस्कार हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर घोषित किया जाता है. संस्थागत श्रेणी में मिलने वाले पुरस्कार में 51 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र तथा व्यक्तिगत श्रेणी में 5 लाख रुपये और एक प्रमाण-पत्र दिये जाते हैं.

केंद्र सरकार की ओर से यह पुरस्कार भारत में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को उनके काम को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है.