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विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2025: भारत 118वें स्थान पर, फिनलैंड शीर्ष पर

  • विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2025 (World Happiness Report 2025)  हाल ही में जारी की गयी थी. रिपोर्ट में विभिन्न पैमानों के आधार पर 147 देशों को रैंकिंग दी गई है. भारत इस रैंकिंग में 118वें स्थान पर है.
  • यह विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट का 13वां संस्करण था. प्रति वर्ष 20 मार्च को मनाए जाने वाले अंतराष्ट्रीय खुशहाली दिवस के मौके पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया जाता है.
  • विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2025 में 147 देशों में से भारत को दुनिया का 118वां सबसे खुशहाल देश माना गया है. भारत पिछले साल यानि 2024 के रिपोर्ट में 126वें स्थान पर था.
  • फिनलैंड ने दुनिया के सबसे खुशहाल देश के रूप में अपना दर्जा बरकरार रखा है. फिनलैंड, डेनमार्क, आइसलैंड, स्वीडन और नीदरलैंड क्रमशः शीर्ष पाँच देश हैं. अमेरिका अपने सबसे निचले पायदान 24वें स्थान पर खिसक गया है.
  • अफगानिस्तान इस रैंकिंग में सबसे निचले 147वें स्थान पर है. जबकि सिएरा लियोन 146वें और लेबनान 145वें स्थान पर है.
  • यह रिपोर्ट ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर द्वारा गैलप और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क के साथ साझेदारी में जारी करता है. पहली रिपोर्ट 2012 में जारी की गई थी.

QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025: आईआईटी-दिल्ली शीर्ष भारतीय संस्थान

हाल ही में QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग (Asia QS World University Rankings) 2025 जारी की गई थी. इसमें दक्षिण एशियाई, मध्य एशियाई, पूर्वी एशियाई और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के 984 शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग की गई है. इन शैक्षणिक संस्थानों को संस्थानों और छात्रों की तुलना और पसंद के आधार पर रैंक किया जाता है.

QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025: मुख्य बिन्दु

  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT-D) ने इस रैंकिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बॉम्बे (IIT-B) को पीछे छोड़कर भारतीय शिक्षण संस्थानों में शीर्ष स्थान हासिल किया है.
  • QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 के अनुसार, आईआईटी-दिल्ली को 44वें सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान का दर्जा दिया गया है, जबकि चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी ने एशिया में शैक्षणिक संस्थानों की सूची में शीर्ष स्थान बरकरार रखा है.
  • रैंकिंग में शामिल 984 शिक्षण संस्थानों में से सबसे ज्यादा 162 संस्थान भारत से थे. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली (IIT-D) 44 रैंक के साथ सर्वोच्च रैंक वाला भारतीय संस्थान था.
  • आईआईटी-दिल्ली दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सर्वोच्च रैंक वाला शैक्षणिक संस्थान भी था. दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शीर्ष 10 संस्थानों में सात भारतीय संस्थान हैं.
  • आईआईटी-दिल्ली के बाद, आईआईटी-बॉम्बे (IIT-B) 48 रैंक के साथ दूसरे स्थान पर था, और आईआईटी-मद्रास 56 रैंक के साथ तीसरे स्थान पर था.
  • आईआईटी खड़गपुर 60 रैंक के साथ चौथे स्थान पर था, उसके बाद भारतीय विज्ञान संस्थान (62), आईआईटी कानपुर (67) और दिल्ली विश्वविद्यालय (81) थे.

QS एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 के शीर्ष 5 संस्थान

  1. पेकिंग विश्वविद्यालय, मुख्यभूमि चीन
  2. हांगकांग विश्वविद्यालय, हांगकांग
  3. सिंगापुर का राष्ट्रीय विश्वविद्यालय,
  4. नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर
  5. फ़ुडन विश्वविद्यालय, मुख्यभूमि चीन

2023 डबल्यूआईपीओ वैश्विक पेटेंट दाखिले में भारत दुनिया में छठे स्थान पर

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) ने 7 नवंबर 2024 को अपना वार्षिक विश्व बौद्धिक संपदा संकेतक रिपोर्ट 2024 जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार 2023 में वैश्विक पेटेंट दाखिले के मामले में भारत पहली बार दुनिया में 6ठे स्थान पर रहा है.

