जापान में चेरी ब्लॉसम मौसम समय से पहले खत्म हुआ

हर साल बसंत के मौसम में जापान की जमीन खूबसूरत गुलाबी चेरी ब्लॉसम (Cherry Blossom) के फूलों से ढकी रहती है. इस साल यह मौसम पहले के मुकाबले जल्दी आ गया है और जल्दी ही खत्म भी हो गया.

चेरी ब्लॉसम का इतना जल्दी खिलाना अपने आप में एक रेकॉर्ड है. वैज्ञानिकों के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम पर यह असर पड़ा है. जापान में इतने पहले चेरी ब्लॉसम 1,200 साल से पहले हुआ था.

चेरी ब्लॉसम की पीक की तारिख मौसम और बारिश जैसी चीजों पर निर्भर करता है. लेकिन ट्रेंड से पता चलता है कि यह पहले होता जा रहा है. इस साल क्योटो में इसका पीक 26 मार्च को और राजधानी टोक्यो में 22 मार्च को आया. क्योटो में पीक सदियों से अप्रैल के मध्य में रहा है.

चेरी ब्लॉसम क्या है?

चेरी ब्लॉसम एक फूल है. जापान में इसे ‘सकूरा’ (Sakura) कहा जाता है. पर्यटक चेरी ब्लॉसम को देखने दूर-दूर से आते हैं. चेरी ब्लॉसम के मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्ध में समशीतोष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं. इसमें जापान, भारत, नेपाल, पाकिस्तान, चीन, कोरिया, अमेरिका, ब्रिटेन, इंडोनेशिया आदि शामिल हैं.

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बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती: प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26-27 मार्च को बांग्लादेश की यात्रा की थी. कोरोना काल शुरू होने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी. बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना के आमंत्रण पर वे वहां गये थे. उन्हें बांग्लादेश की आजादी के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.

शेख मुजीबुररहमान को गांधी शांति पुरस्कार

प्रधानमंत्री मोदी ने ढाका में बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया. यहां उन्होंने शेख मुजीबुर रहमान को साल 2020 के गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया. रहमान की छोटी बेटी और मौजूदा प्रधानमंत्री शेख रेहाना ने यह पुरस्कार ग्रहण किया.

भारत और बांग्लादेश के बीच 5 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मार्च को अपनी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और परस्पर हितों के व्यापक मुद्दों पर चर्चा की.

भारत और बांग्लादेश ने आपदा प्रबंधन, खेल और युवा मामलों, व्यापार, प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किए.

इस दौरान रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र (Rooppur Nuclear Power Plant) से बिजली की निकासी सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे की आधारशिला रखी गयी. बंगबंधु-बापू डिजिटल प्रदर्शनी (Banagabandhu-Bapu Digital Exhibition) के बांग्लादेश संस्करण का उद्घाटन भी किया गया.

तीस्ता मुद्दे पर हुई चर्चा

दोनों देशों के बीच तीस्ता मुद्दे पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने समझौते को पूरा करने के लिए भारत के प्रयासों और प्रतिबद्धता को दोहराया. भारतीय पक्ष ने फेनी नदी के पानी के बंटवारे के मसौदे को जल्द अंतिम रूप देने के लिए भी अनुरोध किया.

भारत और बांग्लादेश 6 दिसंबर को ‘मैत्री दिवस’ मनाएंगे

प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 6 दिसंबर को ‘मैत्री दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ की सराहना की. दोनों देशों ने एक दूसरे को अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का भरोसा दिया.

बांग्लादेश यात्रा के मुख्य बिंदु

  • ढाका एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी की आगवानी में प्रधानमंत्री शेख हसीना खुद मौजूद थीं. यहां उनको ढाका में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
  • 26 मार्च को उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस समारोह व बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती के अवसर पर आयोजित समारोह में हिस्सा लिया.
  • उन्होंने ढाका के सावर में राष्ट्रीय शहीद स्मारक का दौरा कर यहां पौधारोपण किया. इसके बाद वह ढाका के एक होटल पहुंचे, जहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका स्वागत किया. वह दाउदी बोहरा समुदाय से भी वह मिले.
  • प्रधानमंत्री मोदी 27 मार्च को जशोरेश्वरी काली मंदिर और ओराकंडी भी गये. यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. पिछली बार जब प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में बांग्लादेश की यात्रा की थी, तब वह राष्ट्रीय राजधानी में ढाकेश्वरी मंदिर गए थे.
  • प्रधानमंत्री मोदी गोपालगंज के ओराकंडी गये. यहां वह मतुआ समुदाय (Matua Community) के सबसे बड़े तीर्थ स्थल ठाकुरबाड़ी के दर्शन किये. उन्होंने मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश के आशुगंज में सैन्य मेमोरियल बनाए जाने के फैसले के लिए बांग्लादेश सरकार का धन्यवाद किया. यह मेमोरियल 1971 के युद्ध में भारतीय सेना के बलिदान को देखते हुए उनकी याद में बनाया जायेगा.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने शेख हसीना को दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की गोल्डन जुबली वर्षगांठ पर साल 2022 में भारत दौरे के लिए आमंत्रित किया.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लिए रवाना होने से पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद (Abdul Hamid) से मुलाकात की.

