लॉन्गिटूडिनल एजिंग स्टडीज ऑफ इंडिया वेव-1 सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में Longitudinal Ageing Study of India (LASI) वेव-1 सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की थी. यह भारत में उम्रदराज हो रही आबादी के स्वास्थ्य, आर्थिक तथा सामाजिक निर्धारकों और परिणामों की वैज्ञानिक जाँच का व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण है. इसे वर्ष 2016 में मान्यता प्रदान की गई थी.

यह भारत का पहला और विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है जो सामाजिक, स्वास्थ्य तथा आर्थिक खुशहाली के पैमानों पर वृद्ध आबादी के लिये नीतियाँ और कार्यक्रम बनाने के उद्देश्य से लॉन्गिटूडिनल डाटाबेस प्रदान करता है.

सर्वेक्षण में शामिल एजेंसियाँ

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वृद्धजनों हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Health Care of Elderly) में हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग के सहयोग से मुंबई स्थित इंटरनेशलन इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (IIPS) के माध्यम से यह सर्वेक्षण किया गया.

सर्वेक्षण की प्रक्रिया और दायरा

LASI, वेव-1 में परिवार तथा सामाजिक नेटवर्क, आय, परिसंपत्ति तथा उपयोग पर सूचना के साथ स्वास्थ्य पर विस्तृत डाटा एकत्रित किया गया था.
इस सर्वेक्षण में 45 वर्ष तथा उससे ऊपर के 72,250 व्यक्तियों और उनके जीवनसाथी के बेसलाइन सैंपल को लिया गया है. इसमें 60 वर्ष और उससे ऊपर की उम्र के 31,464 व्यक्ति तथा 75 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के 6,749 व्यक्ति शामिल हैं. ये सैंपल सिक्किम को छोड़कर सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों से लिये गए हैं.

सर्वेक्षण का निष्कर्ष

  • वर्ष 2011 की जनगणना में 60 वर्ष से अधिक आयु (60+) की आबादी भारत की आबादी का 8.6 प्रतिशत थी यानी 103 मिलियन वृद्ध लोग थे.
  • 3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से वर्ष 2050 में वृद्धजनों की आबादी बढ़कर 319 मिलियन हो जाएगी.
    75 प्रतिशत वृद्धजन किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं. 40 प्रतिशत वृद्धजन किसी न किसी दिव्यांगता से ग्रसित हैं और 20 प्रतिशत वृद्धजन मानसिक रोगों से ग्रसित हैं.
  • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में बहु-रुग्णता की स्थिति (Multi-Morbidity Conditions) का प्रसार केरल (52%), चंडीगढ़ (41%), लक्षद्वीप (40%), गोवा (39%) और अंडमान तथा निकोबार द्वीप (38%) में अधिक है.

सर्वेक्षण का महत्त्व

LASI से प्राप्त साक्ष्यों का उपयोग वृद्धजनों के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम को मज़बूत एवं व्यापक बनाने में किया जाएगा और इससे वृद्धजनों की आबादी के लिये प्रतिरोधी तथा स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाने में मदद मिलेगी.

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विश्व बैंक ‘ग्‍लोबल इकनॉमिक प्रोस्‍पेक्‍ट’ रिपोर्ट, वैश्विक GDP 4 फीसद रहने का अनुमान

विश्व बैंक ने मौजूदा वर्ष (2021) के लिए वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर अपनी एक अनुमानित रिपोर्ट ‘ग्‍लोबल इकनॉमिक प्रोस्‍पेक्‍ट’ (Global Economic Prospects) जारी की है. इस रिपोर्ट में वैश्विक अर्थव्‍यस्‍था की वृद्धि दर 4 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है. इस रिपोर्ट में स्‍पष्‍ट किया गया है कि पूरी दुनिया में छाई महामारी के प्रभावों की वजह से दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था के बाहर आने की प्रक्रिया कुछ धीमी रहेगी.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • इस रिपोर्ट में कहा गया है यदि महामारी को जल्‍द खत्‍म नहीं किया गया तो इसका असर न सिर्फ इस साल बल्कि अगले साल तक बना रह सकता है और वैश्विक वृद्धि की रफ्तार सुस्‍त हो सकती है.
  • इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वर्ष 2020 में दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था में 4.3 फीसद की कमी आई थी, लेकिन अब ये एक बार फिर से बढ़ोतरी की तरफ अग्रसर है.
  • कोविड-19 महामारी की वजह से गरीब लोग और अधिक गरीब हुए हैं. रोजगार पहले की अपेक्षा कम हुए हैं और बेरोजगारी में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
  • चालू वित्त वर्ष (2020-21) में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है.
  • रिपोर्ट के मुताबिक महामारी की वजह से अमेरिका की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) मौजूदा वर्ष में 3 फीसद से अधिक की दर से बढ़ने का अनुमान है. वर्ष 2020 में इसमें 3.6 फीसद की गिरावट दर्ज की गई थी.
  • जापान में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार करीब ढाई फीसद रहने की उम्‍मीद है. चीन की अर्थव्‍यवस्‍था में करीब आठ फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है.

ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स क्या है?

ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स (Global Economic Prospects-GEP), विश्व बैंक समूह की एक रिपोर्ट है. यह वर्ष में दो बार जनवरी और जून में जारी की जाती है. इस रिपोर्ट में वैश्विक आर्थिक विकास एवं संभावनाओं से संबंधित तथ्य जारी किये जाते हैं.

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भारतीय मौसम विभाग ने वर्ष 2020 के दौरान देश की जलवायु पर रिपोर्ट जारी किया

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के जलवायु अनुसंधान और सेवाओं (CRS) ने 2020 के दौरान भारत की जलवायु को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • भारत में 2020 के दौरान मुख्य सतह का औसत वार्षिक तापमान +0.29 नैनो सेल्सियस रहा जो सामान्य से अधिक है. साल 2020, 1991 के बाद से आठवां सबसे ज्यादा गर्म साल रहा था.
  • साल 2020 के दौरान बिहार और उत्तर प्रदेश सबसे बुरी तरह से प्रभावित राज्य रहे, जहां प्रत्येक राज्य में बिजली गिरने और ठंड की वजह से कई लोगों की मौत हुई.
  • साल 2020 के दौरान, उत्तर हिंद महासागर में 5 चक्रवाती तूफान आए. इन पांच में से निसर्ग और गति नाम के चक्रवाती तूफान अरब सागर में उठे जबकि बांकि के तीन तूफान- अम्फान, निवार और बुरेवी बंगाल की खाड़ी में आए थे.

2020 में आये गंभीर तूफानों की सूची

  1. इन पांच सबसे विनाशकारी चक्रवातों में से भीषण चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ मानसून से पहले ही आ गया और इसने 20 मई को सुंदरवन के ऊपर पश्चिम बंगाल तट को पार किया. शेष सभी तूफान मानसून सीजन के दौरान आए थे.
  2. गंभीर चक्रवाती तूफान निसर्ग ने 3 जून को महाराष्ट्र तट को पार किया था.
  3. गंभीर चक्रवाती तूफान निवार ने तमिलनाडु और पुदुचेरी तटों को पुदुचेरी के उत्तर में पार किया.
  4. चक्रवाती तूफान बुरेवी की वजह से तमिलनाडु काफी नुकसान हुआ था.
  5. चक्रवाती तूफान ‘गति’ सोमालिया तट से टकराया था.
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अमरीकी शोध कंपनी के सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री मोदी को सर्वाधिक लोकप्रिय शासनाध्‍यक्ष बताया

अमरीका की एक शोध कंपनी ‘मॉर्निंग कंसल्‍ट’ (Morning consult political intelligence) द्वारा हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को सर्वाधिक लोकप्रिय शासनाध्‍यक्ष बताया है. मॉर्निंग कंसल्‍ट के अनुसार 75 प्रतिशत से अधिक लोगों ने श्री मोदी के सर्वाधिक लोकप्रिय होने का अनुमोदन किया, जबकि 20 प्रतिशत लोगों ने इसे नकार दिया.

श्री मोदी को कुल मिलाकर 55 प्रतिशत लोगों ने सर्वाधिक लोकप्रिय शासनाध्‍यक्ष माना. यह विश्‍व के किसी अन्‍य नेता की रेटिंग से अधिक है. अमरीकी कंपनी ने अमरीका, जापान और ब्राजील सहित 13 देशों में सर्वेक्षण किया था.

इस सर्वेक्षण में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की स्वीकृति रेटिंग 24 फीसदी रही, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की स्वीकृत रेटिंग नकारात्मक रही है.

