Tag Archive for: Joint Military Exercise

भारत-नेपाल सेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’ का आयोजन नेपाल के रूपदेही में किया गया

भारत-नेपाल सेना के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’ का आयोजन नेपाल के रूपदेही जिले में 3 से 16 दिसम्बर तक किया गया. यह दोनों देशों के मध्य होने वाला ‘सूर्य किरण’ का 14वां संयुक्त सैन्य अभ्यास था. इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेना की 300-300 सैन्य कर्मियों की एक-एक टुकड़ी ने हिस्सा लिया.

यह युद्धाभ्यास जंगल और पहाड़ी इलाकों में विद्रोह कार्रवाइयों से निपटने पर आधारित था. इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं आतंकवाद विरोधी अभियान, विद्रोह के खिलाफ कार्रवाई, प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं के दौरान की जाने वाली मानवीय सहायता के अपने-अपने अनुभवों को साझा किया.

भारत-नेपाल संयुक्त युद्धाभ्यास ‘सूर्य किरण’: एक दृष्टि

  • सूर्य किरण सैन्य संयुक्त युद्धाभ्यास आतंकवाद के बदलते तरीकों के खिलाफ सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए किया जाता है.
  • इसका मुख्य उद्देश्य नेपाल और भारतीय सैनिकों में आपसी सैन्य समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में सफल संचालन के लिए दोनों देशों की सेना के बीच समन्वय स्थापित करना है.
  • इस युद्धाभ्यास का आयोजन साल में दो बार बारी-बारी से दोनों देशों में होता है.
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भारत और चीन के बीच मेघालय में 8वां संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास ‘हैंड-इन-हैंड 2019’ आयोजित किया जा रहा है

भारत और चीन के बीच मेघालय के उमरोई में 7 से 20 दिसंबर तक 8वां संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास ‘हैंड-इन-हैंड 2019’ (Hand in Hand 2019) आयोजित किया जा रहा है. दोनों देशों के बीच यह अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत आतंकवाद का मुकाबला करने वाली थीम पर आधारित है.

इस अभ्यास में चीनी दल की ओर से तिब्बत सैन्य कमान के 130 जवान और इतनी ही संख्या में भारतीय सैन्यकर्मी हिस्सा ले रहे हैं.

इसका उद्देश्य उपनगरीय इलाके के लिए संयुक्त योजना बनाना और आतंकवाद रोधी अभियानों के संचालन का अभ्यास करना है.

यह अभ्यास कार्यक्रम विभिन्न व्याख्यानों और आतंकियों से निपटने के अभ्यास तथा एक-दूसरे के हथियारों से फायरिंग, विशेष हवाई अभियान के प्रशिक्षण और आतंकवादी परिस्थितियों में चलाए गए विभिन्न अभियानों की केस स्टडीज पर केंद्रित है.

प्रशिक्षण के दौरान दो सामरिक अभ्यास; पहला आतंकवाद निरोधक परिदृश्य पर और दूसरा मानवीय एवं आपदा राहत (HADR) अभियान पर निर्धारित हैं.

हैण्ड-इन-हैण्ड (Hand in Hand) संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास: एक दृष्टि
हैण्ड-इन-हैण्ड, भारत और चीन के बीच आयोजित होने वाला एक वार्षिक संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास है. इस सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास का पहला संस्करण 2007 में चीन के कुनमिंग में आयोजित किया गया था.

इसके दूसरे संस्करण का आयोजन भारत में कर्नाटक के बेलगाम में किया गया था. दूसरे संस्करण के आयोजन के बाद इस अभ्यास का आयोजन बंद कर दिया गया था. वर्ष 2013 में इस अभ्यास का आयोजन पुनः आरम्भ हुआ.

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भारत और श्रीलंका के बीच सातवां ‘मित्र-शक्ति’ संयुक्‍त अभ्‍यास पुणे में आयोजित किया जा रहा है

भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच संयुक्‍त अभ्‍यास ‘मित्र-शक्ति’ का आयोजन 1 दिसम्बर से पुणे के औंध सैन्य स्टेशन में किया जा रहा है. इस अभ्‍यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच अंतर संचालन क्षमता बढ़ाना है.

यह मित्र-शक्ति का सातवां संस्करण है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच सकारात्मक संबंधों को मजबूत बनाना है, जो मुख्‍य रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए प्रशिक्षण देने पर केंद्रित है.

मित्र शक्ति अभ्यास की शुरुआत 2012 में दक्षिण एशिया तथा हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से हुई थी.

