केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय क्‍वांटम मिशन को मंजूरी दी

केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय क्‍वांटम मिशन (National Quantum Mission) को मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 अप्रैल को नई दिल्ली में एक बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया.

मुख्य बिन्दु

  • इस मिशन का उद्देश्य क्वांटम टेक्नोलॉजी पर आधारित आर्थिक उन्नति को बढ़ावा देना है. साथ ही, भारत को क्वांटम तकनीक और एप्लीकेशन की उपयोगिता के क्षेत्र में सबसे अग्रणी राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
  • इस मिशन को 2023-24 से सात वर्ष की अवधि के लिए छह हजार करोड रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है.
  • क्वांटम आधारित नेशनल मिशन को मंजूरी मिलने के बाद भारत सातवां ऐसा देश बन गया है जिसने क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए एक डेडिकेटेड मिशन शुरू किया है.
  • अमेरिका, चीन, फ्रांस, कनाडा, फिनलैंड और ऑस्ट्रिया पहले से ही क्वांटम तकनीक के क्षेत्र व इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.

क्या है राष्ट्रीय क्वांटम मिशन

  • इस मिशन के तहत आगामी आठ वर्षों में भारत का लक्ष्य इंटरमीडिएट स्केल क्वांटम कंप्यूटर को विकसित करना है. जिनकी फिजिकल क्षमता 50-1000 क्यूबिट्स की होगी और इनकी उपयोगिता बहुत सारे प्लेटफॉर्म पर की जाएगी. खास करके सुपरकंडक्टिंग और फोटोनीक टेक्नॉलजी के लिए.
  • भारत में पृथ्वी के स्टेशन से 2000 किलोमीटर के रेंज तक सैटेलाइट बेस्ड सेक्योर क्वांटम आधारित संचार किये जा सकेंगे. इसके अलावा लंबी दूरी के लिए दूसरे अन्य देशों के साथ भी संचार स्थापित किए जा सकेंगे.
  • इसके अलावा राष्ट्रीय क्वांटम कार्यक्रम के तहत संचार और नेविगेशन के लिए स्वदेशी मैग्नेटोमीटर, परमाणु घड़ियों, सिंगल फोटॉन आदि के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
  • राष्ट्रीय क्वांटम मिशन का संचार, स्वास्थ्य, वित्त, ऊर्जा, दवा डिजाइन और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों सहित कई उद्योगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

क्या है क्वांटम टेक्नोलॉजी?

क्वांटम प्रौद्योगिकी क्वांटम सिद्धांत पर आधारित होता है, जो परमाणु और उप-परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की प्रकृति की व्याख्या करती है. इसकी सहायता से डेटा और इंफॉर्मेशन को कम-से-कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है. यह महत्त्वपूर्ण क्षमता क्वांटम कंप्यूटरों को पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में बेहद शक्तिशाली बनाती है.

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चीन को पीछे छोड़ भारत विश्व की सबसे अधिक आबादी वाला देश बना

संयुक्त राष्ट्र (UN) के आंकड़ों अनुसार भारत ने दुनिया की सबसे अधिक आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र के वर्ल्ड पॉपुलेशन डैशबोर्ड के अनुसार 2023 मध्य तक के अनुमानों के अनुसार भारत की आबादी 1.4286 अरब हो गई है यह चीन की आबादी 1.4257 अरब से कुछ ज्यादा है.

मुख्य बिन्दु

  • दुनिया की लगभग 2.4% भूमि वाला देश भारत कुल वैश्विक आबादी के लगभग पांचवें हिस्से का घर है. भारत में अमेरिका, अफ्रीका या यूरोप की पूरी आबादी से अधिक लोग रहते हैं.
  • यूएन के आंकड़ों के अनुसार भारत में दुनिया की सबसे युवा आबादी भी रहती है. भारत की आधी आबादी 30 साल से कम लोगों की है जिनकी औसत उम्र 28 वर्ष है. अमेरिका और चीन की बात की जाए तो वहां की औसत उम्र 38 वर्ष है.
  • भारत से लगभग तीन गुना बड़े चीन की भी स्थिति लगभग ऐसी ही है. पर यहां गौर करने वाली बात यह है कि भारत की आबादी अपेक्षाकृत युवा और बढ़ रही है. वहीं चीन की आबादी में वृद्धों की संख्या अधिक है और यह घट रही है.
  • ये आंकड़े संयुक्त राष्ट्र के ताजा अनुमानों पर आधारित हैं. भारत में आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी. ऐसे तो हर 10 वर्ष के अंतराल पर देश में जनगणना की जाती है पर वर्ष 2021 में कोरोना संकट के कारण सरकार ने टालने का फैसला किया था.
  • भारत में 2022 में दो करोड़ 30 लाख बच्चों का जन्म हुआ. हालांकि भारत में जन्म दर (प्रति एक हजार की आबादी पर पैदा होने वाले बच्चों की संख्या) में 2004 के 24.1 की तुलना में गिरावट आई है और यह 2019 में 19.7 रह गया है.
  • 2022 में चीन में 1950 के बाद से सबसे कम केवल 95.6 लाख बच्चों का जन्म हुआ. जन्म से ज्यादा मौतें हुई इस कारण 1960 के बाद से चीन की आबादी में पहली बार गिरावट दर्ज की गई.
  • वहीं दूसरी ओर, भारत की आबादी में वर्ष 2060 के मध्य तक वृद्धि का अनुमान है, जबकि चीन में इस दौरान आबादी घटने का अनुमान है.

