रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने सशस्त्र बलों की संचालन क्षमता बढाने के लिए 30 नवंबर को 2.23 लाख करोड रुपये के रक्षा सौदे के प्रस्तावों को अनुमति दी थी. इसमें 65 हजार करोड़ रुपए के 97 LCA मार्क 1A फाइटर जेट के अधिग्रहण का प्रस्ताव शामिल है. यह मंजूरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दी गई थी.
मुख्य बिन्दु
इसी के साथ भारतीय वायुसेना को ये आधुनिक फाइटर जेट मिलने का रास्ता साफ हो गया है. यही नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 156 LCH प्रचंड हेलिकॉप्टर और 84 Su-30MKI फाइटर्स को खरीदने के अपग्रेड प्लान को मंजूरी दी है.
गौरतलब है कि DAC द्वारा मंजूरी दिए गए प्रोजेक्ट्स में से रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देने के लिए 98 फीसदी घरेलू उद्योगों से प्राप्त किया जाएगा.
DAC ने दो प्रकार के एंटी-टैंक युद्ध सामग्री, एरिया डेनियल म्यूनिशन (ADM) टाइप-2 और टाइप-3 की खरीद के लिए मंजूरी दी है. ये टैंक और बख्तरबंद वाहन और दुश्मन के सैनिकों को बेअसर करने में सक्षम हैं.
स्वदेशी कैटेगरी के तहत T-90 टैंकों के लिए स्वचालित लक्ष्य ट्रैकर (ATT) और डिजिटल बेसाल्टिक कंप्यूटर (DBC) की खरीद और एकीकरण के लिए मंजूरी दी गई है. ये प्रतिद्वंद्वी प्लेटफार्मों पर टी-90 टैंकों को मजबूत बनाए रखने में मदद करेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-12-02 11:03:562023-12-09 11:07:35DAC ने 2.23 लाख करोड रुपये के रक्षा सौदे के प्रस्तावों को अनुमति दी
भारत ने 21 नवंबर को एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण भारतीय नौसेना और DRDO ने बंगाल की खाड़ी में किया था. स्वदेश निर्मित एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से किया गया था.
मुख्य बिन्दु
यह देश की पहली एंटी शिप मिसाइल है, जिसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने बनाया है.
इस एंटी शिप मिसाइल की स्पीड 980 किलोमीटर प्रति घंटा है, और रेंज 5 से 55 किलोमीटर है. यह मिसाइल दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आती है.
इस परीक्षण में मिसाइल की Seeker और Guidance तकनीक का भी परीक्षण किया गया. किसी भी मिसाइल का उसके तय लक्ष्य को भेदना ही गाइडेंस तकनीक का हिस्सा है. कोई मिसाइल कितनी प्रभावी है, यह उसकी गाइडेंस तकनीक पर ही निर्भर करता है.
अभी भारत में इंटीग्रेटिड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के जरिए चार मिसाइल सिस्टम देश में विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें पृथ्वी मिसाइल, आकाश मिसाइल, त्रिशूल और नाग मिसाइल सिस्टम शामिल हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-11-22 22:44:322023-11-25 22:52:37स्वदेशी एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण, सीकिंग 42 बी हेलीकॉप्टर से किया गया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 25 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन में वायुसेना के एयरबेस पर औपचारिक रूप से पहले सी-295 एम.डब्ल्यू परिवहन विमान को वायुसेना में शामिल किया था. यह एचएस-748 ए.वी.आर.ओ. विमान की जगह लेगा. यह सामरिक विमान, लैंडिंग ग्राउंड तैयार नहीं होने पर भी उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है.
भारत ड्रोन शक्ति – 2023 का उद्घाटन
रक्षा मंत्री ने हिंडन भारतीय वायु सेना अड्डे पर भारत ड्रोन शक्ति – 2023 का उद्घाटन भी किया. भारतीय वायु सेना और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया कार्यक्रम का संयुक्त रूप से आयोजन कर रहे हैं.
इससे मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा. इस कार्यक्रम में 75 से अधिक ड्रोन स्टार्टअप और कंपनियां भाग लेंगी.
दो दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में भारतीय ड्रोन की क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें सर्वेक्षण, ड्रोन कृषि, ड्रोन अग्रिसवन ड्रोन, निगरानी ड्रोन शामिल हैं.
