Tag Archive for: Joint Military Exercise

भारत और वियतनाम के बीच PASSEX नौसैन्य अभ्यास आयोजित किया गया

भारत और वियतनाम के बीच 26-27 दिसम्बर को PASSEX नौसैन्य अभ्यास आयोजित किया गया. यह अभ्यास दक्षिण चीन सागर में आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग को बढावा देना था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसेना का जहाज किल्टन मानवीय सहायता के रूप में बाढ प्रभावित लोगों के लिए पंद्रह टन राहत सामग्री लेकर वियतनाम में हो ची मिन्‍ह शहर के न्‍हा रोंग बंदरगाह पहुंचा था. यह सहायता मिशन सागर- तृतीय के तहत दी गयी. इस मिशन के तहत भारत कोविड-19 महामारी के दौरान मित्र देशों को मानवीय और आपदा राहत सहायता देता रहा है.

PASSEX अभ्यास क्या है?

PASSEX (पैसेज) अभ्यास का आयोजन नियमित रूप से भारतीय नौसेना द्वारा अपने मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ किया जाता है. इस अभ्यास में एक-दूसरे के बंदरगाहों या समुद्र में किसी निश्चित स्थान पर जाते हैं.

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भारत, सिंगापुर और थाईलैंड के बीच त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास SITMEX-20 आयोजित किया गया

भारत, सिंगापुर और थाईलैंड के बीच 21-22 नवम्बर को त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास ‘SITMEX-20’ आयोजित किया गया. इसका आयोजन अंडमान सागर में किया गया था. यह SITMEX का दूसरा संस्करण था. इसका पहला संस्करण 2019 में पोर्ट ब्लेयर में भारतीय नौसेना की मेजवानी में आयोजित किया गया था.

इस अभ्यास की मेजबानी रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी (RSN) ने की थी. भारतीय नौसेना की ओर से स्वदेश निर्मित ASW कार्वेट कमोर्ट और मिसाइल कार्वेट करमुक ने अभ्यास में भाग लिया था.

कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण यह अभ्यास ‘समुद्र में नॉन-कांटेक्ट–फॉर्मेट’ में निर्धारित किया गया था. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य तीनों नौसेनाओं के बीच इंटरओपेराबिलिटी और बहुमुखी समुद्री परिचालन को बढ़ाना था.

SITMEX क्या है?

SITMEX भारत, सिंगापुर और थाईलैंड के बीच वार्षिक नौसैन्य अभ्यास है. जिस अभ्यास में भारतीय नौसेना, रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी (RSN) और रॉयल थाई नेवी (RTN) हिस्सा लेते हैं. इस अभ्यास का आयोजन क्षेत्र में समग्र समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने और सामान्य समझ और प्रक्रियाओं को विकसित करने के लिए किया जाता है.

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भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती ‘इंडो-थाई कॉर्पेट’ आयोजित किया गया

भारत और थाईलैंड के बीच 18 से 20 नवंबर 2020 तक समन्वित गश्ती ‘इंडो-थाई कॉर्पेट’ (Indo-Thai CORPAT) आयोजित किया गया. यह ‘इंडो-थाई कॉर्पेट’ का 30वां संस्करण था, जिसमें दोनों देशों की नौसेनाओं ने हिस्सा लिया.

इस अभ्यास में स्वदेशी रूप से निर्मित मिसाइल कार्वेट भारतीय नौसेना पोत INS करमुक और दोनों नौसेना के डोर्नियर मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट के साथ-साथ एक चाओ फ्राया क्लास फ्रिगेट हिज मजेस्टीस थाइलैंड शिप HTMS कराबुरी ने भाग लिया.

Indo-Thai CORPAT क्या है?

भारत और थाईलैंड की नौसेनाएं 2005 से साल में दो बार ‘Indo-Thai CORPAT’ का आयोजन करती है. इसका उद्देश्य अपनी अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के साथ-साथ हिंद महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से और वाणिज्यिक शिपिंग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुरक्षित रखना है.

