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रूस ने अपने परमाणु नीति में परिवर्तन को मंजूरी दी

  • रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में रूस की परमाणु नीति (Nuclear Doctrine) में परिवर्तन को मंजूरी दी है. यह रूस की परमाणु नीति का दूसरा संस्करण (परमाणु नीति 2.0) है.
  • अमेरिका द्वारा यूक्रेन को रूस पर आक्रमण करने के लिए लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति देने के बाद रूस ने यह परिवर्तन किया है.
  • परमाणु नीति 2.0 में उन परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है जो रूस की सेना को विभिन्न परिस्थितियों में परमाणु शस्त्रागार का उपयोग करने की अनुमति देती है.
  • परमाणु शक्ति द्वारा समर्थित किसी गैर-परमाणु शक्ति (देश) द्वारा रूस पर किया गया कोई भी हमला रूस पर संयुक्त हमला माना जाएगा.
  • किसी सैन्य गुट के किसी एक सदस्य द्वारा रूस पर किया गया कोई भी हमला पूरे गठबंधन द्वारा किया गया हमला माना जाएगा.
  • रूस के परमाणु नीति के पहले संस्करण (परमाणु नीति 1.0) की मंजूरी भी राष्ट्रपति पुतिन ने वर्ष 2020 में थी.
  • परमाणु नीति 1.0 के अनुसार, रूस किसी दुश्मन द्वारा परमाणु हमला या पारंपरिक हमले की स्थिति में परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है, यदि राज्य के अस्तित्व को खतरा हो.

यूक्रेन में शांति पर शिखर सम्मेलन, भारत ने विज्ञप्ति का समर्थन करने से इनकार किया

यूक्रेन में शांति को लेकर 15-16 जून को स्विट्जरलैंड के बर्गेनस्टॉक शहर में एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था. सम्मेलन में यूरोप, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के 90 से अधिक देशों और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया था. रूस ने सम्मेलन में भाग लेने से इनकार कर दिया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस शिखर सम्मेलन में कई देशों ने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन किया और सभी पक्षों से संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने का आह्वान किया गया.
  • शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने किया था. भारत ने इस सम्मेलन की समाप्ति के बाद जारी विज्ञप्ति का समर्थन करने से इनकार कर दिया.
  • भारत ने कहा कि अगर शांति समाधान दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो तो क्षेत्र में स्थायी शांति हो सकती है.
  • भारत का रुख यह था कि रूस की भागीदारी के बिना क्षेत्र में कोई शांति नहीं हो सकती और चूंकि विज्ञप्ति रूस के दृष्टिकोण को ध्यान में रखे बिना जारी की गई थी, इसलिए भारत ने विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया.
  • भारत के अलावा, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मैक्सिको और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) उन प्रमुख देशों में से थे, जिन्होंने अंतिम विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर नहीं किए.
  • रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत 24 फरवरी 2022 को हुई जब रूसी राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन ने यूक्रेन को पश्चिमी सैन्य गठबंधन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने से रोकने के लिए यूक्रेन में अपने सैनिक भेजे.

व्लादिमीर पुतिन ने पांचवीं बार रूसी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली

रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादिमीर प‍ुतिन ने 7 मई को मॉस्‍को में पांचवीं बार राष्‍ट्रपति पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में आयोजित किया गया था.

पूर्व राष्‍ट्रपति जोसेफ स्‍टालिन के बाद सबसे लम्‍बे समय लगभग 25 वर्ष तक सत्‍ता में रहने वाले श्री व्‍लादीमिर पुतिन का नया कार्यकाल 2030 तक चलेगा. पुतिन दिसंबर 1999 से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के तौर पर रूस का नेतृत्व कर रहे हैं.

