रूस में प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप का पुतिन के खिलाफ विद्रोह

रूस में प्राइवेट आर्मी (निजी सैन्य कंपनी) वैगनर ग्रुप ने हाल ही में राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. यूक्रेन पर हमले में रूस का साथ देने वाली इस प्राइवेट आर्मी के लड़ाके पूर्वी यूक्रेन से लगते रूस के बड़े शहर रोस्तोव-ओन-दोन में दाखिल हो गए थे और वहां सेना मुख्यालय पर कब्जा कर लिया था.

घटनाक्रम: एक दृष्टि

  • वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन (Yevgeny Prigozhin) ने सरकार के साथ तनाव कम करने के लिए हुए समझौते के तहत अपने सैनिकों को पड़ोसी देश बेलारूस जाने का आदेश दिया है. इस समझौते की मध्यस्थता बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने की.
  • वैगनर सैनिकों के बेलारूस जाने पर येवगेनी प्रिगोझिन के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का मामला नहीं चलाया जाएगा और विद्रोह में शामिल सैनिकों को भी मुकदमे का सामना नहीं करना पड़ेगा.
  • प्रिगोझिन ने कहा कि उसने अपने सैनिकों को मॉस्को की तरफ बढ़ने से रोकने और यूक्रेन में सैन्य शिविरों में वापस लौटने का आदेश दिया है जहां वे रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ रहे थे.
  • रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान 16 महीने पहले शुरु किया था. यूक्रेन के पूर्वी शहर बाखमुट पर कब्जा करने में वैगनर सैनिकों की बड़ी भूमिका रही है. सबसे लंबा और खूनी संघर्ष इसी इलाक़े में हुआ था.

येवगेनी प्रिगोजिन कौन हैं?

  • येवगेनी प्रिगोजिन, प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के प्रमुख हैं. वैगनर एक रूसी अर्धसैनिक संगठन है जिसपर देश का कोई भी कानून लागू नहीं होता है. इसके सदस्यों की संख्या संख्या 50,000 से अधिक हो चुकी है.
  • वैसे तो रूस में प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों पर बैन है. लेकिन प्रिगोजिन की आर्मी वैगनर को विशेष छूट मिली हुई है. इसके लोगों को रूस के रक्षा मंत्रालय से हथियार और ट्रेनिंग मिलती है.
  • World of Statistics के मुताबिक यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्राइवेट मिलिट्री है. यह 2014 में उस समय सुर्खियों में आई जब इसने रूस की ओर से पूर्व डोनबास में यूक्रेन से लड़ाई लड़ी.
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