पहली कोविड रोधी नेजल वैक्सीन के आपात स्थिति में उपयोग की मंजूरी

भारत में पहली कोविड रोधी नेजल (नाक से दी जाने वाली) वैक्सीन को आपात स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की मंजूरी दी गई है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इसकी मंजूरी 6 सितम्बर को दी. यह भारत का कोविड-19 वायरस के लिए पहला नाक से दिया जाने वाला टीका होगा.

मुख्य बिन्दु

  • इसका निर्माण भारत बायोटेक ने किया है. इसका उपयोग 18 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए किया जा सकेगा.
  • ये दुनिया में अपनी किस्म की वैक्सीन है जिसको व्यक्ति की नाक में कुछ बूंदें डाली जाती हैं और कोविड के प्रति रक्षा पैदा की जाती है.
  • इसका एक और लाभ है क्योंकि कोविड वायरस हमारे ज्यादातर नासिका और फेफड़ों के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है तो ये मुमकिन है कि इसकी प्रतिरोधक क्षमता बेहतर रहेगी वायरस के प्रसार को कम करने में.
  • भारत में यह वैक्सीन अभी उन लोगों को देने के लिए मंजूर की गई है जिनमें अभी तक कोई टीका नहीं लगा है लेकिन शीघ्र ही यह वैक्सीन एहतियातन डोज के तौर पर भी उपलब्ध रहेगी.
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कैबिनेट ने ‘LCA तेजस मार्क 2’ मल्टीरोल फाइटर जेट विकसित करने की परियोजना को मंजूरी दी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने ‘LCA तेजस मार्क-2’ मल्टीरोल फाइटर जेट (Multirole fighter jet) विकसित करने की परियोजना को 2 सितम्बर मंजूरी दी थी. इसे 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पूरा किया जाएगा.

LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) तेजस मार्क-2: एक दृष्टि

  • तेजस मार्क-2, तेजस मार्क-1 स्वदेशी विमान का अधिक सक्षम और शक्तिशाली संस्करण है. तेजस मार्क-1, एक एकल इंजन और अत्यधिक गति वाला मल्टीरोल सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित किया गया है.
  • तेजस मार्क-2 में 98 किलोन्यूटन थ्रस्ट क्लास का शक्तिशाली GE-414 इंजन लगाया गया है जो तेजस मार्क 1 के जीई-404 इंजन से अधिक क्षमता रखता है.
  • तेजस मार्क-1 की तुलना में तेजस मार्क- 2 का वजन थोड़ा ज्यादा होगा. तेजस मार्क-1 जहां 13.5 टन का है, वहीं मार्क-2 17.5 टन का है.
  • तेजस 2.0 जेट का पहला हाई-स्पीड परीक्षण 2023 में शुरू होगा और उत्पादन 2025 के आसपास शुरू होने की उम्मीद है.
  • तेजस हवाई युद्ध और आक्रामक हवाई ऑपरेशन के लिए एक शक्तिशाली जेट है, जिसमें टोही और एंटी-शिप ऑपरेशन इसकी ताकत है.
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प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘INS विक्रांत’ नौसेना में शामिल, नौसेना के लिए नए ध्वज का अनावरण

भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत (एयरक्राफ्ट कैरियर) ‘INS विक्रांत’ को 2 सितमबर को नौसेना में शामिल किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में इसे नौसेना को समर्पित किया था.

इस उपलब्धि के साथ ही भारत उन देशों के एलीट समूह में शामिल हो गया, जो एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में सक्षम हैं. फिलहाल, इन देशों की सूची में अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और चीन का नाम शामिल है.

