न्यायमूर्ति पी लक्ष्मण रेड्डी को आंध्र प्रदेश के पहले लोकायुक्त के रूप में शपथ दिलायी गयी

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी लक्ष्मण रेड्डी को 16 सितम्बर को राज्य के पहले लोकायुक्त के रूप में शपथ दिलायी गयी. राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने विजयवाड़ा में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी को पद की शपथ दिलायी. रेड्डी का बतौर लोकायुक्त पांच साल का कार्यकाल होगा.


उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों के इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरने की व्यवस्था को खत्म किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों के इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरने की व्यवस्था को खत्म कर दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे संबंधित आदेश 13 सितम्बर को जारी किया. नई व्यवस्था के तहत भविष्य में किसी भी कैबिनेट मंत्री या मुख्यमंत्री का आयकर रिटर्न अपने खर्चे से भरा जायेगा. अब तक सरकार मंत्रियों का सरकारी खजाने से आयकर रिटर्न दाखिल किया करती थी.

मुख्यमंत्रियों के इनकम टैक्स को अदा करने का यह बिल मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के कार्यकाल में पास हुआ था. उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के वेतन, भत्ते और विविध अधिनियम-1981 के तहत एक कानून लागू किया गया था. तब से लेकर अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, मायावती, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी सहित 19 मुख्यमंत्रियों ने इस कानून का लाभ उठाया.


हरियाणा सरकार ने व्यापारियों के लिए बीमा योजना शुरू की

हरियाणा सरकार ने राज्य के व्यापारियों के लिए 12 सितम्बर को दो बीमा योजना की शुरुआत की. इसके तहत मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ‘मुख्यमंत्री व्यापारी निजी दुर्घटना बीमा योजना’ की घोषणा की. इस बीमा योजना के तहत दुर्घटना में मृत्यु होने या पूरी तरह से विकलांग होने पर व्यापारियों को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी.

इसी तरह से व्यापारियों के लिए 5 से 25 लाख रुपये तक के नुकसान की क्षति-पूर्ति के लिए ‘मुख्यमंत्री व्यपारी क्षत्रिपति बीमा योजना’ की भी शुरुआत की गई है.

बीमा योजना का लाभ लेने के लिए इसके लिए व्यापारियों को GST के तहत पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. सरकार ने यूनाइटेड इंडिया कंपनी से दोनों बीमा योजनाओं को कवर करवाया है. दोनों योजनाओं का सालाना प्रीमियम करीब 38 करोड़ रुपये बनेगा, जिसे सरकार वहन करेगी.


प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में कई परियोजनाओं का उदघाटन और शिलान्‍यास किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 सितम्बर को महाराष्ट्र में कई परियोजनाओं का उदघाटन और शिलान्‍यास किया.

  • मुंबई में तीन नई मैट्रो लाइनों का शिलान्‍यास किया. उन्‍नीस हजार करोड़ रुपये की लागत से बने ये तीन उपक्रम गाईमुख-शिवाजी चौक, वडाला-सीएसटी और कल्‍याण-तलोजा मैट्रो की 2031 तक बनके तैयार हो जाने की उम्‍मीद है.
  • अंधेरी-दाहीसार मैट्रो-7 लाइन पर वांगडुंगरी मैट्रो स्‍टेशन का भी उदघाटन किया गया. इस मैट्रो स्‍टेशन में सौर उर्जा से चलने वाले एलीवेटर, एस्‍केलेटर और LED लगाये गये हैं.
  • प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु स्थित संयंत्र ‘भारत अर्थ मूवर्स’ द्वारा निर्मित पहले मैट्रो कोच का उद्घाटन किया. इसे मात्र 75 दिनों में तैयार किया गया है. इस संयंत्र द्वारा मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को 500 कोच की आपूर्ति की जाएगी.
औरंगाबाद औद्योगिक शहर का पहला चरण राष्‍ट्र को समर्पित
  • औरंगाबाद में उन्होंने औरंगाबाद औद्योगिक शहर का पहला चरण राष्‍ट्र को समर्पित किया. इसका विकास शेन्‍द्रा औद्योगिक इलाके में दिल्‍ली-मुम्‍बई गलियारे के तहत किया गया है.
  • 10,000 एकड़़ क्षेत्र में फैले औरंगाबाद औद्योगिक शहर को औरंगाबाद शेनद्रा और बिदकीन के नजदीक विकसित किया जा रहा है. इसका लक्ष्य 46.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल औद्योगिक उत्पादन और 11.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात के साथ 2.2 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करना है.


असम में राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर की अं‍तिम सूची जारी की गई

असम में 31 अगस्त को राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर (NRC) की अं‍तिम सूची जारी की गई. इस सूची में 3.11 करोड़ लोगों के नाम शामिल हैं. 19.06 लाख लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं किये गये हैं. इनमें वे लोग भी हैं, जिन्‍होंने नाम सूची में शामिल करने के लिए अपने दावे प्रस्‍तुत नहीं किये थे. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्‍त तक NRC की अंतिम सूची जारी करने की अंतिम समय सीमा तय की थी.