भारत में दुनिया की सबसे युवा आबादी वाला देश

आर्थिक विकास के मामले में भारत की युवा आबादी अहम रोल अदा कर सकती है, क्योंकि यहां कि दो तिहाई से अधिक आबादी काम करने की उम्र यानी 15 वर्ष से 64 वर्ष के बीच की है. ऐसे में भारत के पास वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन और उपभोग में वृद्धि लाने की असीम संभावना है.

देश की अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ती आबादी के मायने

  • लगातार बढ़ती आबादी भारत के लिए संभावनाओं के साथ-साथ चुनौतियों भी बढ़ा रही है. देश की अर्थव्यवस्था 2025-26 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की हो सकती है. हालांकि बढ़ती आबादी सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने की राह का रोड़ा भी बन सकता है.
  • देश की आबादी के बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. पहले ही भारत में गरीबी, भूख और कुपोषण जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है.
  • बढ़ती आबादी के साथ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था, बेहतर शिक्षा, बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरों व गांवों को अधिक सुविधाजनक बनाना सरकार के लिए और भी बड़ी चुनौती होगी.
  • बढ़ती आबादी के साथ देश के सामने जलवायु परिवर्तन, जल संकट, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं की बुरी स्थिति आदि कई समस्याएं मुंह बाए खड़ीं हैं.
  • बढ़ती आबादी का मतलब है और बड़ा बाजार. इससे अर्थव्यवस्था को फायदा हो सकता है. पर अगर हमने बढ़ती जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों की अनदेखी की तो हालात बुरी तरह बिगड़ भी सकते हैं.
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विदेश मंत्री की युगांडा और मोजांबिक की यात्रा

विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर डॉ. जयशंकर 10 से 15 अप्रैल तक युगांडा और मोजांबिक की यात्रा पर थे.

  1. इस यात्रा के दौरान उन्होंने मोजांबिक के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त आयोग की पांचवीं बैठक की सह अध्यक्षता की थी.
  2. उन्होंने युगांडा में भारतीय व्यापार समुदाय के साथ विचार-विमर्श किया. उन्होंने भारत और युगांडा के द्विपक्षीय संबंधों में योगदान के लिए व्यापारी समुदाय की सराहना की तथा दोनों देशों के विकास के लिए व्यापारिक संबंध और मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया.

निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान किया

निर्वाचन आयोग ने आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान किया है. साथ ही आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है. निर्वाचन आयोग ने 10 अप्रैल को राष्ट्रीय पार्टियों की नई लिस्ट जारी की थी.

मुख्य बिन्दु

  • आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता की पात्रता शर्तों को पूरा किया है.
  • गुजरात में राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता मिलने के बाद आम आदमी पार्टी चार राज्यों – दिल्ली, पंजाब, गोवा और गुजरात में मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय पार्टी बन गई है.
  • आयोग ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है.
  • आयोग ने मणिपुर, गोवा और मेघालय में राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को मिला राज्य स्‍तरीय पार्टी का दर्जा भी वापस ले लिया है.

राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा कैसे मिलता है?

  • राष्ट्रीय पार्टी के आहर्ता के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग नियम 1968 का पालन किया जाता है.
  • जिसके मुताबिक किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए चार या उससे ज़्यादा राज्यों में लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव लड़ना होता है.
  • इसके साथ ही इन चुनावों में उस पार्टी को कम से कम छह प्रतिशत वोट हासिल करने होते हैं. इसके अलावा उस पार्टी के कम से कम चार उम्मीदवार किसी राज्य या राज्यों से सांसद चुने जाएं. या, वह पार्टी कम से कम चार राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी होने का दर्जा हासिल कर ले. या, वह पार्टी लोकसभा की कुल सीटों में से कम से कम दो प्रतिशत सीटें जीत जाए. वह जीते हुए उम्मीदवार तीन राज्यों से होने चाहिए.

