Tag Archive for: Joint Military Exercise

भारत और फ्रांस का छठा संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ आयोजित किया गया

भारत और फ्रांस का छठा संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति 2021’ 15 से 26 नवम्बर तक आयोजित किया गया था. यह सैन्य अभ्यास फ्रांस के बंदरगाह शहर फ्रेजस में आयोजित किया गया था.

दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग और अंतर-संचालकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित युद्धाभ्यास में अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद से निपटने की कार्रवाई पर विशेष ध्यान दिया गया था.

सैन्य अभ्यास शक्ति की पिछली कड़ी वर्ष 2019 में 31 अक्तूबर से 13 नवंबर तक राजस्थान में आयोजित की गई थी. इसमें मरुस्थलीय क्षेत्रों में आतंकवाद से निपटने की कार्रवाई पर ध्यान दिया गया था.

भारत और फ्रांस सैन्य अभ्यास

  • भारत और फ्रांस के बीच तीन द्वि-वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास संचालित किए जाते हैं. भारतीय वायुसेना के साथ गरुड़,  भारतीय नौसेना के साथ वरुण और स्थल सेना के साथ शक्ति अभ्यास का संचालन होता है.
  • संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ 2011 में शुरू किया गया था और भारत और फ्रांस में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है.
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भारत, मालदीव व श्रीलंका के तट रक्षक बलों के बीच सैन्य अभ्यास ‘दोस्ती’ आयोजित किया गया

भारत, मालदीव और श्रीलंका के बीच त्रिपक्षीय अभ्यास ‘दोस्ती’ का आयोजन 20-24 नवंबर 2021 को किया गया था. यह त्रिपक्षीय अभ्यास ‘दोस्ती’ का 15वां संस्करण था जिसका आयोजन मालदीव में किया गया था.

भारत-मालदीव-श्रीलंका त्रिपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य तट रक्षक बल सहयोग को बढ़ाना, संबंधों को और मजबूती देना तथा परिचालन क्षमता को बढ़ाना था.

अभ्यास ‘दोस्ती’

अभ्यास ‘दोस्ती’ 1991 में भारतीय और मालदीव के तट रक्षकों के बीच शुरू किया गया था. श्रीलंका 2012 में पहली बार अभ्यास में शामिल हुआ था.

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पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण का तथ्य-पत्र जारी किया किया गया

स्वास्थ्य मंत्रालय ने पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के (NFHS-5) में भारत से संबंधित प्रमुख संकेतकों का तथ्य-पत्र 24 नवम्बर को नई दिल्ली में जारी किया. इस तथ्य-पत्र में देश की जनसंख्या, पुनर्प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पोषण जैसे अन्य प्रमुख संकेतक शामिल हैं.

यह पत्र 2019-2021 के सर्वेक्षण से संबंधित है, जो 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए है. सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा अन्य उभरते मुद्दों से संबंधित विश्वसनीय और तुलनात्मक डेटा प्रदान करना है.

तथ्य-पत्र के मुख्य बिंदु

  • सर्वेक्षण के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर कुल प्रजनन दर 2.2 से कम होकर 2 हो गई है.
  • पूर्ण टीकाकरण अभियान के अलावा 23 माह से 12 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के मामले में काफी सुधार हुआ है, जो कि अखिल भारतीय स्तर पर 62 प्रतिशत से बढ़ कर 75 प्रतिशत हो गया.
  • रिपोर्ट के अनुसार 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 11 में 23 माह से 12 वर्ष आयु वर्ग के 75 प्रतिशत बच्चे हैं, जिनका पूर्ण टीकाकरण कर लिया गया है. ओडिसा में पूर्ण टीकाकरण वाले सबसे अधिक 90 प्रतिशत बच्चे हैं.
  • अब हर 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हैं. आजादी के बाद ये भी पहली बार है जब पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की आबादी 1 हजार से ऊपर पहुंची है. इससे पहले 2015-16 में हुए NFHS-4 में ये आंकड़ा हर 1,000 पुरुष पर 991 महिलाओं का था.
  • सर्वे में कहा गया है कि बच्चों के जन्म का लिंग अनुपात अभी भी 929 है यानी अभी भी लोगों के बीच लड़के की चाहत ज्यादा दिख रही है. महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा जी रही हैं.
  • सर्वे के अनुसार एक महिला के अब औसतन 2 बच्चे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों से भी कम है.
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गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव 2021 भारत की मेजबानी में आयोजित किया गया

भारतीय नौसेना द्वारा 07 से 09 नवंबर 2021 तक गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (GMC) 2021 आयोजित किया गया था. यह इसका तीसरा संस्करण था जिसकी मेजबानी नेवल वॉर कॉलेज, गोवा के तत्वावधान में की गयी थी. GMC 2021 की थीम “Maritime Security and Emerging Non-Traditional Threats: A case for proactive role for Indian Ocean Region” है.