2024 रूसी राष्ट्रपति चुनाव: मुख्य बिन्दु

  • रूस में 15 से 17 मार्च 2024 के बीच राष्ट्रपति चुनाव हुआ था. व्लादिमीर पुतिन इस चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे. चुनाव में पुतिन को 87.3% मत मिला और वे विजयी घोषित किए गए थे. पुतिन के लिए करीब 7.6 करोड़ लोगों ने मतदान किया है जो उन्हें हासिल अब तक के सबसे ज्यादा वोट हैं.
  • राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन के सामने सिर्फ तीन उम्मीदवार थे. कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोले खारितोनोव ने लगभग 4% वोट के साथ दूसरा स्थान हासिल किया था, उसके बाद नए उम्मीदवार व्लादिस्लाव दावनकोव और अति-राष्ट्रवादी लियोनिद स्लटस्की का स्थान रहा.
  • कई पश्चिमी देशों और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों का मानना ​​है कि रूसी राष्ट्रपति चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं था और विपक्ष को इसमें लड़ने का उचित मौका नहीं दिया गया था.

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया

  • शपथ समारोह का संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने यह कहते हुए बहिष्कार किया कि राष्ट्रपति चुनाव एक धोखाधड़ी थी.
  • 2014 में रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर आक्रमण करने और उस पर कब्ज़ा करने के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देश पुतिन का विरोध कर रहे हैं.
  • 2022 में पुतिन ने यूक्रेन में अपने सैनिक भेजे और तब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को भारी समर्थन दिया जा रहा है और उन्होंने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगा रखा है.

उच्च सुरक्षा अधिकारियों की 12वीं अंतर्राष्ट्रीय बैठक सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित की गई

सुरक्षा मामलों के लिए जिम्मेदार उच्च रैंकिंग अधिकारियों की 12वीं अंतर्राष्ट्रीय बैठक (12th International Meeting of High Ranking Officials Responsible for Security Matters) 22-25 अप्रैल 2024 को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग शहर में आयोजित की गई थी. बैठक में 106 देशों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ उच्च रैंकिंग अधिकारियों ने भाग लिया.

मुख्य बिन्दु

  • भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने इस बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव से मुलाकात की और महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की.
  • यह बैठक एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो वैश्विक स्तर पर राष्ट्रों के सामने आने वाली गंभीर सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करने और उनका समाधान करने के लिए वैश्विक नेताओं को एक मंच प्रदान करता है.
  • बैठक को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संबोधित किया. इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खतरे पर प्रकाश डाला और इसे 21वीं सदी के सर्वोपरि खतरे के रूप में पहचाना.
  • राष्ट्रपति पुतिन ने मार्च 2024 में आईएसआईएस-खुरासान समूह द्वारा मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल पर हाल ही में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया जिसमें 130 से अधिक लोग मारे गए थे.
  • राष्ट्रपति पुतिन ने प्रतिनिधियों से समकालीन चुनौतियों के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने के लिए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर ठोस चर्चा में शामिल होने का आह्वान किया.

व्लादिमीर पुतिन पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए

रूस के वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने 18 मार्च 2024 को राष्ट्रपति पद के चुनाव में व्लादिमीर पुतिन की जीत की घोषणा की थी. इस निर्वाचन से उनका कार्यकाल अगले छह वर्षों के लिए और बढ़ गया है. पुतिन दिसंबर 1999 से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के तौर पर रूस का नेतृत्व कर रहे हैं.

