INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को सौंपा गया

स्वदेशी विमान वाहक पोत INS विक्रांत को 27 जुलाई को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया गया. यह भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है जिसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड ने किया है. इन्हें अगस्त 2022 में नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा.

INS विक्रांत: एक दृष्टि

  • विक्रांत को नौसेना को सौंपे जाने के साथ ही भारत उन चुनिंदा राष्ट्रों में शामिल हो गया है जो देश में ही विमान वाहक समुद्री जहाज का निर्माण करते हैं.
  • इसका नाम भारत के पहले विमानवाहक पोत के सम्मान में रखा गया है. भारत के पहले विमान वाहक जहाज का नाम भी विक्रांत था जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उस विक्रांत को 31 जनवरी 1997 को कार्य मुक्त किया गया था.
  • INS विक्रांत, भारत में बनाया गया अभी तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है. यह 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा तथा 45,000 टन भारी है. यह विमानवाहक पोत 30 लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों को ले जाने में सक्षम है.
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भारत के 5 नए आर्द्रभूमि को रामसर स्थल का दर्जा दिया गया

रामसर कन्वेंशन (Ramsar Convention) के तहत भारत के 5 नए आर्द्रभूमि को रामसर स्थल (Ramsar Sites) सूची में शामिल किया गया है. इनमें दो स्थल तमिलनाडु से और मिजोरम और मध्य प्रदेश से एक-एक स्थल हैं. इन पांच स्थलों को शामिल किए जाने के बाद देश में कुल रामसर स्थलों की संख्या 54 हो गई है.

जिन आर्द्रभूमि को रामसर स्थल का दर्जा दिया गया है उनमें शामिल हैं:

  1. पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट, तमिलनाडु (चेन्नई में मीठे पानी का दलदल)
  2. करिकीली पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु (कांचीपुरम में 61.21 हेक्टेयर संरक्षित क्षेत्र है)
  3. पिचवरम मैंग्रोव, तमिलनाडु (कुड्डालोर जिले में देश के सबसे बड़े मैंग्रोव वनों में गिना जाता है)
  4. पाला आर्द्रभूमि, मिजोरम (यह जानवरों और पक्षियों की कई प्रजातियों सहित पशु प्रजातियों की समृद्ध विविधता के लिए जानी जाती है)
  5. साख्य सागर, मध्य प्रदेश (यह झील शिवपुरी में माधव राष्ट्रीय उद्यान का एक अभिन्न अंग है)

रामसर स्थल: एक दृष्टि

  • अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि को रामसर स्थल कहा जाता है. रामसर स्थल पानी में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं. इनमें मैंग्रोव, दलदल, नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान और बाढ़ के जंगल, चावल के खेत, प्रवाल भित्तियाँ, समुद्री क्षेत्र (6 मीटर से कम ऊँचे ज्वार वाले स्थान) के अलावा मानव निर्मित आर्द्रभूमि जैसे- अपशिष्ट जल उपचार तालाब और जलाशय आदि शामिल होते हैं.
  • आर्द्रभूमियां प्राकृतिक पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं. ये बाढ़ की घटनाओं में कमी लाती हैं, तटीय इलाकों की रक्षा करती हैं, साथ ही प्रदूषकों को अवशोषित कर पानी की गुणवत्ता में सुधार करती हैं.
  • आर्द्रभूमि मानव और पृथ्वी के लिये महत्त्वपूर्ण हैं. 1 बिलियन से अधिक लोग जीवनयापन के लिये उन पर निर्भर हैं और दुनिया की 40% प्रजातियाँ आर्द्रभूमि में रहती हैं तथा प्रजनन करती हैं.
  • रामसर स्थल का दर्ज उन आर्द्रभूमियों को दिया जाता है जो रामसर कन्वेंशन के मानकों को पूरा करते हैं. रामसर कन्वेंशन एक पर्यावरण संधि है जो आर्द्रभूमि एवं उनके संसाधनों के संरक्षण तथा उचित उपयोग हेतु राष्ट्रीय कार्रवाई और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये रूपरेखा प्रदान करती है.
  • रामसर स्थल नाम ईरान के रामसर शहर के नाम पर रखा गया है क्योंकि यहीं 02 फरवरी 1971 को रामसर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए गए थे.
  • भारत में अब कुल 54  रामसर स्थल हैं जो देश की कुल भूमि का 4.6% (15.26 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र) है. आर्द्रभूमि के राज्य-वार वितरण में गुजरात शीर्ष पर है (एक लंबी तटरेखा के कारण). इसके बाद आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल का स्थान है.
  • रामसर सूची के अनुसार, सबसे अधिक रामसर स्थलों वाले देश यूनाइटेड किंगडम (175) और मेंक्सिको (142) हैं. अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि का क्षेत्रफल (148,000 वर्ग किमी) सबसे अधिक बोलीविया में है.
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द्रौपदी मुर्मू ने भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप से शपथ ली

नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 जुलाई को भारत की 15वीं राष्‍ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की. भारत के प्रधान न्‍यायाधीश एनवी रमना ने श्रीमती मुर्मू को शपथ दिलाये. शपथग्रहण समारोह संसद के केन्‍द्रीय कक्ष में आयोजित किया गया था.

21 जुलाई को आए राष्ट्रपति चुनाव परिणाम में राष्ट्रपति मुर्मू ने यशवंत सिन्हा को पराजित किया था. राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने द्रौपदी मुर्मू को जबकि विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था.

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू: एक दृष्टि

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी और दूसरी महिला हैं. 64 वर्षीय श्रीमती मूर्मु सबसे कम आयु की राष्ट्रपति हैं.
  • वे देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति हैं, जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है. उनका जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था.
  • श्रीमती मूर्मु ने वर्ष 1997 में पहली बार राजनीति में प्रवेश किया जब वे ओडिसा में रायरंगपुर अधिसूचित क्षेत्र परिषद की पार्षद चुनी गईं.
  • श्रीमती मूर्मु वर्ष 2000 से 2009 तक रायरंगपुर विधान सभा क्षेत्र से दो बार विधायक भी चुनी गईं. उन्होंने ओडि़सा सरकार में वाणिज्य, परिवहन, मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री का पदभार संभाला.
  • वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं. साथ ही किसी भी राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी नेता बनीं.

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सेना के तीनों अंगों की संयुक्त थिएटर कमान स्थापित करने की घोषणा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के तीनों अंगों की संयुक्त थिएटर कमान स्थापित करने की घोषणा की. इस कमान का उद्देश्य सशस्त्र बलों के बीच समन्वय बढ़ाना है. उन्होंने यह घोषणा जम्मू में 24 जुलाई को करगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा.

रक्षा मंत्री के संबोधन के मुख्य बिन्दु

  • भारत रक्षा उपकरणों के मामले में दुनिया के सबसे बड़े आयातक से एक निर्यातक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
  • भारत (रक्षा उत्पादों का) दुनिया का सबसे बड़ा आयातक था. आज, भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक नहीं है, बल्कि रक्षा निर्यात में शामिल शीर्ष 25 देशों में से एक है.
  • देश ने 13,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात शुरू कर दिया है और 2025-26 तक इसे बढ़ाकर 35,000 रुपये से 40,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है.
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सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया

सरकार ने 23 जुलाई 2022 को भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन किया है. स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से ठीक पहले यह संशोधन किया गया है. इस संशोधन के तहत राष्ट्रीय ध्वज संहिता को दिन-रात फहराने की अनुमति दी गई है.

मुख्य बिन्दु

  • नए संशोधन में, खुले में तथा निजी मकानों या भवनों पर दिन-रात तिरंगा फहराने की अनुमति दी गई है. इससे पहले ध्वज को खुले में सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की ही अनुमति थी.
  • अब कोई भी भारतीय नागरिक, निजी या शैक्षणिक संस्थान सभी दिवसों और अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज के गौरव और सम्मान के अनुरूप तिरंगा फहरा सकता है.
  • भारतीय ध्वज संहिता में पिछला संशोधन 30 दिसम्बर, 2021 को किया गया था, जिसमें कपास, ऊन, रेशम और खादी के हाथ से बुने, हाथ से सिले और मशीन से बने ध्वज के अलावा पॉलिस्टर से बने या सिले गए ध्वज के उपयोग की अनुमति दी गई थी.

13 से 15 अगस्त तक अपने घरों में तिरंगा फहराने का आह्वान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों में तिरंगा फहराने का आह्वान किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, इसलिए हर घर तिरंगा अभियान से राष्ट्रीय ध्वज के साथ हमारा जुड़ाव और गहरा होगा.