INS विक्रांत: एक दृष्टि

  • 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ INS विक्रांत दुनिया का 7वां सबसे बड़ा विमानवाहक पोत है. यह 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है. यह चार जनरल इलेक्ट्रिक गैस टर्बाइन द्वारा संचालित है.
  • INS विक्रांत को स्वदेशी विमान वाहक वन (IAC-1) के रूप में भी जाना जाता है. इसका निर्माण भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड, केरल द्वारा किया गया है. इसका नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है.
  • इसका आदर्श वाक्य “जयमा सम युधि स्पर्धाः” है. यह ऋग्वेद से लिया गया है. इसका अर्थ है “मैं उनको हराता हूं जो मेरे खिलाफ लड़ते हैं”.
  • इसके फ्लाइट डेक का आकार फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर हो जाता है. यह वाहक एक 28 नॉट्स की अधिकतम रफ्तार के साथ एक बार में 7500 नॉटिकल मील (करीब 14 हजार किमी) की दूरी तय कर सकता है.
  • इस विशाल जहाज में कुल 18 फ्लोर हैं, जिनमें 2400 कंपार्टमेंट्स का निर्माण हुआ है. यहां 1600 स्ट्रॉन्ग क्रू रह सकती है. इसपर एक आधुनिक सुविधाओं से लैस एक किचन है, जिसमें मौजूद एक यूनिट प्रति घंटा 3 हजार रोटियां तैयार कर सकती है.
  • इसके मेडिकल कॉम्प्लैक्स में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर के साथ 16 बिस्तर मौजूद हैं. साथ ही यहां फिजियोथैरेपी क्लीनिक, आईसीयू, पैथोलॉजी, सीटी स्कैनर और एक्स-रे मशीनों के साथ रेडियोलॉजी विंग, डेंटल और आइसोलेशन सुविधाएं मौजूद हैं.
  • INS विक्रांत पर 30 विमानों का समूह रह सकता है. मिग-29के लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर्स, एमएच-60आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर्स और हल्के लड़ाकू विमान शामिल हैं. इस कैरियर पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात हो सकती है.
  • इसके निर्माण में 76 फीसदी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल हुआ है. यह एंटी सबमरीन वॉरफेयर, एंटी सर्फेस, एंटी एयर वॉरफेयर जैसे कई आधुनिक सिस्टम से लैस है.
  • भारत के पास अब दो विमानवाहक पोत हैं- INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य. INS विक्रमादित्य को भारत ने 2004 में रूस से 2.35 बिलियन डॉलर में खरीदा था.

भारतीय नौसेना के लिए नए ध्वज का अनावरण

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना के लिए नए ध्वज का भी अनावरण किया. पुराने झंडे में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस (अंग्रेजों की निशानी) को भी रखा गया था. नए ध्वज में छत्रपति शिवाजी महाराज के चिन्ह को अपनाया गया है. नए निशान पर भारतीय नौसेना का आदर्श वाक्य ‘सम नो वरुणः’ अंकित है.
  • 15 अगस्त, 1947 को देश जब आजाद हुआ तो भारतीय रक्षा बलों ने ब्रिटिश औपनिवेशिक झंडे और बैज को जारी रखा था. 26 जनवरी, 1950 को नौसेना के ध्वज में यूनियन जैक की जगह तिरंगा लगाया गया था. जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखा गया था. सफेद बैकग्राउंड पर लाल क्रॉस को सेंट जॉर्ज क्रॉस के रूप में जाना जाता है.
  • नए ध्वज के ऊपरी कैंटन पर राष्ट्रीय ध्वज है. राष्ट्रीय प्रतीक के साथ एक नीला अष्टकोणीय आकार भी है. यह नौसेना के आदर्श वाक्य के साथ ढाल पर लगाया जाता है.
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इंडिया@100 के लिए प्रतिस्पर्धी कार्ययोजना से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन

नई दिल्ली में 30 अगस्त को इंडिया@100 के लिए प्रतिस्पर्धी कार्ययोजना से संबंधित एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