GMC 2021 में, भारतीय नौसेना बांग्लादेश, कोमोरोस, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड सहित हिंद महासागर क्षेत्र के 12 देशों के नौसेना प्रमुखों/ समुद्री बलों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया था.

GMC का मुख्य भाषण विदेश सचिव श्री हर्षवर्धन श्रृंगला ने दिया, जिन्होंने सागर के बारे में भारत के दृष्टिकोण और समुद्री सुरक्षा के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. उन्होंने दोहराया कि समुद्री परिवहन और रसद ब्लू इकोनमी का एक प्रमुख घटक है और विशेष रूप से आईओआर देशों के लिए महत्वपूर्ण है.

GMC -21 तीन सत्रों में आयोजित किया गया था:

  1. आईओआर में राष्ट्रीय क्षेत्राधिकार से परे क्षेत्रों में उभरते गैर-पारंपरिक खतरों को कम करने के लिए अनिवार्य घटक
  2. समुद्री कानून प्रवर्तन के लिए क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना
  3. उभरते गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला करने के लिए सामूहिक समुद्री दक्षताओं का लाभ उठाना.
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भारत और यूके के बीच प्रथम द्विपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास ‘कोंकण शक्ति’ आयोजित किया गया

भारत और यूके के बीच हाल ही में प्रथम द्विपक्षीय त्रि-सेवा अभ्यास ‘कोंकण शक्ति’ (Konkan Shakti) 2021 आयोजित किया गया था. इसका आयोजन दो चरण में 24 से 27 अक्तूबर तक किया गया था. पहला चरण मुंबई में जबकि दूसरा चरण अरब सागर में कोंकण तट पर किया गया था.

इस अभ्यास का उद्देश्य, भारत और यूनाइटेड किंगडम की नौसेनाओं के बीच अभ्यास इंटरऑपरेबिलिटी और तालमेल के लिए था.

इसमें फ्लैग शिप आईएनएस चेन्नई, भारतीय नौसेना के दूसरे युद्धपोत और एचएमएस रिचमंड, रॉयल नेवी के टाइप 23 फ्रिगेट शामिल थे. यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के तहत संचालित अन्य बल में विमान वाहक शामिल थे. जिसमें एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ, अन्य यूके और नीदरलैंड नौसैनिक जहाज, और भारतीय युद्धपोत थे.

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चीन और रूस की नौसेनाओं के बीच ‘संयुक्त समुद्र -2021’ युद्धाभ्यास आयोजित किया गया

चीन और रूस की नौसेनाओं के बीच 14 से 17 अक्तूबर के बीच एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास (Naval Exercise) आयोजित किया गया था. इस युद्धाभ्यास का नाम ‘संयुक्त समुद्र -2021’ (Joint Sea 2021) था. यह युद्धाभ्यास रूस के सुदुर पूर्व में पीटर महान की खाड़ी में आयोजित किया गया था.

युद्धाभ्यास के दौरान संचार, बारूदी सुरंग रोधी, हवाई खतरों और पनडुब्बी रोधी कार्रवाई का अभ्यास किया गया इस दौरान समुद्री लक्ष्यों को संयुक्त रूप से निशाना बनाया गया.

पहली बार चीन ने अपने पनडुब्बी रोधी विमान और 10 हजार टन से अधिक जल विस्थापन क्षमता वाले विध्वंसकों को विदेश युद्धाभ्यास के लिए भेजा था.

अमेरिकी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए चीन और रूस एकजुट

अमेरिका के वैश्विक स्तर पर प्रभाव का मुकाबला करने के लिए चीन और रूस एकजुट हैं और दोनों ने अफगानिस्तान और अन्य मुद्दों पर अमेरिकी विदेशी नीति की आलोचना की है.