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24वां मालाबार नौसैनिक अभ्यास विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया

भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच मालाबार नौसैनिक अभ्यास (Malabar Exercise) 3-6 नवम्बर को आयोजित किया गया. यह मालाबार अभ्यास का यह 24वां संस्करण था.

अभ्यास 2 चरणों में आयोजित किया जायेगा

यह अभ्यास 2 चरणों में आयोजित किया जा रहा है. पहला चरण विशाखापत्तनम के नजदीक बंगाल की खाड़ी में 3-6 नवम्बर को आयोजित किया गया. इसका दूसरा चरण 17-20 नवंबर के दौरान अरब सागर में होगा.

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को नियंत्रित करने का प्रयास

इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विस्तारवादी चीन के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है. चीन को मालाबार अभ्यास के उद्देश्य के बारे में संदेह है. उसे लगता है कि यह वार्षिक अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को नियंत्रित करने का प्रयास है.

हाल ही में भारत और अमेरिका ने बेसिक एक्सचेंज ऐंड को-ऑपरेशन अग्रीमेंट (BECA) पर दस्तखत किए हैं. इस समझौते के बाद भारत को अब अमेरिका से सैटलाइट डेटा मिल सकेंगे जिससे मिसाइलें और ड्रोन और ज्यादा सटीक निशाना साध सकेंगे.

मालाबार अभ्यास में हिस्सा ले रहे इंडियन नेवी के 5 जहाज

मालाबार नौसैनिक अभ्यास में भारतीय नौसेना के पोत रणविजय, शिवालिक, ऑफ-शोर गश्ती पोत सुकन्या, बेड़े की सहायता करने वाला पोत शक्ति और पनडुब्बी सिंधुराज हिस्सा ले रहे हैं. इसके अलावा अमेरिकी नेवी का जॉन एस मैक्कैन मिसाइल डेस्ट्रॉयर, ऑस्ट्रेलिया का Ballarat युद्धपोत और जापान का डिस्ट्रॉयर हिस्सा ले रहे हैं.

मालाबार अभ्यास: एक दृष्टि

मालाबार अभ्यास की शुरुआत 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुआ था. 2015 में जापान इस अभ्यास का स्थायी भागीदार बना था.

2007 के बाद चारों देशों की नौसेनाएं पहली बार किसी महा नौसैनिक अभ्यास में एक साथ हिस्सा ले रही हैं. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड गठबंधन के सदस्य देश हैं.

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भारत और रूस के नौसेना के बीच समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ का आयोजन किया गया

भारत और रूस के नौसेना के बीच 4 से 5 सितंबर तक समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ का आयोजन किया गया. इसका आयोजन मलक्का जलडमरुमध्य (बंगाल की खाड़ी) में किया गया. यह INDRA NAVY का 11वां संस्करण था.

इस युद्ध-अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी ताल-मेल और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना तथा समुद्री सुरक्षा के लिए आपसी समझ को विकसित करना था.

समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’

समुद्री अभ्यास ‘INDRA NAVY’ भारत और रूस के बीच एक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है. इसका आयोजन प्रत्येक दो वर्ष में किया जाता है. समुद्री अभ्यास “INDRA NAVY” दोनों नौसेनाओं के बीच दीर्घकालिक रणनीतिक संबंध का प्रतीक है.

इंद्र नौसेना अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी. भारतीय वायु सेना ने 2014 में रूसी वायु सेना के साथ अभ्यास ‘एविया इंद्र’ में भाग लिया था. 2017 में पहली बार त्रि-सेवा अभ्यास का आयोजन किया गया था.

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भारत ने रूस में होने वाले बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘कावकाज-2020’ से हटने की घोषणा की

भारत ने रूस में अगले महीने होने वाले बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘कावकाज-2020’ से अलग हटने की घोषणा की है. इस अभ्यास का आयोजन 15 से 26 सितंबर 2020 तक रूस के अस्त्रखान प्रांत में आयोजित किया जाना था। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगले सप्ताह रूस यात्रा से पहले यह निर्णय लिया गया है.