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विलुप्त चीतों को भारत लाने के लिए नामीबिया के साथ सहमति

भारत ने विलुप्त चीतों को देश में लाने के लिए नामीबिया के साथ एक महत्वपूर्ण सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. भारत में 1952 में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस सहमति के अनुसार अगस्त में नामीबिया से आठ चीतों को भारत लाया जाएगा, जिसमें चार नर और चार मादा चीते होंगे.
  • इन चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में रखा जाएगा.
  • ये चीते भारत से पूरी तरह विलुप्त हो चुके हैं. इसका मुख्य कारण अधिक शिकार किया जाना और रहने के लिए जगह का न होना बताया जाता है.
  • आखिरी बार 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल वनों में एक मृत चीता पाया गया था.
  • दुनिया में चीतों की सबसे अधिक आबादी नामीबिया में है. नामीबिया को ‘चीतों की राजधानी’ कहा जाता है.
  • अगले पांच वर्षों में नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका और अन्य अफ्रीकी देशों से कुल 50 चीतों को भारत लाए जाने की योजना है.
  • चीता दुनिया का सबसे तेज जानवर है जो 113 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से दौड़ सकता है.
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द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति राष्ट्रपति निर्वाचित

द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति राष्ट्रपति निर्वाचित हुई हैं. 21 जुलाई को आए राष्ट्रपति चुनाव परिणाम में उन्होंने यशवंत सिन्हा को पराजित कर निर्वाचित हुई. वह 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना संसद के केन्द्रीय कक्ष में उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाएंगे.

  • राष्ट्रपति चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने द्रौपदी मुर्मू को जबकि विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था.
  • इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को 64 प्रतिशत (कुल 6,76,803 मत) और यशवंत सिन्हा को 36 प्रतिशत (कुल 3,80,177 मत) वोट मिले. मतगणना के बाद निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने मुर्मू के 64.03 फीसदी मतों के साथ चुनाव जीतने की आधिकारिक घोषणा की.

देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू

  • द्रोपदी मुर्मू, झारखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं. 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू देश की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी.
  • वह भारत की पहली राष्ट्रपति होंगी जिनका जन्म स्वतंत्रता के बाद हुआ है. उनका जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था.
  • मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली देश की पहली महिला राष्ट्रपति हैं.

14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

  • देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर 25 जुलाई 2017 को शपथ लेने वाले रामनाथ कोविंद पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 24 जुलाई को राष्ट्रपति भवन से विदाई लेंगे.
  • उनका जन्म उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के गांव परौंख में सामान्य परिवार में हुआ था. वह देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति हैं. केआर नारायण देश के प्रथम दलित राष्ट्रपति थे.
  • भारत के राष्ट्रपति के रूप में, कोविंद को छह देशों – मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, एस्वातीनी, क्रोएशिया, बोलीविया और गिनी गणराज्य से सर्वोच्च राजकीय सम्मान प्राप्त हुए.
  • कोविंद ने भारत के सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर के तौर पर मई 2018 में लद्दाख के सियाचिन में दुनिया के सबसे ऊंचे रण ‘कुमार पोस्ट’ की ऐतिहासिक यात्रा की थी.
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MSP की अधिक पारदर्शी व्यवस्था के निर्माण के लिए समिति का गठन

सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की अधिक असरदार एवं पारदर्शी व्यवस्था के निर्माण के लिए एक 26 सदस्यीय समिति का गठन किया है. इसकी अधिसूचना कृषि मंत्रालय ने 19 जुलाई को जारी की थी.

  • पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इस 26 सदस्यीय समिति में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों, कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अर्थशास्त्रियों के अलावा केंद्र एवं राज्य सरकारों के अधिकारी भी शामिल हैं.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते समय फसलों के एमएसपी के लिए एक समिति बनाने का वादा किया था.
  • इस समिति में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किसान भारत भूषण त्यागी के अलावा किसान संगठनों के प्रतिनिधि के तौर पर गुणवंत पाटिल, कृष्णवीर चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, गुणी प्रकाश और सैयद पाशा पटेल को जगह दी गई है.
  • इसके अलावा समिति में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, कृषि अर्थशास्त्री सीएससी शेखर, सुखपाल सिंह और नवीन पी सिंह को भी शामिल किया गया है.

