अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की 5वीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की 5वीं बैठक (International Solar Alliance’s Fifth Assembly) की अध्यक्षता भारत ने की थी. यह बैठक 16-19 अक्तूबर को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी.

ISA की 5वीं बैठक: मुख्य बिन्दु

  • ISA की 5वीं बैठक बैठक में 109 देशों के प्रतिभगियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कार्बन रहित अर्थव्यवस्था से संबंधित अपने अनुभव साझा किए.
  • इस बैठक में भारत को अगले 2 वर्षों के लिए ISA अध्यक्ष और फ्रांस को सह-अध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया.
  • बैठक में ‘सोलर फैसिलिटी’ को मंजूरी दी गई. सोलर फैसिलिटी ISA फ्रेमवर्क के तहत भुगतान गारंटी तंत्र है. इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित है.
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) की सर्वोच्च निर्णायक समिति की यह मंत्रिस्‍तरीय बैठक संगठन के मुख्‍यालय में प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है.

जानिए क्या है अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन…»

जी-20 देशों के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक

जी-20 देशों के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक 13 अक्तूबर को अमरीका के वाशिंगटन में आयोजित की गई थी.

इस बैठक में हिस्सा लेते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुनियादी ढांचे में निवेश और अंतरराष्ट्रीय कराधान नियमों को सरल बनाने का आह्वान किया.

सुश्री सीतारामन ने कहा कि विकासशील देशों में अंतरराष्ट्रीय कर नियमों को सरल, सुगमता से लागू किए जाने और सार्थक राजस्व अर्जित करने योग्य बनाया जाना चाहिए.

विश्व बैंक की विकास समिति की बैठक

वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने वाशिंगटन में विश्व बैंक की विकास समिति की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की इस वर्ष सात प्रतिशत की प्रस्तावित विकास दर के बावजूद देश वैश्विक अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिक हालात को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सबसे पहले फसल नुकसान और खाने की बर्बादी कम करना होगा.

गुजरात में राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन

गुजरात के एकता नगर में 23-24 सितम्बर को राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन का शुभारंभ किया था.

इस सम्मेलन का उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली पर ध्‍यान केंद्रित करना था। सम्‍मेलन में पर्यावरण से जुड़े विभिन्न विषयों पर छह सत्र आयोजित किए गए थे. इनमें पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली, जलवायु परिवर्तन, वन्‍यजीव प्रबंधन और प्‍लास्टिक कचरा प्रबंधन जैसे विषय शामिल थे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 77वां अधिवेशन, भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री ने किया

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 77वां अधिवेशन (77th Session of the UN General Assembly) 20 सितम्बर से न्यूयॉर्क में आयोजित किया जा रहा है. इस अधिवेशन का विषय है- एक ऐतिहासिक क्षण: सामूहिक चुनौतियों के लिए परिवर्तनकारी समाधान.

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें अधिवेशन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने किया था. वे इस अधिवेशन में भाग लेने के प्रयोजन से 18 – 28 सितंबर तक अमरीका यात्रा पर हैं.
  • डॉक्टर जयशंकर ने 24 सितम्बर को 77वें अधिवेशन में भारत का पक्ष रखा था. अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, आतंकवाद की किसी भी गतिविधि का कोई औचित्य नहीं है.
  • यूक्रेन के मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए भारत ने शांतिपूर्ण बातचीत और राजनयिक माध्यम से संघर्ष के समाधान की प्रतिबद्धता दोहराई.
  • विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में समान भागीदारी के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’, ‘एक सूर्य-एक विश्‍व-एक ग्रिड’ और ‘आपदा समायोजी बुनियादी ढांचा पहल’ के अन्तर्गत अन्‍य साझेदारों के साथ प्रयास कर रहा है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की मांग

भारत सहित 32 देशों ने मौजूदा वैश्विक वास्तविकताओं के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल और व्यापक सुधार करने की मांग की है.

न्‍यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के अवसर पर इन देशों ने संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि वे अंतर्राष्ट्रीय शासन व्यवस्था को अधिक समावेशी और सहभागिता पूर्ण बनाने के लिए काम करने के प्रति संकल्‍पबद्ध हैं ताकि विकास संबंधी चुनौतियों, गरीबी, जलवायु परिवर्तन, महामारी, खाद्य सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय संकटों और आतंकवाद का समाधान किया जा सके.

वक्तव्य में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद में सुधार में देरी से वैश्विक शांति और सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है और संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के इस सिद्धांतों पर अमल करने में व्यवधान हो रहा है.

पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन: पर्यटन के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी बनाने का लक्ष्य

भारत के राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 18-20 सितम्बर को आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में देश को 2047 तक पर्यटन के क्षेत्र में विश्व का अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन के अंतिम दिन 20 सितम्बर को पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविंद सिंह ने धर्मशाला घोषणा पत्र जारी किया गया था. घोषणा पत्र में इस संबंध में संकल्प लिया गया है.
  • इसके साथ ही, वर्ष 2024 तक 150 बिलियन डालर और 2030 तक 250 बिलियन डालर देश की जीडीपी में सहयोग का लक्ष्य रखा गया है.
  • भारत में नई पर्यटन नीति का मसौदा तैयार हो गया है. इसके लागू होने के बाद 2047 तक पर्यटन उद्योग एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा गया है. 2030 तक पर्यटन के क्षेत्र में करीब 14 करोड़ रोजगार का लक्ष्‍य रखा गया है.
  • केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने अंबेडकर सर्किट को कवर करने के लिए एक विशेष ट्रेन शुरू करने की घोषणा की. अंबेडकर सर्किट में जन्मभूमि (मध्य प्रदेश में अम्बेडकर का जन्मस्थान), दीक्षा भूमि (नागपुर में वह स्थान जहाँ अंबेडकर ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया था), महापरिनिर्वाण भूमि (दिल्ली में वह स्थान जहाँ उनका निधन हुआ) और चैत्य भूमि (मुंबई में उनके दाह संस्कार का स्थान) शामिल हैं.

समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन की 22वीं बैठक आयोजित की गई

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का 22वां शिखर सम्मेलन 2022 उज्‍बेकिस्‍तान के समरकंद में आयोजित किया गया था. इस बैठक में इसके सभी सदस्य देशों के नेताओं और अन्य निमंत्रित अतिथियों ने हिस्सा लिया था. सम्मेलन की अध्यक्षता उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने की थी.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के प्रयोजन से 15-16 सितम्बर को उज्‍बेकिस्‍तान की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दौरान उन्होंने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया और इसके इतर कई बहुपक्षीय और द्विपक्षीय बैठकें भी की थी.

22वां SCO शिखर सम्मेलन 2022: मुख्य बिन्दु

  • 22वें SCO शिखर सम्मेलन में समसामयिक, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके अलावा संगठन में सुधार और विस्‍तार, सुरक्षा की स्थिति, क्षेत्र में विभिन्‍न देशों के साथ भारत के सहयोग, संपर्क को मजबूत बनाने और क्षेत्र में व्‍यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचा-विमर्श हुआ. शिखर सम्मेलन का समापन समरकंद घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ हुआ.
  • ईरान ने एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि उसे SCO में पूर्ण सदस्यता मिल सके. फिलहाल उसे पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल है.
  • उज्बेकिस्तान ने SCO की अध्यक्षता भारत को सौंपी. भारत 2023 में संगठन के अध्यक्ष के रूप में SCO के अगले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
  • बैठक में वाराणसी को वर्ष 2022-2023 के लिए SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी नामित किया गया. इससे भारत और SCO सदस्य देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की द्विपक्षीय बैठकें

  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने SCO की 22वीं बैठक से अलग रूस, उजबेकिस्‍तान, ईरान और तुर्की के नेताओं से मुलाकात की. इन नेताओं के साथ विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने पर चर्चा हुई.
  • रूस के राष्ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट जैसे मुद्दों को उठाया. इस अवसर पर रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन, द्पिक्षीय व्‍यापार, रूस के उर्वरकों की आपूर्ति, कृषि में सहयोग, तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा और वीजा मुक्‍त पर्यटकों की आवाजाही के मुद्दे उठाए. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को रूस आने का निमंत्रण दिया.
  • भारत-उजबेकिस्‍तान द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और उजबेकिस्‍तान के राष्ट्रपति शावकत मिरजियोयेव ने चाबहार बंदरगाह और अंतरराष्‍ट्रीय उत्‍तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के अधिक उपयोग सहित कुछ संभावनाओं का पता लगाने के लिए कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण बताया.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक चर्चा की और चाबहार बंदरगाह के विकास में प्रगति की समीक्षा की.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने तुर्की के राष्‍ट्रपति रेसिप तैय्यप अर्दोगन के साथ बातचीत की. बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और क्षेत्रीय तथा वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा की.

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): एक दृष्टि

SCO की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे.

ग्रेटर नोएडा में अंतर्राष्ट्रीय डेयरी परिसंघ के विश्‍व डेयरी सम्‍मेलन का आयोजन

अंतर्राष्ट्रीय डेयरी परिसंघ के विश्‍व डेयरी सम्मेलन 2022 का आयोजन ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्‍सपो सेंटर और मार्ट में 12-15 सितम्बर तक किया गया था. इस सम्मेलन में पचास देशों के लगभग पन्द्रह सौ लोगों ने हिस्सा लिया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. सम्मेलन का थीम था – ‘पोषण और आजीविका के लिए डेयरी’.
  • भारत में पिछली बार 1974 में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
  • इस सम्मेलन में वैश्विक और भारतीय डेयरी हितधारकों सहित शीर्ष डेयरी उद्यमी, विशेषज्ञ, किसान और नीति योजनाकार ने हिस्सा लिया.
  • भारतीय डेयरी उद्योग की वैश्विक दूध में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है. भारत में सालाना करीब 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है और इससे आठ करोड़ डेयरी किसान सशक्त हो रहे हैं.
  • दूध उत्‍पादन में भारत पूरे विश्‍व में प्रथम स्थान पर है. आज पूरे विश्‍व में दूध उत्पादन 2 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है, जबकि भारत में इसकी रफ्तार 6 प्रतिशत से भी ज्यादा है.