WIPO रिपोर्ट 2023: मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट के अनुसार 2023 में दुनिया भर में 35 लाख से अधिक पेटेंट दाखिल किए गए. यह लगातार चौथा वर्ष था जब वैश्विक पेटेंट दाखिले में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है.
  • 2023 में, सबसे अधिक पेटेंट दाखिल चीन (16.4 लाख) में हुआ, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका (5.18 लाख), जापान (4.14 लाख), दक्षिण कोरिया (2.88 लाख), जर्मनी (1.33 लाख) और भारत (64,480) थे.
  • 2023 में सर्वाधिक पेटेंट दाखिले एशिया से हुए. वैश्विक पेटेंट, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिजाइन फाइलिंग गतिविधि में क्रमशः 68.7 प्रतिशत, 66.7 प्रतिशत और 69 प्रतिशत आवेदन एशिया से हुए.

भारत से पेटेंट में लगातार बृद्धि

  • 2023 में भारत में दाखिल पेटेंट की संख्या 64,480 थी. 2022 की तुलना में पेटेंट दाखिले में वृद्धि दर 15.7% रही.
  • भारत में पेटेंट दाखिले ने लगातार 5वें साल में दोहरे अंक की विकास दर दर्ज़ की. पेटेंट आवेदन के मामले में शीर्ष 20 देशों में, भारत ने 2023 में सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की.
  • पहली बार, भारत को तीन मुख्य बौद्धिक संपदा (IP) अधिकारों: पेटेंट, औद्योगिक डिजाइन एप्लिकेशन और ट्रेडमार्क एप्लिकेशन के लिए दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल किया गया.
  • 2018 और 2023 के बीच पेटेंट और औद्योगिक डिजाइन के आवेदन दोगुने से अधिक हो गए, और ट्रेडमार्क अनुप्रयोगों में 60% की वृद्धि हुई.

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO): एक दृष्टि

WIPO संयुक्त राष्ट्र की 15 विशिष्ट एजेंसियों में से एक है. इसकी स्थापना 1967 में संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी के रूप में की गई थी. WIPO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है. इसके 193 सदस्य देश हैं.

इस संगठन की स्थापना के 1967 के कन्वेंशन के अनुसार हुई थी. यह संस्था दुनिया भर में बौद्धिक संपदा को बढ़ावा देता है और सरकारों, व्यवसायों और समाज को बौद्धिक संपदा के लाभों का एहसास कराने में मदद करता है.

ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2024 में भारत 39वें स्थान पर

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) ने 26 सितंबर 2024 को वैश्विक नवाचार सूचकांक (ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स) का 17वां संस्करण जारी किया था. इसमें देशों को उनके नवाचार गुणों के आधार पर रैंकिंग दी गई है.

GII 2024 रैंकिंग: मुख्य बिन्दु

  • ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2024 रैंकिंग में 133 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में भारत 39वें स्थान पर पहुंच गया है.
  • पिछले, 2023 संस्करण में भारत का विश्व में 40वां स्थान था. पिछले नौ वर्षों में भारत की रैंकिंग में 42 पायदान का सुधार हुआ है. 2015 में इस सूचकांक में भारत का स्थान 81वां था.
  • स्विट्जरलैंड ने इस साल भी सूचकांक में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है जबकि अफ्रीकी देश अंगोला सबसे निचले स्थान,133 पर है.
  • वैश्विक नवाचार सूचकांक, 2007 से हर साल विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा प्रकाशित किया जाता है. वर्ष 2024 में 17वां संस्करण जारी किया गया.
  • GII 2024 में 133 अर्थव्यवस्थाओं के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया.
  • विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के अनुसार GII 2024 में शीर्ष पाँच देश- स्विट्ज़रलैंड, स्वीडन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर हैं.

