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भारत, वासेनार व्यवस्था के पूर्ण सत्र का अध्यक्ष बना

भारत, 1 जनवरी 2023 को वासेनार व्यवस्था (Wassenaar Arrangement-WA) के पूर्ण सत्र का अध्यक्ष बना. इस समझौते में 42 देश शामिल हैं. भारत वासेनार समझौते में दिसम्‍बर 2017 में 42वें सदस्‍य देश के रूप में शामिल हुआ था. वासेनार समझौते के पूर्ण – सत्र में सहमति के आधार पर मुख्‍य निर्णय लिए जाते हैं.

मुख्य बिन्दु

  • वासेनार एक समझौता है जिसमें निर्यात को नियंत्रित करने वाली एक स्वैच्छिक व्यवस्था है. इसमें पारंपरिक हथियारों और दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के हस्तांतरण पर नजर रखी जाती है.
  • इस समझौते का 26वां वार्षिक पूर्ण सत्र दिसम्‍बर 2021 में ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में आयोजित किया गया था जिसमें आयरलैंड के राजदूत ने भारत के राजदूत जयदीप मजुमदार को अध्‍यक्षता सौंपी थी. श्री मजुमदार विएना में संयुक्‍त राष्‍ट्र और अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधि हैं.
  • वासेनार व्यवस्था बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण प्रशासन है जिसमें सदस्य देश पारम्‍परिक हथियारों के हस्तांतरण जैसे विभिन्न मुद्दों पर सूचना का आदान-प्रदान करते हैं.

जानिए क्या है वासेनार अरेंजमेंट…»

आईएनएस मोरमुगाओ युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया

स्वदेश निर्मित आइएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) युद्धपोत को 18 दिसम्बर को नौसेना में शामिल कर लिया गया. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में इसे मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना में शामिल किया गया.

आईएनएस मोरमुगाओ: मुख्य बिन्दु

  • आईएनएस मोरमुगाओ का डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है. इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) मुंबई ने किया है.
  • इसे आत्मनिर्भर भारत के तहत निर्मित किया गया है. गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर इसका नाम मोरमुगाओ रखा गया है.
  • इस पोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और इसका वजन 7400 टन है. इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है. पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइनों से गति मिलती है.
  • आईएनएस मोरमुगाओ पलक झपकते ही 30 समुद्री मील तक की गति पकड़ सकता है. कोई भी राडार पोत को आसानी से नहीं पकड़ सकता है.
  • यह ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है. इसमें इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार ‘एमएफ-स्टार’ भी लगा है. जो हवा में ही लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा लेता है.
  • इसकी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी है. यह आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों से लड़ने में सक्षम है.

भारत ने अग्नि-पांच मिसाइल का सफल रात्रि परीक्षण किया

भारत ने 15 दिसम्बर को परमाणु सक्षम बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-पांच (Agni-5 Missile) का सफल रात्रि परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिसा के बालासोर तट स्थित एपीजे अब्‍दुल कलाम द्वीप से किया गया.

यह अग्नि-पांच मिसाइल का रात्रि परीक्षण था. इस दौरान मिसाइल में प्रयुक्‍त नई प्रौद्योगिकी और उपकरणों की सक्षमता की पुष्टि की गयी.

अग्नि-पांच मिसाइल: मुख्य बिन्दु

  • अग्नि-पांच मिसाइल अपनी शृंखला में सबसे आधुनिक हथियार है. यह पूरी सटीकता के साथ पांच हजार किलोमीटर तक लक्ष्‍य को भेदने में सक्षम है. इसमें नौवहन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियां हैं.
  • अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली बहुत कम देशों के पास है, जिनमें अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और उत्तर कोरिया शामिल हैं.
  • भारत के पास पहले से ही 700 किमी रेंज वाली अग्नि-1, 2000 किमी रेंज वाली अग्नि-2, 2,500 किमी से 3,500 किमी रेंज वाली अग्नि-3 मिसाइलें हैं.
  • अग्नि-4 और अग्नि-5 को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. अग्नि-5 मिसाइल पूरे चीन को निशाना बनाने में सक्षम है.

परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर अंडमान निकोबार के 21 निर्जन द्वीपों के नाम रखे गए

केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार में 21 निर्जन द्वीपों के नाम, परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के नाम पर रखे गए हैं. इन 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में स्थित हैं, जबकि पांच द्वीप दक्षिण अंडमान में हैं.

मुख्य बिदु

  • उत्तर और मध्य अंडमान में निर्जन द्वीप संख्या ‘आईएनएएन 370’ को मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर ‘सोमनाथ द्वीप’ के नाम से जाना जाएगा. मेजर सोमनाथ शर्मा देश के पहले परमवीर चक्र विजेता हैं.
  • भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपनी वीरता के लिए सम्मानित सूबेदार और मानद कैप्टन करम सिंह के नाम पर ‘आईएनएएन 308’ द्वीप का नाम ‘करम सिंह’ द्वीप रखा गया है.
  • इसके अलावा मेजर रामा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा मागर, सूबेदार जोगिंदर सिंह सहनन, मेजर शैतान सिंह भाटी, कंपनी क्वार्टरमास्टर हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, कर्नल होशियार सिंह दहिया, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, कैप्टन बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय और सूबेदार मेजर संजय कुमार के नाम पर भी द्वीपों के नाम रखे गए हैं.

