महिला पुलिस का 10वां राष्ट्रीय सम्मेलन 21-22 अगस्त को शिमला में आयोजित किया गया था. इसका आयोजन गृह मंत्रालय तथा पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने किया था. इस सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया था.
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य महिला पुलिस अधिकारियों की नेतृत्व क्षमता बढ़ाना तथा उनकी समस्या और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना था.
बदलती प्रौद्योगिकी और अपराध के तरीकों के संदर्भ में महिला पुलिस की नई भूमिका और दायित्वों पर भी विचार-विमर्श किया गया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-08-24 14:08:592022-08-24 14:08:59महिला पुलिस का 10वां राष्ट्रीय सम्मेलन शिमला में आयोजित किया गया
नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक (NITI Aayog 7th Governing Council Meeting) 7 अगस्त को राष्ट्रपति भवन स्थित सांस्कृतिक केन्द्र में हुई थी. जुलाई 2019 के बाद से शासी परिषद की यह पहली प्रत्यक्ष बैठक थी. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री और नीति आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी ने की.
बैठक में केंद्र तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहयोग- समन्वय बढ़ाने पर विचार-विमर्श हुआ.
बैठक की कार्यसूची (एजेंडे) में कौशल विविधीकरण और तिलहन, दलहन तथा कृषि समुदाय के आत्मनिर्भर बनने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन और शहरी शासन शामिल थे. शासी परिषद ने प्रत्येक विषय पर कार्य योजना और कार्रवाई योजना को अंतिम रूप दिया.
नीति आयोग की शासी परिषद
यह परिषद राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों के बारे में साझा दृष्टिकोण विकसित करने वाली प्रमुख संस्था है. यह अन्तर क्षेत्रीय, अंतर विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करता है.
नीति आयोग की शासी परिषद के सदस्यों में भारत के प्रधानमंत्री, नीति आयोग के सभी सदस्य, सभी राज्यों/UT के मुख्यमंत्री/ उपराज्यपाल शामिल हैं.
नीति आयोग के वर्तमान सदस्य
अध्यक्ष: प्रधानमंत्री
उपाध्यक्ष: डॉ सुमन के. बेरी
पूर्णकालिक सदस्य: बीके सारस्वत, रमेश चंद और बीके पॉल
नीति आयोग के पदेन सदस्य
राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
अमित शाह, गृह मंत्री
निर्मला सीतारमण, केन्द्रीय वित्त व कॉर्पोरेट मामले मंत्री
नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि व किसान कल्याण मंत्री
नीति आयोग (NITI Aayog): एक दृष्टि
नीति आयोग में नीति, (NITI) का पूरा नाम (National Institution for Transforming India) है.
इसका गठन 1 जनवरी 2015 को भारत सरकार द्वारा योजना आयोग के स्थान पर किया गया था. योजना आयोग की तरह नीति आयोग भी एक गैर-संवैधानिक निकाय है.
अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योजना आयोग को भंग करने की घोषणा की थी और इसके भंग होने के साथ ही पंचवर्षीय योजना का युग भी समाप्त हो गया.
नीति आयोग भारत सरकार के एक थिंक टैंक के रूप में देश को महत्वपूर्ण जानकारी, नवीनता और उद्यमशीलता सहायता प्रदान करता है.
नीति आयोग का मुख्य कार्य न्यू इंडिया के निर्माण का विज़न एवं इसके लिये रणनीतिक मसौदा बनाना तथा कार्य योजनाएँ तैयार करना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-08-09 19:54:222022-08-09 19:54:22नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक दिल्ली में आयोजित की गई
नई दिल्ली में 2 अगस्त को तिरंगा उत्सव का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय ने स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया (Pingali Venkayya) की 146वीं जयंती के अवसर पर किया था. इस कार्यक्रम के अंतर्गत सांस्कृतिक और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरपूर संध्या आयोजित की गई. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह तिरंगा उत्सव में हिस्सा लिया.
तिरंगा उत्सव के इस कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पिंगली वेंकैया के बहुमूल्य योगदान के लिए उनके सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी गया और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया.
पिंगली वेंकैया और राष्ट्रीय ध्वज: एक दृष्टि
पिंगली वेंकैया, स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने देश के राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन तैयार किया था. गांधी जी के अनुरोध पर उन्होंने भारत के राष्ट्रीय झंडे की परिकल्पना की थी.
महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय ध्वज के इस डिजाइन को 1921 में विजयवाड़ा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में मंजूरी दी थी. इस ध्वज में हरी और लाल दो धारियां थीं, और केंद्र में एक चरखा था. बाद में, उन्होंने महात्मा गांधी के सुझाव के बाद सफेद पट्टी जोड़ दी.