एमएसपी समिति के कार्य

  • यह समिति एमएसपी को अधिक असरदार एवं पारदर्शी बनाने के तरीके सुझाने के लिए काम करेगी. यह फसलों का एमएसपी तय करने वाली सीएसीपी को अधिक स्वायत्तता देने से जुड़े पहलू पर भी गौर करेगी.
  • अलावा समिति देश की बदलती जरूरतों के अनुरूप कृषि विपणन प्रणाली को सशक्त करने के तरीके भी सुझाएगी.
  • यह समिति प्राकृतिक कृषि, फसल विविधता और सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था के प्रोत्साहन के लिए भी काम करेगी.
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भारतीय नौसेना ने INS सिंधुध्वज पनडुब्बी को सेवामुक्त किया

भारतीय नौसेना ने 17 जुलाई INS सिंधुध्वज पनडुब्बी (सबमरीन) को सेवामुक्त कर दिया. नौसेना में 35 साल तक सेवा देने के बाद इसे सेवामुक्त किया गया. इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नौसेना की पूर्वी कमान के प्रमुख वाईस एडमिरल विश्वजीत दासगुप्ता मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे.

INS सिंधुध्वज: एक दृष्टि

  • INS सिंधुध्वज रूस द्वारा निर्मित डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी हैं, जिन्हें 1970 के दशक में डिजाइन किया गया था. रूस से प्राप्त इस पनडुब्बी को 1987 में नौसेना में शामिल किया गया था.
  • इस पनडुब्बी के प्रतीक चिह्न में ग्रे रंग की नर्स शार्क है इसके नाम का अर्थ है समुद्र (सिंधु) पर ध्वज धारण करने वाला.
  • यह एकमात्र पनडुब्बी थी जिसे प्रधान मंत्री मोदी द्वारा इनोवेशन के लिए चीफ ऑफ नेवल स्टाफ (CNS) रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित किया गया था.
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उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए जागृति शुभंकर

उपभोक्ता मामलों के विभाग (DOCA) ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर सशक्त बनाने हेतु जागृति नाम का शुभंकर का अनावरण किया है. इसे विभिन्न मीडिया अभियानों में टैगलाइन “जागो ग्राहक जागो” के साथ दिखाया जाएगा.

  • ‘जागृति’ शुभंकर उपभोक्ताओं को अधिकारों के बारे में जागरूक करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में मदद करेगा. यह विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ाने में भी मदद करेगा.
  • यह उपभोक्ताओं के कई विषयों जैसे हॉलमार्किंग, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधान, वजन और माप अधिनियम के प्रावधान, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1915 इत्यादि पर जागरूकता बढ़ाएगा.
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वाराणसी को SCO की पहली सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी घोषित किया जाएगा

वाराणसी को एक वर्ष के लिए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की पहली सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी घोषित किया जाएगा. यह घोषणा SCO के महासचिव झांग मिंग ने 15 जुलाई को की थी.

  • घोषणा के अनुसार वाराणसी को सितंबर 2022 से सितंबर 2023 तक के लिए सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी चुना गया है.
  • यह पहल आठ सदस्य देशों में लोगों से लोगों के बीच संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है. इसके तहत सदस्य देशों को बारी-बारी से मौका मिलेगा.
  • इस साल 15-16 सितंबर को उज्बेकिस्तान के समरकंद में होने वाले SCO के राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के बाद नई पहल लागू होगी.
  • इसके बाद भारत अध्यक्षता का पदभार संभालेगा और अगले राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.

क्या है SCO?

  • शंघाई सहयोग संगठन (SCO) आर्थिक, राजनीतिक और सुरक्षा गठबंधन है. चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उजबेकिस्तान सहित इसके 8 देश हैं. SCO का मुख्यालय बीजिंग में है. 9 जून 2017 को भारत और पाकिस्तान ने इसकी सदस्यता ली थी.
  • जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन और सबसे बड़ा उपभोक्ताओं वाला बाजार भी है. आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय शांति के लिए SCO के सदस्य देश काम करते हैं.
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मरम्मत का अधिकार के लिए निधि खत्री के नेतृत्व में एक समिति का गठन

सरकार, मरम्मत का अधिकार (Right to Repair) के लिए एक कानून लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने निधि खत्री के नेतृत्व में एक समिति गठित की है. इस समिति की पहली बैठक 13 जुलाई 2022 को हुई थी. इस कानून में उपभोक्ताओं को अपने खराब सामान को बनाने में मदद करेगा.

क्या है ‘राइट टू रिपेयर’?

‘राइट टू रिपेयर’ कानून के तहत कंपनी ग्राहकों के पुराने सामान को रिपेयर करने से मना नहीं कर सकती है. इस नए कानून के बाद अब कंपनियों को किसी सामान के नए पार्ट्स के साथ-साथ पुराने पार्ट्स भी रखने होगा. इसके साथ ही यह कंपनी की जिम्मेदारी होगी वह पुराने पार्ट्स को बदलकर आपके खराब सामान को ठीक करें.

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