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BBC सर्वेक्षण में महाराजा रणजीत सिंह को ‘अब तक का सबसे महान नेता’ चुना गया

BBC वर्ल्ड हिस्ट्री मैगजीन द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में भारत में सिख साम्राज्य के 19वीं सदी के शासक महाराजा रणजीत सिंह को ‘ग्रेटेस्ट लीडर ऑफ ऑल टाइम’ (अब तक का सबसे महानतम नेता) चुना गया है.

  1. रणजीत सिंह: BBC के इस सर्वेक्षण में 38 प्रतिशत से अधिक वोटों के साथ एक नया सहिष्णु साम्राज्य बनाने के लिए रणजीत सिंह की सराहना की गई. उनके शासनकाल को पंजाब और उत्तर-पश्चिम भारत में स्वर्ण युग कहा जाता है तथा जिसे सहिष्णुता, स्वाधीनता और सहयोग का आदर्श माना जाता था.
  2. अमलकर कैब्राल: 25 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी अमलकर कैब्राल रहे. उन्होंने पुर्तगाली कब्जे से देश को मुक्त करने के लिए दस लाख से अधिक गिनियन को एकजुट किया और बदले में कई अन्य उपनिवेशी अफ्रीकी देशों को स्वतंत्रता के लिए उठने और लड़ने के लिए प्रेरित किया.
  3. विंस्टन चर्चिल: ब्रिटेन के युद्ध के समय के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल अपने त्वरित निर्णय और तेज राजनीतिक पैंतरेबाजी के लिए 7 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

इस सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन चौथे स्थान पर और ब्रिटिश साम्राज्ञी एलिजाबेथ प्रथम पांचवें स्थान पर हैं. शीर्ष 20 नेताओं में यूके, यूएस, एशिया और अफ्रीका से दुनिया भर के इतिहास के कुछ सबसे प्रसिद्ध नेता शामिल हैं, जिनमें मुगल सम्राट अकबर, फ्रेंच सैन्य नेता जोन ऑफ आर्क और रूसी महारानी कैथरीन द ग्रेट शामिल हैं.

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SIPRI की वर्ष 2015-19 की रिपोर्ट जारी: भारत दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश

हथियारों की निगरानी करने वाली संस्‍था SIPRI (Stockholm International Peace Research Institute) ने हाल ही में हथियार आयातक और निर्यातक देशों की वर्ष 2015-19 की रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है. SIPRI के पिछले रिपोर्ट में भारत पहले स्थान पर था. रिपोर्ट के अनुसार हथियारों की खरीद में खाड़ी देश सऊदी पहले स्थान पर है.

इस सूची में तीसरे स्थान पर मिस्र, चौथे स्‍थान पर आस्‍ट्रेलिया और पांचवें स्‍थान पर चीन है. ये शीर्ष 5 देश दुनिया के कुल हथियारों का 36 फीसदी आयात करते हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्‍यादा हथियार पश्चिम एशिया के देश खरीद रहे हैं. सऊदी अरब ने दुनिया के कुल हथियारों की बिक्री का 12 प्रतिशत हथियार खरीदा है. भारत ने इस दौरान 9.2 प्रतिशत खरीदे. हथियारों की खरीद में पाकिस्‍तान 11वें स्‍थान पर रहा.

अमेरिका दुनिया में सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश

SIPRI की इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्‍यादा हथियारों का निर्यात अमेरिका कर रहा है. इसके बाद रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन है.

हथियारों के निर्यात के मामले में अमेरिका और फ्रांस दोनों ने काफी बढ़त हासिल की है. अमेरिका का कुल हथियार निर्यात 23 प्रतिशत बढ़ गया है. दुनिया के कुल हथियार निर्यात में अमेरिका का हिस्‍सा बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया है. 2015-19 के बीच अमेरिका का कुल हथियार निर्यात रूस से 76 प्रतिशत ज्‍यादा है.

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ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स में भारत 77वें स्थान पर

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनिसेफ (UNICEF) और मेडिकल जर्नल लैंसेट ने हाल ही में ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स और फ्लोरिशिंग इंडेक्स पर रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत ‘ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स’ में भारत 77वें स्थान पर और फ्लोरिशिंग इंडेक्स में दुनिया के 180 देशों में 131वें नंबर पर है. इसे दुनिया भर के 40 से ज्यादा बाल एवं किशोर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के आयोग ने तैयार किया है.

सस्टेनेबल इंडेक्स

सस्टेनेबल इंडेक्स या सतत सूचकांक (Sustainable Index) प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन से जुड़ा है. इस सूची में 2030 लक्ष्य के हिसाब से कार्बन उत्सर्जन के आधार पर देशों को रैंक दी गई है.