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25वें संयुक्‍त नौसैन्य अभ्‍यास ‘मालाबार 2021’ का आयोजन गुआम द्वीप में किया गया

25वां संयुक्‍त नौसैन्य अभ्‍यास ‘मालाबार’ (Malabar Naval Exercise) 2021 का आयोजन 26 से 29 अगस्त तक किया गया था. इस अभ्यास में भारतीय नौसेना, अमरीकी नौसेना, जापान का समुद्री आत्मरक्षा बल और ऑस्ट्रेलिया की रॉयल नौसेना ने हिस्सा लिया था.

इस वर्ष मालाबार नौसैन्य अभ्यास का 25वां संस्करण था, जिसकी मेजबानी अमेरिकी नौसेना द्वारा पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र स्थित गुआम द्वीप में किया गया.

मालाबार 2021: मुख्य बिंदु

इस अभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व युद्धपोत-आईएनएस शिवालिक, आईएनएस कदमत और निगरानी लडाकू विमान पी-81 ने किया.

अमरीका की ओर से यूएसएस बैरी, यूएसएनएस रपानोक, यूएसएनएस बिगहोर्न और निगरानी रखने वाला लडाकू विमान पी-8ए समुद्री अभ्यास में शामिल हुआ.

जापान के समुद्री आत्मरक्षाबल का प्रतिनिधित्व जे एस कागा, मोरासा में और शिरानोई और निगरानी विमान पी-1 ने किया जबकि ऑस्ट्रेलिया की रॉयल नेवी की ओर से एचएमएएस वारामुंगा ने इस समुद्री अभ्यास में भाग लिया.

मालाबार अभ्यास: एक दृष्टि

  • मालाबार अभ्यास की शुरुआत 1992 में हिंद महासागर में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुआ था. 2015 में जापान इस अभ्यास का स्थायी भागीदार बना था.
  • 2007 के बाद चारों देशों की नौसेनाएं पहली बार किसी महा नौसैनिक अभ्यास में एक साथ हिस्सा ले रही हैं. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया क्वाड गठबंधन के सदस्य देश हैं. इसका पूरा नाम क्वाड्रीलैटरल सिक्टोरिटी डायलॉग है. इसके सदस्य ‘स्वतंत्र, खुले और समृद्ध’ भारत-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने और समर्थन करने के लिये साझा उद्देश्य वाले चार लोकतंत्र हैं.
  • इस अभ्यास का उद्देश्य चारों देशों की नौसेनाओं के बीच परस्पर कार्यक्षमता को बढ़ावा देना और समुद्री सुरक्षा संचालनों के लिए प्रक्रियाओं की आम सूझ-बूझ को विकसित करना है.
  • इस अभ्यास का 24वां संस्करण नवंबर‚ 2020 में बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर में किया गया था.
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भारत और किर्गिज़स्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ आयोजित किया गया

भारत और किर्गिज़स्तान के बीच 16 से 30 अप्रैल तक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘खंजर’ आयोजित किया गया था. इसका आयोजन किर्गिज़स्तान की राजधानी बिश्केक में किया गया था. यह सैन्य अभ्यास मुख्य तौर पर ऊँचाई वाले तथा पहाड़ी क्षेत्रों और आतंकवाद एवं अतिवाद पर केंद्रित था.

भारत और किर्गिज़स्तान के संयुक्त विशेष बलों के बीच आयोजित होने वाले ‘खंजर’ सैन्य अभ्यास का आठवाँ संस्करण था. इस सैन्य अभ्यास की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी.

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भारत और फ्रांस की नौसेनाओं का संयुक्त अभ्यास ‘वरुण-2021’ आयोजित किया गया

भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच हाल ही में द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘वरुण-2021’ आयोजित किया गया था. यह वरुण नौसैनिक अभ्यास का 19वां संस्करण था. इस अभ्यास का आयोजन 25 से 27 अप्रैल तक अरब सागर में आयोजित किया गया था.

इससे पहले अप्रैल में, भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाओं ने अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के साथ, 5 अप्रैल से 7 अप्रैल के बीच बंगाल की खाड़ी में ‘ला पेरेस’ अभ्यास में भाग लिया था.

वरुण-2021 अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना था. यह एक उच्च स्तरीय नौसेनिक अभ्यास तह, जो हिंद महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण है.

