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विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2022: भारत 150वें और नॉर्वे शीर्ष स्थान पर

प्रेस की दिशा-दशा पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (RWB) ने 3 मई को ‘20वां विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ (20th World Press Freedom Index) 2022 जारी किया था. इस सूचकांक में 180 देशों को शामिल किया गया था.

इस सूचकांक में भारत 150वें पायदान पर है. पिछले वर्ष यानी 2021 के विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 142वें स्थान पर था.

नॉर्वे, डेनमार्क और स्वीडन पहले तीन स्थान पर

इस सूचकांक में नॉर्वे शीर्ष स्थान पर है. नॉर्वे लगातार छठे वर्ष पहले पायदान पर है. सूचकांक में डेनमार्क दूसरे, स्वीडन तीसरे, एस्टोनिया चौथे और फिनलैंड पांचवें पायदान पर है. सबसे निचली रैंकिंग उत्तर कोरिया की है जो 180वें स्थान पर है.

भारत के पडोसी देशों में चीन 175वें, श्रीलंका 146वें, नेपाल 76वें, म्यांमार 176वें, बांग्लादेश 162वें और पाकिस्तान 157वें स्थान पर है.

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RWB) क्या है?

‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (Reporters Without Borders- RWB) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो दुनिया भर के पत्रकारों पर हमलों का दस्तावेजीकरण और सामना करने के लिए कार्य करता है. RWB का मुख्यालय फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित है.

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जम्‍मू में भारत का प्रथम जिला सुशासन सूचकांक जारी किया गया

जम्‍मू में भारत का प्रथम जिला सुशासन सूचकांक जारी किया गया है. यह सूचकांक गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 23 जनवरी को वर्चुअल माध्‍यम से जारी किया.

जम्‍मू-कश्‍मीर  का जिला सुशासन सूचकांक जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन के सहयोग से प्रशासनिक सुधार तथा सार्वजनिक शिकायत विभाग ने तैयार किया है. देश के जिलों के बीच स्‍वस्‍थ स्‍पर्धा सुनिश्चित करने के लिए यह सूचकांक तैयार किया जा रहा है.

इस सूचकांक में भारत के सभी राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों के लिए जिला स्‍तर पर सुशासन का बेंचमार्क उपलब्‍ध कराया गया है.

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वर्ष 2021 के लिए ARIIA रैंकिंग जारी, IIT-मद्रास ने पहला स्थान प्राप्त किया

वर्ष 2021 के लिए अटल नवाचार संस्थानों की रैंकिंग (Atal Rankings of Institutions on Innovation Achievements- ARIIA) 29 दिसम्बर को जारी की गयी थी. इस रैंकिंग-में एक बार फिर IIT-मद्रास ने केंद्र पोषित श्रेष्ठ संस्थानों में पहला स्थान प्राप्त किया है. इसके बाद IIT-बम्बई और IIT-दिल्ली का स्थान है.

मुख्य बिंदु

  • इस सूची में IIT मद्रास ने लगातार तीसरी बार शीर्ष स्थान प्राप्त किया. शीर्ष 10 स्थानों में शामिल संस्थान हैं- IIT मद्रास, IIT बॉम्बे, IIT दिल्ली, IIT रुड़की, IIT कानपुर, IIT खड़गपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और IIT हैदराबाद.
  • ‘विश्वविद्यालय और डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी (सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त) (तकनीकी)’ श्रेणी के तहत, पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय शीर्ष स्थान पर थे.
  • ‘कॉलेजों/संस्थानों (सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त) (तकनीकी)’ श्रेणी के तहत, पुणे में इंजीनियरिंग कॉलेज और PSG कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी ने पुरस्कार जीते.
  • ‘गैर-तकनीकी संस्थान’ श्रेणी के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU), दिल्ली और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), कोझीकोड ने पुरस्कार जीते.

ARIIA रैंक

अटल नवाचार संस्थानों की रैंकिंग (ARIIA), शिक्षा मंत्रालय और AICTE के तत्वावधान में संयुक्त रूप जारी किया जाता है, जो छात्रों और शिक्षकों के बीच स्टार्ट-अप, इनोवेशन और उद्यमिता विकास जैसे संकेतकों पर पूरे भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों को व्यवस्थित रूप से रैंक देती है.

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नीति आयोग ने स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया

नीति आयोग ने हाल ही में स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण (NITI Aayog 4th Health Index) जारी किया था. यह सूचकांक वर्ष 2019-20 को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इस सूचकांक के अनुसार बड़े राज्यों में केरल और छोटे राज्यों में मिजोरम शीर्ष पर है.

