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नई दिल्ली में ITU के कार्यालय और नवाचार केंद्र का लोकापर्ण, 6G मिशन का अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र का लोकापर्ण किया. यह सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष संस्‍था है जिसका मुख्यालय जिनेवा में है.

मुख्य बिन्दु

  • भारत ने क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना के लिए आईटीयू के साथ मार्च 2022 में एक मेजबान देश के रूप में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.
  • भारत द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित यह क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली के महरौली में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) भवन में स्थित है.
  • ITU क्षेत्रीय कार्यालय भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालद्वीव, अफगानिस्तान और ईरान को सेवा प्रदान करेगा, राष्ट्रों के बीच समन्वय बढाएगा और क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभदायक आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहन देगा.

6G मिशन का अनावरण

  • प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान भारत 6G दृष्टिपत्र का अनावरण किया और 6G अनुसंधान और विकास केंद्र का शुभारंभ भी किया.
  • यह मिशन दो चरणों में 2030 तक चलेगा. यह भारत को 6G R&D, मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएगा. 6G 1Tbps की स्पीड के साथ, 5G से 100 गुना तेज होगा.
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भारत, वासेनार व्यवस्था की अध्यक्षता पहली जनवरी को संभालेगा

भारत, वासेनार व्यवस्था (Wassenaar Arrangement-WA) की अध्यक्षता पहली जनवरी को संभालेगा. वासेनार व्यवस्था बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण प्रशासन है जिसमें सदस्य देश पारम्‍परिक हथियारों के हस्तांतरण जैसे विभिन्न मुद्दों पर सूचना का आदान-प्रदान करते हैं.

भारत 7 दिसम्बर 2017 को वासेनार व्यवस्था का 42वां सदस्य बना था.

भारत के निर्यात नियंत्रण प्रशासन में प्रवेश से परमाणु अप्रसार क्षेत्र में देश की साख बढे़गी, हालांकि भारत परमाणु अप्रसार संधि का सदस्य नहीं है. जानिए क्या है वासेनार अरेंजमेंट…»

भारत को 2022-24 के लिए AAEA के अध्यक्ष के रूप में चुना गया

भारत को 2022-24 के लिए एसोसिएशन ऑफ एशियन इलेक्शन अथॉरिटीज (AAEA) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया है. AAEA का वर्तमान अध्यक्ष देश मनीला है.

मुख्य बिंदु

  • भारत को AAEA के कार्यकारी बोर्ड और महासभा की बैठक में सर्वसम्मति से इसका अध्यक्ष चुना गया था. यह बैठक 7 मई को फिलीपींस के मनीला में हुई थी. इस बैठक में भारत के चुनाव आयोग (ECI) के 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया था. इसकी अध्यक्षता उप चुनाव आयुक्त नितेश व्यास ने की.
  • AAEA (एसोसिएशन ऑफ एशियन इलेक्शन अथॉरिटीज) की स्थापना 1998 में हुई थी. यह एक गैर-पक्षपातपूर्ण मंच है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को बढ़ावा देने और शासन और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए विभिन्न देशों के चुनाव अधिकारियों के बीच समन्वय करने वाली संस्था है. भारत का चुनाव आयोग (ECI), AAEA के चुनाव प्रबंधन निकाय (EMB) का संस्थापक सदस्य है.
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भारत ने UN में हिन्दी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के आठ लाख डॉलर का योगदान दिया

भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में हिन्दी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों को जारी रखने के लिए आठ लाख अमेरिकी डॉलर का सहयोग दिया है.

भारत के स्थायीय उप प्रतिनिधि आर रविंद्र ने इस राशि का चेक संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संप्रेषण विभाग की उपनिदेशक और प्रभारी अधिकारी मीता होसाली को सौंपा.

हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए UN द्वारा किये जा रहे प्रयास

  • संयुक्त राष्ट्र (UN) हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रहा है. इस प्रयास के तहत संयुक्त राष्ट्र के जन सूचना विभाग के सहयोग से वर्ष 2018 में ‘हिन्दी @संयुक्त राष्ट्र’ परियोजना की शुरुआत की गई थी, जिसका मकसद हिन्दी भाषा में संयुक्त राष्ट्र की लोगों तक पहुंच को बढ़ावा देना है.
  • इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र वैश्विक संप्रेषण विभाग (डीजीसी) में भारत वर्ष 2018 से साझीदार है. डीजीसी के मुख्य धारा के समाचार और मल्टीमीडिया सामग्री का प्रसारण हिन्दी में करने के लिए अतिरिक्त बजटीय सहायता मुहैया कराता है.
  • वर्ष 2018 से हिन्दी में संयुक्त राष्ट्र की खबर संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट और ट्विटर, इंस्टाग्राम तथा फेसबुक पर मौजूद इसके सोशल मीडिया हैंडल पर प्रसारित की जाती है.
  • ‘संयुक्त राष्ट्र न्यूज-हिन्दी’ ऑडियो बुलेटिन का प्रसारण हर सप्ताह किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र हिन्दी न्यूज वेबसाइट पर इसका वेब लिंक मौजूद है.
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अमरीका अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में सदस्य देश के रूप में शामिल हुआ