उन्हें मरणोपरांत 2011 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-08-03 15:36:102022-08-05 09:00:43पिंगली वेंकैया की 146वीं जयंती, नई दिल्ली में तिरंगा उत्सव का आयोजन
दिल्ली में 30-31 जुलाई को पहली अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक आयोजित की गई थी. इसका आयोजन यह राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा किया गया था.
इस बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमणा, केंद्रीय मंत्री श्री किरेन रिजिजू, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कई अन्य न्यायाधीश, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों (SLASA) के कार्यकारी अध्यक्ष और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (DLASA) के अध्यक्ष मौजूद थे.
प्रधानमंत्री ने बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया था. उन्होंने इस मौके पर ‘मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार’ पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया.
नालसा (NALSA) क्या है?
नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) का गठन कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये किया गया है. भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39-A अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है. इसी के मद्देनज़र वर्ष 1987 में पारित विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत नालसा का गठन किया गया था.
NALSA के तर्ज पर DLASA (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) और SLASA (राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) का गठन किया गया है.
देश में कुल 676 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLASA) हैं. उनके प्रमुख जिला न्यायाधीश होते हैं. DLASA, NALSA द्वारा आयोजित लोक अदालतों को विनियमित करके अदालतों पर बोझ कम करने में योगदान करते हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-08-02 15:23:182022-08-03 15:30:06दिल्ली में पहली अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक
भारत, इस्राइल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमरीका के समूह (I2-U2) के नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन 14 जुलाई को वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया.
इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अतिरिक्त इस्राइल के प्रधानमंत्री याएर लपिड, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नहयान और अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हिस्सा लिया.
खाद्य सुरक्षा के उपायों पर विचार-विमर्श
सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा संकट और स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान केंदित किया गया. वैश्विक खाद्य संकट को बेहतर ढंग से निपटने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने घोषणा की है कि वह भारत में एकीकृत फूड पार्को की श्रृंखला विकसित करने के लिए दो अरब डॉलर निवेश करेगा.
इन पार्को में अत्याधुनिक और जलवायु की दृष्टि से स्मार्ट प्रौद्योगिकी इस्तेमाल की जाएगी ताकि खाद्य पदार्थों की बर्बादी और उन्हें खराब होने से बचाने में मदद की जा सके.
इस परियोजना में विशेषज्ञता और नवाचार समाधान के लिए अमरीका और इस्राइल को आमंत्रित किया जाएगा.
इस दिशा में निवेश से फसल पैदावार अधिकतम बढ़ाने और दक्षिण एशिया तथा मध्य पूर्व में खाद्य असुरक्षा से निपटने में मदद मिलेगी.
I2-U2 समूह: एक दृष्टि
I2-U2 एक अंतर्राष्ट्रीय समूह है जिसमें भारत, इस्राइल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमरीका सदस्य देश हैं. I2 का तात्पर्य भारत, इस्राइल जबकि U2 का तात्पर्य UAE और अमरीका (US) से है.
I2-U2 समूह गठित करने का विचार 18 अक्टूबर 2021 को इन चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान सामने आया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-07-15 21:33:512022-07-16 13:40:54भारत, इस्राइल, UAE और अमरीका के समूह ‘I2-U2’ के नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन
विकसित देशों के समूह जी-7 शिखर सम्मेलन (47th G7 summit) 27 जून को जर्मनी के श्लॉस एल्माओ में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में सभी सदस्य देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ने भाग लिया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के निमंत्रण पर इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था. भारत के अलावा अर्जेन्टीना, इंडोनेशिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका भी सम्मेलन में आमंत्रित किए गए थे.
मुख्य बिंदु
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को छह खरब डॉलर की ढांचागत सहायता की घोषणा की गयी. इसे चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (Belt and Road Initiative – BRI) के प्रति पश्चिमी देशों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह एक निवेश है. यह जी-7 देशों के लिए लाभदायक है.
बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) एक वैश्विक बुनियादी ढांचा विकास रणनीति है, जिसे चीन ने 2013 में शुरू किया था. इसका उद्देश्य क्षेत्रीय एकीकरण में सुधार, वाणिज्य में वृद्धि और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एशिया को अफ्रीका और यूरोप के साथ भूमि और समुद्री नेटवर्क से जोड़ना है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जर्मनी यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन से अलग जी-7 और अतिथि देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत की. उन्होंने म्यूनिख में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की. दोनों नेता व्यापार, निवेश तथा लोगों के बीच सम्पर्क और बढ़ाने पर भी सहमत हुए.
प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन के दो सत्रों में भाग लिया. पहला सत्र जलवायु, ऊर्जा और स्वास्थ्य तथा दूसरा सत्र खाद्य सुरक्षा और स्त्री-पुरुष समानता से संबंधित था.