इस बीच नीति आयोग ने उन राज्यों की सूची जारी की है, जहां समग्र स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं और जिन राज्यों की स्थिति बहुत ही दयनीय है.

मुख्य बिंदु

  • नीति आयोग के चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के मुताबिक, समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन के मामले में बड़े राज्यों में केरल एक बार फिर से शीर्ष पर है.
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु व तेलंगाना स्वास्थ्य मानकों के मामले में क्रमशः दूसरे व तीसरे पायदान पर है. वहीं छोटे राज्यों में मिजोरम समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदर्शन में शीर्ष पर है.
  • केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली व जम्मू-कश्मीर अब तक समग्र प्रदर्शन के मामले में निचले पायदान पर थे, लेकिन स्थिति में सुधार करने के मामले में दोनों राज्य अग्रणी स्थिति में पहुंच गए हैं. इसी वर्ष 2018-19 के मुकाबले उत्तर प्रदेश वर्ष 2019-20 में स्थिति में सुधार करने के मामले में शीर्ष पर है.
  • भले ही केरल और तमिलनाडु सूचकांक में क्रमश: पहले व दूसरे स्थान पर काबिज हों, लेकिन वृद्धिशील प्रदर्शन के मामले में दोनों राज्य 12वें व आठवें स्थान पर रहे. वहीं तेलंगाना ने समग्र प्रदर्शन के साथ-साथ वृद्धिशील प्रदर्शन दोनों में तीसरा स्थान हासिल किया.
  • उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है तो बिहार और मध्य प्रदेश की भी स्थिति दयनीय है. दोनों राज्य खराब प्रदर्शन के मामले में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे. वहीं राजस्थान समग्र प्रदर्शन व वृद्धिशील प्रदर्शन दोनों के मामले में सबसे कमजोर राज्य रहा.
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सरकार ने ‘सुशासन सूचकांक’ जारी किया, गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा शीर्ष स्थान पर

केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 25 दिसम्बर को ‘सुशासन सूचकांक’ (Good Governance Index- GGI) 2021 जारी किया था. यह सूचकांक प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा तैयार किया गया है. इस सूचकांक में 20 राज्यों ने 2021 में अपने समग्र GGI स्कोर में सुधार किया है.

इस सूचकांक में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा शीर्ष पर हैं. वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली शीर्ष पर है. गुजरात ने 12.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और गोवा ने GGI 2019 संकेतकों पर 24.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.

उत्तर प्रदेश ने GGI 2019 के प्रदर्शन की तुलना में 8.9% की वृद्धिशील वृद्धि दिखाई है. दिल्ली ने 2019 की तुलना में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में सबसे ऊपर है.

सुशासन सूचकांक: एक दृष्टि

सुशासन सूचकांक केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा जारी किया जाता है. इस सूचकांक देश के राज्यों में सुशासन की स्थिति और राज्य सरकार तथा केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के प्रभाव का आकलन किया जाता है.

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नीति आयोग ने अपनी पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट जारी की

नीति आयोग ने हाल ही में बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट जारी की थी. यह नीति आयोग द्वारा जारी पहली MPI रिपोर्ट थी जिसमें भारत के गरीब राज्यों को रेखांकित किया गया है.

मुख्य बिंदु

  • नीति आयोग के MPI रिपोर्ट के अनुसार बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश देश के सबसे निर्धन राज्यों में शामिल हैं. बिहार की 51.91 प्रतिशत आबादी गरीब है. इसके बाद झारखंड का स्थान है. वहां की 42.16 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करती है. उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां के 37.79 प्रतिशत लोग निर्धन हैं. मध्य प्रदेश में 36.65 प्रतिशत और मेघालय में 32.67 प्रतिशत लोग गरीब हैं.
  • देश के जिन राज्यों में सबसे कम गरीबी है, उनमें केरल (0.71 प्रतिशत) शीर्ष पर है. इसके बाद गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) का स्थान है.
  • केंद्र शासित प्रदेशों में दादरा और नगर हवेली में सबसे ज्यादा गरीबी है. वहां 27.36 प्रतिशत लोग गरीब हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 12.58 प्रतिशत और दिल्ली में 4.79 प्रतिशत लोग गरीब हैं.
  • बिहार में कुपोषण के शिकार लोगों की संख्या भी सबसे ज्यादा है. इसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है.
  • मातृत्व स्वास्थ्य से वंचित आबादी, स्कूल नहीं जाने, रसोई ईधन और बिजली से वंचित लोगों के मामले में भी बिहार की स्थिति सबसे खराब है. स्वच्छता से वंचित आबादी के मामले में झारखंड की रैंकिंग सबसे खराब है.
  • बाल और किशोर मृत्यु दर श्रेणी में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे खराब है. इस मामले में इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश का स्थान है.

बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) क्या है?

  • बहुआयामी गरीबी सूचकांक (National Multidimensional Poverty Index) को ‘ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव’ (OPHI) और ‘संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम’ (UNDP) द्वारा 2010 में विकसित किया गया था.
  • MPI इस विचार पर आधारित है कि गरीबी बहुआयामी है. यानी यह केवल आय पर निर्भर नहीं करती बल्कि व्यक्ति में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि जैसी कई बुनियादी ज़रूरतों की कमी से भी हो सकती है.
  • यह सूचकांक वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक पर आधारित है, जो प्रत्येक वर्ष व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से गरीब लोगों के जीवन की जटिलताओं की माप करता है.
  • MPI शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर जैसे तीन आयामों पर आधारित है. इन आयामों के 12 खंडों में शामिल हैं- पोषण, प्रसवपूर्व देखभाल, बाल और किशोर मृत्यु दर, स्कूल में उपस्थिति, स्कूली शिक्षा के वर्ष, खाना पकाने का ईंधन, पेयजल, स्वच्छता, आवास, बिजली, बैंक खाते और संपत्ति.
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श्रम मंत्रालय ने आधार वर्ष 2016 के साथ मजदूरी दर सूचकांक की नई श्रृंखला जारी की

श्रम मंत्रालय ने 25 नवम्बर को आधार वर्ष 2016 के साथ मजदूरी दर सूचकांक (WRI) की एक नई श्रृंखला जारी की. इसे श्रम मंत्रालय के एक संलग्न कार्यालय श्रम ब्यूरो द्वारा संकलित और व्यवस्थित किया जा रहा है. आधार 2016=100 के साथ WRI की नई श्रृंखला 1963-65 के आधार के साथ पुरानी श्रृंखला की जगह लेगी.

मुख्य बिंदु

  • सरकार समय-समय पर प्रमुख आर्थिक संकेतकों के लिए आधार वर्ष में संशोधन करती है ताकि अर्थव्यवस्था में बदलाव को प्रतिबिंबित किया जा सके और श्रमिकों के वेतन पैटर्न कैप्चर किया जा सके.
  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन, राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग आदि की सिफारिशों के अनुसार कवरेज बढ़ाने और सूचकांक के अधिक प्रतिनिधित्व के लिए श्रम ब्यूरो द्वारा WRI संख्याओं का आधार वर्ष 1963-65 से 2016 तक संशोधित किया गया है.
  • WRI की नई श्रृंखला ने उद्योगों की संख्या, नमूना आकार, चयनित उद्योगों के तहत व्यवसायों, उद्योगों के महत्व आदि के संदर्भ में दायरा और कवरेज बढ़ा दिया है.
  • न्यूनतम मजदूरी पर विशेषज्ञ समूह के प्रोफेसर एसपी मुखर्जी और अन्य सदस्यों की राय थी कि WRI का यह आधार संशोधन अन्य मानकों के साथ न्यूनतम मजदूरी और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी के साथ बाहर आने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जो विशेषज्ञ समूह द्वारा नियत समय में तय किया जाएगा.
  • नई WRI श्रृंखला को हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को पॉइंट-टू-पॉइंट अर्ध-वार्षिक आधार पर वर्ष में दो बार संकलित किया जाएगा.
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स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण-2021: राज्‍यों में छत्‍तीसगढ़ और शहरों में इंदौर सबसे स्‍वच्‍छ घोषित

शहरी विकास मंत्रालय ने 20 नवम्बर को स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) 2021 की रैंकिंग जारी की थी. विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वच्छता में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों व निकायों को सम्मानित किया.

मुख्य पुरस्कार

  • राष्ट्रपति ने इंदौर को लगातार 5वीं बार भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में सम्मानित किया.
  • सूरत और विजयवाड़ा को सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ शहर का दूसरा और तीसरा पुरस्कार दिया गया.
  • सबसे स्वच्छ राज्य का सम्‍मान छत्तीसगढ़ को मिला है. इसके बाद झारखंड दूसरे स्‍थान पर रहा.
  • वाराणसी को सबसे स्वच्छ गंगा शहर का पुरस्कार दिया गया.
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देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों की NIRF 2021 रैंकिंग जारी

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारत के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों की NIRF (National Institutional Ranking Framework)  2021 रैंकिंग 9 सितम्बर को जारी की थी. यह रैंकिंग शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है.