मॉर्निंग कंसल्‍ट क्या है?
मॉर्निंग कंसल्‍ट (Morning consult political intelligence) अमरीका की एक शोध और सर्वेक्षण कंपनी है.

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विश्वबैंक ने कारोबारी सुगमता की संशोधित रैंकिंग जारी की, भारत 63वें स्थान पर

विश्वबैंक ने आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद कारोबारी सुगमता (Ease of Doing Business) की संशोधित रैंकिंग रिपोर्ट जारी की है. इस संशोधित रिपोर्ट में भारत अपनी में रैंकिंग में 14 स्थान का सुधार करते हुए 63वें स्थान पर है. भारत ने पिछले पांच साल (2014- 2019) में इस रिपोर्ट में 79 स्थानों का सुधार किया है.

भारत ने चीन को पीछे छोड़ा

विश्वबैंक द्वारा जारी संशोधित रिपोर्ट के अनुसार भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है. चीन की रैंकिंग सात अंक गिरकर 85वें स्थान पर पहुंच गई है. अक्तूबर 2017 में जारी की गई 2018 की रिपोर्ट में चीन को 78वें स्थान पर रखा गया था.

कारोबारी सुगमता रैंकिंग 2018 में कारोबार शुरू करने, ऋण प्राप्त करने और कर चुकाने के संकेतकों के आंकड़ों में अनियमितताओं को शामिल रहते चीन को 65.3 अंक दिया गया था. नियमित समीक्षा के बाद चीन को 64.5 अंक हासिल हुए हैं जिससे उसकी रैंकिंग लुढ़की है.

विश्वबैंक ने रैकिंग जारी करने पर रोक लगायी थी

विश्वबैंक ने पिछले पांच साल की कारोबारी सुगमता रैंकिंग की समीक्षा करने का फैसला किया था. साथ ही विश्वबैंक ने इस साल अक्तूबर में आने वाली बिजनेस रैंकिंग लिस्ट पर फिलहाल रोक लगा दी थी.

विश्वबैंक ने यह कदम चार देशों की तरफ से गड़बड़ी करने के शक में उठाया था. ये चार देश हैं चीन, संयुक्त अरब अमीरात अजरबेजान और सऊदी अरब हैं.

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संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक 2020 जारी: भारत 131वें स्थान पर, नॉर्वे शीर्ष पर

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने 15 दिसम्बर को मानव विकास सूचकांक (Human Development Index- HDI) 2020 रिपोर्ट जारी की. इस सूचकांक में 189 देशों में भारत 131वें पायदान पर है. वर्ष 2019 में जारी सूचकांक में भारत 129वें पायदान पर था. इस सूचकांक में नॉर्वे शीर्ष पर रहा और उसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड का स्थान रहा.

HDI 2020 रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • सूचकांक में चीन 85वें; भूटान 129वें, बांग्लादेश 133वें, नेपाल 142वें और पाकिस्तान 154वें स्थान पर रहा.
  • वर्ष 2019 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 69.7 साल थी. बांग्लादेश में यह 72.6 साल और पाकिस्तान में 67.3 साल थी.
  • भारत ने 2012 और 2017 के बीच अपनी GDP का 8% शिक्षा पर खर्च किया. भारत में साक्षरता दर अभी भी काफी कम 74% है.यह अन्य G20 देशों की तुलना में बहुत कम है.
  • क्रय शक्ति समता (PPP) के आधार पर 2018 में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,829 अमेरिकी डॉलर थी जो 2019 में गिरकर 6,681 डॉलर हो गई.

मानव विकास सूचकांक: एक दृष्टि

  • मानव विकास सूचकांक (HDI) जीवन प्रत्याशा, शिक्षा, और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है.
  • इस सूचकांक का उपयोग देशों को मानव विकास के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है.
  • इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित. जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं प्रति व्यक्ति आय अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं.
  • पहला मानव विकास सूचकांक 1990 में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक के सहयोग से जारी किया गया था. तब से प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा इसे जारी किया जाता है.
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WHO ने विश्‍व मलेरिया रिपोर्ट 2020 जारी किया

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने हाल ही में विश्‍व मलेरिया रिपोर्ट 2020 जारी किया है.
रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया को नियंत्रित करने के मामले में भारत ने उल्‍लेखनीय कार्य किया है. इस रोग से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से भारत एक ऐसा देश है जहां 2018 की तुलना में 2019 में 17.6 प्रतिशत की कमी हुई. वर्ष 2019 में यह 2018 की तुलना में 18.4 प्रतिशत तक कम हुई है.