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भारत नौ-सैनिकों के सैन्य अभ्यास ‘मिलन 2020’ की मेजबानी करेगा

भारत मार्च 2020 में नौ-सैनिकों के सैन्य अभ्यास ‘मिलन 2020’ की मेजबानी करेगा. इस अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और यूरोप के ऐसे 41 देशों को इसमें आमंत्रित किया गया है, जिनके साथ भारत के सैन्य संबंध हैं.

हिंद महासागर सहित अन्य इलाके के मित्र देशों के साथ सहयोग का संबंध बनाए के उद्देश्य से भारत सरकार इस सैन्य अभ्यास का आयोजन कर रही है.

इस सैन्य अभ्यास में जिन क्षेत्रों में सहयोग किया जाना है, उनमें क्षमता निर्माण, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता, प्रशिक्षण, तकनीक, जल सर्वेक्षण और परिचालन अभ्यास आदि शामिल हैं.

जिन देशों को सैन्य अभ्यास के लिए निमंत्रण भेजा गया है, उनमें इंडोनेशिया, फ्रांस, मोजांबिक, सूडान, इजरायल, कतर, थाईलैंड, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, सोमालिया, केन्या, मिस्र, श्रीलंका, वियतनाम, म्यांमार, न्यूजीलैंड, अमेरिका, तंजानिया, मालदीव, ब्रुनेई, फिलीपींस, जापान, यूनाइटेड किंग्डम, सऊदी अरब, ओमान, कंबोडिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, रूस, जिबूती और बहरीन आदि शामिल हैं.

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भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त अभ्यास ‘टाईगर ट्रंफ’ का आयोजन

भारत और अमेरिका के बीच 13 से 21 नवंबर के दौरान संयुक्त सैन्य-अभ्यास (Indo-US Joint Military Exercise) का आयोजन किया गया. इस सैन्य-अभ्यास का नाम ‘टाइगर ट्रंफ’ था. यह सैन्य-अभ्यास आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम और काकीनाडा में आयोजित किया गया. इसका उद्देश्य दोनों ही देशों की सेना के बीच बेहतरीन तालमेल बनाना था.

इस युद्धाभ्यास में भारतीय थल, जल और वायुसेना (त्रि-सेवा) के 1200 जवान और 500 अमेरिकी जवान शामिल हुए. इसमें युद्धाभ्यास के साथ ही आपदा के दौरान मदद पहुंचाने पर भी अभ्यास किया गया. यह भारत और अमेरिका के बीच प्रथम त्रि-सेवा अभ्यास था. इससे पहले 2017 में भारत और रूस के बीच रूस के व्लादिवोस्टोक में त्रि-सेवा युद्ध अभ्यास ‘इंद्र’ का आयोजन किया गया था.

समुद्र में लूट और तस्करी रोकने के लिए अमेरिका के 10वें राष्ट्रीय दक्षिण-पूर्व एशिया सहयोग और प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 9 दिन के इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया था.

अमेरिका ने इस युद्धाभ्यास को इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का उदाहरण कहा है. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने भारतीय प्रशांत क्षेत्र के सहयोगियों के साथ सुरक्षा सहयोग एक बड़ी रकम खर्च की है ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे.

‘क्वाड’ देशों का पहला आतंकरोधी संयुक्त अभ्यास का आयोजन दिल्ली में किया गया

‘क्वाड’ देशों (भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया) का पहला आतंकरोधी संयुक्त अभ्यास का आयोजन 21 और 22 नवंबर को दिल्ली में किया गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अभ्यास की मेजबानी की. इस अभ्यास का नाम CT-TTX (counter-terrorism table-top exercise) दिया गया था.

CT-TTX का उद्देश्य संभावित नए आतंकी खतरों के मद्देनजर आतंकरोधी प्रतिक्रिया तंत्र का मूल्यांकन करके उसे पुष्ट करना था. इस संयुक्त अभ्यास के जरिये सदस्य देश के आतंकवाद से निपटने के सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीकों की पहचान करने में मदद मिलेगी.

‘क्वाड’ क्या है?

  • ‘क्वाड’ (QUAD), ‘भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान’ का चतुष्कोणीय गठबंधन है. यह चीन के साथ भू-रणनीतिक चिंताओं के मद्देनजर गठित की गयी है.
  • जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के परामर्श से 2007 में ‘क्वाड’ की शुरुआत की थी. 2008 में ऑस्ट्रेलिया द्वारा इस ग्रुप से बाहर आने के कारण यह वार्ता शिथिल पड़ गयी थी लेकिन बाद में वह पुन: इस वार्ता में शामिल हो गया.
  • 2017 में, इस अनौपचारिक समूह को पुनर्जीवित किया गया ताकि एशिया में चीन के आक्रामक उदय को संतुलित किया जा सके.