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO): एक दृष्टि

  • WIPO संयुक्त राष्ट्र की 15 विशिष्ट एजेंसियों में से एक है. इसकी स्थापना 1967 में संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी के रूप में की गई थी. WIPO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है. इसके 193 सदस्य देश हैं.
  • इस संगठन की स्थापना के 1967 के कन्वेंशन के अनुसार हुई थी.  यह संस्था दुनिया भर में बौद्धिक संपदा को बढ़ावा देता है और सरकारों, व्यवसायों और समाज को बौद्धिक संपदा के लाभों का एहसास कराने में मदद करता है.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स 2024: भारत 82वें स्थान पर, सिंगापुर शीर्ष स्थान पर

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स (Henley Passport Index) 2024 रिपोर्ट हाल ही में जारी की गयी थी. 199 देशों की इस पासपोर्ट रैंकिंग रिपोर्ट में भारत 82वें स्थान पर है. भारत की रैंकिंग में पिछले रैंकिंग रिपोर्ट से 2 स्थान का सूधार हुआ है. इस साल सिंगापुर, जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बन गया.

हेनले पासपोर्ट रैंकिंग क्या है?

  • हेनले पासपोर्ट रैंकिंग को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के आधार पर हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी किया जाता है.
  • यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है. इस रैंकिंग में स्कोर का मतलब है कि कितने देशों में उस पासपोर्ट के जरिए वीजा मुक्त या वीजा आन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है.
  • जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल सबसे अधिक देशों में आने-जाने की छूट होती है, उसकी रैंकिंग सबसे अच्छी होती है.

भारत के पासपोर्ट पर 58 देशों में बिना वीजा यात्रा

रैंकिंग में भारत 82वें स्थान पर है. भारतीय पासपोर्ट धारक भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मकाऊ, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, मॉरिशस, सेशेल्स, जिम्बॉब्वे, यूगांडा, ईरान और कतर सहित 58 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स 2024: एक दृष्टि

  • इस साल सिंगापुर, जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बन गया. सिंगापुर के  पासपोर्ट धारक 195 देशों की वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं.
  • दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन हैं, जिनमें से प्रत्येक को 192 गंतव्यों तक वीज़ा-मुक्त पहुंच प्राप्त है.
  • इस सूचकांक में पाकिस्तान 100वें स्थान पर है  और एक पाकिस्तानी नागरिक 33 देशों की वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकता है.
  • 2024 हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे निचले, 103वें स्थान पर है. एक अफ़ग़ान नागरिक केवल 26 देशों की वीज़ा-मुक्त यात्रा कर सकता है.
  • अफगानिस्तान से ऊपर सीरिया(102 स्थान ) और इराक(101) हैं.

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2024: भारत 159वें और नॉर्वे शीर्ष स्थान पर

प्रेस की दिशा-दशा पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (RWB) ने 3 मई को ‘22वां विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ (22nd World Press Freedom Index) 2024 जारी किया था. इस सूचकांक में 180 देशों को शामिल किया गया था.

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2024: मुख्य बिन्दु

  • इस सूचकांक में भारत 159वें स्थान पर है. पिछले वर्ष यानी 2023 के विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 161वें स्थान पर था.
  • इस सूचकांक में नॉर्वे शीर्ष स्थान पर है. नॉर्वे लगातार छठे वर्ष पहले पायदान पर है. सूचकांक में डेनमार्क दूसरे, स्वीडन तीसरे, नीदरलैंड चौथे और फिनलैंड पांचवें पायदान पर है. सबसे निचली रैंकिंग इरिट्रिया की है जो 180वें स्थान पर है. सीरिया 179वें, अफ़ग़ानिस्तान 178वें, उत्तर कोरिया 177वें और ईरान 176वें स्थान पर है.
  • भारत के पडोसी देशों में चीन 172वें, श्रीलंका 150वें, नेपाल 74वें, म्यांमार 171वें, बांग्लादेश 165वें और पाकिस्तान 152वें स्थान पर है.

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RWB) क्या है?

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक एक फ्रांसीसी गैर-सरकारी संगठन, रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स (RSF) जिसे रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर के रूप में भी जाना जाता है, द्वारा जारी किया गया है.

रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स (RSF) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो दुनिया भर के पत्रकारों पर हमलों का दस्तावेजीकरण और सामना करने के लिए कार्य करता है. RSF का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में है.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन वैश्विक जलवायु रिपोर्ट 2023 जारी की

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने 19 मार्च को अपनी वैश्विक जलवायु रिपोर्ट 2023 जारी की थी. इस रिपोर्ट में वर्ष 2023 को अब तक का सबसे गर्म वर्ष बताया गया है.