भारत में क्षेत्र वार मामलों में भी काफी कमी आई है और वर्ष 2000 से 2019 के बीच मलेरिया के मामलों में 71.8 प्रतिशत कमी आई है और इससे होने वाली मौतों का प्रतिशत भी गिरा है. इसी अवधि में मलेरिया से होने वाली मौतें 92 से घटकर 83.34 प्रतिशत हो गई हैं.

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रिश्वत जोखिमों की वैश्विक सूची में भारत दुनिया में 77वें स्थान पर

ट्रेस (TRACE) इंटरनेशनल ने हाल ही में व्यापार में रिश्वत जोखिमों की वैश्विक सूची (Bribery Risk Matrix) 2020 जारी की है. इस सूची के अनुसार दुनिया के 194 देशों में भारत 45 अंकों के साथ 77वें स्थान पर है. 2019 की अपेक्षा भारत ने एक स्थान का सुधार किया है. 2019 में भारत की रैंकिंग 78वीं थी. भारत के अलावा पेरू, जॉर्डन, कोलंबिया और मॉन्टेग्रो ने भी 45 अंक हासिल किए हैं.

‘ट्रेस’ के इस सर्वे के मुताबिक न्यूजीलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड और स्वीडन जैसे देशों में बिजनेस करने में रिश्वतखोरी का रिस्क सबसे कम है. वहीं नॉर्थ कोरिया, तुर्कमेनिस्तान, दक्षिणी सूडान जैसे देशों का स्थान सबसे नीचे है.

यह सर्वे चार चीजों के आधार पर किया जाता है. पहला है बिजनेस का सरकार से संवाद कैसा है, दूसरा रिश्वतखोरी रोकने के लिए कानून, पारदर्शिता, अनुपालन कितना होता है.

ट्रेस ने सबसे पहले 2014 में यह सर्वे जारी किया था. इसमें संयुक्त राष्ट्र, वर्लड बैंक, वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम जैसे संस्थानों का डाटा निकालकर अध्ययन किया जाता है.

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विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी वित्तीय वर्ष 2020 में सबसे दानवीर भारतीय बने

एडेलगिव हुरून इंडिया (EdelGive Hurun India Philanthropy List) की रिपोर्ट 2020 हाल ही में जारी की गयी है. इस रिपोर्ट के अनुसार दिग्गज सूचना तकनीक कंपनी विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी वित्तीय वर्ष 2020 में सबसे दानवीर भारतीय बन गए हैं. प्रेमजी ने इसी के साथ परोपकारियों की सूची में भी पहला स्थान हासिल किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेमजी ने HCL टेकनोलॉजी के शिव नाडर को बड़े अंतर से पीछे छोड़ा है. नाडर इससे पहले परोपकारियों की सूची में शीर्ष पर चल रहे थे. नाडर ने वित्त वर्ष 2020 में 795 करोड़ रुपये दान किए, जबकि इससे एक साल पहले उन्होंने 826 करोड़ परोपकार पर खर्च किए थे.

प्रेमजी ने इसे पहले यानी वित्त वर्ष 2018-19 में महज 426 करोड़ रुपये दान पर खर्च किए थे. लेकिन वित्त वर्ष 2020 में उन्होंने किए गए दान को 175 फीसदी बढ़ाते हुए 12,050 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया.

सबसे अमीर भारतीय और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी दानवीर भारतीयों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं. उन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 में 402 करोड़ रुपये दान देने के मुकाबले वित्त वर्ष 2020 में 402 करोड़ रुपये परोपकार पर खर्च किए हैं.

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भारतीय पर्यटन सांख्यिकी 2020 रिपोर्ट: उत्तरप्रदेश शीर्ष स्थान पर

भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय पर्यटन सांख्यिकी (Indian Tourism Statistics) 2020 रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में वर्ष 2019 में घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने वाले राज्यों की सूची जारी की गयी है.

