Tag Archive for: Indian Economy

भारतीय कपास के लिए पहली बार ब्रांड और लोगो जारी किया गया

सरकार ने भारतीय कपास के लिए पहली बार ब्रांड और लोगो जारी किया है. केंद्रीय कपड़ा और महिला बाल विकास मंत्री स्मृति जुबानी ईरानी ने 8 अक्टूबर को दूसरे विश्व कपास दिवस के मौके पर जारी किया.

भारत के प्रीमियम कपास को कस्तूरी कॉटन के नाम से जाना जाएगा

इसके बाद अब भारत के प्रीमियम कपास को विश्व कपास ट्रेड (world cotton Trade) में कस्तूरी कॉटन (Kasturi Cotton) के नाम से जाना जाएगा. यह कस्तूरी कॉटन ब्रांड सफेदी, चमक, कोमलता, शुद्धता, सुंदरता, विशिष्टता और भारतीयता का प्रतिनिधित्व करेगा.

भारत में कपास का उत्पादन

कपास भारत की मुख्य व्यावसायिक फसलों में से एक है. चीन के बाद भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा कपास का उत्पादक और सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है. भारत में हर साल करीब 60 लाख टन कपास का उत्पादन होता है जो कि पूरी दुनिया का करीब 23 फीसदी है. इसी तरह भारत दुनिया के कुल जैविक कपास (organic cotton) के उत्पादन का 51 फीसदी उत्पादन करता है.

स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाले राज्यों की रैंकिंग जारी, गुजरात को सर्वश्रेष्ठ राज्य का सम्मान

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाले राज्यों की रैंकिंग 11 सितम्बर को जारी की. इस सूची में जहां गुजरात को सर्वश्रेष्ठ राज्य वहीं अंडमान निकोबार को सर्वश्रेष्ठ केंद्र शासित प्रदेश का सम्मान दिया गया है. जबकि कर्नाटक, केरल को भी श्रेष्ठ राज्य घोषित किया गया.

सरकार ने युवाओं को स्वरोजगार देने के लिए स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत की थी. इसका मकसद देश में उभरते उद्यमियों को प्रोत्साहन देना है. इसका लक्ष्य स्टार्टअप को टैक्स में छूट और इंस्पेक्टर-राज मुक्त व्यवस्था देना है. इसी के साथ दुनिया में भारत दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम वाला देश बन गया है.

समुद्री खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जाँच के लिए पोरबंदर में प्रयोगशाला शुरू की गयी

समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA) ने समुद्री खाद्य उत्पादों का प्रसंस्करण और निर्यात करने वालों के लिए पोरबंदर में एक गुणवत्ता जांच प्रयोगशाला (Quality Control Lab) शुरू की है. इसका उद्देश्य समुद्री खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को अन्तर्राष्ट्रीय नियामक जरूरतों के अनुसार सुनिश्चित करना है. MPEDA के अध्यक्ष के एस श्रीनिवास ने 15 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया.

इस प्रयोगशाला में उन्नत परीक्षण उपकरण हैं, जो एंटीबायोटिक अवशेषों, भारी धातुओं, जैसे कैडमियन, सीसा, पारा और आर्सेनिक आदि का पता लगा सकते हैं. प्रयोगशाला ने राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) और निर्यात जांच परिषद (EIC) की मान्यता हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

गुजरात के समुद्री खाद्य उत्पादों के निर्यात में एंटीबायोटिक अवशेषों के मामले अपेक्षाकृत कम आए हैं, लेकिन भारी धातुओं, मुख्य रूप से कैडमियम की उपस्थिति के कारण विदेशों में कई खेप को खारिज किया जा चुका है.

RBI ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी की, मार्च 2020 में बैंकों का NPA 8.5 प्रतिशत

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 24 जुलाई को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report-FSR) का 21वाँ अंक जारी किया. इस रिपोर्ट में देश की वित्तीय प्रणाली के सुदृढ़ होने की बात कही गयी है.

वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट: मुख्य बिंदु

  • वित्तीय संस्थाओं को कोविड​-19 महामारी और उसके बाद के दौर में जोखिम से अत्यधिक दूरी बनाने से बचना चाहिए.
  • बैंक और वित्तीय मध्यस्थों के लिए अभी सर्वोच्च प्राथमिकता पूंजी के स्तर को बढ़ाने और लचीलेपन में सुधार लाने की होनी चाहिए.
  • RBI ने आशंका जताई है कि बैंकों का गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) मार्च 2021 तक बढ़कर 12.5 फीसद हो सकता है. मार्च 2020 में बैंकों का NPA 8.5 फीसद पर था.

वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट: एक दृष्टि

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) प्रत्येक 6 माह में वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) प्रकाशित करता है. इस रिपोर्ट में भारत की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता मूल्यांकन प्रस्तुत किया जाता है.

NPA क्या है?

NPA (Non-Performing Asset) बैंक का वह कर्ज है जो डूब गया है और जिसे फिर से वापस आने की उम्मीद ना के बराबर होती है.

अमेरिका लगातार दूसरे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बना रहा

अमेरिका लगातार दूसरे साल 2019-20 में भी भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बना रहा. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 में अमेरिका और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 88.75 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2018-19 में 87.96 अरब डॉलर था.

भारत-अमेरिका व्यापार अधिशेष भारत के पक्ष में

अमेरिका उन चुनिंदा देशों में एक है, जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है. आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में दोनों देशों के बीच व्यापार अंतर बढ़कर 17.42 अरब डॉलर भारत के पक्ष में रहा. 2018-19 में अधिशेष 16.86 अरब डॉलर था.

भारत और चीन द्विपक्षीय व्यापार

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2019-20 में घटकर 81.87 अरब डॉलर रह गया, जो 2018-19 में 87.08 अरब डॉलर था. दोनों देशों के बीच व्यापार अंतर भी 53.57 अरब डॉलर से घटकर 48.66 अरब डॉलर रह गया.

अमेरिका 2018-19 में चीन को पीछे छोड़कर भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार बन गया था. आंकड़ों के मुताबिक, चीन 2013-14 से 2017-18 तक भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था. चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) देश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था.

प्रवासी मजदूरों के आजीविका के लिए गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान की शुरूआत

प्रवासी मजदूरों और ग्रामीण लोगों को आजीविका के अवसर उपलब्‍ध कराने के लिए ‘गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान’ (Garib Kalyan Rozgar Abhiyaan) की शुरूआत की गयी है. इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 20 जून को बिहार के खगडि़या जिले में तेलिहार गांव से वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्‍यम की. इस अभियान का उद्देश्‍य लोगों को घर के पास ही उनके कौशल के अनुरूप रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराना है.

गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान: मुख्य बिंदु

  • यह अभियान एक साथ छह राज्‍यों के 116 ऐसे जिलों में चलाया जाएगा जहां लौटे प्रवासी मजदूरों की संख्‍या 25 हजार से ज्‍यादा है. ये राज्य हैं- बिहार, उत्‍तर प्रदेश, झारखंड, ओडिसा, मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान. इन जिलों में यह अभियान सामान्‍य सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्‍यम से चलाया जाएगा.
  • योजना को मिशन मोड में 125 दिनों में पूरा करने का लक्ष्‍य रखा गया है. इसके तहत प्रवासी मजदूरों को 25 विभिन्‍न प्रकार के रोजगार उपलब्‍ध कराने और ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी ढांचागत विकास पर ध्‍यान केंद्रित किया जाएगा.
  • गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान के माध्‍यम से गरीब ग्रामीण जनता को उनके घर के पास ही रोजगार उपलब्‍ध कराए जाएंगे. इसके तहत 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
  • यह अभियान 12 विभिन्‍न मंत्रालयों और विभागों के समन्वित प्रयासों से शुरू किया गया है जिसमें ग्रामीण‍ विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन और राजमार्ग, खान, पेयजल और स्‍वच्‍छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालय शामिल हैं.

फिच ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB-‘ पर बरकरार रखा

वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग (Sovereign Credit rating) को ‘BBB-‘ पर बरकरार रखा है. फिच ने आठ साल में पहली बार भारतीय अर्थव्यवस्था का आउटलुक ‘स्थिर’ से घटाकर ‘नकारात्मक’ कर दिया है.
कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्था मंद पड़ी है. इससे विकसित और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में बदलाव की संभावना बढ़ गई है. भारत भी इससे अछूता नहीं है.

Moody’s और S&P की रेटिंग

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मूडीज (Moody’s) ने भारत की रेटिंग को Baa2 से घटा कर Baa3 कर दिया था. उसके बाद S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने लगातार 13वें साल भारत के लिए सबसे कम निवेश श्रेणी ‘BBB-‘ रेटिंग को बरकरार रखते हुए कहा था कि भारत की दीर्घकालिक वृद्धि दर के लिए जोखिम बढ़ रहे हैं.