भारत में सैन्य और असैन्य क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग लगातार बढ रहा है. भारत में ड्रोन का इस्तेमाल फोटोग्राफी करने, आर्मी द्वारा निगरानी करने, राहत एवं बचाव अभियान के अलावा कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-09-26 10:34:402023-10-01 10:42:51सी-295 एम.डब्ल्यू परिवहन विमान वायुसेना में शामिल, भारत ड्रोन शक्ति का उद्घाटन
सरकार ने 45 हजार करोड़ रुपये मूल्य के सैन्य साजो-सामान की खरीद को मंजूरी दी है. यह मंजूरी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (DAC) ने 15 सितम्बर को दी थी. ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ये सभी खरीद भारत के विक्रेताओं से की जाएंगी.
DAC ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहनों और एकीकृत निगरानी प्रणाली की खरीद के लिए स्वीकृति प्रदान की. इसमें तोप और रडार की तैनाती शामिल है.
DAC ने नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दे दी.
स्वदेशी रूप से निर्मित कम दूरी की हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल-ध्रुवास्त्र की खरीद को मंजूरी दे दी गई है.
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से संबंधित उपकरणों के साथ 12 सुखोई-30 विमानों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-09-16 20:41:262023-09-19 21:02:16सरकार ने 45 हजार करोड़ रुपये मूल्य के सैन्य साजो-सामान की खरीद को मंजूरी दी
भारत ने नौसेना युद्धपोत ‘आईएनएस कृपाण’ को 22 जुलाई को सेवामुक्त कर वियतनाम पीपुल्स नेवी (VPN) को सौंप दिया. युद्धपोत को संपूर्ण हथियारों से लैस वियतनाम पीपुल्स नेवी को सौंपा गया.
मुख्य बिन्दु
जहाज को वियतनाम के कैम रैन नौसैनिक अड्डे पर आयोजित एक समारोह में वियतनाम को सौंपा गया.
यह पहला अवसर है जब भारत किसी मित्र देश को पूर्ण-परिचालित युद्धपोत उपहार स्वरूप सौंपा गया है.
भारतीय नौसेना ने वियतनाम पीपुल्स नेवी को आईएनएस कृपाण का स्थानांतरण हिंद महासागर क्षेत्र में ‘पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ होने की भारतीय नौसेना की स्थिति का प्रतीक है.
अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के हिस्से के रूप में, भारत का लक्ष्य इसमें सक्रिय मित्रवत नौसेनाओं के लिए क्षमताएं तैयार करना है.
1991 में भारतीय सेना में कमीशन होने के बाद से ही आइएनएस कृपाण, भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक अभिन्न अंग रहा है और पिछले 32 वर्षों में कई ऑपरेशनों में भाग लिया है.
लगभग 12 अधिकारियों और 100 नाविकों द्वारा संचालित यह युद्धपोत 90 मीटर लंबा और 10.45 मीटर चौड़ा है और इसकी अधिकतम मालवाहक क्षमता 1450 टन है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-07-24 21:49:502023-07-25 13:55:06भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कृपाण को उपहार स्वरुप वियतनाम को सौंपा गया
भारत ने नौसेना के लिए फ्रांस से 26 राफेल लड़ाकू विमान और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पारंपरिक पनडुब्बियां खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह मंजूरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 14 जुलाई को दी थी.
DAC ने भारतीय नौसेना के लिए तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के साथ 26 राफेल राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. भारतीय वायु सेना के लिए फ्रांस से पहले ही 36 राफेल विमान खरीदे जा चुके हैं.
DAC ने यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ़्रांस यात्रा के दौरान दी थी. DAC रक्षा खरीद पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई है.
भारतीय नौसेना स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और विक्रांत पर तैनात करने के लिए पुराने मिग-29 के स्थान पर एक उपयुक्त लड़ाकू विमान की तलाश कर रही थी.
नौसेना ने खरीद के लिए बोइंग एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांसीसी कंपनी दासॉल्ट एविएशन के राफेल एम विमान के बारे में विचार किया. बाद में राफेल एम इस दौड़ में विजेता रहा.