अमरीका अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में सदस्य देश के रूप में शामिल हो गया है. वह इस गठबंधन की रूपरेखा संधि पर हस्ताक्षर करने वाला 101वां देश है. अमरीकी राष्ट्रपति के विशेष जलवायु दूत जॉन केरी ने 10 नवम्बर को ग्लासगो में 26वें जलवायु परिवर्तन संधि में शामिल देशों के सम्मेलन (UNFCCC COP26) में अमरीका के इस निर्णय की घोषणा की.

सौर गठबंधन का उद्देश्य सौर ऊर्जा को प्रमुख वैश्विक ऊर्जा स्रोत बनाना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने नवंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन संधि में शामिल देशों के 21वें सम्मेलन (UNFCCC COP21) में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की घोषणा की थी.

यह गठबंधन सौर ऊर्जा की कुशल खपत के लिए काम करने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है.

जानिए क्या है अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन…»

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भारत और IAA ने रणनीतिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किये

भारत ने 27 जनवरी को अन्तर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IAA) के साथ रणनीतिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किये. समझौता ज्ञापन (MOU) पर भारत की ओर से ऊर्जा सचिव संजीव नंदन सहाय और IAA की ओर से कार्यकारी निदेशक डॉ. फतिह बिरोल ने हस्ताक्षर किए. इसका मकसद वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और उसे भरोसेमंद बनाने में सहयोग को मजबूत बनाना है.

भारत-IAA ने समझौते के मुख्य बिंदु

  • इस साझेदारी से सदस्य देश एक-दूसरे के बीच जानकारी का व्यापक रूप से आदान-प्रदान कर सकेंगे. साथ ही यह समझौता भारत के लिए IAA का पूर्ण सदस्य बनने की दिशा में एक और कदम होगा.
  • यह समझौता भारत के लिए IAA पूर्ण सदस्य बनने की दिशा में एक और कदम होगा.
  • इस समझौते के तहत सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास, मजबूत सहयोग और वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और टिकाऊपन को बढ़ावा मिलेगा.
  • रणनीतिक साझेदारी की रूपरेखा को भारत और IAA के सदस्यों द्वारा तय किया जाएगा जिसमें भारत की भूमिका और साझेदारी से मिलने वाले फायदे धीरे-धीरे बढ़ाए जाएंगे.
  • IAA सचिवालय भारत में आपसी सहयोग बढ़ाने वाली गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होगा.
  • भारत सरकार समझौते के अनुसार ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक और तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने वाले आवश्यक कदम उठाएगी.

अन्तर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी: एक दृष्टि

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) एक स्वायत्त अंतर सरकारी विश्व संस्था है. इसकी स्थापना 1974 में हुई थी और इसका मुख्यालय फ्रांस के पेरिस में है. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के 7 सदस्य देशों को छोड़कर शेष सभी OCED सदस्य IEA के सदस्य हैं.

OECD, 35 सदस्य देशों की एक अंतरसरकारी आर्थिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1960 में आर्थिक प्रगति और विश्व व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु की गई थी. अधिकांश OECD सदस्य उच्च आय वर्ग अर्थव्यवस्थाएं हैं.

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क्या है ‘फाइव आइज’ गठबंधन, जापान ने इस गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए

जापान ने ‘फाइव आइज’ (Five Eyes- FVEY) के पांच देशों वाले गठबंधन में शामिल होने के संकेत दिए हैं. यह गठबंधन चीन में उइगर मुस्‍लमानों पर हो रहे अत्‍याचार की निगरानी के लिए बनाया गया है. इस गठबंधन में आस्‍ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, न्‍यूजीलैंड और अमेरिका शामिल है.

Five Eyes- FVEY क्या है?

एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के अवैद्य हस्तक्षेप भारत समेत दूसरे देशों के लिए समस्‍या बन चुकी है. चीन केवल इस क्षेत्र के देशों के लिए चुनौती नहीं बना हुआ है बल्कि दूसरे बड़े और शक्तिशाली देशों के लिए समस्‍या बना हुआ है. चीन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर इस गठबंधन को बनाया है.

इस गठबंधन का उद्देश्य चीन पर नजर रखना और उससे जुड़ी खुफिया जानकारियों को आपस में साझा करना है. अमेरिकी कांग्रेस समिति इस गठबंधन में भारत, जापान और दक्षिण कोरिया को शामिल करना चाहती है.