रिपोर्ट के अनुसार राज्य में आने वाले सबसे अधिक घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने में उत्तर प्रदेश ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है. वर्ष 2019 में लगभग 53.6 करोड़ घरेलू पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया, जो कुल यात्रियों का 23.1% है. इसके बाद तमिलनाडु (21.3%) दूसरे और आंध्र प्रदेश (10.2%) तीसरे स्थान पर रहा.

विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में तमिलनाडु पहले स्थान पर

वर्ष 2019 में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में तमिलनाडु, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया. 2019 में तमिलनाडु में लगभग 68 लाख विदेशी पर्यटक आये. इस दौरान महाराष्ट्र में 55 लाख और उत्तरप्रदेश में 47 लाख विदेशी पर्यटकों ने दौरा किया था.

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वर्ष 2020 का ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट जारी, भारत 94वें स्थान पर

वर्ष 2020 का ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) रिपोर्ट हाल ही में जारी किया गया था. यह इंडेक्स वेलहंगर लाइफ और कंसर्न वर्ल्डवाइड द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है.

इस वर्ष के ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) रिपोर्ट के लिए 132 देशों का आकलन किया गया था. इनमें से 107 देशों के लिए GHI स्कोर और रैंक करने के लिए पर्याप्त डेटा थे.

रिपोर्ट में भारत

इस रिपोर्ट में भारत 107 देशों में 94वें स्थान पर है. इस रिपोर्ट ने 27.2 के स्कोर के साथ भारत को गंभीर श्रेणी में डाला है. 2018 में भारत 103वें और 2019 में 102वें स्थान पर रहा था.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

रिपोर्ट के अनुसार भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग दर 37.4 प्रतिशत है. भारत की 14 फीसदी आबादी कुपोषण का शिकार है. वहीँ पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.7 प्रतिशत है.

भारत के पड़ोसी देशों में नेपाल 73वें स्थान पर बांग्लादेश और पाकिस्तान क्रमशः 75वें और 88वें स्थान पर हैं.

रिपोर्ट के अनुसार दुनिया 2030 तक शून्य भूखमरी को प्राप्त करने में सक्षम नहीं होगी. शून्य भूखमरी संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों में से एक है.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है?

ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में चार संकेतक जैसे कि अल्पपोषण, चाइल्ड वेस्टिंग, चाइल्ड स्टंटिंग और बाल मृत्यु दर के आधार पर देशों की रैंकिंग की जाती है. चाइल्ड वेस्टिंग से तात्पर्य उन बच्चों से है जिनका वजन कम होता है. चाइल्ड स्टंटिंग में वे बच्चे शामिल होते हैं, जिनकी ऊंचाई उनके वजन के अनुसार नहीं होता है.

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IMF ने विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट जारी किया

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट (World Economic Outlook Report) 2020 जारी किया था. इस रोपोर्ट के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था 2020 में यह 3% तक संकुचित होगी. ब्रिक्स राष्ट्र के बीच भारत की विकास दर सबसे धीमी होगी. यह चार वर्षों में भारत की सबसे कम वृद्धि है.
  • श्रीलंका के बाद दक्षिण एशिया में COVID-19 महामारी से भारत की अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है. 2020 में, भारत में उपभोक्ता मूल्य 9% बढ़ेगा, जबकि 2021 में इसमें 3.7% वृद्धि होगी.
  • 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज आर्थिक सुधार होगा. भारत की GDP 2021 में 8.8% तक बढ़ेगी.
    IMF ने 2020 में एक गहरी वैश्विक मंदी का अनुमान लगाया है. इसने वैश्विक वृद्धि दर के -4.4% रहने का अनुमान लगाया है.

वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक रिपोर्ट क्या है?

वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलुक रिपोर्ट IMF द्वारा प्रकाशित की जाती है. इस रिपोर्ट में आर्थिक गतिविधि, रोज़गार मुद्रास्फीति, कीमत, विदेशी मुद्रा और वित्तीय बाज़ार, बाहरी भुगतान, वित्त पोषण तथा ऋण पर वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के विकास का विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष: एक दृष्टि

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है. यह अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है.

IMF की स्थापना 1944 में हुई थी. इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी सी में है. वर्तमान में इसकी प्रमुख क्रिश्टालीना जार्जीवा हैं. इसके सदस्य देशों की संख्या 189 है. 2016 में नौरु गणराज्य IMF का 189वांँ सदस्य बना था.

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