इस बीच, तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों को नौसेना द्वारा प्रोजेक्ट-75 के हिस्से के रूप में रिपीट क्लॉज के तहत हासिल किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें मुंबई में मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड में बनाया जाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-07-15 19:29:202023-07-17 19:38:21भारत ने फ्रांस से 26 राफेल विमान और 3 पनडुब्बियां खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
भारतीय नौसेना ने आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत के डेक पर ‘मिग-29K’ लड़ाकू विमान की पहली नाइट लैंडिंग कराकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की.
भारतीय नौसेना ने कहा है कि आईएनएस विक्रांत पर मिग-29K की पहली नाइट लैंडिंग आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नौसेना की शक्ति का संकेत है.
आईएनएस विक्रांत, भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है. यह पोत 2 सितंबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-05-27 16:39:442023-05-28 17:04:58आईएनएस विक्रांत के डेक पर मिग-29 लड़ाकू विमान की पहली नाइट लैंडिंग
रक्षा मंत्रालय ने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देने के लिए 928 सैन्य उपकरणों के आयात पर चरणबद्ध ढंग से प्रतिबंध लगा दिया है. मंत्रालय ने 14 मई को इस तरह की सूचियों में से चौथी सूची जारी की थी.
मुख्य बिन्दु
इससे पहले, दिसम्बर 2021, मार्च 2022 और अगस्त 2022 में तीन सूचियां जारी की गई थी. इनके तहत 1238 उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया था.
चौथी सूची के 928 सैन्य उपकरणों में लाइन रिपलेसमैंट यूनिट, सबसिस्टम और स्पेयर पार्ट्स शामिल हैं. इनके आयात पर दिसम्बर 2023 और दिसम्बर 2029 के बीच चरणबद्ध ढंग से प्रतिबंध लागू किया जाएगा.
इन उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध से 715 करोड रुपये बचेंगे. अब इन उपकरणों की खरीद भारतीय उद्योग से की जाएगी.
पहली तीन सूची में शामिल 1238 उपकरणों में से 310 का उत्पादन भारत में ही होने लगा है. यह उपकरण लडाकू विमानों, प्रशिक्षण विमानों, युद्धपोतों और विभिन्न प्रकार के गोलाबारूद में इस्तेमाल किये जाते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-05-14 18:34:242023-05-16 18:42:59रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में 928 सैन्य उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध
भारत ने 23 अप्रैल को ओडिशा के तट से बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. यह भारत का पहला इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण है.
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भारतीय नौसेना, और DRDO द्वारा किया गया यह परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह सिस्टम लंबी दूरी तक दुश्मन के मिसाइलों और एयरक्राफ्ट को मार गिराने में सक्षम है.
चीन और पाकिस्तान के मिसाइलों और फाइटर जेट और ड्रोन विमानों के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत का यह परीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इसके दो वैरिएंट्स हैं. पहला ‘AD-1’, और दूसरा ‘AD-2’ दोनों ही मिसाइल 5000 किमी की रेंज वाली मिसाइलों को मार गिरा सकती है. नवंबर 2022 में इस मिसाइल की जमीनी वैरिएंट ‘AD-1’ का सफल परीक्षण किया गया था.
नौसेना ने जिस AD-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है वह मिसाइल दुश्मन की मिसाइल पर 5367 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हमला करने में सक्षम है.
इन मिसाइलों को IRBM मिसाइलों को नष्ट करने के मकसद से बनाया गया है. अगर कोई पड़ोसी मुल्क इतनी दूर से मिसाइल दागता है तो भारतीय नौसेना उसे रास्ते में ही इस मिसाइल की मदद से ध्वस्त कर देगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-04-24 21:14:312023-04-29 14:32:19भारत ने बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया
रक्षा मंत्रालय ने देश की रक्षा क्षमताओं को बढाने के लिए करीब 5.4 हजार करोड रुपये के तीन अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं.
मुख्य बिन्दु
पहला अनुबंध भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड के साथ किया गया है. यह अनुबंध भारतीय सेना के लिए ऑटोमेटेड हवाई रक्षा नियंत्रण और रिर्पोटिंग प्रणाली परियोजना ‘आकाशतीर’ की खरीद से जुडा है.
भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड के साथ किया गया दूसरा अनुबंध नौसेना के लिए सारंग इलेक्ट्रोनिक्स सहयोग प्रणाली की खरीद से जुडा है.