Five Eyes की शुरुआत दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद अमेरिका और रूस में शुरू हुए शीत युद्ध के बाद 1946 में हुआ था. पहले फ्रांस को भी इस गठबंधन में शामिल कर इसको Six Eyes का नाम दिया गया था. लेकिन अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने फ्रांस को इससे बाहर कर दिया था.

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दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन देशों के विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों के विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 24 सितम्बर को आयोजित की गयी. इस बैठक की मेजबानी नेपाली विदेश मंत्री ने की थी. बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत का प्रतिनिधित्व किया.

बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने पड़ोसी की पहली नीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सभी पड़ोसी देशों से जुड़ाव, एकीकृत, सुरक्षित और समृद्ध दक्षिण एशिया के निर्माण की दिशा में काम करने की बात कही.

बैठक में एस जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद, संपर्क को अवरुद्ध करना और व्यापार को बाधित करना तीन प्रमुख वैश्विक चुनौतियां हैं जिन्हें दूर करने के लिए सार्क देशों को कड़े कदम उठाने होंगे.

सार्क (SAARC): एक दृष्टि

  • SAARC, South Asian Association for Regional Cooperation (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन- दक्षेस) का संक्षिप रूप है.
  • इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी. भारत के प्रयास से अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बना था.
  • सार्क दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है. संगठन के सदस्य देशों में दुनिया की कुल जनसंख्या का 20 फीसदी (लगभग 1.7 अरब) निवास करता है.
  • सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है. इसका राजभाषा अंग्रेजी है.
  • संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए सदस्य देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है.
  • सार्क के प्रथम महासचिव बांग्लादेश के अब्दुल अहसान और वर्तमान महासचिव पाकिस्तान के अमजद हुसैन बी सियाल हैं.

वर्तमान सदस्य देश

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान और अफ़ग़ानिस्तान

वर्तमान प्रेक्षक देश

अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ईरान, चीन, ऑस्ट्रेलिया. म्यान्मार, मॉरिशस और जापान

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भारत जिबूती आचार संहिता में बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुआ

भारत हाल ही में जिबूती आचार संहिता (Djibouti Code of Conduct) में बतौर पर्यवेक्षक शामिल हुआ है. इस आचार संहिता का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाना है. इस समूह के अन्य पर्यवेक्षक नॉर्वे, जापान, यूके और अमेरिका हैं.

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत अपनी इंडो-पैसिफिक नीति के तहत हिंद महासागर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में अपनी भूमिका को और मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए भारत ने जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ पारस्परिक सैन्य लॉजिस्टिक्स समर्थन समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं.

चीन ने अगस्त 2017 में जिबूती में अपना विदेशी सैन्य अड्डा बनाया था. इसके पश्चात् से ही वह हिंद महासागर क्षेत्र में तीव्र विस्तारवादी रणनीति अपना रहा है. चीन की इस नीति की पृष्ठभूमि में भारत के लिये यह समझौता काफी महत्त्वपूर्ण हैं.

जिबूती आचार संहिता: एक दृष्टि

  • जिबूती आचार संहिता (DCOC) को पश्चिमी हिंद महासागर, अदन की खाड़ी और लाल सागर क्षेत्र में समुद्री चोरी और सशस्त्र डकैती को रोकने के से संबंधित एक आचार संहिता के रूप में जाना जाता है. यह 29 जनवरी 2009 को अपनाया गया था.
  • वर्ष 2017 में सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित DCOC में शामिल देशों की एक उच्च-स्तरीय बैठक में एक संशोधित आचार संहिता को अपनाया गया था. इसे DCOC में जेद्दा संशोधन के रूप में जाना जाता है.
  • DCOC में 20 सदस्य देश शामिल हैं. ये देश अदन की खाड़ी, लाल सागर, अफ्रीका के पूर्वी तट और हिंद महासागर क्षेत्र से सटे हैं.
  • DCOC के सदस्य देश: इरिट्रिया, इथियोपिया, मिस्र, कोमोरोस, जॉर्डन, जिबूती, मालदीव, केन्या, मेडागास्कर, मोजाम्बिक, ओमान, मॉरीशस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, सेशेल्स, सोमालिया, संयुक्त अरब अमीरात, यमन, संयुक्त राज्य अमेरिका और तंजानिया गणराज्य.
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भारत वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमता भागीदारी शुरू करने वाले देशों के समूह में शामिल

भारत, वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमता भागीदारी (GPAI) संस्थापक सदस्य देशों के समूह में 15 जून को शामिल हो गया. इस समूह में अमरीका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, कनाडा, फ्रांस सहित कई अन्‍य देश शामिल हैं. इससे अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों और भागीदारों के सहयोग से उद्योग जगत, नागरिक संगठनों, सरकारों और शिक्षा जगत के प्रमुख विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने में सहायता मिलेगी.