WMO रिपोर्ट 2023: मुख्य बिन्दु

  • रिपोर्ट में विभिन्न जलवायु संकेतकों में खतरनाक रुझानों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें रिकॉर्ड तोड़ ग्रीनहाउस गैस स्तर, सतह का तापमान, महासागर की गर्मी और अम्लता, समुद्र का जल स्तर बढ़ना, अंटार्कटिक समुद्री बर्फ का आवरण और ग्लेशियर का पीछे हटना शामिल है.
  • लू, बाढ़, सूखा, जंगल की आग और तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवातों ने लाखों लोगों के रोजमर्रा के जीवन में गंभीर व्यवधान पैदा किया और इसके परिणामस्वरूप अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ.
  • वर्ष 2023 अब तक का सबसे गर्म वर्ष रहा. 2023 के अंत तक, 90% से अधिक महासागर ने वर्ष के दौरान किसी समय लू की स्थिति का अनुभव किया था.
  • प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि दुनिया भर के ग्लेशियरों में 1950 के बाद से बर्फ की सबसे बड़ी क्षति हुई है, मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और यूरोप में गंभीर पिघलाव के कारण.
  • 2022 में, तीन मुख्य ग्रीनहाउस गैसों – कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड – का स्तर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया. यह प्रवृत्ति 2023 में भी जारी रही.
  • 2023 में, पृथ्वी की सतह पर औसत तापमान औद्योगीकरण से पहले 1850 से 1900 के औसत तापमान से 1.45 ± 0.12 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह 2023 को पिछले 174 वर्षों में दर्ज किया गया सबसे गर्म वर्ष बनाता है. 2014 से 2023 तक, औसत वैश्विक तापमान 1850 से 1900 के औसत तापमान से 1.20±0.12°C अधिक था.

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2024: भारत 126वें स्थान पर, फिनलैंड शीर्ष पर

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2024 (World Happiness Report 2024)  20 मार्च को जारी की गयी थी. रिपोर्ट में विभिन्न पैमानों के आधार पर 143 देशों को रैंकिंग दी गई है. भारत इस रैंकिंग में26वें स्थान पर है. प्रति वर्ष 20 मार्च को मनाए जाने वाले अंतराष्ट्रीय खुशहाली दिवस के मौके पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया जाता है.

मुख्य बिंदु

  • पिछले वर्ष की तरह ही नॉर्डिक देश इस साल भी खुशहाली सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं. नॉर्डिक देशों में स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड आदि शामिल हैं.
  • फिनलैंड ने लगातार सातवीं बार पहला स्थान हासिल किया है. डेनमार्क और आइसलैंड ने पिछले साल की तरह ही सूची में क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है. स्वीडन चौथे नंबर पर है.
  • अफगानिस्तान इस साल भी सूची में सबसे निचले स्थान पर है.  इससे ऊपर लेबनान, लेसोथो, सियेरा लियोन और कोंगो जैसे देशों का नंबर हैं.
  • सूची में शीर्ष पांच देश यूरोप से हैं. इस सूची में अमरीका 16वें स्थान पर है. लक्जमबर्ग, नॉर्वे, इस्राइल और न्यूजीलैंड शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं.
  • भारत के पड़ोसी देशों में चीन जहां इस सूची में 60वें नंबर पर है, वहीं नेपाल 93वें स्थान पर है. पाकिस्तान का नंबर 108वां है तो म्यांमार का 118वां. पड़ोसियों में श्रीलंका 128 और बांग्लादेश 129 रैंकिंग के साथ ही भारत से पिछड़े हैं.
  • विश्व खुशहाली रिपोर्ट में सामाजिक सहयोग, आय, स्वास्थ्य, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण जैसे कारकों के आधार पर विश्व भर के 140 से अधिक दशों का आकलन कर रैंकिंग तैयार की जाती है.

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक: भारत 134वें, नॉर्वे शीर्ष स्थान पर

वर्ष 2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक (HDI) 14 मार्च 2024 को जारी की गई थी. इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले 1 पायदान का सुधार आया है. भारत 193 देशों की सूची में 134वें पायदान पर रहा है.