कार्यक्रम के मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष विवेक देबराय ने कहा है कि यदि अगले 25 वर्ष में भारत की सतत् आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहती है तो वह 200 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का देश बन सकता है. भारत इसी वृद्धि दर पर 2047 तक उच्च-मध्यम आय वाला देश बन सकता है.
  • यदि भारत सात से 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए रखता है तो देश की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय लगभग दस हजार डॉलर हो जाएगी.
  • भारत वर्तमान में 27 खरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद के साथ विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वह इस समय विकासशील देश के रूप में वर्गीकृत है.
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जिसका अर्थ है कि भारत उच्च मध्यम आय श्रेणी में आ जाएगा और उसकी स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी.
  • विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार प्रति व्यक्ति 12 हजार डॉलर से अधिक की वार्षिक आय का देश उच्च आय के देश के रूप में गिना जाता है.
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7.4 प्रतिशत तक वृद्धि का अनुमान है और वह विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी.
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संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने भारत की यात्रा संपन्न की

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष और मॉलदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद 28-29 अगस्त को भारत की यात्रा थे. श्री शाहिद का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा के साथ भेंट वार्ता की जिसमें, संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका के बारे में भी बातचीत हुई.

मुख्य बिन्दु

  • संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा अध्‍यक्ष ने कहा कि लोगों के बीच संपर्क और महत्‍वपूर्ण समझौते भारत और मालदीव के संबंधों को उत्‍कृष्‍ट बनाते हैं.
  • उन्‍होंने कहा कि मॉलदीव और भारत के संबंध दोनों देशों के इतिहास में अब तक के सर्वोच्‍च स्‍तर पर हैं.
  • श्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि आंकतवाद का कोई धर्म या जाति नहीं होती बल्कि यह एक बुराई है जिसका दुनिया को मिलकर मुकाबला करना होगा.
  • उन्होंने भारत को विश्व औषधालय बताया और कहा कि भारत ने न केवल पड़ोसी देशों की मदद की बल्कि लेटिन अमरीकी देशों और प्रशांत क्षेत्र के देशों की भी सहायता की.
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भारत 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करेगा

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि वर्ष 2030 तक भारत के ऊर्जा उत्‍पादन का पचास प्रतिशत, गैर-जीवाश्‍म ईंधन से होने लगेगा और 2070 तक भारत शून्‍य कार्बन उत्‍सर्जन का लक्ष्‍य हासिल कर लेगा.

मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री, गांधीनगर में 28 अगस्त को सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के भारत में चालीस वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही.
  • श्री मोदी ने कहा कि देश में इलैक्ट्रिक वाहनों की बढती मांग के साथ इस दिशा में एक मौन क्रांति हो रही है.
  • इस बीच सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के अध्‍यक्ष तोशिहिरो सुजुकी ने भारत में एक नई कंपनी – ‘सुजुकी आर एंड डी’ सेंटर इंडिया की स्थापना की घोषणा की. उन्‍होंने कहा कि इस जापानी कंपनी का लक्ष्‍य न केवल भारत में अनुसंधान और विकास प्रतिस्‍पर्धा और क्षमता बढाना है, बल्कि वैश्विक बाजारों को भी इसका लाभ पहुंचाना है.
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भारत ने गरबा नृत्य को यूनेस्को की सांस्कृतिक सूची में के लिए नामित किया

भारत ने गरबा नृत्य को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की सांस्कृतिक सूची में शामिल किए जाने के लिए नामित किया है.

मुख्य बिन्दु

  • भारत ने गरबा नृत्य को 2022 के लिए ‘यूनेस्को की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत’ में शामिल किए जाने के लिए नामित किया है.
  • इससे पहले वर्ष 2021 में दुर्गा पूजा को यूनेस्को की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया गया था.
  • यूनेस्को के निदेशक ऐरिक फॉल्ट ने कहा है कि यूनेस्को की अगली बैठक नवम्बर में होगी और आशा है कि गरबा को यूनेस्को की अदृश्य सांस्कृति विरासत सूची में शामिल कर लिया जाएगा.
  • भारत को जुलाई में अदृश्य सांस्कृतिक विरासत सुरक्षा से संबंधित 2003 की अंतर-सरकारी समिति के लिए चुना गया था. भारत को 155 देशों की समिति में 110 मतों से चुना गया था.
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भारत में 11 नए आर्द्रभूमि को रामसर स्थल का दर्जा दिया गया

रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention) के तहत भारत के 11 नए आर्द्रभूमि को रामसर स्थल (Ramsar Sites) सूची में शामिल किया गया है. भारत ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ये स्थल जोड़े गए हैं. इसके बाद अब भारत में रामसर स्थलों की कुल संख्‍या 75 हो गई है. ये क्षेत्र देश के 13.27 लाख हैक्‍टेयर भूमि में फैले हैं.

जोडे गये 11 नये स्‍थलों में चार तमिलनाडु, तीन ओडिशा, दो जम्‍मू-कश्‍मीर में और एक-एक महाराष्ट्र तथा मध्‍यप्रदेश में हैं.

इन स्‍थलों को रामसर साइट्स में शामिल करने से इनका रख-रखाव करने में मदद मिलेगी और आर्द्र भूमि संसाधनों का उचित उपयोग हो सकेगा.

रामसर स्थल: एक दृष्टि

  • अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि को रामसर स्थल कहा जाता है. रामसर स्थल पानी में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं. इनमें मैंग्रोव, दलदल, नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान और बाढ़ के जंगल, चावल के खेत, प्रवाल भित्तियाँ, समुद्री क्षेत्र (6 मीटर से कम ऊँचे ज्वार वाले स्थान) के अलावा मानव निर्मित आर्द्रभूमि जैसे- अपशिष्ट जल उपचार तालाब और जलाशय आदि शामिल होते हैं.
  • आर्द्रभूमियां प्राकृतिक पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं. ये बाढ़ की घटनाओं में कमी लाती हैं, तटीय इलाकों की रक्षा करती हैं, साथ ही प्रदूषकों को अवशोषित कर पानी की गुणवत्ता में सुधार करती हैं.
  • आर्द्रभूमि मानव और पृथ्वी के लिये महत्त्वपूर्ण हैं. 1 बिलियन से अधिक लोग जीवनयापन के लिये उन पर निर्भर हैं और दुनिया की 40% प्रजातियाँ आर्द्रभूमि में रहती हैं तथा प्रजनन करती हैं.
  • रामसर स्थल का दर्जा उन आर्द्रभूमियों को दिया जाता है जो रामसर कन्वेंशन के मानकों को पूरा करते हैं. रामसर कन्वेंशन एक पर्यावरण संधि है जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है.
  • रामसर स्थल नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है क्योंकि यहीं 02 फरवरी 1971 को रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे. भारत ने इस संधि पर 1 फरवरी 1982 को हस्ताक्षर किये थे.
  • भारत में अब कुल 75 रामसर स्थल हैं जो देश की कुल भूमि का लगभग 5% है. ये क्षेत्र देश के 13.27 लाख हैक्‍टेयर भूमि में फैले हैं.
  • आर्द्रभूमि के राज्य-वार वितरण में तमिलनाडु पहले और गुजरात दूसरे स्थान पर है (एक लंबी तटरेखा के कारण). इसके बाद आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान है.
  • रामसर सूची के अनुसार, सबसे अधिक रामसर स्थलों वाले देश यूनाइटेड किंगडम (175) और मेंक्सिको (142) हैं. अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि का क्षेत्रफल (148,000 वर्ग किमी) सबसे अधिक बोलीविया में है.
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जम्मू कश्मीर में दुनिया का सबसे ऊंचा पुल की अंतिम आर्क को जोड़ा गया

जम्मू कश्मीर में, निर्माणाधीन विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल ने उस समय एक और उपलब्धि प्राप्त की जब 14 अगस्त को इसके अंतिम आर्क (गोल्डन ज्वाइंट) को जोड़ दिया गया.