राष्ट्रीय पार्टी को मिलने वाले मुख्य लाभ

  • राष्ट्रीय पार्टी को पूरे देश में एक चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने का मौका मिलता है. वह चुनाव चिह्न किसी भी दूसरे दल को नहीं दिया जाता.
  • चुनाव के वक़्त राष्ट्रीय पार्टियों को पब्लिक ब्रॉडकास्टर यानी दूरदर्शन के टीवी चैनल पर मुफ्त में चुनाव प्रचार करने का समय दिया जाता है.
  • इसके साथ ही राष्ट्रीय पार्टियों को सरकार की तरफ से दफ़्तर बनाने के लिए जमीन मुहैया करवाई जाती है.
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भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘SLINEX-23’ कोलंबो में आयोजित किया गया

भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास ‘SLINEX-23’ का 10वां संस्करण 03 से 08 अप्रैल 2023 तक कोलंबो में आयोजित किया गया था. इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के युद्धपोत और हेलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया.

मुख्य बिन्दु

  • यह अभ्यास दो चरणों – 3-5 अप्रैल 2023 तक बंदरगाह चरण और उसके बाद 6-8 अप्रैल 2023 तक समुद्री चरण में आयोजित किया गया था.
  • श्रीलंका-भारत के बीच SLINEX का 9वां संस्करण मार्च, 2022 में विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था.
  • इस द्विपक्षीय अभ्यास में श्रीलंका नौसेना का प्रतिनिधित्व SLNS Gajabahu और SLNS Sagara ने किया. भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व INS Kiltan, स्वदेशी Kamorta वर्ग ASW corvette और अपतटीय गश्ती पोत INS Savitri ने किया.
  • इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच बहुआयामी समुद्री संचालन के लिए अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना, आपसी समझ में सुधार और सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है.
  • पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति और ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास’ के तहत आपसी सहयोग को मजबूत करने का दायरा बढ़ा है.
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द्रौपदी मुर्मू नेलडाकू विमान में उडान भरने वाली चौथी राष्‍ट्रपति बनी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल को असम के तेजपुर वायुसेना अड्डे से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थीं. भारतीय राष्ट्रपति तीनों सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर हैं.

मुख्य बिन्दु

  • यह किसी लड़ाकू विमान की उनकी पहली उड़ान थी. मुर्मू पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल के बाद किसी लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाली तीसरी भारतीय राष्ट्रपति हैं. हालांकि, उनके पूर्ववर्तियों ने पुणे वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी.
  • राष्ट्रपति मुर्मू वह असम की तीन दिन की यात्रा पर थीं. असम के तेजपुर वायुसेना अड्डे से उनके साथ ग्रुप कैप्टन नवीन कुमार तिवारी ने सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी.
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6 अप्रैल को भारतीय अंतरिक्ष नीति (Indian Space Policy) 2023 को मंजूरी दी. नीति का उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग की भूमिका को बढ़ाकर और अनुसंधान, शिक्षा, स्टार्टअप और उद्योग से भागीदारी को प्रोत्साहित करके अंतरिक्ष क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देना है.

मुख्य बिन्दु

  • यह नीति भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और निजी क्षेत्र के संस्थाओं की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को निर्धारित करती है.
  • इसरो के मिशनों के परिचालन भाग को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. NSIL अंतरिक्ष विभाग के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर निजी भागीदारी के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोले जाने की शुरुआत के तीन वर्षों के भीतर इसरो में स्टार्टअप्स की संख्या 150 तक पहुंच गई है.
  • इसरो (ISRO): एक दृष्टि
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भारत की अंतरिक्ष एजेंसी है. इसका गठन 15 अगस्त 1969 को किया गया था.
  • इसरो का मुख्य उद्देश्य विभिन्न राष्ट्रीय आवश्यकताओं के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास और अनुप्रयोग है.
  • इसरो का मुख्यालय बेंगलूरु में स्थित है तथा इसकी गतिविधियाँ विभिन्न केंद्रों और इकाइयों में फैली हुई हैं.
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प्रधानमंत्री मोदी  दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में शीर्ष पर

प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी एक बार फिर से दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए हैं. मॉर्निंग कंसल्ट (Morning Consult) की वेबसाइट पर जारी सूची में पीएम मोदी 78 फीसदी ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग के साथ शीर्ष पर हैं.

मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी को दुनिया भर में वयस्कों के बीच सबसे ज्यादा रेटिंग मिली है. सर्वे के मुताबिक साल 2021 के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता और भी बढ़ गई है.
  • इस सूची में दूसरा स्थान मेक्सिको के राष्ट्रपति  एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर को मिला है जिन्हें 68 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है. जबकि तीसरे स्थान पर स्विटजरलैंड के राष्ट्रपति अलैन बेरसेट हैं जिन्हें 62 फीसदी अप्रूवल रेटिंग मिली है.
  • सूची में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज को 58 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ चौथा और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को 50 फीसदी रेटिंग के साथ पांचवां स्थान मिला है.
  • इस सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को 40 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ सातवां स्थान मिला है. वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को इस सूची में 30 फीसदी अप्रूवल रेटिंग के साथ 13वां स्थान प्राप्त हुआ है.
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इसरो ने प्रक्षेपण यान की स्वतः लैंडिंग का मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दोबारा उपयोग में लाए जा सकने वाले प्रक्षेपण यान की स्वतः लैंडिंग मिशन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.

मुख्य बिन्दु

  • यह परीक्षण 2 अप्रैल को कर्नाटक में चित्रदुर्ग के परीक्षण रेंज में RLV LEX प्रक्षेपण यान के माध्यम से किया गया.
  • परीक्षण के दौरान वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने प्रक्षेपण-यान को साढ़े चार किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाकर छोड़ दिया. वहां से प्रक्षेपण यान ने 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाई पट्टी पर स्‍वतः लैंडिंग की. इस दौरान वह सभी दस मानदंडों पर ख़रा उतरा.
  • प्रक्षेपण यान की स्वायत्त लैंडिंग (LEX) की स्थितियों को बिलकुल उस तरह डिजाइन किया गया था, जिस तरह अंतरिक्ष से पृथ्वी की कक्षा में लौटने वाले यान की स्थितियां होती हैं.
  • इस तकनीक को हासिल करने के साथ भारत बार-बार इस्तेमाल हो सकने वाला प्रक्षेपण यान (RLV) बनाने के करीब पहुंच गया है. खास बात यह है कि भारत का यह मिशन पूरी तरह स्वदेशी है.
  • हवाई पट्टी पर विमान की तरह प्रक्षेपण यान उतारने की तकनीक हासिल करने वाला भारत दुनिया का छठा देश बन गया है. अभी यह तकनीक अमेरिका, रूस, चीन, स्पेन और न्यूजीलैंड के पास है.
  • RLV को भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) व वायुसेना (IAF) की मदद से बनाया गया है.
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देश की प्रथम क्लोन गिर गाय ‘गंगा’ का जन्म, NDRI करनाल के प्रयासों से मिली सफलता

भारतीय वैज्ञानिकों ने पहली बार स्वदेशी गिर गाय के क्लोन के बछड़े को पैदा करने में सफलता हासिल की है. इस बछिया का जन्म 16 मार्च को हुआ था लेकिन 10 दिनों तक उसके स्वास्थ्य को जांचने के बाद 26 मार्च को इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक की गई थी.

मुख्य बिन्दु

  • यह सफलता राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) करनाल के प्रयासों से मिली है. इसे जलवायु परिवर्तन के बीच पशु और दुग्ध उत्पादन में क्रांति माना जा रहा है.
  • NDRI के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने इस क्लोन बछिया का नाम ‘गंगा’ रखा गया है. इसका वजन 32 किलोग्राम है और वह बिल्कुल स्वस्थ है.
  • NDRI करनाल ने 2009 में भैंस की क्लोन ‘गरिमा’ तैयार की थी. जलवायु परिवर्तन के बीच ऐसी प्रजातियों की जरूरत महसूस हुई जो गर्मी और ठंड को सहन करे और दुग्ध उत्पादन में सहायक हो.
  • NDRI की इस क्लोनिंग तकनीक से उच्च गुणवत्ता वाली नस्लों पैदा करने में सफलता मिलेगी. दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, खासकर बुल (साड़ों) की कमी दूर होगी.
  • 2021 में उत्तराखंड लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड देहरादून के सहयोग से NDRI करनाल के पूर्व निदेशक डॉ. एमएस चौहान के नेतृत्व में गिर, साहीवाल और रेड-सिंधी गायों की क्लोनिंग का काम शुरू किया गया था.
  • स्वदेशी गिर गाय की नस्ल मूलतः गुजरात में है. गिर गाय अधिक सहनशील होती है, जो अधिक तापमान और ठंड सहन कर लेती है. यह विभिन्न ऊष्ण कटिबंध के प्रति भी रोग प्रतिरोधक है.