पहले सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने जी-7 समूह के देशों से आग्रह किया है कि वे हरित विकास, स्वच्छ ऊर्जा, सतत जीवन शैलियों और वैश्विक कल्याण के लिए भारत के प्रयासों में सहयोग दें. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है,लेकिन वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारत का योगदान केवल पांच प्रतिशत है.
खाद्य सुरक्षा और स्त्री-पुरूष समानता सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत का दृष्टिकोण ‘महिला विकास’ से बदलकर ‘महिला नेतृत्व में विकास’ हो गया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की UAE यात्रा
शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद श्री मोदी 28 जून को संयुक्त अरब अमारात (UAE) गये थे. उन्होंने अबूधाबी में UAE के राष्ट्रपति और अबूधाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की.
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापक कार्यनीतिक साझेदारी और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई.
उनकी यात्रा का उद्देश्य वहां के पूर्व राष्ट्रपति और अबूधाबी के शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नहयान के निधन पर व्यक्तिगत रूप से संवेदना प्रकट करना था.
G7 संगठन: तथ्यों पर एक दृष्टि
‘G7’ सात विकसित देशों का समूह है जिसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमरीका सदस्य देश हैं. भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिन्हें शिखर सम्मेलन में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है.
गठन: वर्ष 1975 में फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति वैलेरी जिस्कार्ड डी एस्टेइंग के आह्वान पर विश्व के सर्वाधिक औद्योगीकृत, लोकतांत्रिक एवं गैर-समाजवादी 6 राष्ट्रों- फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, एवं जापान ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक बैठक का आयोजन किया जिसमें इस समूह का गठन हुआ.
कनाडा सदस्य बना: वर्ष 1976 में कनाडा को इस समूह में शामिल कर लिया गया. कनाडा की सहभागिता के पश्चात यह समूह ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा.
रूस सदस्य बना: वर्ष 1994 में ‘G7’ में रूस के शामिल होने से यह समूह ‘G8’ के नाम से जाना गया.
रूस निलंबित: 27 मार्च, 2014 को इस संगठन से रूस को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया गया. अब यह समूह पुनः ‘G7’ के नाम से जाना जाने लगा है.
मुख्यालय: ‘G7’ एक अनौपचारिक संगठन है जिसका कोई मुख्यालय अथवा सचिवालय नहीं है. इसके अध्यक्ष का चयन रोटेशन प्रणाली के आधार पर होता है.
अर्थशास्त्र: ‘G7’ देश में विश्व की जनसंख्या का 10.3% लोग रहते हैं. सदस्य देशों की GDP विश्व के GDP का 32.2% है, जबकि विश्व के निर्यात में 34.1% तथा आयात में 36.7% हिस्सा है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-29 17:31:422022-06-29 17:31:4247वां जी-7 शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री मोदी की जर्मनी और UAE यात्रा
राष्ट्र मंडल देशों के शासनाध्यक्षों की 26वीं शिखर बैठक 25 जून को रवांडा के किगाली में आयोजित की गयी थी. यह बैठक कोविड महामारी के कारण दो वर्ष के बाद आयोजित की गयी थी. इस शिखर सम्मेलन (चोगम) की मेजबानी रवांडा ने और अध्यक्षता रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागामे ने की थी.
मुख्य बिंदु
बैठक के दौरान राष्ट्रमंडल सदस्य देशों के नेता जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसी वैश्विक चुनौतियों के मुद्दे पर विचार-विमर्श किये.
इस बैठक में अफ्रीकी देश गैबॉन और टोगो को राष्ट्रमंडल देशों के समूह में शामिल किया गया.
विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. वह इस प्रयोजन से 22-25 तक रवांडा की यात्रा पर थे.
भारत राष्ट्रमंडल में सबसे अधिक योगदान करने वाले देशों में से एक है और उसने इस संगठन को तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण के साथ सहयोग प्रदान किया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-29 17:26:322022-06-29 17:26:32राष्ट्र मंडल देशों की 26वीं शिखर बैठक किगाली में आयोजित की गयी
14वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 23-24 जून को ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया था. इसकी मेजबानी चीन ने की थी. सम्मेलन का थीम “वैश्विक विकास के नये दौर के लिए उच्च गुणवत्ता की ब्रिक्स भागीदारी को बढ़ावा” (Foster High-Quality BRICS Partnership, Usher in a New Era for Global Development) था.
इस सम्मेलन में भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. प्रधानमंत्री के अतिरिक्त ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसानारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति षी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने हिस्सा लिया.
चीन के राष्ट्रपति षी.जिनपिंग ने ब्रिक्स देशों के साथ वैश्विक विकास पर उच्चस्तरीय संवाद की अध्यक्षता की. सम्मेलन के दौरान यूक्रेन में मानवीय संकट, आतंकवाद, व्यापार मुद्दों पर मुख्य रूप से विचार-विमर्श हुआ.
ब्रिक्स (BRICS): एक दृष्टि
ब्रिक्स (BRICS) दुनिया की पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं. इन्ही देशों के अंग्रेज़ी में नाम के प्रथम अक्षरों B, R, I, C व S से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है. ब्रिक्स देशों में विश्वभर की 43% आबादी रहती है, जहां विश्व का सकल घरेलू उत्पाद 30% है और विश्व व्यापार में इसकी 17% हिस्सेदारी है. जानिए क्या है ब्रिक्स…»
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-25 16:57:012022-06-25 16:57:0114वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चीन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 15 से 17 जून तक राज्यों के मुख्य सचिवों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया था. इसका आयोजन नीति आयोग द्वारा किया गया था. इस सम्मेलन का उद्धाटन कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने किया.
मुख्य बिंदु
सम्मेलन का उद्देश्य केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और मजबूत बनाना था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की थी. इस सम्मेलन में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के लगभग दो सौ विशेषज्ञ ने भी भाग लिया.
सम्मेलन में विस्तृत विचार-विमर्श के लिए तीन विषयों की पहचान की गई है जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन, शहरी शासन और फसल विविधीकरण और तिलहन, दलहन और अन्य कृषि-वस्तुओं में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना शामिल था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-19 21:42:012022-06-19 21:42:01धर्मशाला में राज्यों के मुख्य सचिवों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन
कपिलवस्तु से भगवान बुद्ध से संबद्ध चार पवित्र अवशेषों का मंगोलिया में प्रदर्शनी लगाई गयी है. यह प्रदर्शनी 13 जून से 27 जून तक मंगोलिया में गंदन मठ के बत्त्सगान मंदिर सभा भवन में लगाया गया है.
इस प्रदर्शनी में भारत के कपिलवस्तु से ले जाए गए भगवान बुद्ध से संबद्ध चार पवित्र अवशेषों के साथ मंगोलियाई बौद्ध अवशेष भी प्रदर्शित किया जायेगा.
कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में 25 सदस्यों के शिष्टमंडल के साथ इन पवित्र अवशेष के साथ मंगोलिया में हैं.
इस अवसर पर श्री रिजिजू ने कहा कि सदियों पहले बौद्ध धर्म भारत के हिमालयी क्षेत्रों से मंगोलिया पहुंचा और अनमोल साझा विरासत का हिस्सा बन गया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-15 23:05:212022-06-15 23:05:21कपिलवस्तु से भगवान बुद्ध से संबद्ध अवशेष का मंगोलिया में प्रदर्शनी
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक 11 जून को दीव में आयोजित की गयी थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी.
पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक: मुख्य बिंदु
बैठक में पश्चिमी राज्यों से जुड़े अंतरराज्यीय सीमा, सुरक्षा, बुनियादी ढांचा, परिवहन और उद्योग से संबंधित मुद्दों पर विचार हुआ.
यह बैठक कोविड महामारी के कारण दो वर्ष बाद आयोजित की गई. गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव इस परिषद के सदस्य हैं.
क्षेत्रीय परिषदें वार्ता और विचार साझा करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराती हैं. इस बैठक में 30 विषयों पर चर्चा की गई, जिनमें से 27 को हल कर लिया गया है और शेष बचे तीन विषयों पर आगे विचार किया जाएगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-12 15:23:142022-06-13 15:32:35पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक दीव में आयोजित की गयी
देशभर के शिक्षा मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन गुजरात के गांधीनगर में 1-2 जून को आयोजित किया गया था. सम्मेलन की अध्यक्षता केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की थी.
इस सम्मेलन में तमिलनाडु को छोड़कर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों ने और केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था.
इस सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने की दृष्टि से देश में शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत बनाने, स्कूलों में कौशल विकास, डिजिटल पहल आदि पर चर्चा हुई.
पीएम श्री स्कूल की योजना
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पीएम श्री स्कूल स्थापित करने की योजना बना रही है. इसका उद्देश्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना होगा. उन्होंने कहा कि ये अत्याधुनिक स्कूल NEP 2020 की प्रयोगशाला की तरह काम करेंगे.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के 5+3+3+4 दृष्टिकोण में प्री-स्कूल से सेकेंडरी स्कूल तक, प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा कार्यक्रम (ईसीसीई), शिक्षक प्रशिक्षण और वयस्क शिक्षा पर जोर, स्कूली शिक्षा के साथ कौशल विकास का एकीकरण और प्राथमिकता देना आदि शामिल हैं.
21वीं सदी के विश्व मानस (ग्लोबल सिटीजंस) को तैयार करने के लिए मातृ भाषा में सीखने का अवसर देना भी एक बड़ा कदम है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2022-06-05 19:42:002022-06-05 19:42:00गांधीनगर में शिक्षा मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन, पीएम श्री स्कूल की योजना