मुख्य बिन्दु

  • यह रेल पुल जम्मू कश्मीर में, रियासी जिले के कौरी इलाके में चिनाब नदी पर निर्माणाधीन है. यह विश्व का सबसे ऊंचा रेल पुल होगा.
  • इस पुल के दोनों सिरों को हाई स्ट्रेंथ फ्रिक्शन ग्रिप (HSFG) बोल्ट की मदद से जोड़ा गया है. इसे ‘गोल्डन जॉइंट’ नाम दिया गया है.
  • यह कश्मीर को सीधा राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ता है. यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना के तहत बनाया गया है.
  • चिनाब दरिया की सतह से 359 मीटर की ऊंचाई पर इस पुल के अंतिम आर्क जुड़ते ही कोड़ी और बक्कल रेलवे स्टेशन आपस में जुड़ गए हैं.
  • यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 30 मीटर ऊंचा है. हालांकि, पुल का अभी 98 फीसदी निर्माण पूरा हुआ है, जिसे दिसंबर 2022 तक पूरा किया जाएगा.
  • इस पुल पर 1,436 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. 17 स्तंभों पर बने पुल की कुल लंबाई 1315 मीटर है.
  • 111 किलोमीटर लंबे कटड़ा-बनिहाल सेक्शन में निर्माणाधीन पुल का काम वर्ष 2004 में शुरू हुआ था. 120 साल की अवधि के लिए तैयार किए जा रहे पुल पर 260 किलोमीटर प्रतिघंटे के रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी असर नहीं डाल सकेंगी.
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जगदीप धनखड़ ने भारत के 14वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली

नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त को देश के 14वें उप-राष्ट्रपति (14th Vice-President of India) के रूप मे शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाईं. उप-राष्ट्रपति के रूप में श्री एम वेंकैया नायडु का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो गया था. 6 अगस्त को उप-राष्ट्रपति पद के चुनाव में जगदीप धनखड़, भारत के 14वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे.

  • इस चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया था जबकि मार्गरेट अल्वा विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार थीं.
  • नव निर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मार्गरेट अल्वा को 346 मतों के अंतर से हराया था. धनखड़ को  कुल डाले गए 725 में से 528 वोट मिले. वहीं, अल्वा को 182 वोट मिले. जबकि 15 वोट अमान्य रहे.
  • जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान में हुआ था. वह भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे है. इससे पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे. 1993 से 1998 तक किशनगढ़ (राजस्थान) से विधायक चुने गए थे.

भारतीय संविधान में उपराष्ट्रपति

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 में भारत के उपराष्ट्रपति होने की बात कही गई है. अनुच्छेद 64 के अनुसार उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति (अध्यक्ष) होता है.
  • अनुच्छेद 65 के अनुसार, राष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे या हटाने की स्थिति में उपराष्ट्रपति उस तारीख तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा जब तक कि नए राष्ट्रपति की नियुक्ति नहीं की जाती.

उपराष्ट्रपति चुनाव

  • उपराष्ट्रपति चुनाव भारतीय निर्वाचन आयोग संपन्न कराता है. इसके लिए निर्वाचन आयोग एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करता है.
  • राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों पदों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से (आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति) होता है. यानी चुनाव जनता की बजाय उनके द्वारा चुने गए जन प्रतिनिधि करते हैं.
  • उपराष्ट्रपति चुनाव में लोक सभा और राज्य सभा के सदस्य, जिनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं, मतदान में हिस्सा लेते हैं.
  • वहीं राष्ट्रपति के चुनाव में लोक सभा और राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य और राज्यों के विधानमंडलों के सदस्यों को भी मतदान का अधिकार होता है. राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी सदन के मनोनीत सदस्य को वोट नहीं डाल सकते.
  • राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति चुनाव में किसी भी संदेह या विवाद सामने आने पर संविधान के अनुच्छेद-71 के मुताबिक, फैसले का अधिकार केवल देश की सुप्रीम कोर्ट को है.
  • उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने के लिए उम्मीदवार को कम-से-कम 20 सांसद बतौर प्रस्तावक और 20 सांसद बतौर समर्थक दिखाने की शर्त पूरी करनी होती है. उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए.