मुख्य बिन्दु

  • इस चुनाव में राष्ट्रपति पुतिन को 87.29 फीसदी वोट मिले. पुतिन के लिए करीब 7.6 करोड़ लोगों ने मतदान किया है जो उन्हें हासिल अब तक के सबसे ज्यादा वोट हैं.
  • राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन के सामने सिर्फ तीन उम्मीदवार थे. कम्युनिस्ट उम्मीदवार निकोले खारितोनोव ने लगभग 4% वोट के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, उसके बाद नए उम्मीदवार व्लादिस्लाव दावनकोव और अति-राष्ट्रवादी लियोनिद स्लटस्की का स्थान रहा.
  • पुतिन के सबसे मुखर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक जेल में मौत हो गई और उनके अन्य आलोचक या तो जेल में हैं या निर्वासन में हैं.
  • व्लादिमीर पुतिन के पांचवीं बार राष्ट्रपति चुने जाने पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दिया है.
  • उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और होन्डुरास, निकारागुआ और वेनेजुएला के राष्ट्रपतियों ने पुतिन को उनकी जीत पर बधाई दी है.
  • वहीं सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्तित्व में आए मध्य एशियाई देशों- तज़ाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के नेताओं ने भी पुतिन को मुबारकबाद दी है.
  • पश्चिमी देशों और विपक्षी समूहों द्वारा लोकतांत्रिक वैधता की कमी के कारण चुनाव की व्यापक आलोचना की गई है.
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और यूक्रेन ने पुतिन द्वारा राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालने और दूसरों को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने से रोकने का हवाला देते हुए चुनाव को न तो स्वतंत्र और न ही निष्पक्ष बताया है.

रूस में प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप का पुतिन के खिलाफ विद्रोह

रूस में प्राइवेट आर्मी (निजी सैन्य कंपनी) वैगनर ग्रुप ने हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. यूक्रेन पर हमले में रूस का साथ देने वाली इस प्राइवेट आर्मी के लड़ाके पूर्वी यूक्रेन से लगते रूस के बड़े शहर रोस्तोव-ओन-दोन में दाखिल हो गए थे और वहां सेना मुख्यालय पर कब्जा कर लिया था.

घटनाक्रम: एक दृष्टि

  • वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन (Yevgeny Prigozhin) ने सरकार के साथ तनाव कम करने के लिए हुए समझौते के तहत अपने सैनिकों को पड़ोसी देश बेलारूस जाने का आदेश दिया है. इस समझौते की मध्यस्थता बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने की.
  • वैगनर सैनिकों के बेलारूस जाने पर येवगेनी प्रिगोझिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का मामला नहीं चलाया जाएगा और विद्रोह में शामिल सैनिकों को भी मुकदमे का सामना नहीं करना पड़ेगा.
  • प्रिगोझिन ने कहा कि उसने अपने सैनिकों को मॉस्को की तरफ बढ़ने से रोकने और यूक्रेन में सैन्य शिविरों में वापस लौटने का आदेश दिया है जहां वे रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ रहे थे.
  • रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान 16 महीने पहले शुरु किया था. यूक्रेन के पूर्वी शहर बाखमुट पर कब्जा करने में वैगनर सैनिकों की बड़ी भूमिका रही है. सबसे लंबा और खूनी संघर्ष इसी इलाक़े में हुआ था.

येवगेनी प्रिगोजिन कौन हैं?

  • येवगेनी प्रिगोजिन, प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के प्रमुख हैं. वैगनर एक रूसी अर्धसैनिक संगठन है जिसपर देश का कोई भी कानून लागू नहीं होता है. इसके सदस्यों की संख्या संख्या 50,000 से अधिक हो चुकी है.
  • वैसे तो रूस में प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों पर बैन है. लेकिन प्रिगोजिन की आर्मी वैगनर को विशेष छूट मिली हुई है. इसके लोगों को रूस के रक्षा मंत्रालय से हथियार और ट्रेनिंग मिलती है.
  • World of Statistics के मुताबिक यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्राइवेट मिलिट्री है. यह 2014 में उस समय सुर्खियों में आई जब इसने रूस की ओर से पूर्व डोनबास में यूक्रेन से लड़ाई लड़ी.

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूस की बाल अधिकार आयुक्त, मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

मुख्य बिन्दु

  • ICC ने यह गिरफ्तारी वारंट गैरकानूनी रूप से यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से बच्चों को रूस स्थानांतरित करने के कथित युद्ध अपराध के लिए जारी किया गया है. यह कदम रोम संविधि के अनुच्छेद 8(2)(A)(vii) और 8(2)(B)(viii) के तहत उठाया गया है.
  • ICC ने पुतिन पर रोम संविधि के अनुच्छेद 28 (B) के तहत इस तरह के कृत्यों को करने या अनुमति देने के लिए अपने प्रभावी अधिकार के तहत नागरिक और सैन्य अधीनस्थों पर ठीक से नियंत्रण करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया है.