भारत और फ्रांस के बीच संयुक्त अभ्यास: एक दृष्टि

भारत और फ्रांस के संबंध विशेष तौर पर आतंकवाद, रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष जैसे मुद्दों पर पारंपरिक रूप से काफी अच्छे रहे हैं. दोनों देशों के बीच कुल तीन सैन्य अभ्यासों- अभ्यास वरुण (नौसेना), अभ्यास गरुण (वायुसेना) और अभ्यास शक्ति (थल सेना) का आयोजन किया जाता है.

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बंगाल की खाड़ी में बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘ला पेरोज’ का आयोजन किया गया

फ्रांस और क्वाड देशों का समुद्री अभ्यास ‘ला पेरोज’ (La Perouse) का आयोजन 5 से 7 अप्रैल तक किया गया था. इस अभ्यास का आयोजन बंगाल की खाड़ी में किया गया था. इस अभ्यास में फ्रांस और क्वाड (QUAD) देश (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका) ने हिस्सा लिया.

ला पेरोज समुद्री अभ्यास में भारतीय नौसेना, फ़्रांसिसी नौसेना, रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी, जापान मेरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) और अमेरिकी नौसेना (USN) के जहाजों ने हिस्सा लिया.

भारतीय नौसेना का जहाज INS सतपुड़ा और INS किल्टन के साथ P8I लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट ने पहली हिस्सा लिया. फ्रांस की ओर से टोननेर (Tonnerre) और फ्रिगेट सर्कुफ (Surcouf) शामिल हुए थे.

ला पेरोज समुद्री अभ्यास: एक दृष्टि

ला पेरोज समुद्री अभ्यास की शुरुआत फ्रांस द्वारा वर्ष 2019 में की गई थी. इसके प्रथम संस्करण में ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के जहाज़ शामिल हुए थे. इस अभ्यास का नाम 18वीं शताब्दी के फ्राँस नौसेना के एक खोजकर्त्ता के नाम पर रखा गया है.

क्वाड (QUAD) क्या है?

क्वाड भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का एक समूह है. इसका उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक देशों के हितों की रक्षा करना तथा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना है.

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भारतीय सेना बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘शांतीर ओग्रोशेना-2021’ में भाग लेगी

भारतीय सेना बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘शांतीर ओग्रोशेना-2021’ (Shantir Ogroshena) में भाग लेगी. इस सैन्य अभ्यास का आयोजन बांग्लादेश में 4 से 12 अप्रैल तक किया जायेगा. इसका आयोजन बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के जन्म शताब्दी और बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में किया जायेगा.

इस अभ्यास में भारतीय सेना के अलाबा भूटान, श्रीलंका और बांग्लादेश की सेनाएं हिस्सा लेंगे. अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के सैन्य पर्यवेक्षक भी इस अभ्यास के दौरान उपस्थित रहेंगे. भारत की ओर से डोगरा रेजिमेंट के 30 कर्मियों वाली भारतीय सेना की टुकड़ी इस अभ्यास में भाग लेगी.

इस अभ्यास का मुख्य विषय (थीम)– ‘Robust Peace Keeping Operations’ है.

वर्ष 2021 बांग्लादेश की स्वतंत्रता और रहमान के जन्म शताब्दी की 50वीं वर्षगांठ है. 16 दिसंबर, 1971 को लगभग 93,000 पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना और ‘मुक्ति बाहिनी’ सेना के आगे पीछे हट गई, जिसने बांग्लादेश के जन्म का रास्ता खोल दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 और 27 मार्च 2021 को बांग्लादेश का दौरा कर बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती में भाग लिया था.

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भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ का आयोजन

भारत और अमेरिका के विशेष बलों के बीच हाल ही में संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ (Vajra Prahar) का आयोजन किया गया था. यह आयोजन हिमाचल के चंबा जिले के बकलोह में किया गया था. यह ‘वज्र प्रहार’ का यह 11वां संस्करण था.

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त मिशन योजना और परिचालन रणनीति जैसे क्षेत्रों में अनुभव साझा करना था. इस अभ्यास का आयोजन बारी-बारी से अमेरिका और भारत में किया जाता है.

भारतीय सेना का विशेष बल 1966 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद बनाया गया था. पैराशूट रेजिमेंट, भारतीय सेना के विशेष बल की पहली इकाई थी. विशेष बल ऑपरेशन ब्लू स्टार, ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन कैक्टस और कारगिल युद्ध में शामिल थे.

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