अब तक के उपराष्ट्रपति

  1. डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 13 मई 1952 से 12 मई 1962
  2. जाकिर हुसैन 13 मई 1962 से 12 मई 1967
  3. वीवी गिरि 13 मई 1967 से 3 मई 1969
  4. गोपाल स्वरूप पाठक 31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974
  5. बीडी जत्ती 31 अगस्त 1974 से 30 अगस्त 1979
  6. मोहम्मद हिदायतुल्ला 31 अगस्त 1979 से 30 अगस्त 1984
  7. आर वेंकटरमण 31 अगस्त 1984 से 24 जुलाई 1987
  8. शंकर दयाल शर्मा 3 सितम्बर 1987 से 24 जुलाई 1992
  9. केआर नारायणन 31 अगस्त 1992 से 24 जुलाई 1997
  10. कृष्णकांत 21 अगस्त 1997 से 27 जुलाई 2002
  11. भैरों सिंह शेखावत 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007
  12. मोहम्मद हामिद अंसारी 11 अगस्त 2007 से 19 जुलाई 2017
  13. एम वेंकैया नायडू 11 अगस्त 2017 से 10 अगस्त 2022
  14. जगदीप धनखड़ 11 अगस्त 2017 से वर्तमान
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इसरो का ‘SSLV-D1’ रॉकेट का पहला प्रक्षेपण आंशिक सफल रहा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का ‘SSLV-D1’ रॉकेट का पहला प्रक्षेपण आंशिक रूप से सफल रहा. यह प्रक्षेपण 7 अगस्त को श्री हरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस प्रक्षेपण में इसरो ने ‘SSLV-D1’ रॉकेट के माध्यम से पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (अर्थ आब्‍जर्वर उपग्रह) ‘EOS-02’ और एक अन्‍य उपग्रह ‘आजादी-सैट’ (AzadiSAT) को अंतरिक्ष उनके निर्धारित कक्षा में भेजा गया  था.
  • इस प्रक्षेपण में दोनों उपग्रह अपने निर्धारित कक्षा में पहुँचने में सफल नहीं हुआ. आखिरी समय में इन उपग्रहों का संपर्क इसरो से टूट गया.
  • ‘SSLV-D1’ (स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) इसरो का सबसे छोटा वाणिज्यिक रॉकेट है. इसे बेबी रॉकेट से जाना जाता है.
  • ‘EOS02’ एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट हैं. 142 किलोग्राम का यह सैटेलाइट रात में भी पृथ्वी की निगरानी कर सकता है.
  • दूसरा सैटेलाइट ‘AzaadiSAT’ है. यह ‘स्पेसकिड्ज इंडिया’ नाम की देसी निजी स्पेस एजेंसी का स्टूडेंट सैटेलाइट है. इसे देश की 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया है.
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नौसेना की महिला अधिकारियों ने पहला स्वतंत्र समुद्री निगरानी मिशन पूरा किया

भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों के दल ने डोर्नियर 228 विमान पर सवार होकर उत्तरी अरब सागर में पहला स्वतंत्र समुद्री निगरानी मिशन पूरा कर इतिहास रच दिया है.

मिशन को गुजरात के पोरबंदर में नौसेना एयर एन्क्लेव स्थित नौसेना की एयर स्क्वाड्रन INAS-314 की पांच महिला अधिकारियों ने पूरा किया.

मिशन की कप्तानी लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने की. इस दल में लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा, लेफ्टिनेंट शिवांगी, लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते, लेफ्टिेनेंट पूजा पांडा और सब-लेफ्टिनेंट पूजा शेखावत शामिल थीं.

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