त्रिपुरा के विद्रोही समूह NLAFT-SD ने सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया

त्रिपुरा के विद्रोही समूह NLAFT-SD ने 10 अगस्त को सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया. यह एक त्रिपक्षीय समझौता था. इस त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MOS) पर केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार और सबीर कुमार देबवर्मा के नेतृत्व वाले ‘नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ (NLAFT-SD) ने हस्ताक्षर किए.

समझौते के तहत विद्रोही NLAFT-SD हिंसा छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने और भारतीय संविधान का पालन करने को राजी हुआ है. समूह अपने 88 सदस्यों के आत्मसमर्पण के लिए भी तैयार हो गया है. आत्मसमर्पण करने वालों को गृह मंत्रालय की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना 2018 के तहत मिलने वाले लाभ भी मुहैया कराए जाएंगे. केन्द्र सरकार राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए त्रिपुरा सरकार के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी.

NLAFT क्या है? NLAFT, National Liberation front of Tripura के संक्षिप्त रूप है. यह संगठन त्रिपुरा में 317 विद्रोही घटनाओं सहित हिंसा की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार रहा है. NLAFT पर गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1997 के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है. इस शांति वार्ता की शुरुआत 2015 में हुई थी और 2016 से NLAFT द्वारा किसी तरह की कोई हिंसा नहीं की गई.