NIRF 2021 रैंकिंग: मुख्य बिंदु

  • NIRF 2021 में IIT मद्रास देश का सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थान बना हुआ है. यह लगातार तीसरे साल है, जब IIT मद्रास ने शीर्ष स्थान हासिल किया है. आईआईटी मद्रास को ‘ओवरआल’ और ‘इंजीनियरिंग’ श्रेणी में देश में प्रथम स्थान दिया गया है.
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु ने देश के सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक संस्थानों की श्रेणी में दूसरे स्थान पर है. तीसरे स्थान पर IIT बॉम्बे है. इसके बाद क्रमश: IIT दिल्ली, IIT कानपुर और IIT खड़गपुर, IIT रुड़की, IIT गुवाहाटी हैं. JNU और BHU ने नौवीं और दसवीं रैंक हासिल की है.
  • रिसर्च इंस्टीट्यूट्स की श्रेणी में इस साल IISC बेंगलुरु प्रथम, IIT मद्रास दूसरे और IIT बॉम्बे तीसरे स्थान पर रहे.
  • कॉलेज की श्रेणी में दिल्ली के महिला कॉलेज मिरांडा हाउस ने शीर्ष स्थान हासिल किया है. दिल्ली के ही एक अन्य महिला कालेज लेडी श्रीराम और चेन्नई के लोयोला कॉलेज ने क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया.
  • मेडिकल श्रेणी में दिल्ली का एम्स सूची में शीर्ष पर रहा है. पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ ने दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर को तीसरा स्थान मिला है.
  • विश्वविद्यालय की श्रेणी में IISc बेंगलुरु प्रथम है. इसके बाद क्रमश: जेएनयू, बीएचयू, कलकत्ता विश्वविद्यालय, अमृता विश्व विद्यापीठम कोयंबटूर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया नई दिल्ली हैं.
  • इंजीनियरिंग श्रेणी में IIT मद्रास छठे वर्ष भी शीर्ष स्थान पर काबिज है. इसके बाद IIT दिल्ली, IIT बॉम्बे, IIT कानपुर और IIT खड़गपुर पांचवें स्थान पर हैं.
  • प्रबंधन श्रेणी में IIM अहमदाबाद पहले स्थान पर है. इसके बाद क्रमश: IIM बेंगलुरु, IIM कलकत्ता, IIM कोझिकोड और IIM दिल्ली है.
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ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 जारी, बड़े शहरों में बंगलुरु और छोटे शहरों में शिमला शीर्ष पर

भारत सरकार ने ‘जीवन जीने की सुगमता सूचकांक’ (Ease of Living Index) 2020 जारी की है. यह सूचकांक आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 4 मार्च को जारी की. सूचकांक के तहत कुल 111 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है. इस सूचकांक के अनुसार, देश में रहने के लिहाज से बड़े शहरों में बंगलुरु और छोटे शहरों में शिमला सबसे बेहतर शहर है.

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 के मुख्य बिंदु

सूचकांक में 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में बंगलुरु शीर्ष पर है. इस सूची में पुणे दूसरे और अहमदाबाद तीसरे स्थान पर है. वहीं इस सूची में बरेली, धनबाद और श्रीनगर आखिरी पायदान वाले शहरों में शामिल हैं.

10 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में शिमला पहले स्थान पर है और बिहार का मुजफ्फरपुर आखिरी स्थान पर आता है.

दस लाख से अधिक आबादी वाले शीर्ष 10 शहर
बंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नबी मुंबई, कोयंबतूर, वडोदरा, इंदौर, ग्रेटर मुंबई

दस लाख से कम आबादी वाले शीर्ष 10 शहर
शिमला, भुवनेश्वर, सिलवासा, काकीनाडा, सलेम, वेल्लोर, गांधीनगर, गुरुग्राम, दावणगेरे, तिरुचिरापल्ली

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स: एक दृष्टि

  • ‘ईज ऑफ लिविंग’ से तात्पर्य जीवन जीने की सुगमता से है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के साथ ही ‘ईज ऑफ लिविंग’ को भी बेहतर करने पर जोर दिया है. सरकार शहरी विकास पर खर्च का निर्धारण भी इसी सूची को प्राथमिकता में रखते हुए करती है.
  • ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स पहली बार 2018 में जारी किया गया था. यह सूची सरकार, पहचान और संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, किफायती आवास, भूमि योजना, पार्क, परिवहन, जल आपूर्ति, कचरा प्रबंधन और पर्यावरण की गुणवत्ता जैसे 15 मानकों के आधार पर तैयार की जाती है.