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC): एक दृष्टि

  • ICC का मुख्यालय हेग, नीदरलैंड में है, और इसकी स्थापना 1998 की संधि के तहत हुई थी जिसे “रोम संविधि” (Rome Statute) कहा जाता है.
  • यह नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रामकता के अपराध इत्यादि पर जांच करता है.
  • वर्तमान में, ब्रिटेन, जापान, अफगानिस्तान और जर्मनी सहित 123 देश रोम संविधि के पक्षकार हैं. हालाँकि अमेरिका, भारत और चीन ने इस संधि की पुष्टि नहीं की है.
  • रूस ने अदालत के फैसले को “अमान्य और शून्य” पाया क्योंकि रूस ICC का सदस्य नहीं है. यह पहली बार है जब ICC ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

FATF ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की सदस्यता को निलंबित किया

धन के अवैध लेनदेन पर निगरानी संस्था – फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की सदस्यता को निलंबित कर दिया है.

FATF ने कहा है कि रूसी संघ की कार्रवाई FATF के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. यह 200 से अधिक देशों और न्यायालयों के लिए मानक निर्धारित करता है और अधिकारियों को नशीली दवाओं की तस्करी, मानव तस्करी और आतंकवाद सहित गंभीर अपराधों से निपटने में मदद करता है. FATF मानकों को लागू करने के अपने दायित्व के लिए रूस अभी भी जवाबदेह है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब FATF की पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • भारतीय मूल के सिंगापुर के टी राजा कुमार FATF के वर्तमान अध्यक्ष हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब.

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

रूस और एस्टोनिया ने एक दूसरे के राजदूतों को निष्कासित किया

रूस और एस्टोनिया ने एक दूसरे के राजदूतों को निष्कासित कर दिया है. दोनों देशों ने कहा है कि अब उनके राजनयिक मिशनों का नेतृत्व प्रभारी दूत करेंगे.

मुख्य बिन्दु

  • रूसी विदेश मंत्रालय ने एस्टोनिया के राजदूत मार्गस लेद्रे को 7 फरवरी तक देश छोड़ने का आदेश दिया है. मंत्रालय ने कहा कि एस्टोनिया के राजनयिक मिशन का प्रतिनिधित्व अब मॉस्को में उनके प्रभारी दूत को करना होगा.
  • रूस ने कहा है कि तालिन में रूसी दूतावास का आकार घटाने के एस्टोनिया के फैल्लो के जवाब में यह कदम उठाया गया है.
  • इसके जवाब में, एस्टोनिया ने रूसी राजदूत को 7 फरवरी तक देश छोड़ने का आदेश दिया गया है. एस्टोनिया के विदेश मंत्री उर्मस रिंसालु ने कहा कि बराबरी के सिद्धातों के अनुसार रूसी राजदूत को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव का अनुमोदन किया

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूक्रेन के चार प्रांतों पर रूस के कब्जे के निंदा प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. 143 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में और पांच ने इसके खिलाफ वोट दिया. भारत सहित 35 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया.

महासभा ने सभी देशों से यूक्रेनी प्रांतों को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता नहीं देने और रूस को राजनयिक तौर पर अलग-थलग करने की अपील की.

केवल चार देशों- सीरिया, निकारागुवा, उत्तर कोरिया और बेलारूस ने मतदान में रूस का साथ दिया.

रूस ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों का औपचारिक अधिग्रहण किया, सुरक्षा परिषद में रूस का वीटो

रूस यूक्रेन के उन चार क्षेत्रों का औपचारिक अधिग्रहण करेगा जहां उसने जनमत संग्रह करवाया था. ये क्षेत्र हैं- लुहांस्क, दोनेत्‍सक, खेरसन और जेपोरिजिया. रूस का दावा है कि इन क्षेत्रों के निवासियों ने रूस के शासन में रहने के पक्ष में मतदान किया है.