‘कावकाज-2020’ सैन्य अभ्यास में SCO और मध्य एशियाई देशों के सदस्य देशों को आमंत्रित किया गया है। इस अभ्यास में लगभग 20 देशों के भाग लेने की उम्मीद है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत और रूस नजदीकी और विशिष्ट रणनीतिक साझीदार हैं और रूस के निमंत्रण पर भारत कई अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेता रहा है. लेकिन कोविड महामारी और इसके कारण अभ्यास में साजो-सामान की व्यवस्था सहित संबंधित कठिनाईयों को लेकर भारत ने कावकाज 2020 में सैन्य टुकड़ी नहीं भेजने का निर्णय लिया है.

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भारत और अमेरिका के बीच हिंद महासागर में PASSEX नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया गया

भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में नौसैनिक अभ्यास ‘PASSEX’ आयोजित किया गया था. इस अभ्यास का आयोजन हिंद महासागर में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास किया गया था. इस अभ्यास को वायु रक्षा सहित प्रशिक्षण और बेहतर तालमेल कायम करने के लिए डिज़ाइन किया गया था.

इस अभ्यास में भारतीय नौसैनिक जहाज़ों में INS शिवालिक, INS सह्याद्री, INS कामोर्ता और INS राणा शामिल थे. अमेरिका की ओर से अभ्यास में कैरियर USS निमित्ज, USS रोनाल्ड रीगन और दो अन्य अमेरिकी जहाज़ों ने हिस्सा लिया था. ‘कैरियर USS निमित्ज’ अमेरिकी नौसेना का सबसे बड़ा विमान वाहक है.

इस अभ्यास का आयोजन ऐसे समय पर किया गया है जब भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में सीमाई गतिरोध बना हुआ है और दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ता जा रहा है.

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अमेरिका और UAE के बीच 7वां ‘नेटिव फ्यूरी’ सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया

अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की इलीट फोर्स के बीच ‘नेटिव फ्यूरी’ (Native Fury) सैन्य अभ्यास का हाल ही में समापन हो गया. इस अभ्यास का आयोजन 8 से 23 मार्च तक UAE के अल हमारा सैन्य अड्डे पर किया गया था. यह इस अभ्यास का 7वां संस्करण था.

नेटिव फ्यूरी अभ्यास में अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया. इस अभ्यास में अमेरिका के मरीन कमांडो और अमीराती कमांडो ने खासतौर पर हिस्सा लिया था.

इस अभ्यास के लिए खासतौर पर कई निर्माण किए गए थे. रेत के टीले तैयार किए गए थे, मस्जिद तैयार की गई और कई इमारतें बनाई गई थीं. ज्यादातर निर्माण दिखावटी थीं लेकिन युद्ध स्थितियों को ध्यान में रखकर यह सब किया गया था. इसमें हेलीकॉप्टर और जहाजों से जमीन और पानी में दुश्मनों की खोज का अभ्यास भी गया.

नेटिव फ्यूरी: एक दृष्टि

अमेरिका और UAE के बीच ‘नेटिव फ्यूरी’ (Native Fury) सैन्य अभ्यास का आयोजन प्रत्येक 2 वर्ष में एक बार किया जाता है. पहला ‘नेटिव फ्यूरी अभ्यास 2008 में आयोजित किया गया था.

ईरान ने भड़कावे वाला कदम बताया था

यह सैन्य अभ्यास ईरान से चल रहे अमेरिका के तनावपूर्ण संबंधों के बीच संपन्न हुआ. ईरानी सैन्य जनरल को मारने की अमेरिकी कार्रवाई के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है. इस अभ्यास को लेकर ईरान ने अमेरिका का भड़कावे वाला कदम बताया है, जबकि अमेरिकी सेना के ब्रिगेडियर जनरल थॉमस सावेज ने इससे इन्कार किया है.

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मल्टी-नेशन नौसैनिक अभ्यास ‘मिलन-2020’ को स्थगित किया गया

भारतीय नौसेना ने अपने मल्टी-नेशन नौसैनिक अभ्यास ‘मिलन-2020’ को स्थगित करने की 3 मार्च को घोषणा की. देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के कारण यह अभ्यास स्थगित किया गया है. यह नौसैनिक अभ्यास 18 से 28 मार्च तक विशाखापट्टनम के तट आयोजित किया जाना था.

इस मेगा अभ्यास में करीब 40 देशों की नौसेनाएं शामिल होने वाली थीं. इसमें शामिल होने वाले सभी देशों और कोरोना वायरस (COVID-19) के फैलने से लगे यात्रा को ध्यान में रखते हुए नौसैनिक अभ्यास को स्थगित किया गया है.

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भारत और ब्रिटेन के वायुसेना का संयुक्त अभ्यास इंद्रधनुष का आयोजन

भारत और ब्रिटेन के वायुसेना का संयुक्त अभ्यास ‘इंद्रधनुष’ का 24 से 29 फरवरी तक सफलतापूर्वक आयोजन किया गया. यह इस अभ्यास का 5वां संस्करण था. इसका आयोजन उत्तरप्रदेश के गाज़ियाबाद में स्थित वायुसेना स्टेशन हिंडन में किया गया था. इस संयुक्त अभ्यास में भारतीय वायु सेना (IAF) और ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स (RAF) के ने हिस्सा लिया.

यह अभ्यास “Base Defence and Force Protection” पर आधारित था. इस अभ्यास में ब्रिटेन के रॉयल एयर फ़ोर्स के 36 स्पेशलाइज्ड लड़ाकूओं और भारत के 42 गरुड़ कमांडों ने हिस्सा लिया. भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो का प्रमुख कार्य एयर बेस की सुरक्षा करना, आपदा राहत, खोज व बचाव कार्य करना है.

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भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ‘अजेय वारियर-2020’ सैन्य-अभ्यास का आयोजन किया जायेगा

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच संयुक्त सैन्य-अभ्यास ‘अजेय वारियर-2020’ का आयोजन 13 से 26 फरवरी तक किया जाएगा. यह दोनों देशों के बीच इस सैन्य अभ्यास का पांचवां संस्करण है, जिसका आयोजन यूनाइटेड किंगडम के सैलिसबरी मैदान में किया जायेगा.

इस अभ्यास में भारतीय और यूनाइटेड किंगडम सेना के 120 सैनिक शामिल होंगे. इस अभ्यास का उद्देश्य शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्रों में आतंकवादियों के संचालन पर जोर देने के साथ की कंपनी स्तर के संयुक्त प्रशिक्षण का संचालन किया जायेगा.

अजेय वारियर सैन्य-अभ्यास: एक दृष्टि

अजेय वारियर अभ्यास यूनाइटेड किंगडम और भारत में वैश्विक रूप से आयोजित किया जाता है. दोनों देशों के बीच इस अभ्यास का आयोजन 2005 से किया जा रहा है.

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भारत और रूस के बीच इंद्र युद्ध-अभ्यास आयोजित किया गया

भारत और रूस के बीच 10 से 19 दिसम्बर तक त्रि-सेवा युद्ध-अभ्यास ‘इंद्र’ (INDRA) का आयोजन किया गया. यह अभ्यास झांसी, पुणे और गोवा में आयोजित किया गया था. इस युद्ध-अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच आपसी ताल-मेल और रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना तथा समुद्री सुरक्षा के लिए आपसी समझ को विकसित करना था.

इंद्र (INDRA) युद्ध-अभ्यास: एक दृष्टि

  • इंद्र युद्ध-अभ्यास भारत और रूस के बीच एक त्रि-सेवा अभ्यास है. इसमें दोनों देशों की थल सेना, वायुसेना तथा नौसेना हिस्सा लेती हैं.
  • इंद्र नौसेना अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी. भारतीय वायु सेना ने 2014 में रूसी वायु सेना के साथ अभ्यास ‘एविया इंद्र’ में भाग लिया था. 2017 में पहली बार त्रि-सेवा अभ्यास का आयोजन किया गया था.
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