HDI रिपोर्ट 2022: मुख्य बिन्दु

  • वर्ष 2021 के HDI में कुल 193 देशों में भारत की स्थिति 135 थी जो अब वर्ष 2022 के HDI में 134 हो गई है. 2022 के HDI में नॉर्वे, आयरलैंड, और स्विट्ज़रलैंड शीर्ष पर रहे.
  • 2022 की रैंकिंग में, भारत के सभी HDI संकेतकों में सुधार देखा गया है. जीवन प्रत्याशा 67.2 से बढ़कर 67.7 वर्ष हो गई.
  • 2022 की रैंकिंग में, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 12.6 तक पहुंच गए, जबकि स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष बढ़कर 6.57 हो गए.
  • प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,542 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6,951 अमेरिकी डॉलर हो गई. भारतीय करेंसी में यह राशि लगभग 5.75 लाख रुपये होती है.
  • भारत लैंगिक असमानता सूचकांक (GII) 2022 में 0.437 मान के साथ 108वें स्थान पर रहा. यह वैश्विक और दक्षिण एशियाई औसत से बेहतर है. GII-2021 में 0.490 मान के साथ 191 देशों में इसकी रैंक 122 थी.
  • देश की श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़ा लैंगिक अंतर भी सामने आया है. महिलाओं (28.3 प्रतिशत) और पुरुषों (76.1 प्रतिशत) के बीच 47.8 प्रतिशत का बड़ा अंतर देखा गया.

मानव विकास सूचकांक (HDI): एक दृष्टि

  • मानव विकास सूचकांक (HDI) रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित की जाती है. इस सूचकांक का उपयोग देशों को मानव विकास के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है. यह जीवन प्रत्याशा, शिक्षा(स्कूली शिक्षा के पूरे वर्ष और स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष), और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है.
  • कोई देश उच्च स्तर का HDI स्कोर करता है जब जीवनकाल, शिक्षा का स्तर, और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय अधिक होती है.
  • पहला मानव विकास सूचकांक 1990 में भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक के सहयोग से जारी किया गया था. तब से प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा इसे जारी किया जाता है.

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स 2023: भारत 84वें स्थान पर, जापान शीर्ष स्थान पर

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स (Henley Passport Index) 2023 रिपोर्ट हाल ही में जारी की गयी थी. 199 देशों की इस पासपोर्ट रैंकिंग रिपोर्ट में भारत 844वें स्थान पर है. भारत की रैंकिंग में पिछले रैंकिंग रिपोर्ट से 1 स्थान का सूधार हुआ है. इस सूचकांक में जापान शीर्ष स्थान पर है.

हेनले पासपोर्ट रैंकिंग क्या है?

  • हेनले पासपोर्ट रैंकिंग को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के आंकड़ों के आधार पर हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी किया जाता है.
  • यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है. इस रैंकिंग में स्कोर का मतलब है कि कितने देशों में उस पासपोर्ट के जरिए वीजा मुक्त या वीजा आन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है.
  • जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल सबसे अधिक देशों में आने-जाने की छूट होती है, उसकी रैंकिंग सबसे अच्छी होती है.

भारत के पासपोर्ट पर 62 देशों में बिना वीजा यात्रा

रैंकिंग में भारत 80वें स्थान पर है. भारतीय पासपोर्ट धारक भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मकाऊ, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, मॉरिशस, सेशेल्स, जिम्बॉब्वे, यूगांडा, ईरान और कतर सहित 62 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं.

मोर्गन स्टेनली ने भारतीय बाजार को ओवरवेट श्रेणी में रखा

विश्व की दो दिग्गज आर्थिक शोध व बाजार पर नजर रखने वाली एजेंसियां स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (S&P) और मोर्गन स्टेनली ने 3 अगस्त को भारत के सकारात्मक आर्थिक क्षमताओं पर एक रिपोर्ट जारी की थी.