भारत एवं मालदीव के बीच 10वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्यूवरिन 2019’ पुणे में आयोजित किया गया

भारत एवं मालदीव के बीच 10वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्यूवरिन’ (EKUVERIN) 2019 महाराष्ट्र के पुणे में 7 से 20 अक्टूबर तक आयोजित किया गया.

‘एक्यूवरिन’ भारतीय सेना एवं मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (MNDF) के मध्य एक वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास है. ‘एक्यूवरिन’ का अर्थ ‘मित्र’ होता है. इस सैन्य अभ्यास का आयोजन वर्ष 2009 से भारत एवं मालदीव में बारी-बारी से किया जाता है.

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र की व्यवस्था के अनुरूप उग्रवाद और आतंकवाद रोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए दोनों सेनाओं के बीच आपसी सहयोग और ताल-मेल बढ़ाना है.

भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास डलहौजी के बकलोह में किया जा रहा है

भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘नोमेडिक एलीफैंट-2019’ 5 से 18 अक्टूबर तक डलहौजी के बकलोह में किया जा रहा है. यह इस अभ्यास का 14वां संस्करण है. मंगोलिया सेना का प्रतिनिधित्व 084 एयर बोर्ने स्पेशल टास्क बटालियन के अधिकारी और भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व राजपूताना राइफल्स रेजीमेंट की एक बटालियन कर रही है.

दो सप्ताह तक चलने वाले अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक प्रशिक्षण का आदान-प्रदान करेंगे. इस दौरान पर्वतीय भूभाग में सुनियोजित और तकनीकी योग्यता का संयुक्त रूप से अभ्यास करेंगे. अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेना के बीच आपसी तालमेल को बढ़ावा देने सहित संकटपूर्ण स्थिति को संयुक्त ऑपरेशन के माध्यम से सफलतापूर्वक किया जाएगा.


भारत और थाइलैंड के बीच मैत्री-2019 संयुक्त सैन्य अभ्यास मेघालय में आयोजित किया गया

भारत और थाइलैंड के बीच ‘मैत्री 2019’ संयुक्त सैन्य अभ्यास 16 सितम्बर से 29 सितम्बर, 2019 तक मेघालय के उमरोई में फॉरेन ट्रेनिंग नोड में आयोजित किया गया. भारत और थाइलैंड की सेनाओं के प्रत्येक 50-50 सैनिक इस अभ्यास में हिस्सा लिया.

इसका उद्देश्य अपने-अपने देशों में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के दौरान प्राप्त किए गए अनुभवों को साझा करना था. संयुक्त सैन्य अभ्यास से भारतीय सेना और रॉयल थाइलैंड आर्मी के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी.

अभ्यास मैत्री एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसे 2006 से थाइलैंड और भारत में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है.


भारत की तीनों सेनाओं ने गुजरात में पहला संयुक्त युद्धाभ्यास ‘स्मेलिंग फील्ड’ का आयोजन किया

भारत की तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से पहला युद्धाभ्यास (फर्स्ट वॉरगेम्स) 29 सितम्बर को पूरा किया. इस अभ्यास में आर्मी, एयर फोर्स और नेवी के स्पेशल कमांडो ने एक साथ हिस्सा लिया. यह पहला मौका था, जब तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्स ने इस तरह एक साथ युद्धाभ्यास किया हो.

इस युद्धाभ्यास का आयोजन ‘ऑर्म्ड फोर्स स्पेशल ऑपरेशन डिविजन (AFSOD) ने किया था. AFSOD का नेतृत्व मेजर जनरल अशोक ढींगरा ने किया था. मेजर जनरल ढींगरा इस टीम के पहले चीफ हैं. तीनों सेनाओं की स्पेशल फोर्स आम तौर पर अलग-अलग काम करती है, लेकिन AFSOD के तहत तीनों के स्पेशल कमांडों एक साथ अभ्यास कर रहे हैं.

युद्धाभ्यास का नाम ‘स्मेलिंग फील्ड’
इस अभ्यास का नाम ‘स्मेलिंग फील्ड’ (Operation Smelling Field) था. इसे गुजरात में पाकिस्तान बॉर्डर के पास नालिया में आयोजित किया गया था. यहां भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना का अहम बेस है. नालिया कच्छ जिले का हिस्सा है.