क्लोनिंग तकनीक

  • गिर किस्म की क्लोनिंग में साहीवाल किस्म की गाय से अंडा लिया गया, गिर किस्म का सेल (डीएनए) लिया और परखनली में भ्रूण तैयार करके फिर संकर प्रजाति की गाय में रोपित किया गया.
  • आठ दिन के इन विट्रो-कल्चर के बाद विकसित भ्रूण (ब्लास्टोसिस्ट) को किसी भी गाय में स्थानांतरित किया गया. इसके नौ महीने बाद क्लोन बछड़ी (या बछड़ा) होता है.
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देश की रक्षा क्षमताओं को बढाने के लिए तीन अनुबंधों पर हस्ताक्षर

रक्षा मंत्रालय ने देश की रक्षा क्षमताओं को बढाने के लिए करीब 5.4 हजार करोड रुपये के तीन अनुबंधों पर हस्‍ताक्षर किए हैं.

मुख्य बिन्दु

  • पहला अनुबंध भारत इलेक्‍ट्रोनिक्‍स लिमिटेड के साथ किया गया है. यह अनुबंध भारतीय सेना के लिए ऑटोमेटेड हवाई रक्षा नियंत्रण और रिर्पोटिंग प्रणाली परियोजना ‘आकाशतीर’ की खरीद से जुडा है.
  • भारत इलेक्‍ट्रोनिक्‍स लिमिटेड के साथ किया गया दूसरा अनुबंध नौसेना के लिए सारंग इलेक्‍ट्रोनिक्‍स सहयोग प्रणाली की खरीद से जुडा है.
  • न्‍यू स्‍पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के साथ तीसरा अनुबंध उन्नत संचार उपग्रह जी-सैट 7-बी की खरीद से संबंधित है. इस उपग्रह से सेना की संचार क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

भारतीय सेना के लिए उन्नत आकाश हथियार प्रणाली की खरीद

  • रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए उन्नत आकाश हथियार प्रणाली तथा हथियारों का पता लगाने के लिए 12 स्वाति रडार की खरीद के लिए हस्ताक्षर किए हैं. इनकी लागत 9100 करोड़ रुपये से अधिक है.
  • उन्नत आकाश हथियार प्रणाली की खरीद के लिए भारत डायनामिक्स लिमिटेड के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं. कम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल हवाई रक्षा प्रणाली है.
  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेश निर्मित इस प्रणाली का डिज़ाइन और विकास किया है.

ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी अनुबंध

  • रक्षा मंत्रालय ने अगली पीढ़ी के तटीय मोबाइल ब्रह्मोस मिसाइल की खरीद के लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ भी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. इसकी लागत 1700 करोड़ रुपये से अधिक है.
  • यह प्रणाली 2027 से मिलनी शुरू हो जाएगी. प्रणाली सुपर सोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस होंगी और भारतीय नौसेना की क्षमता में वृद्धि करेगी.
  • ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है. इसका उद्देश्य नई पीढ़ी की सक्षम मिसाइल का विनिर्माण करना है.
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भारत ने LVM3-M3 रॉकेट द्वारा वन वेब इंडिया-टू मिशन के 36 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 26 मार्च को एक साथ 36 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था. यह प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से LVM3-M3 रॉकेट (प्रक्षेपण यान) से किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • LVM3-M3, इसरो द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक रॉकेट है. 43.5 मीटर लंबा LVM3 इसरो का सबसे भारी भरकम प्रक्षेपण यान है जो अब तक पांच सफल उड़ानें पूरी कर चुका है जिसमें चंद्रयान-2 मिशन भी शामिल है.
  • इस रॉकेट के माध्यम से ब्रिटेन की एक कंपनी के 36 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया. जिन उपग्रहों को लेकर LVM3 ने उड़ान भरी उनका कुल वजन 5 हजार 805 टन है. इस मिशन को LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया था.
  • दरअसल ब्रिटेन की वनवेब ग्रुप कंपनी ने इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड से 72 उपग्रह लॉन्च करने का करार किया था. इसमें अक्टूबर 2022 में 23 उपग्रह इसरो पहले ही ल़ॉन्च कर चुका है.
  • वनवेब उपग्रहों का उद्देश्य दुनियाभर में ब्रॉडबैंड सम्‍पर्क प्रदान करना है. ये प्रक्षेपण अगर कामयाब रहती है तो वनवेब इंडिया-2 स्पेस में 600 से ज्यादा लोअर अर्थ ऑर्बिट सेटेलाइट्स के कान्स्टलेशन को पूरा कर लेगी. साथ ही इससे दुनिया के हर हिस्से में स्पेस आधार ब्रॉडबैंड इंटरनेट योजना में मदद मिलेगी.
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