मुख्य बिन्दु

  • रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन 30 सितम्बर को क्रेमलिन में एक समारोह में यूक्रेन के इन चारों क्षेत्रों के औपचारिक रूप से अधिग्रहण की घोषणा की थी.
  • क्रीमिया के रूसी कब्जे के आठ साल बाद इन क्षेत्रों पर कब्जा किया गया है. क्रीमिया, एक यूक्रेनी क्षेत्र है जिस पर रूस ने 2014 में कब्ज़ा किया गया था.
  • इससे पहले, रूस ने इन क्षेत्रों में एक जनमत संग्रह कराया था. रूस के अनुसार इन क्षेत्रों के निवासियों ने औपचारिक रूप से रूस का हिस्सा बनने का समर्थन किया.
  • यूक्रेन सरकार और पश्चिमी देशों ने जनमत संग्रह को अवैध बताया है और इन क्षेत्रों पर रूसी दावों को कभी मान्यता नहीं देने की बात कही है.
  • रूस ने यूक्रेन के क्षेत्रों के अधिग्रहण की निंदा करने वाले पश्चिमी देशों के एक प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो कर दिया. यह प्रस्ताव अमरीका और अल्‍बानिया ने लाया था. प्रस्ताव में रूस से मांग की गई थी कि वह यूक्रेन से तुरंत अपनी सेनाएं हटायें.
  • 15 देशों की सदस्यता वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रस्ताव पर मतदान किया लेकिन रूस के वीटो करने के कारण यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया.

रूस ने ईरान के जासूसी उपग्रह ‘सुदूर खय्याम’ का प्रक्षेपण किया

रूस ने 10 अगस्त को ईरान के जासूसी उपग्रह ‘सुदूर खय्याम’ का प्रक्षेपण किया था. यह प्रक्षेपण रूसी सोयुज रॉकेट द्वारा दक्षिणी कजाकिस्तान में बैकोनूर कोस्मोड्रोम से किया गया था जो सफलतापूर्वक कक्षा में प्रवेश किया. इसका नाम फारसी वैज्ञानिक उमर खय्याम के नाम पर रखा गया है, जो 11वीं और 12वीं शताब्दी में रहते थे.

ईरान ने कहा कि इस उपग्रह का उपयोग पर्यावरण निगरानी के लिए किया जाएगा और यह पूरी तरह से उसके नियंत्रण में रहेगा. इसका उपयोग केवल नागरिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

मुख्य बिन्दु

  • सुदूर खय्याम उपग्रह उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे से लैस है. यदि यह उपग्रह सफलतापूर्वक संचालित होता है, तो ईरान को अपने कट्टर दुश्मन इजराइल और मध्य पूर्व के अन्य देशों की निगरानी करने की क्षमता हासिल हो जाएगी.
  • पश्चिमी देशों ने इस उपग्रह के माध्यम से रूस द्वारा यूक्रेन में अपनी खुफिया क्षमता को बढ़ाने में उपयोग किए जाने का दावा किया है.
  • ईरान के पास नागरिक और सैन्य दोनों अंतरिक्ष कार्यक्रम हैं. अमेरिका को डर है कि इसका इस्तेमाल अपने बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए कर सकता है.
  • यह उपग्रह एक मीटर-प्रति-पिक्सेल डेफिनेशन के साथ उच्च-रिज़ॉल्यूशन सर्विलांस छवियां प्रदान करेगा. पश्चिमी नागरिक उपग्रह लगभग आधा मीटर प्रति पिक्सेल की छवियां भेजते हैं, जबकि अमेरिकी जासूसी उपग्रहों के पास और उन्नत तकनीक है जिससे वे और हाई डेफिनेशन की तस्वीरें भेजते हैं.