‘स्मेलिंग फील्ड’ युद्धाभ्यास में भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकियों से निपटने के दौरान सामने आने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अभ्यास किया.


मालाबार सैन्य अभ्यास का 23वां संस्करण: भारत, जापान और अमेरिकी नौसेना शामिल

‘मालाबार सैन्य-अभ्यास’ (Malabar Trilateral Maritime Exercise) का 23वां संस्करण 26 सितम्बर से 4 अक्टूबर 2019 तक जापान के ससेबो शहर के समीप पश्चिमी प्रशांत महासागर में आयोजित किया गया. पूर्वी चीन सागर के समीप इस सैन्य अभ्यास में भारत, जापान और अमेरिकी नौसेना शामिल हुए.

23वां मालाबार सैन्य अभ्यास: एक दृष्टि
इस अभ्यास में सतह, उप-सतह और वायु क्षेत्रों में जटिल सामुद्रिक ऑपरेशन शामिल हुए तथा पनडुब्बी-रोधी युद्ध, विमान-रोधी और पनडुब्बी-रोधी फायरिंग, मैरीटाइम इन्टर्डिक्शन ऑपरेशन्स (एमआईओ) पर ध्यान केंद्रित किया गया.

भारत की ओर से इस अभ्यास में 6100 टन वजनी INS सहयाद्रि, पनडुब्बी विध्वंसक INS किल्टन और पी8आई मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट हिस्सा ले रहे हैं. यह पहला मौका है जब जापान में भारत का P8I एयरक्राफ्ट पहुंचा था.

चीन की आपत्ति
चीन पहले से ही समुद्र के इस हिस्से को अपना जलक्षेत्र मानता है और किसी भी प्रकार की सैन्य गतिविधि को सीधा अपनी संप्रभुता का उल्लंघन समझता है. चीन मानता है कि मालाबार अभ्यास के तहत तीन देश उसके खिलाफ सैन्य लामबंदी कर रहे हैं.

वहीं इस अभ्यास के जरिये भारतीय नौसेना यह सामरिक संदेश देने की कोशिश करेगी कि वह केवल हिंद महासागर के इलाके तक ही अपने को सीमित नहीं रखना चाहती है बल्कि दक्षिण चीन सागर के पार प्रशांत महासागर तक पहुंचने की भी उसकी क्षमता है.

युद्धाभ्यास के उद्देश्य

  • इस तरह के क्षेत्रों में युद्धाभ्यास करने से नौसेना को प्रायोगिक तौर पर लड़ाई में आने वाली दिक्कतों का अंदाजा हो पाता है. ‘रियल टाइम अटैक स्ट्रैटजी’ में भी नौसेना को फायदा होता है.
  • नौ-सैनिकों को वास्तविक अनुभव मिलता है जिसका फायदा वो युद्ध की स्थिति में उठा पाते हैं, साथ ही नौसेना को वैश्विक स्तर पर भी खुद की स्थिति का पता चलता है.
  • इस तरह की युद्धाभ्यास का लक्ष्य कई बार शक्ति प्रदर्शन भी होता है. ऐसा कर एक देश दूसरे देश को ताकत का अहसास करा कर डर पैदा करना चाहता है.


बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास ‘TSENTR 2019’ रूस के ऑरेनबर्ग में आयोजित किया गया

बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास ‘TSENTR 2019’ का आयोजन 9 से 23 सितम्बर तक रूस के ऑरेनबर्ग स्थित डोंगुज प्रशिक्षण रेंज में किया गया. इस आयोजन की जिम्मेदारी रूस के केंद्रीय सैन्य आयोग को सौंपी गई थी.

‘TSENTR 2019’ अभ्यास में मेजबान रूस के अलावा चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान के सैन्य प्रतियोगीयों ने हिस्सा लिया.

‘TSENTR’ के इस संस्करण में दो मॉड्यूल शामिल थे. पहले मॉड्यूल में काउंटर-टेरर ऑपरेशन, एयरस्ट्राइक, टोही ऑपरेशन और डिफेंसिव उपाय शामिल थे. जबकि दूसरा आक्रामक सैन्य कार्रवाईयों पर केंद्रित था.

‘TSENTR 2019’ के उद्देश्य
‘TSENTR 2019’ का उद्देश्य भाग लेने वाली सेनाओं के बीच आपसी तालमेल पैदा करना था. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ भी साझा सैन्य अभ्यास, जिससे मध्य एशियाई देशों के बीच आपसी समन्वय बेहतर हो सके.