GPAI क्या है?

  • GPAI, Global Partnership on Artificial Intelligence का संक्षिप्त रूप है. विभिन्‍न भागीदार देशों के अनुभव के इस्‍तेमाल से कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) की चुनौतियों और अवसरों को बेहतर ढंग से समझने का अपनी तरह का पहला प्रयास है.
  • GPAI को भारत के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर द्वारा शुरू किया गया है.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने WHO के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कार्यकारी बोर्ड (Executive Board) के अध्यक्ष का कार्यभार 22 मई को संभाला. उन्होंने मौजूदा अध्यक्ष जापान के डॉ हिरोकी नकातानी का स्थान लिया है.

WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया रीजन (South-East Asian Region) ने कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के लिए भारत के नाम का प्रस्ताव रखा था. भारत ने इस पद के लिए डॉ. हर्षवर्धन को नामित किया था. डॉ. हर्षवर्धन का कार्यकाल एक वर्ष का होगा.

WHO की 73वीं विश्व स्वास्थ्य सभा की बैठक

WHO के 73वें विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) की बैठक में 19 मई को डॉ. हर्षवर्धन को नियुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया था. यह बैठक जिनेवा, स्विट्जरलैंड में टेली कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से आयोजित किया गया था. इसमें WHO के 194 सदस्य देशों ने हिस्सा लिया था.

विश्व स्वास्थ्य सभा प्रतिवर्ष जिनेवा, स्विट्जरलैंड में आयोजित किया जाता है. कोरोना वायरस आपातकाल के कारण इस वर्ष विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इसका आयोजन किया गया था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन: एक दृष्टि

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनिवा में है. भारत ने 12 जनवरी, 1948 को ही WHO की सदस्यता ले ली थी. WHO का शासन-प्रशासन दो निकाय द्वारा संचालित होता है:

1. विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly)
2. कार्यकारी बोर्ड (Executive Board)

  • WHO स्वास्थ्य सभा, निर्णय लेने वाली संस्था है जबकि कार्यकारी बोर्ड का मुख्य काम स्वास्थ्य सभा के फैसलों और नीतियों को लागू करना और उसे समय-समय पर सलाह देना है.
  • कार्यकारी बोर्ड और स्वास्थ्य सभा मिलकर ऐसा मंच तैयार करते हैं जहां दुनिया स्वास्थ्य के मुद्दों पर चर्चा करती है और समस्याओं के समाधान ढूंढने का प्रयास करती है.
  • WHO स्वास्थ्य सभा में संयुक्त राष्ट्र के सभी 194 सदस्य देश इसके सदस्य होते हैं.
  • WHO का कार्यकारी बोर्ड 34 सदस्यों से बना है. इसके सदस्यों का चुनाव विश्व स्वास्थ्य सभा में किया जाता है. इस बोर्ड के सदस्यों को तीन साल के लिए चुना जाता है.
WHO के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का चयन
  • WHO ने सदस्य देशों को छह क्षेत्रीय समूहों में बांट रखा है- अफ्रीका रीजन, अमेरिका रीजन, दक्षिण-पूर्व एशिया रीजन, यूरोपीय रीजन, पूर्वी भूमध्य रीजन और पश्चिमी प्रशांत रीजन. भारत दक्षिण-पूर्व एशिया रीजन का एक सदस्य देश है.
  • WHO के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष पद का चयन WHO के इन छह क्षेत्रीय समूहों में से प्रत्येक एक वर्ष के लिए रोटेशन के आधार पर किया जाता है. कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यकाल एक वर्ष का होता है.
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WTO के अध्यक्ष रोबर्टो एज़ेवेडो ने अपने पद से त्यागपत्र का फैसला किया

विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अध्यक्ष रोबर्टो एज़ेवेडो ने अपने पद से त्यागपत्र देने का फैसला किया है. रोबर्टो एज़ेवेडो ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से एक साल पहले त्यागपत्र दिया है. वो अपना पद 31 अगस्त 2020 को छोड़ देंगे. उनका दूसरा चार वर्षीय कार्यकाल सितंबर 2021 को समाप्त होने वाला था.

ब्राजील के 62 वर्षीय पूर्व राजनयिक एजे़वेडो ने अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के दबाव की वजह से 14 मई को त्यागपत्र की घोषणा की. ट्रम्प ने विश्व व्यापार संगठन पर अमरीका के प्रति पक्षपात और अन्य शिकायतों का आरोप लगाया था.

विश्व व्यापार संगठन (WTO): एक दृष्टि

विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विश्व व्यापार से जुड़े नियम बनाता है. इसकी स्थापना 1995 में GATT (General Agreement on Tariffs and Trade) के स्थान पर लाने के लिए की गई थी. WTO का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है.

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