प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के मामले में चाड को छोड़कर बाकी देश बहुत पीछे हैं. जो देश 2030 के प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के मुताबिक चल रहे हैं वे हैं- अल्बानिया, आर्मेनिया, ग्रेंडा, जॉर्डन, मोलदोवा, श्रीलंका, टूनीशिया, उरुग्वे तथा वियतनाम.

ग्लोबल फ्लोरिशिंग इंडेक्स

ग्लोबल फ्लोरिशिंग इंडेक्स या खुशहाली सूचकांक (Global Flourishing Index) मां-बच्चे का स्वास्थ्य पालन-पोषण और उसके कल्याण से जुड़ा है. रिपोर्ट में 180 देशों की क्षमता का आकलन किया गया है कि वे यह सुनिश्चित कर पाते हैं या नहीं कि उनके यहां के बच्चे पलें-बढ़ें और खुशहाल रहें.

नॉर्वे, फ्लोरिशिंग इंडेक्स इंडेक्स में पहले स्थान पर है. दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. इस इंडेक्स में मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड और सोमालिया सबसे नीचे हैं.

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हिन्‍दी, विश्‍व में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा; बंगाली भाषा सातवें पायदान पर

विश्‍व भाषा डेटाबेस (वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस) ने हाल ही में अपना रिपोर्ट (एथनोलॉग का 22वां संस्करण) जारी किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार हिन्‍दी विश्‍व में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है. विश्व में 61 करोड़ 50 लाख लोग विश्‍व में हिंदी बोलते हैं.

अंग्रेजी ने सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा

इस रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में पहला स्थान अंग्रेजी का है. पूरी दुनिया में 113.2 करोड़ लोग अंग्रेजी बोलते हैं. दूसरे स्थान पर चीन में बोली जाने वाली मैंड्रेन भाषा है, जिसे 111.7 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं. जबकि चौथे नंबर पर 53.4 करोड़ लोगों के साथ स्पेनिस और 28 करोड़ लोगों के साथ पांचवें नंबर पर फ्रेंच भाषा है.

20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय

22वें संस्करण एथनोलॉग के मुताबिक दुनियाभर की 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय भाषाएं शामिल हैं, जिनमें हिंदी तीसरे स्थान पर है. हिंदी के बाद बंगाली भाषा सातवें पायदान पर है, जिसे 26.5 करोड़ लोग बोलते है. इसके अलावा 17 करोड़ लोगों के साथ 11वें नंबर पर उर्दू, 9.5 करोड़ लोगों के साथ 15वें स्थान पर मराठी, 9.3 करोड़ के साथ 16वें नंबर पर तेलगू और 8.1 करोड़ लोगों के साथ तमिल भाषा 19वें पायदान पर है.

एथनोलॉग: एक दृष्टि

एथनोलॉग दुनिया में इस्‍तेमाल की जा रही भाषाओं का एक वार्षिक डेटाबेस तैयार करता है. इसकी स्थापन 1951 में हुई थी. मौजूदा डेटाबेस में विश्‍व में प्रयोग की जा रही सात हजार एक सौ ग्‍यारह भाषाओं को शामिल किया गया है.

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अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक 2020 में भारत को 40वें स्थान पर

अमेरिकी चैंबर आफ कॉमर्स के नियंत्रण नवोन्मेषण नीति केंद्र (GIPC) ने 5 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (IP) सूचकांक 2020 जारी किया. इस सूचकांक में भारत को 40वें स्थान पर रखा गया है. 2019 के इस सूचकांक में भारत 36वें स्थान पर था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने मजबूत आईपी संरक्षण की दिशा में अच्छी प्रगति की है लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है.

इस सूचकांक में इस साल 53 नियंत्रण अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा की स्थिति का विश्लेषण किया गया है. इस सूचकांक में अमेरिका पहले, ब्रिटेन दूसरे, स्वीडन तीसरे, फ्रांस चौथे और जर्मनी पांचवें स्थान पर रहा है. पिछले साल भी ये देश इन्हीं स्थानों पर थे.

GIPC ने यह सूचकांक 45 संकेतकों पर तैयार किया है. इनमें पेटेंट, कॉपीराइट और व्यापार गोपनीयता का संरक्षण आदि शामिल हैं. भारत की स्थिति में यह सुधार भारतीय नीति निर्माताओं द्वारा घरेलू उद्यमियों और विदेशी निवेशकों के लिए समान रूप से एक सतत नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के प्रयासों को दर्शाता है.