तीसरा पैन-इंडिया तटीय रक्षा अभ्यास ‘सी-विजिल’ आयोजित किया गया

तीसरा पैन-इंडिया तटीय रक्षा अभ्‍यास सी-विजिल (Exercise Sea Vigil-22) 15-16 नवंबर को आयोजित किया गया था. यह अभ्‍यास समूचे 7516 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र और देश के समग्र विशेष आर्थिक क्षेत्र में किया गया था.

26/11 के आतंकी हमले के बाद देश की तटीय सुरक्षा मजबूत करने के लिए 2018 में इस अभ्यास की कल्पना की गई थी.

इस अभ्‍यास का आयोजन नौसेना, तटरक्षक बल और समुद्री कार्यों में लगे मंत्रालयों के सहयोग से किया गया था.

भारत ने BMD इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल के दूसरे चरण का सफल परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 2 नवंबर को बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) इंटरसैप्टर AD-1 के दूसरे चरण का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण ओडिसा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया था.

यह लंबी दूरी की इंटरसेप्‍टर मिसाइल है. यह दो चरण वाले ठोस ईंधन से संचालित होती है और देश में ही विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली से युक्त है.

भारत ने नई पीढ़ी की बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-P का सफलतापूर्वक परीक्षण किया

भारत ने 21 अक्तूबर को नई पीढ़ी की बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-P (Agni-P Missile) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडि़सा के बालासौर के निकट डॉ एपीजे अब्‍दुल कलाम द्वीप से किया था. यह अग्नि प्राइम मिसाइल का तीसरा परीक्षण था. इसका पहला परीक्षण जून 2021 में किया गया था.

अग्नि-P मिसाइल: एक दृष्टि

  • अग्नि-P (अग्नि प्राइम) एक बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 1000 किमी से 2000 किलोमीटर है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जो लगभग 1000 किलोग्राम का पेलोड या परमाणु शस्त्र ले जा सकती है.
  • यह मिसाइल दो स्टेज और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है जिस कारण यह सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से फायर किया जा सकता है.
  • भारत ने पहली बार साल 1989 में मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 1 का परीक्षण किया था. अब अग्नि-P मिसाइल अग्नि 1 की जगह लेगा. अब तक अग्नि सीरीज की पांच मिसाइलों का सफलतापूर्वक विकास और परीक्षण किया जा चुका है.
  • अत्याधुनिक अग्नि प्राइम मिसाइल को 4000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि 4 (Agni-4) और 5000 किलोमीटर की रेंज वाली अग्नि 5 मिसाइल (Agni-5 Missile) में इस्तेमाल होने वाली अत्याधुनिक तकनीकों को मिलाकर बनाया गया है.

गांधीनगर में 12वीं भारतीय रक्षा प्रदर्शनी आयोजित की गई

12वीं भारतीय रक्षा प्रदर्शनी (DefExpo 2022) का आयोजन 19 से 22 अक्तूबर तक गुजरात के अहमदाबाद और गांधीनगर में किया गया था. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. इस बार यह प्रदर्शनी ‘गौरव पथ’ (Path to Pride) विषय पर आयोजित की गई थी.

डिफेंस-एक्सपो (DefExpo) 2022: मुख्य बिन्दु

  • इस वर्ष के डिफेंस-एक्सपो का फोकस अफ्रीका और IOR (Indian Ocean Region) के देशों को रक्षा निर्यात को बढ़ावा देना था.
  • इस प्रदर्शनी में रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पाद विभाग के भारतीय मंडप में स्वदेशी रक्षा उत्पाद, स्टार्ट-अप, रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन किया गया.
  • प्रदर्शनी में निजी उद्योग, स्टार्टअप और कई राज्य सहित एक हजार से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह देश का ऐसा पहला डिफेंस एक्सपो था जिसमें केवल भारतीय कंपनियों ने ही हिस्सा लिया.

भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता

  • इस डिफेंस-एक्सपो  के दौरान भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता (IADD) का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न अफ्रीकी देशों के रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया था.
  • केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने IADD के दौरान भारत-अफ्रीका सुरक्षा फैलोशिप कार्यक्रम शुरू किया. यह फेलोशिप अफ्रीकी विद्वानों को भारत में रक्षा और सुरक्षा पहलुओं पर शोध करने का अवसर देगी.