न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ तीसरा अनुबंध उन्नत संचार उपग्रह जी-सैट 7-बी की खरीद से संबंधित है. इस उपग्रह से सेना की संचार क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.
भारतीय सेना के लिए उन्नत आकाश हथियार प्रणाली की खरीद
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए उन्नत आकाश हथियार प्रणाली तथा हथियारों का पता लगाने के लिए 12 स्वाति रडार की खरीद के लिए हस्ताक्षर किए हैं. इनकी लागत 9100 करोड़ रुपये से अधिक है.
उन्नत आकाश हथियार प्रणाली की खरीद के लिए भारत डायनामिक्स लिमिटेड के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं. कम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल हवाई रक्षा प्रणाली है.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेश निर्मित इस प्रणाली का डिज़ाइन और विकास किया है.
ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी अनुबंध
रक्षा मंत्रालय ने अगली पीढ़ी के तटीय मोबाइल ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. इसकी लागत 1700 करोड़ रुपये से अधिक है.
यह प्रणाली 2027 से मिलनी शुरू हो जाएगी. प्रणाली सुपर सोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस होंगी और भारतीय नौसेना की क्षमता में वृद्धि करेगी.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है. इसका उद्देश्य नई पीढ़ी की सक्षम मिसाइल का विनिर्माण करना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-03-30 21:38:052023-04-02 14:44:06देश की रक्षा क्षमताओं को बढाने के लिए तीन अनुबंधों पर हस्ताक्षर
14वां एयरो इंडिया शो (14th Aero India Show) 2023 का आयोजन 13 से 17 फ़रवरी तक बेंगलुरु में किया गया था. इस शो का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस आयोजन का विषय ‘द रनवे टू ए बिलियन ऑपर्च्युनिटीज’ था.
मुख्य बिन्दु
इस प्रदर्शनी में विभिन्न देशों ने अपने उपकरण तथा साजो सामान का प्रदर्शन किया. रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की गोल मेज बैठक, मंथन स्टार्ट अप इवेंट, बंधन समारोह भी आयोजित हुए.
इस विशाल कार्यक्रम में 98 देशों ने हिस्सा लिया. देश और विदेश से 73 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, 32 देशों के रक्षा मंत्रियों और 29 राष्ट्रों के वायु सेवा प्रमुखों ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ बैठकें कीं और अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया.
एयरो इंडिया शो के दौरान भारत ने 115 स्वदेशी कंपनियों की भागेदारी में देश में ही निर्मित 227 उत्पादों को प्रदर्शित किया. भारत का हल्का युद्धक विमान तेजस मार्क-वन इस कार्यक्रम के दौरान आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रहा.
एयर इंडिया ने अमेरिकी कंपनी बोइंग और फ़्रांस की कंपनी एयरबस के साथ समझौता किया है. एयरबस से 250 और बोइंग से 220 विमानों की आपूर्ति होगी. 70 अरब डॉलर (5.80 लाख करोड रुपये) की डील, इसी साल शुरू होगी डिलीविरी.
आयोजन के दौरान 75 हजार करोड रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-02-19 18:23:332023-02-20 18:34:12बेंगलुरु में 14वां एयरो इंडिया शो आयोजित किया गया
भारतीय नौसेना ने 23 जनवरी को पनडुब्बी वागीर (INS Vagir) को अपने बेड़े में शामिल किया था. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरिकुमार ने इसे बेड़े में शामिल किया. वागीर फारसी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ ‘शिकारी’ होता है.
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यह कलवारी श्रेणी (यानी Scorpene Class) की पांचवीं पनडुब्बी है. इसे फ्रांस की मेसर्स नेवल ग्रुप (Messers Naval Group) की मदद से मुंबई के मझगांव डॉक में बनाया गया है.
‘INS वागीर’ पिछले दो साल में भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली तीसरी पनडुब्बी है. यह अचूक हथियारों से लैस घातक प्लेटफॉर्म है.
वागीर स्वदेश में अब तक निर्मित सभी पनडुब्बियों में सबसे कम समय में तैयार हुई है. समुद्री सुरक्षा के मामले में यह भारत को बढ़त दिलाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-01-24 22:22:172023-01-24 22:44:55भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी वागीर को अपने बेड़े में शामिल किया