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WEF के सामाजिक बदलाव सूचकांक में भारत 76वें पायदान पर

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हाल ही में वैश्विक सामाजिक बदलाव सूचकांक (Global Social Mobility Index) 2020 रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में भारत 82 देशों में से 76वें स्थान पर है. WEF की 50वीं वार्षिक बैठक से पहले यह सूचकांक जारी किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी देश के सामाजिक बदलाव में 10 प्रतिशत की भी बढ़ोतरी होती है, तो इससे उस देश की सामाजिक एकता मजबूत होगी. यही नहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी 2030 तक करीब पांच फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है. मगर रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ कुछ अर्थव्यवस्थाओं में ही ऐसी सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए सही परिस्थितियां हैं. अगर सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा दिया जाए तो सबसे ज्यादा लाभ चीन, अमेरिका, भारत, जापान और जर्मनी को हो सकता है.

रैंकिंग के लिए आधार स्तंभ

रैंकिंग के लिए देशों को पांच आधार स्तंभ पर परखा गया है. ये हैं- स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कामकाज और संरक्षण एवं संस्थान हैं. यह दर्शाता है कि उचित वेतन, सामाजिक सुरक्षा और आजीवन शिक्षा का सामाजिक बदलाव में सबसे बड़ा योगदान है.

शिक्षा के मामले में भारत 41वें पायदान पर

शिक्षा के मामले में भारत 41वें और कामकाज की परिस्थिति के स्तर पर वह 53वें पायदान पर है. भारत को जिन क्षेत्र में बहुत सुधार करने की जरूरत है, उनमें सामाजिक सुरक्षा (76वें) और उचित वेतन वितरण (79वें) शामिल हैं.

शीर्ष 10 देश

इस सूची में डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और आइसलैंड क्रमशः शीर्ष पांच देश हैं. शीर्ष दस देशों की सूची में नीदरलैंड (6वें), स्विट्जरलैंड (7वें), ऑस्ट्रिया (8वें), बेल्जियम (9वें) और लक्जमबर्ग (10वें) हैं.

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विश्व के 60 सबसे सुरक्षित शहरों का सूचकांक जारी: मुंबई 45वें और दिल्ली 52वें स्थान पर

इकोनॉमिक्स इंटेलिजेंट यूनिट (Economist Intelligence Unit) ने हाल ही में विश्व के सुरक्षित शहरों के सूचकांक (Safe Cities Index) पर रिपोर्ट जारी की है.

वर्ष 2019 के इस सूचकांक में पांच महाद्वीपों के 60 शहर को शामिल किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार मुंबई को विश्व के 45वें सुरक्षित शहर का दर्जा मिला है, जबकि देश की राजधानी दिल्ली 52वें स्थान पर है. सुरक्षित शहरों की सूची में इन दोनों शहरों के अलावा भारत के किसी और शहर को जगह नहीं दी गई है.

इस सूची के मुताबिक, जापान की राजधानी टोक्यो पहले स्थान पर है. वहीं सिंगापुर को दूसरा ओसाका को तीसरा, एम्सटर्डम को चौथा, सिडनी को पांचवां स्थान मिला है.

सेफ सिटीज इंडेक्स के मुताबिक, सुरक्षित शहरों की सूची जारी करते समय स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाएं-ढांचा, सुरक्षा समेत कुल 57 पैमानों पर शहरों को परखा गया, फिर इन्हें रैंकिंग दी गई.


इप्सोस की खुशहाल देशों की रैंकिंग में भारत 9वें पायदान पर, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सबसे ऊपर

मार्केट रिसर्च फर्म इप्सोस ने हाल ही में ग्लोबल हैप्पीनेस सर्वे (Ipsos Global Happiness Survey) 2019 जारी किया है. इस सर्वे में विश्व के सबसे खुशहाल 28 देशों की रैंकिंग किया गया है. इस रैंकिंग में भारत 9वें पायदान पर है. भारत ने इस वर्ष 77 फीसदी अंक हासिल किया है. 2018 में यह 88 फीसदी था. भारतीय लोगों के खुश रहने के पैमानों में व्यक्तिगत सुरक्षा, दोस्त और जीवन पर नियंत्रण जैसे मानक सबसे ऊपर हैं.

हैप्पीनेस इंडेक्स पर विकसित देशों की रैंकिंग काफी बेहतर है, जिनकी नीतियों के केंद्र में नागरिकों से जुड़ी सुविधा सबसे ज्यादा मायने रखती हैं. इस इंडेक्स में ऑस्ट्रेलिया और कनाडा 86 फीसदी अंक के साथ संयुक्त रूप से दुनिया के सबसे खुशहाल देश हैं. इनके बाद चीन (83), ग्रेट ब्रिटन (82), फ्रांस (80), अमेरिका (79), सऊदी अरब (78) और जर्मनी (78) का नबंर है. अर्जेंटीना 34 फीसदी, स्पेन 46 फीसदी और रूस 47 फीसदी के साथ इस सूची में काफी नीचे हैं.