GDP में 5 फीसदी गिरावट का अनुमान

फिच के मुताबिक चालू वित्त वर्ष (2020-21) में भारत की अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की जाएगी. उसने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधि पूरी तरह बंद रही. फिच के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में देश की GDP में 9.5 फीसदी की तेजी देखी जाएगी.

सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग क्या होती है?

विभिन्न देशों की उधार चुकाने की क्षमता के आधार पर सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग तय की जाती है. रेटिंग एजेंसियां इसके लिए इकॉनोमी, मार्केट और राजनीतिक जोखिम को आधार मानती हैं. एजेंसियां क्रेडिट किसी देश की रेटिंग तय करते समाया उस देश के मूलधन और ब्याज जुकाने की क्षमता पर फोकस करती हैं. यह रेटिंग यह बताती है कि एक देश भविष्य में अपनी देनदारियों को चुका सकेगा या नहीं?

सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग टॉप इन्वेस्टमेंट ग्रेड से लेकर जंक ग्रेड तक होती है. जंक ग्रेड को डिफॉल्ट श्रेणी में माना जाता है. सामान्य तौर पर इकॉनोमिक ग्रोथ, बाहरी कारण और सरकारी खजाने में ज्यादा बदलाव पर रेटिंग बदलती है.

मुख्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां

Standard & Poor’s (S&P), Fitch और Moody’s Investors सॉवरेन रेटिंग तय करने वाली विश्व की मुख्य एजेंसियां हैं.

S&P और फिच रेटिंग के लिए BBB+ को मानक रखती हैं, जबकि मूडीज का मानक Baa1 है. यह सबसे ऊंची रेटिंग है जो इन्वेस्टमेंट ग्रेड को दर्शाती है.

UNCTAD की ‘विश्व निवेश रिपोर्ट 2020’ जारी, 2019 में भारत में 51 अरब डालर का FDI

संयुक्त राष्ट्र के व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UN Conference on Trade and Development-UNCTAD) ने 15 जून को ‘विश्व निवेश रिपोर्ट 2020’ (World Investment Report 2020) जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत 2019 में 51 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) हासिल करने साथ वर्ष के दौरान दुनियाभर में नौवें नंबर पर रहा है.

भारत को वर्ष 2019 में 51 अरब डालर का विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ और वह वर्ष के दौरान दुनियाभर में अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पाने वाले देशों में नौवें नंबर पर रहा. विकासशील एशिया क्षेत्र में भारत सबसे ज्यादा FDI प्राप्त करने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल रहा.

वर्ष 2018 में भारत को 42 अरब डालर का FDI प्राप्त हुआ था. तब भारत FDI पाने वाले शीर्ष 20 देशों में 12वें स्थान पर रहा था.

2020 में 40 प्रतिशत गिरावट का अनुमान

रिपोर्ट में कहा गया है कि COVID-19 के चलते 2020 में दुनियाभर में FDI में 40 प्रतिशत तक गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है. यह गिरावट 2019 में हुये 1,540 अरब डालर के प्रवाह के मुकाबले आ सकती है.

यदि ऐसा होता है तो यह 2005 के बाद पहला अवसर होगा कि दुनिया के देशों में FDI पहली बार एक हजार अरब डालर के आंकड़े से नीचे आ जायेगा.

UNCTAD के इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में COVID-19 के बाद कमजोर लेकिन सकारात्मक आर्थिक वृद्धि हासिल होने और भारत के व्यापक बाजार देश के लिये निवेश आकर्षित करते रहेंगे.

NCDC की ‘सहकार मित्र योजना इंटर्नशिप कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया गया

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 12 जून को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Cooperation- NCDC) की ‘सहकार मित्र: इंटर्नशिप कार्यक्रम पर योजना (Scheme on Internship Programme)’ का शुभारंभ किया. NCDC ने स्टार्ट-अप सहकारी उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए एक पूरक स्कीम भी शुरू की है.

यह योजना युवा पेशेवरों को पेड इंटर्नशिप के रूप में NCDC एवं सहकारिता के साथ काम करके व्यवहारिक रूप से काम करने एवं सीखने का अवसर प्रदान करेगी. सहकार मित्र, कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) की भूमिका निभाकर सहकारिता के माध्यम से व्यवसायिक शैक्षणिक संस्थानों के पेशेवरों को नेतृत्व एवं उद्यमशीलता को विकसित करने के लिए भी अवसर प्रदान करेगा.