मिलान में गैसटेक सम्मेलन आयोजित किया गया

तरल प्राकृतिक गैस (LNG) पर केन्द्रित गैसटेक सम्मेलन इटली के मिलान में 5-8 सितम्बर को आयोजित किया गया था. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था. वे इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के प्रयोजन से 6-8 सितम्बर को इटली यात्रा पर थे.

गैसटेक LNG पर केन्द्रित दुनिया का सबसे बड़ा सम्मेलन है. इस सम्मेलन में ऊर्जा परिदृश्‍य पर चर्चा करने, कोविड महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों को पुन: पटरी पर लाने का आकलन करने और कार्बन उत्सर्जन मुक्त ऊर्जा के लिए मार्ग तैयार करने के बारे में विचार किया गया.

इस सम्मेलन से इतर श्री पुरी ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा फोरम (IEEF) के महासचिव जो‍सेफ मैकमोनिगल से भेंट की थी और मौजूदा ऊर्जा संकट के समाधान के उपायों पर विचार-विमर्श किया था.

तिरुवनंतपुरम में दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक, जानिए क्या है क्षेत्रीय परिषद

दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक (30th Southern Zonal Council Meeting) 3 सितम्बर को तिरुवनंतपुरम में हुई थी. इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की. बैठक में, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और दक्षिण के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप के केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों ने भी भाग लिया.

क्षेत्रीय परिषद (Zonal Council) और उनके सदस्य

क्षेत्रीय परिषदें, केन्द्र एवं राज्यों के बीच आपसी मतभेदों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विचार-विमर्शों तथा परामर्शों के माध्यम से सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान करती है.

वर्तमान में, भारत में छः क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी) हैं. पांच क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी) का गठन 1957 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के अंतर्गत हुआ था. उत्तर-पूर्वी परिषद का गठन 1971 के उत्तर-पूर्वी परिषद अधिनियम द्वारा हुआ था. गृह मंत्री सभी क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष होते हैं.

  1. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद: इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान राज्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख शामिल हैं.
  2. मध्य क्षेत्रीय परिषद: इसमें छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं.
  3. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद: इसमें बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं.
  4. पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद: इसमें गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य और संघ राज्य क्षेत्र दमन-दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली शामिल है.
  5. दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद: इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र पुद्दुचेरी शामिल हैं.
  6. उत्तर-पूर्वी परिषद: असम, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और सिक्किम शामिल हैं.

65वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन हैलिफ़ैक्स में आयोजित किया गया

65वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (CPA) कनाडा के हैलिफ़ैक्स में 20 से 26 अगस्त तक आयोजित किया गया था.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के नेतृत्व में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल इस सम्मेलन में भाग लिया. सम्मेलन में देश के राज्य विधानमंडलों के 23 पीठासीन अधिकारी और 16 सचिव भी शामिल थे.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला इस दौरान अन्य राष्ट्रमंडल देशों के समकक्षों के साथ भी बातचीत की. श्री बिड़ला व्यापारिक समुदाय और प्रवासी भारतीयों के साथ भी बातचीत की.

राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन

देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन 25-26 अगस्त को आयोजित किया गया था. सम्मेलन का आयोजन केन्द्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश के तिरूपति में किया था.

श्रम मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन: मुख्य बिन्दु

  • सहकारी संघवाद की भावना के अंतर्गत, श्रम संबंधी विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था.
  • यह श्रमिकों के कल्याण योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन तथा केन्द्र और राज्यों के लिए बेहतर तालमेल में मदद करेगा.
  • सम्मेलन के चार मुख्य सत्र थे. इसमें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए ई-श्रम पोर्टल के एकीकरण और ईएसआई अस्‍पतालों में चिकित्‍सा सेवा में सुधार शामिल था. अन्‍य दो सत्रों के विषय थे- चार श्रम संहिताओं के अंतर्गत नियम तय करना और विजन श्रमेव जयते @ 2047.
  • इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वीडियो काफ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया.

मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक भोपाल में आयोजित की गई

मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक 22 अगस्त को भोपाल में आयोजित की गई थी. गृह मंत्री अमित शाह ने इस बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में मध्य क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया.

मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक: मुख्य बिन्दु

  • बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बैठक में शामिल हुए, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया.
  • इस बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण, किसान कल्याण, महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध अपराध की विवेचना, आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे विषयों की रोकथाम के लिए व्यापक विचार-विमर्श हुआ.
  • बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मध्य क्षेत्र परिषद के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद को सख्ती से निपटने की बात कही.
  • गृहमंत्री अमित शाह ने भोपाल में राष्ट्रीय फौरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के पांचवें परिसर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया.