सुप्रीम कोर्ट ने 124-A के अंतर्गत देशद्रोह कानून को स्थगित करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124-A के अंतर्गत देशद्रोह कानून को स्थगित करने का आदेश दिया है. शीर्ष न्‍यायालय ने एक अंतरिम आदेश में केंद्र और राज्य सरकारों से इस धारा पर पुनर्विचार होने तक कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का आग्रह किया है.

सुप्रीम कोर्ट इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की पीठ राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इस पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और हिमा कोहली शामिल हैं.

मुख्य बिंदु

  • न्‍यायालय ने एक कहा है कि धारा 124A के अंतर्गत लगाए गए आरोपों के संबंध में सभी लंबित मामले अपील और कार्यवाही को फिलहाल स्थगित रखा जाए. जो लोग पहले से ही इस धारा के अंतर्गत जेल में हैं, वे जमानत के लिए संबंधित अदालतों में जा सकते हैं.
  • केन्‍द्र सरकार ने उच्‍चतम न्‍यायालय में बताया था कि उसने IPC की धारा 124A के प्रावधानों पर का दुरुपयोग को रोकने के लिए पुनर्विचार करने का फैसला किया है. सरकार ने शीर्ष न्यायालय से आग्रह किया कि जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक इससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई न की जाए.
  • सरकार ने न्‍यायालय में दाखिल शपथ-पत्र में कहा कि 1962 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने ‘केदारनाथ बनाम बिहार राज्य’ मामले में इस कानून को वैध बताया है.

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124-A: एक दृष्टि

  • भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A को 1870 में शामिल किया गया था. इसके मुताबिक अगर कोई भारत में कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा या अवमानना फैलाने का प्रयास करता है तो यह राजद्रोह माना जाएगा.
  • भारत में इस कानून को अंग्रेज सरकार भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की अभिव्यक्ति को दबाने के लिए लेकर आई थी. इसके जरिए महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक जैसे नेताओं के लेखन को दबा दिया गया. इन लोगों पर राजद्रोह कानून के तहत मुकदमे चलाए गए.
  • अनुच्छेद 124A के मुताबिक राजद्रोह एक गैर-जमानती अपराध है. इसके दोषी को तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा के साथ जुर्माना तक हो सकता है. जिस व्यक्ति पर राजद्रोह का आरोप होता है वह सरकारी नौकरी नहीं कर सकता. उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया जाता है.
  • इस कानून से जुड़ा एक मामला हाल ही में चर्चा में रहा है. अप्रैल, 2022 में महाराष्ट्र में सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ. दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का एलान किया था. राज्य सरकार का कहना था कि दोनों सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ घृणा फैला रहे थे.
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जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट जारी, विधानसभा में सदस्यों की बढ़कर 90 हुई

जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन पर अंतिम रिपोर्ट जारी कर दी है. 5 मई को आयोग ने एक बैठक के बाद रिपोर्ट को जारी की. आयोग के लिए 6 मई 2022 तक अंतिम रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा निर्धारित थी. रिपोर्ट के जारी होने के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है.

जम्मू कश्मीर परिसीमन आयोग की रिपोर्ट: मुख्य बिंदु

  • राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार विधानसभा की 7 सीटें बढ़ाई जानी हैं. इससे विधानसभा में सदस्यों की संख्या 83 से बढ़कर 90 की जानी हैं. परिसीमन आयोग ने जम्मू संभाग में 6 व कश्मीर संभाग में 1 विधानसभा सीट को बढ़ाया है.
  • केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले विधानसभा में सीटों की संख्या 87 थी जिसमें चार सीटें लद्दाख की थीं. लद्दाख के अलग होने से 83 सीटें रह गईं, जो बढ़ने के बाद 90 हो जाएंगी.
  • पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए जम्मू कश्मीर में 9 विधानसभा सीटों को आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है, जबकि अनुसूचित जाति के लिए पहले की तरह ही 7 विधानसभा सीटें आरक्षित रखी गई हैं. जम्मू कश्मीर की नई विधानसभा में कश्मीरी पंडितों और पीओजेके विस्थापितों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है.
  • जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों में भी परिसीमन आयोग ने फेरबदल किया है. अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें (कुल 5 सीट) होंगी. पहले जम्मू संभाग में उधमपुर डोडा व जम्मू तथा कश्मीर में बारामुला, अनंतनाग व श्रीनगर की सीटें थीं. प्रत्येक लोकसभा सीट में 18 विधानसभा सीटें होंगी.

क्या होता है परिसीमन?

  • विधायी निकाय वाले क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की प्रक्रिया परिसीमन कहलाती है. केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद प्रदेश में एक बार फिर परिसीमन के लिए आयोग बनाया गया है. इस बार सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई इस आयोग के अध्यक्ष हैं.
  • जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार परिसीमन 1995 में हुआ था. उस समय जम्मू-कश्मीर में 12 जिले और 58 तहसीलें हुआ करती थीं. वर्तमान में प्रदेश में 20 जिले हैं और 270 तहसील हैं. पिछला परिसीमन 1981 की जनगणना के आधार पर हुआ था. इस बार परिसीमन 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया है.
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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की पाँचवीं रिपोर्ट जारी, प्रजनन दर 2.2 से घटाकर 2.0 हुआ

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) के पांचवें दौर का रिपोर्ट (NFHS-5) 6 मई को जारी की गयी थी. इस रिपोर्ट में भारत के स्वास्थ्य, जनसंख्या वृद्धि दर और प्रजनन दर जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी है. NFHS इस तरह का सर्वेक्षण समय-समय पर कराता रहता है.

5वां राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5): मुख्य बिंदु

  • NFHS-4 (चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण) से NFHS-5 के बीच सर्वेक्षण में प्रजनन दर कमी बताया है. भारत में कुल प्रजनन दर (TFR) को प्रति महिला बच्चों की औसत संख्या के रूप में मापा जाता है. सर्वेक्षण में प्रजनन दर 2.2 से घटाकर 2.0 हो गया है.
  • सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि परिवार में फैसले लेने में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. देश में महिलाओं व पुरुषों में मोटापा बढ़ रहा है. हालांकि NFHS के सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं व पुरुषों दोनों में मोटापा बढ़ा है. महिलाओं में मोटापा 21% से बढ़कर 24% व पुरुषों में 19% से बढ़कर 23% हो गया है.
  • सरकार के द्वारा जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, इसके साथ ही वह लोगों को कम बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. सर्वेक्षण में बताया गया है कि गर्भनिरोधक का प्रसार दर देश में 54% से बढ़कर 67% हो गई है. इसके अलावा परिवार नियोजन के कारण भी 13% से 9% की गिरावट आई है.
  • NFHS के अनुसार देश में पांच राज्य हैं जो 2.1 प्रजनन दर से ऊपर हैं. बिहार (2.98), मेघालय (2.91), उत्तर प्रदेश (2.35), झारखंड (2.26) मणिपुर (2.17) है.
  • आंध्र प्रदेश, गोवा, सिक्किम, मणिपुर, दिल्ली, तमिलनाडु, पुडुचेरी, पंजाब,चंडीगढ़, लक्षद्वीप, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक तिहाई से अधिक महिलाएं या तो मोटापे से ग्रसित हैं या फिर अधिक वजन से ग्रसित हैं.
  • NFHS ने पांचवें दौर का सर्वे 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 707 जिलों में किया गया था. यह सर्वे लगभग 6.37 लाख घरों में किया गया है, जिसमें 7,24,115 महिलाएं व 1,01,839 पुरुष शामिल हुए.
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इजरायल ने भारत को अत्याधुनिक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल की आपूर्ति की

इजरायल ने भारत को अत्याधुनिक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) की आपूर्ति की है. भारत के इमरजेंसी ऑर्डर पर इजरायल ने इसकी आपूर्ति की है जिसे भारतीय सेना और एयरफोर्स ने अपने बेड़े में शामिल कर लिया है.

मुख्य बिंदु

  • इमर्जेंसी खरीद के तहत पांचवीं जेनरेशन की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों को सीमित संख्या में शामिल किया जा रहा है. ATGM की ज्यादा जरूरतों को ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरा किया जाएगा.
  • इजरायल के इस खतरनाक हथियार को टैंकों का काल यानी ‘टैंक किलर’ (Israeli Tank Killer) कहा जाता है. ये लंबी दूरी तक मार कर सकती हैं. यह जमीन पर 5.5 किमी तक टारगेट को निशाना बना सकती हैं.
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मानचित्रण योजना ‘स्वामित्व’ के दो वर्ष पूरे, जानिए क्या है स्वामित्व योजना

ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से मानचित्रण योजना ‘स्वामित्व’ के दो वर्ष पूरे हो गये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2020 को इस योजना का शुभारंभ किया था.

स्‍वामित्‍व (SVAMITVA) योजना: एक दृष्टि

  • SVAMITVA, Survey of villages and mapping with improvised technology in village areas का संक्षिप्त रूप है.
  • भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोगों के पास उनकी संपत्ति के स्वामित्व के दस्तावेज नहीं हैं. अंग्रेजों के समय से ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनों का बंदोबस्त होता आया है. यही बंदोबस्त ग्राम विवाद का मुख्य कारण होता है. स्वामित्व योजना के माध्यम से ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का मालिकाना प्रमाण-पत्र (संपत्ति कार्ड) दिया जाएगा.
  • यह केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की योजना है. पहली बार इस योजना के तहत भूस्वामियों के वास्तविक संपत्तियों का मानचित्रण करने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है.
  • स्वामित्व योजना पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है और इसमें देश के लगभग 6.62 लाख गांव को शामिल किया गया है. इस योजना के तहत अब तक 36.68 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किये जा चुके हैं और 1.31 लाख गांव में ड्रोन सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है.
  • इस योजना के माध्यम से गांव के लोग भी शहरी क्षेत्रों की तरह अपने संपत्ति कार्ड के जरिये वित्तीय संस्थाओं के ऋण सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
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गुजरात में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला

गुजरात के जामनगर में 20 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (Global Centre for Traditional Medicine) की आधारशिला रखी. यह आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आये मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और WHO के महानिदेशक डॉ. ट्रेडोस गेब्रेयसस के साथ रखी.

मुख्य बिंदु

  • इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पारंपरिक चिकित्सा के विभिन्न लाभों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केंद्र अगले 25 वर्षों में दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा के युग की शुरुआत करेगा.
  • प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज को महत्व देने संबंधी भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करने और 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का धन्यवाद व्यक्त किया.
  • बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय त्शेरिंग और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जामनगर में WHO के पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
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स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वागशीर का परीक्षण शुरू किया गया

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस वागशीर (INS Vagsheer) को 20 अप्रैल को मुंबई में समुद्र में उतारा गया. अब इसका समुद्री परीक्षण होगा और इसके बाद इसे मार्च 2024 तक नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा सकेगा.

आईएनएस वागशीर: एक दृष्टि

  • यह समुद्री सीमा की निगरानी से लेकर हमले तक की क्षमताओं से लैस है. इसे मुंबई की मझगांव गोदी में आत्मनिर्भर भारत के तहत बनाया गया है.
  • वागशीर, प्रोजेक्ट -75  (P-75) की स्कॉर्पीन श्रेणी की अंतिम पनडुब्बी है. पी-75 परियोजना के तहत अब तक चार पनडुब्बियां नौसेना में शामिल की जा चुकी हैं. इनमें आईएनएस कलवरी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज और आईएनएस वेला शामिल हैं. आईएनएस वागीर का अभी परीक्षण चल रहा है.
  • यह दुनिया की अत्याधुनिक पनडुब्बियों में से एक है. सोनार तकनीक के जरिए यह दुश्मन को चकमा देने में सक्षम है.
  • वागशीर पनडुब्बी को हमलावर पनडुब्बी या हंटर-किलर कहा गया है. यह दुश्मन सेना के युद्धपोतों को समुद्र में डुबोने के काम आएगी.
  • इसकी लंबाई 221 फीट और ऊंचाई 40 फीट है. यह समुद्र में 20 समुद्री मील (37 किमी प्रति घंटे) की गति से चलेगी. यह समुद्र में 350 फीट गहराई तक जा सकती है. 50 दिनों तक पानी में रह सकती है.
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भारत को संयुक्त राष्ट्र ECOSOC के चार प्रमुख निकायों के लिए चुना गया

भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के चार प्रमुख निकायों के लिए चुना गया है. ये निकाय हैं-

  1. विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी आयोग (Commission on Science and Technology for Development)
  2. आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर समिति (Committee for Economic, Social and Cultural Rights)
  3. सामाजिक विकास आयोग (Commission for Social Development)
  4. गैर-सरकारी संगठनों पर समिति (Committee on NGOs)

आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC)

आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के छह प्रमुख अंगों में से एक है. इसमें महासभा द्वारा चुने गए संयुक्त राष्ट्र के 54 सदस्य शामिल हैं.

प्रीति सरन को CESR का राजदूत चुना गया

आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की समिति (CESR) के लिए, मौजूदा राजदूत प्रीति सरन (Preeti Saran) को फिर से चुन लिया गया है. 2018 में, वह पहली बार इस समिति में एशिया प्रशांत सीट के लिए चुनी गईं थीं. 1 जनवरी 2019 को, उनका पहला चार साल का कार्यकाल शुरू हुआ था.

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गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 16 अप्रैल को हनुमान जन्‍मोत्‍सव के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान जी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया.

‘हनुमानजी चार धाम’ परियोजना के तहत देश की चारों दिशाओं में बन रही ऐसी चार मूर्तियों में से यह दूसरी प्रतिमा है. देश के पश्चिम में मोरबी में बापू केशवानंद जी के आश्रम में यह मूर्ति स्थापित की गई है.

इस श्रृंखला की पहली प्रतिमा उत्तर प्रदेश में हिमाचल प्रदेश के शिमला में 2010 में स्थापित की गई थी. दो अन्‍य मूर्तियों को दक्षिण में रामेश्‍वरम और पश्चिम बंगाल में स्‍थापित करने का कार्य चल रहा है.

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राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 2025-26 तक जारी रखने की स्‍वीकृति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्यसमिति ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (Rashtriya Gram Swaraj Abhiyan) योजना को 2025-26 तक जारी रखने की स्‍वीकृति दी है. अब यह योजना 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 तक जारी रहेगी. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना का विस्तार किया जाएगा.

मुख्य बिंदु

  • यह निर्णय पंचायती राज संस्थानों की शासन क्षमता विकसित करने के लिए लिया गया है. इस निर्णय से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
  • इस योजना के माध्‍यम से 2.78 लाख रूरल लोकल बॉडीज को सस्‍टेनेबल डेवलपमेंट गोल्‍स के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में सुविधा मिलेगी.
  • इस योजना के अंतर्गत 1.36 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका हैं और आगे अब 1.65 करोड़ लोगों को और प्रशिक्षित किया जायेगा.
  • नई तकनीक को भी कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग से जोड़ा जायेगा और कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग के लक्ष्‍य के पूर्ण होने पर उनको इन्‍सेन्‍टेवाइज करने का काम भी किया जाएगा.
  • इस योजना पर 5911 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. इसमें केंद्र का हिस्सा 3700 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 2211 करोड़ रुपये होगा.
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नई दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री संग्रहालय (Pradhan Mantri Sangrahalaya) का उद्घाटन किया है. यह संग्रहालय दिल्‍ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में है. संग्रहालय का उद्घाटन अम्बेडकर जयंती पर किया गया. प्रधानमंत्री मोदी इस संग्रहालय का टिकट खरीदने वाले पहले व्यक्ति बने.

  • इस संग्रहालय में देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों का जीवन और राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान दर्शाया गया है. स्‍वतंत्रता संग्राम के प्रदर्शन से शुरू होकर सविंधान के निर्माण तक यह संग्रहालय इस गाथा को प्रस्‍तुत करता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्‍न चुनौतियों के बावजूद देश को नई राह दी और इस सर्वांगिण प्रवृति को सुनिश्चित किया.
  • उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह संग्रहालय ऐसे समय में बना है, जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. ये म्यूजियम एक भव्य प्रेरणा बनकर आया है. इन 75 वर्षों में देश ने अनेक गौरवमय पल देखे हैं. इतिहास के जरोखे में इन पलों का जो महत्व है वह अतुलनीय है. ऐसे बहुत से पलों की झलक प्रधानमंत्री संग्रहालय में भी देखने को मिलेगी.
  • इसका लोगो- हाथों में राष्‍ट्र और लोकतंत्र का प्रतीक धर्मचक्र थामे देशवासियों का प्रतिनिधित्‍व करता है.
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भारत ने स्‍वदेशी टैंक रोधी मिसाइल हेलिना का सफल परीक्षण किया

भारत ने 11 अप्रैल को स्‍वदेशी टैंक रोधी मिसाइल हेलिना (HELINA) का सफल परीक्षण किया था. यह परीक्षण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना (IAF) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने राजस्थान के पोखरण में किया था.

  • इस परीक्षण में हेलिना का उड़ान परीक्षण एक उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) से किया गया था. इस परीक्षण में एक नकली टैंक लक्ष्य को शामिल किया गया था.
  • स्वदेशी विकसित हेलिना टैंक रोधी मिसाइल, हैलिकॉप्‍टर से दागी जाने वाली दुनिया के अत्‍याधुनिक टैंक रोधी हथियारों में से एक है.
  • इस मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता 7 किलोमीटर है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) हैदराबाद द्वारा विकसित किया गया है.
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