भारतीय रक्षा प्रदर्शनी: एक दृष्टि

भारतीय रक्षा प्रदर्शनी का आयोजन दो वर्ष में एक बार किया जाता है. प्रदर्शनी में सार्वजनिक/निजी क्षेत्र के रक्षा उपक्रम और उद्योग, सशस्त्र बलों के लिए रक्षा उत्पादों का प्रदर्शन किया जाता है. यह रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करता है.

स्वदेशी हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर LCH भारतीय वायुसेना में शामिल

देश में बने हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर LCH को 3 अक्तूबर भारतीय वायुसेना को सौपा गया था. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इन हेलिकॉप्टरों को राजस्‍थान के जोधपुर में भारतीय वायु सेना को सौंप था. इस हेलिकॉप्टर का नाम ‘प्रचंड’ दिया गया है.

LCH हेलिकॉप्टर ‘प्रचंड’

  • LCH हेलिकॉप्टर ‘प्रचंड’ का डिजाइन और विनिर्माण हिन्‍दुस्‍तान वैमानिकी लिमिटेड (HAL) ने किया गया है.
  • यह हेलिकॉप्टर दुनिया में एकमात्र लड़ाकू हेलिकॉप्टर है जो पांच हजार मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.
  • यह 5.5 टन वर्ग का लड़ाकू हेलिकॉप्टर कई स्टेल्थ फीचर्स, बख्तरबंद सुरक्षा, रात में हमला करने की क्षमता से लैस है.
  • इसमें पर्याप्त मात्रा में हथियार और ईंधन ले जाने की क्षमता है. यह सेनाओं की विशेष आवश्यकताओं के अनुकूल भी है.

राष्ट्रपति HAL के एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण संयंत्र का शुभारंभ किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 27 सितम्बर को बेंगलुरु में हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (HAL) के एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण संयंत्र का शुभारंभ किया.

क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के उपग्रह प्रक्षेपण में किया जाता है. राष्ट्रपति ने इस दौरान हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड में दक्षिण क्षेत्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की आधारशिला भी रखी.

रक्षा मंत्रालय ने ब्रह्मोस मिसाइल के खरीद अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

रक्षा मंत्रालय ने ब्रह्मोस मिसाइल के खरीद के लिए 22 सितम्बर को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था. इसके तहत भारतीय नौसेना के लिए 1700 करोड़ रुपये की लागत से इस मिसाइल की खरीद ब्रह्मोस एयरोस्‍पेस प्राइवेट लिमिटेड से की जाएगी. ब्रह्मोस एयरोस्‍पेस प्राइवेट लिमिटेड भारत और रूस का एक संयुक्त उपक्रम है.

यह अनुबंध रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और गति देगा. इससे महत्वपूर्ण शस्त्र प्रणाली के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और स्वदेशी उद्योगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी.

स्टील्थ युद्धपोत INS तारागिरी को मुंबई में लॉन्च किया गया

भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17A के तीसरे स्टील्थ युद्धपोत तारागिरी (Warship Taragiri) को मुंबई में लॉन्च किया गया था. लॉन्चिंग समारोह मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में आयोजित किया गया था.

इस युद्धपोत का मूल्य लगभग 25,700 करोड़ रुपये है. इसे भारतीय नौसेना के इन-हाउस ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन की ओर से डिजाइन किया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • इस जहाज को एकीकृत निर्माण पद्धति के द्वारा बनाया गया है. यानी जहाज के हिस्सों का निर्माण अलग-अलग जगहों पर हुआ है और फिर इसे एक जगह लाकर जोड़ दिया गया.
  • यह जहाज P17 फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) का उन्नत संस्करण हैं, और यह बेहतर स्टील्थ फीचर्स, अत्याधुनिक हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है.
  • तारागिरी पूर्ववर्ती तारागिरी, लिएंडर क्लास ASW फ्रिगेट का पुनर्निर्माण है. पूर्ववर्ती तारागिरी 16 मई 1980 से 27 जून, 2013 तक सेवा में था.
  • प्रोजेक्ट 17A का पहला जहाज ‘नीलगिरी’ 28 सितंबर, 2019 को लॉन्च हुआ था. वह 2024 के शुरुआती छह महीनों में समुद्री परीक्षणों के लिए अपेक्षित है. वहीं परियोजना के तहत दूसरे जहाज ‘उदयगिरी’ को 17 मई 2022 को लॉन्च किया गया था. इसके 2024 के मध्य में समुद्री परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है.
  • युद्धपोत ‘तारागिरी’ 3510 टन वजनी है. 149 मीटर लंबा और 17.8 मीटर चौड़ा ये जहाज दो गैस टर्बाइन और दो मुख्य डीजल इंजनों के संयोजन से संचालित होगा. इसकी गति 28 समुद्री मील (लगभग 52 किमी प्रति घंटे) से अधिक होगी.
  • INS तारागिरी का डिस्प्लेसमेंट 6670 टन है. इस स्वदेशी युद्धपोत पर 35 अधिकारियों के साथ 150 लोग तैनात किए जा सकते हैं.