मुख्य बिन्दु

  • मोर्गन स्टेनली की तरफ से जारी रिपोर्ट में भारतीय पूंजी बाजार को ‘ओवरवेट’ की श्रेणी में रखा गया है जिसका मतलब यह हुआ कि भारत की इकोनॉमी अपनी श्रेणी के दूसरे देशों से बेहतर करेगी. इसी रिपोर्ट में चीन का दर्जा घटा दिया गया है.
  • उक्त दोनों रिपोर्टों के पहले विश्व बैंक, एडीबी और कई दूसरी निजी वैश्विक एजेंसियों की रिपोर्टों में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारत वर्ष 2023-24 और इसके बाद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई इकोनॉमी बना रहेगा.
  • आरबीआई की तरफ से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट कहती है कि अगर भारत अगले 25 वर्षों तक सात फीसद की आर्थिक विकास दर लगातार हासिल करे तो वह वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में शामिल हो सकता है.
  • मोर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष भारत की आर्थिक विकास दर 6.2 फीसद रहेगी.

S&P की नई ‘लुक फारवर्ड: इंडियाज मूवमेंट’ रिपोर्ट

  • S&P की नई ‘लुक फारवर्ड: इंडियाज मूवमेंट’ रिपोर्ट में के मुताबिक, भारत ने कोविड महामारी के काल से काफी बेहतर तरीके से बाहर निकलने का हुनर दिखाया है.
  • वर्ष 2024 से वर्ष 2031 के बीच भारत की औसत आर्थिक विकास दर 6.7 फीसद रहेगी और इसकी वजह से भारत वर्ष मौजूदा 3.4 अरब डॉलर से बढ़कर 6.7 अरब डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगी. साथ ही प्रति व्यक्ति आय भी 4500 डॉलर प्रति व्यक्ति हो जाएगी.
  • ऊर्जा के बारे में बताया गया है कि वर्ष 2050 तक भारत की ऊर्जा मांग दो गुनी बढ़ जाएगी. इसके लिए भारत को अपने पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्रों के बीच बेहतर तालेमल करना होगा.

ग्लोबल फायरपावर 2023 सूची: सैन्‍य शक्ति में भारत चौथे स्थान पर

वैश्विक रक्षा संबंधी जानकारी पर नजर रखने वाली डाटा वेबसाइट ग्लोबल फायरपावर (Global Firepower) ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैनिकों की सूची (World Military Strength Rankings) 2023 जारी की है.

ग्लोबल फायरपावर 2023: सूची मुख्य बिन्दु

  • ग्लोबल फायरपावर 2023 सूची के अनुसार, अमेरिका के पास दुनिया की सबसे मजबूत सैन्य शक्ति है. इस सूची में रूस दूसरे और चीन तीसरे स्थान पर हैं. भारत ने चौथे स्थान पर अपना कब्जा बरकरार रखा है.
  • दुनिया के सबसे कमजोर सैन्य बल वाले देश भी शामिल हैं. इसमें भूटान और आइसलैंड शामिल हैं. इनका मूल्यांकन 60 से अधिक कारकों (Factors) पर किया गया है.
  • ग्लोबल फायरपावर ने कहा कि उसने सैन्य इकाइयों की मात्रा और वित्तीय स्थिति से लेकर रसद क्षमताओं और भौगोलिक स्थिति तक की श्रेणियों के साथ हर देश का स्कोर निकाला है.
  • सबसे शक्तिशाली सेनाओं वाले 10 देश क्रमशः अमेरिका, रूस, चीन, भारत, यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन), दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, जापान, फ्रांस और इटली.
  • सबसे कम शक्तिशाली सेनाओं वाले 10 देश क्रमशः भूटान, बेनिन, मोलदोवा, सोमालिया, लाइबेरिया, सूरीनाम, बेलीज, केन्द्रीय अफ्रीकी गणराज्य, आइसलैंड और सिएरा लियोन.
  • इस सूची में शीर्ष चार देश वैसे ही बने हुए हैं जैसे वे ग्लोबल फायरपावर सूची में 2022 में थे. हालांकि, ब्रिटेन पिछले साल आठवें स्थान से बढ़कर इस साल पांचवें स्थान पर आ गया है.
  • जापान और फ्रांस पिछले साल पांचवें और सातवें स्थान पर थे, इस साल वे क्रमश: आठवें और नौवें स्थान पर आ गए हैं.