इस योजना के तहत कृषि व संबद्ध क्षेत्र और IT में ग्रेजुएट इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए पात्र होंगे. कृषि, व्यापार, सहकारिता, वित्त, अंतरार्ष्ट्रीय व्यापार, वाणिज्य, ग्रामीण विकास, परियोजना प्रबंधन से MBA कर रहे या कर चुके युवा भी इसके योग्य होंगे.

NCDC ने सहकार मित्र पेड इंटर्नशिप कार्यक्रम हेतु फंड बनाया है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक इंटर्न को चार माह की अवधि के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त होगी.

MSME की मदद के लिए प्रधानमंत्री ने CHAMPIONS पोर्टल का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम (MSME) क्षेत्र की इकाइयों की मदद के लिए 1 जून को चैंपियंस (CHAMPIONS) पोर्टल का शुभारंभ किया. CHAMPIONS का पूरा नाम creation and harmonious application of modern processes for increasing the output and national strength है. यह पोर्टल टेक्नोलॉजी पर आधारित मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम है.

CHAMPIONS प्‍लेटफार्म पर देश में सभी MSME के लिए हर तरह के समाधान एक ही जगह उपलब्‍ध करायेगा. इस प्‍लेटफार्म पर MSME क्षेत्र से संबंधित फाइनेंस, कच्‍चे माल और सभी तरह की अनुमति के साथ शिकायतों का समाधान भी किया जा सकेगा.

CPGRAMS से जोड़ा गया है

यह देश का पहला ऐसा पोर्टल है जिसे भारत सरकार की मुख्य केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (Centralized Public Grievance Redress and Monitoring System) यानी ‘CPGRAMS’ से जोड़ा गया है. यानी अगर किसी ने सीपी ग्राम्स पर शिकायत कर दी तो ये सीधे CHAMPIONS पोर्टल पर आ जाएगी. पहले ये शिकायत मंत्रालयों को भेजी जाती थी जिसे मंत्रालय के सिस्टम पर कापी किया जाता था.

AI का इस्तेमाल करेगा

CHAMPIONS पोर्टल को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग से लैस किया गया है. इससे कारोबारियों की शिकायत के बिना भी उनकी समस्या निपटाई जा सकेगी. उदाहरण के लिए अगर किसी एक क्षेत्र में एक ही तरह की समस्या ज्यादा हो रही है तो AI से ये समस्या चैंपियन्स पोर्टल पर दिखने लगेगी.

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि (PMSVANidhi) शुरू की गयी

सरकार ने रेहड़ी विक्रेताओं को सस्ते ब्याज पर ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा ‘PMSVANidhi’ शुरू की है. यह निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 1 जून को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक लिया गया.

सरकार ने रेहड़ी विक्रेताओं को सस्ते ब्याज पर ऋण प्रदान करने के लिए एक विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा ‘प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि’ (PMSVANidhi) शुरू की है. यह योजना आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने शुरू की है. योजना के तहत 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ दिया गया है जिसे एक वर्ष में चुकाया जा सकता है.

विभिन्न क्षेत्रों संदर्भों में वेंडर, हॉकर, ठेले और रेहड़ी वाले सहित 50 लाख से अधिक लोगों को इस योजना से लाभ मिलने की संभावना है. सेवाओं में नाई की दुकानें, मोची, पान की दूकानें व कपड़े धोने की दुकानों को शामिल किया गया है.

न्यू डेवलपमेंट बैंक ने भारत के लिए एक अरब डॉलर के ऋण को मंजूरी दी

न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) ने कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी से लड़ने के लिए भारत को एक अरब (बिलियन) डॉलर ऋण देने की मंजूरी दी है. इस राशि का उपयोग इस महामारी से होने वाले मानवीय, सामाजिक और आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए किया जाएगा.

न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB): एक दृष्टि

  • न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB), BRICS समूह के देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) द्वारा स्थापित किया गया बैंक है. NDB का मुख्यालय शंघाई, चीन में है.
  • ब्राज़ील के फ़ोर्टालेज़ा में आयोजित छठे BRICS शिखर सम्मेलन, 2014 में 100 अरब डॉलर की शुरुआती अधिकृत पूंजी के साथ NDB की स्थापना का निर्णय किया गया था. इस धनराशि में सभी सदस्य देशों की बराबर-बराबर हिस्सेदारी है. भारत के केवी कामत NDB के पहले और वर्तमान अध्यक्ष हैं.