असम की राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर (NRC) की सूची: एक दृष्टि

  • असम में राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर (NRC) को अपडेट करने का मकसद असम के वैध निवासियों की पहचान करना है और अवैध प्रवासियों को बाहर निकालना है.
  • असम के लोगों के लिए NRC का बड़ा महत्व है क्योंकि राज्य में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लेने और उन्हें वापस भेजने के लिए छह साल तक (1979-1985) आंदोलन चला था.
  • असम में पहली बार 1951 में NRC की सूची तैयार की गयी थी उस वक्‍त राज्‍य में 80 लाख लोग रह रहे थे.
  • राज्‍य में वैध और प्रामाणिक नागरिकों की पहचान के लिए NRC को संशोधित करने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2013 में शुरू हुई थी. इसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा किया गया.
  • NRC को असम समझौते के अनुसार निर्धारित 24 मार्च 1971 की कट-ऑफ तिथि के अनुसार तैयार किया गया है. इसकी अपडेशन प्रक्रिया नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत की गई.
  • NRC आवेदन फॉर्म ग्रहण करने की प्रक्रिया मई 2015 से शुरू हुई थी और 31 अगस्त 2019 तक जारी रही.
  • अपडेट के बाद पहला NRC मसौदा 31 दिसम्‍बर, 2017 को जारी किया गया था जिसमें 3 करोड़ 29 लाख लोगों में से 1 करोड़ 9 लाख लोगों के नाम थे.
  • 30 जुलाई, 2018 को दूसरा मसौदा जारी किया गया जिसमें 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 6 सौ 77 नागरिकों के नाम शामिल थे जबकि लगभग 40 लाख 7 हजार लोगों के नाम सूची में नहीं थे.

NRC सूची में शामिल नहीं किये गये लोगों के लिए विकल्प

  • सरकार ने NRC की अंतिम सूची से बाहर रह गये लोगों को विदेशियों के लिए स्‍थापित ट्राइब्‍यूनलों (अधिकरण) में अपील और उच्‍चतर न्‍यायालयों में आवेदन करने का अवसर दिया है.
  • पहले अपील करने की समायावधि 60 दिन की थी लेकिन लोगों की सुविधा के लिए इस अवधि को बढ़ाकर 120 दिन कर दिया गया है. जब तक अपील की अवधि है तब तक किसी भी व्‍यक्ति को विदेशी नहीं माना जायेगा.
  • राज्‍य सरकार ने उन लोगों को निशुल्‍क कानूनी सहायता उपलब्‍ध कराने के आवश्‍यक प्रबंध किए हैं जिनके नाम NRC में नहीं हैं.


हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019’ पारित किया

हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने 30 अगस्त को ‘धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019’ पारित किया. यह विधेयक हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2006 का स्थान लेगा.

यह बिल बहकाने, जबरन, अनुचित तरीके से प्रभावित करने, दबाव, लालच, शादी या किसी भी धोखाधड़ी के तरीके से धर्म परिवर्तन पर रोक लगाता है. यदि कोई भी शादी बस धर्मांतरण के लिए होती है तो वह इस बिल की धारा पांच के तहत अमान्य माना जाएगा.

नए कानून के तहत 7 साल तक की कैद का प्रावधान है जबकि पुराने कानून में 3 साल की कैद की सजा की व्यवस्था थी. नए कानून के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपना धर्म बदलना चाहता है तो उसे कम से कम एक महीने पहले जिलाधिकारी को लिखकर देना होगा कि वह अपनी मर्जी से धर्मांतरण कर रहा है.

नए बिल के मुताबिक, धर्मांतरण कराने वाले पुरोहित/पादरी या किसी धर्माचार्य को भी एक महीने पहले इसकी सूचना देनी होगी. अपने मूल धर्म में वापस आने वाले व्यक्ति पर ऐसी कोई शर्त नहीं होगी.


बिहार सरकार ने पान मसाले के उत्पादन, संरक्षण और बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगाया

बिहार सरकार ने राज्य पान मसाले के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया है. राज्य सरकार ने प्रदेश में सभी प्रकार के पान मसाने के उत्पादन, संरक्षण और बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबन्ध का आदेश 30 अगस्त को जारी किया.

सरकार ने इस आदेश से पूर्व जून से अगस्त के बीच तमाम ब्रांड्स के पान मसालों का सैंपल इकट्ठा कर इनकी जांच कराई थी. इस जाँच में सभी सैंपल में मैग्निशियम कार्बोनेट की अत्यधिक मात्रा मिली थी.

सरकार को टेस्ट की रिपोर्ट में यह बताया गया था कि इस प्रकार के पान मसालों के सेवन से हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है.