नगर पालिका कार्य निष्पादन सूचकांक (MPI) 2020

आवास व शहरी मंत्रालय ने नगर पालिका कार्य निष्पादन सूचकांक (MPI) 2020′ का ड्राफ्ट भी तैयार किया है. इसमें 10 लाख से अधिक आबादी वाली नगर निकायों में इंदौर सबसे आगे हैं. इसके बाद सूरत और भोपाल का स्थान आता है. वहीं गुवाहाटी, कोटा और श्रीनगर जैसे शहर आखिरी पायदान पर हैं.

10 लाख से कम आबादी वाले नगर निकायों की सूची में नई दिल्ली नगर निकाय शीर्ष पर है. वहीं 10 लाख से कम आबादी वाले नगर निकायों में शिलॉन्ग, इम्फाल और कोहिमा आखिरी पायदान पर हैं.

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भारतीय नवाचार सूचकांक 2020 जारी, कर्नाटक पहले स्थान पर

नीति आयोग ने 20 जनवरी को एक वर्चुअल कार्यक्रम में ‘भारतीय नवाचार सूचकांक’ (India Innovation Index) 2020 जारी किया था. यह सूचकांक नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉक्‍टर राजीव कुमार, आयोग के सदस्‍य डॉक्‍टर वीके सारस्‍वत और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत की उपस्थिति में जारी किया गया था.

भारतीय नवाचार सूचकांक 2020 में पहले स्‍थान पर कर्नाटक है. सूचकांक में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर रहा जबकि तमिलनाडु ने तीसरा स्थान प्राप्त किया. उत्तर पूर्व और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में, हिमाचल प्रदेश पहले स्थान पर है और उसके बाद उत्तराखंड और मणिपुर हैं. केंद्र शासित प्रदेशों और छोटे राज्यों की श्रेणी में दिल्ली पहले स्थान पर है जबकि चंडीगढ़ ने केंद्र दूसरा स्थान प्राप्त किया है.

भारतीय नवाचार सूचकांक: एक दृष्टि

नीति आयोग, भारतीय नवाचार सूचकांक में नवाचार को प्रोत्‍साहित करने वाले राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग करती है. सूचकांक के माध्यम से उन्‍हें उनकी कमजोरियां और ताकत बताकर नीतियों में सुधार के तरीके बताये जाते हैं. इस प्रक्रिया को इस तरीके से डिजाइन किया जाता है, ताकि नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेशों से बाकी राज्‍यों को सीख मिल सके.

प्रदर्शन के आधार पर तुलना के लिए राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 17 मुख्‍य राज्‍यों, पूर्वोत्‍तर और पर्वतीय 10 राज्‍यों, 9 शहरी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है. राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परिणाम और शासन प्रणाली के दो व्‍यापक वर्गों के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में रखा गया है.

यह सूचकांक का दूसरा संस्‍करण था. इसका पहला संस्करण अक्‍टूबर 2020 में जारी किया गया था, तब भी कर्नाटक पहले स्‍थान पर आया था.

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अमरीकी शोध कंपनी के सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री मोदी को सर्वाधिक लोकप्रिय शासनाध्‍यक्ष बताया

अमरीका की एक शोध कंपनी ‘मॉर्निंग कंसल्‍ट’ (Morning consult political intelligence) द्वारा हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को सर्वाधिक लोकप्रिय शासनाध्‍यक्ष बताया है. मॉर्निंग कंसल्‍ट के अनुसार 75 प्रतिशत से अधिक लोगों ने श्री मोदी के सर्वाधिक लोकप्रिय होने का अनुमोदन किया, जबकि 20 प्रतिशत लोगों ने इसे नकार दिया.

श्री मोदी को कुल मिलाकर 55 प्रतिशत लोगों ने सर्वाधिक लोकप्रिय शासनाध्‍यक्ष माना. यह विश्‍व के किसी अन्‍य नेता की रेटिंग से अधिक है. अमरीकी कंपनी ने अमरीका, जापान और ब्राजील सहित 13 देशों में सर्वेक्षण किया था.

इस सर्वेक्षण में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की स्वीकृति रेटिंग 24 फीसदी रही, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की स्वीकृत रेटिंग नकारात्मक रही है.

मॉर्निंग कंसल्‍ट क्या है?
मॉर्निंग कंसल्‍ट (Morning consult political intelligence) अमरीका की एक शोध और सर्वेक्षण कंपनी है.

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