कर्नाटक में 17 नए मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारियां सौंपी गयी, तीन उप-मुख्यमंत्री बनाए गए

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 26 अगस्त को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किए गए 17 नए मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारियां सौंप दीं. राज्य में पहली बार तीन उप-मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. इनमें गोविंद कारजोल, अश्वथ नारायण व लक्ष्मण सावदी शामिल हैं.

कारजोल को लोकनिर्माण विभाग व सामाजिक न्याय, नारायण को उच्च शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, विज्ञान व तकनीक तथा सावदी को परिवहन विभाग सौंपा गया है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 20 अगस्त को 17 मंत्रियों के साथ अपनी कैबिनेट का विस्तार किया था.


पंजाब में स्वास्थ्य बीमा योजना ‘सरबत सेहत’ का शुभारंभ

पंजाब सरकार ने राज्य में ‘सरबत सेहत’ बीमा योजना (Sarbat Sehat Bima Yojana) का शुभारंभ किया है. इसका शुभारंभ मोहाली में 20 अगस्त को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया. पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के साथ इस को जोड़ा है.

इस योजना से 45 लाख परिवार लाभान्वित होंगे. योजना के तहत पांच लाख रुपये तक नकदी रहित स्वास्थ्य बीमा का कवर मिलेगा. यह बीमा योजना राज्य की 70 प्रतिशत आबादी को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगी.


उत्‍तरप्रदेश के मुख्‍यमंत्री ने अपने मंत्रिमण्‍डल का विस्‍तार किया


उत्‍तरप्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 21 अगस्त को अपने मंत्रिमण्‍डल का विस्‍तार किया. वर्ष 2017 में सत्‍ता में आने के बाद आदित्‍यनाथ के मंत्रिमंउल का यह पहला विस्‍तार था. मंत्रिमण्‍डल विस्‍तार के बीद अब योगी मंत्रिमंडल की संख्‍या बढ़कर 56 हो गई है.

इस मंत्रिमण्‍डल विस्‍तार में राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल ने राजभवन में 23 नये मंत्रियों को शपथ दिलाई. इनमें से 6 को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गईं. जिन नये मंत्रियों को शपथ दिलाई गई उनमें दो महिलाएं शामिल हैं. चार मंत्रियों की कैबिनेट मंत्रियों के रूप में प्रोन्‍नति हुई. जिनको प्रोन्‍नत किया गया है वे हैं – डॉ. महेन्‍द्र सिंह, भूपेन सिंह चौधरी, सुरेश राणा और अनिल राजभर.


कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया

कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने 20 अगस्त को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. इस विस्तार में 17 मंत्रियों को शामिल किया गया है. राजधानी बेंगलूरू में राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल वजुभाई वाला ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

26 जुलाई को शपथ लेने के बाद पहली बार मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है. राज्‍य में 17 विधायकों के इस्‍तीफे के कारण पुरानी गठबंधन सरकार के गिर जाने के बाद येडियुरप्‍पा ने 29 जुलाई को विशवास मत हासिल किया था.

शपथ लेने वाले मंत्रियों में गोविंद करजोल, अश्वथ नारायण सीएन, लक्ष्मण सावदी, केएस ईश्वरप्पा, आर अशोक, जगदीश शेट्टार, बी श्रीरामुलु, एस सुरेश कुमार, वी सोमन्ना, सीटी रवि, बसवराज बोम्मई, कोटा श्रीनिवास पुजारी, जेसी मधु सीमी, सीसी पाटिल, एच नागेश, प्रभु चौहान और शशिकला जोले अन्नासाहेब शामिल हैं.


त्रिपुरा के विद्रोही समूह NLAFT-SD ने सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया

त्रिपुरा के विद्रोही समूह NLAFT-SD ने 10 अगस्त को सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया. यह एक त्रिपक्षीय समझौता था. इस त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MOS) पर केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार और सबीर कुमार देबवर्मा के नेतृत्व वाले ‘नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ (NLAFT-SD) ने हस्ताक्षर किए.

समझौते के तहत विद्रोही NLAFT-SD हिंसा छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने और भारतीय संविधान का पालन करने को राजी हुआ है. समूह अपने 88 सदस्यों के आत्मसमर्पण के लिए भी तैयार हो गया है. आत्मसमर्पण करने वालों को गृह मंत्रालय की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना 2018 के तहत मिलने वाले लाभ भी मुहैया कराए जाएंगे. केन्द्र सरकार राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए त्रिपुरा सरकार के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी.

NLAFT क्या है? NLAFT, National Liberation front of Tripura के संक्षिप्त रूप है. यह संगठन त्रिपुरा में 317 विद्रोही घटनाओं सहित हिंसा की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार रहा है. NLAFT पर गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1997 के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है. इस शांति वार्ता की शुरुआत 2015 में हुई थी और 2016 से NLAFT द्वारा किसी तरह की कोई हिंसा नहीं की गई.