बांग्लादेश ने अपनी स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती मनाई

बांग्लादेश ने 26 मार्च को अपनी स्वतंत्रता के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रीय दिवस की स्वर्ण जयंती मनाई. इसका मुख्य समारोह राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के जन्म शताब्दी के भव्य उत्सव के साथ मनाया गया.

26 मार्च 1971 को, बांग्लादेश को शेख मुजीबुर्रहमान द्वारा एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में घोषित किया गया था. उन्होंने बांग्लादेश मुक्ति युद्ध का नेतृत्व किया था, जब भारतीय समर्थन के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश मुक्ति बलों के बीच युद्ध हुआ.

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चीन ने ब्रिटेन के 9 नागरिकों व चार संस्थानों पर प्रतिबंध लगाया

चीन ने हाल में ही में कई ब्रिटिश राजनेताओं और संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे पहले ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ और अन्य देशों के साथ मिलकर कई चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था. ब्रिटेन ने यह प्रतिवंध चीन के शिनजियांग (Xinjiang) में उइगर मुसलमानों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप में लगाया है. ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमनिक रॉब ने चीन में मानवाधिकार हनन को लेकर प्रतिबंध की घोषणा की थी.

चीन ने जिन ब्रिटिश राजनेताओं और संस्थानों पर पाबंदी लगाई है उनमें ब्रिटेन के पूर्व कंजर्वेटिव पार्टी के नेता इयान डंकन स्मिथ और विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष टॉम तुगेंदत, पाकिस्तानी मूल के नुसरत गनी और टिम लॉटन के अलावा हाउस ऑफ लार्ड्स के चेयरमैन बैरोनेस कैनेडी तथा लॉर्ड एल्टन आदि शामिल हैं.

चीन ने रिसर्च ग्रुप ऑफ एमपी और एसेक्स कोर्ट चैंबर्स समेत चार संगठनों को भी प्रतिबंधों की सूची में शामिल किया है. इन संगठनों ने शिनजियांग में चीनी कार्यों को नरसंहार के रूप में वर्णित किया था. इन प्रतिवंधों के बाद चीन में अब इन राजनयिकों और संगठनों की संपत्ति जब्त करने के साथ कई कार्रवाई की जाएगी.

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ऑस्ट्रेलिया ने म्यांमार के साथ रक्षा सहयोग निलंबित किया

ऑस्ट्रेलिया ने म्यांमार के साथ रक्षा सहयोग निलंबित करने और मानवीय सहायता नहीं देने का निर्णय लिया है. यह निर्णय म्यांमार में हुए सैन्य तख्तापलट और यहां ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को हिरासत में रखे जाने के कारण लिया गया है.

म्यांमार की सैन्य सरकार ने आर्थिक नीति सलाहकार शॉन टर्नेल को फरवरी 2021 में तख्तापलट के बाद हिरासत में ले लिया था. टर्नेल, आंग सान सू ची की सरकार में सलाहकार का पद संभालने के लिए ऑस्ट्रेलिया से यहां आए थे लेकिन कुछ ही हफ्तों में उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मराइज पेन ने म्यांमार के साथ रक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम निलंबित करने की घोषणा 7 मार्च को की. इसमें पांच वर्ष के भीतर करीब 15 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (1.2 मिलियन डॉलर) का खर्च आना था. यह कार्यक्रम गैर युद्धक क्षेत्रों में प्रशिक्षण तक सीमित था.

पेन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की ओर से म्यांमार को मिलने वाली मानवीय सहायता म्यांमार सरकार और सरकारी संस्थानों को न देकर वहां के सर्वाधिक संवेदनशील और गरीब लोगों की जरूरतों को पूरा करने पर खर्च की जाएगी. इन लोगों में रोहिंग्या समुदाय और अन्य जातीय अल्पसंख्यक लोग भी शामिल है.

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UAE ने पहली बार इस्राइल में अपने राजदूत की नियुक्ति की

संयुक्त अरब अमारात (UAE) ने पहली बार इस्राइल में अपने राजदूत की नियुक्ति की है. UAE के दूत मोहम्मद अल खाजा ने 1 मार्च को यरुशलम में इस्राइल के राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन को अपनी नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज सौंपे.

दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में 2020 में हुए ऐतिहासिक अब्राहम समझौते के तहत, इस्राइल में औपचारिक रूप से UAE के पहले राजदूत की नियुक्ति हुई है. UAE पहला देश है, जिसने इस समझौते के तहत इस्राइल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमति दी थी.

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आर्कटिक की जलवायु की निगरानी के लिए रूस ने Arktika-M उपग्रह का प्रक्षेपण किया

रूस ने आर्कटिक की जलवायु और पर्यावरण की निगरानी के लिए अपना पहला उपग्रह ‘अर्कटिका-एम’ (Arktika-M) का सफल प्रक्षेपण किया है. यह प्रक्षेपण 28 फरवरी को रुसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस (Roscosmos) ने ‘Soyuz-2,1B’ अन्तरिक्ष यान (carrier rocket) के माध्यम से किया गया.

अर्कटिका-एम एक रिमोट सेंसिंग आपातकालीन संचार उपग्रह है. इस उपग्रह के द्वारा आर्कटिक क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन का बेहतर अध्ययन किया जा सकेगा. यह उपग्रह पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव और आसपास के क्षेत्रों की छवियों को हर 15-30 मिनट में प्रसारित करेगा.

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अमेरिका ने Covid-19 की रोकथाम के लिए जॉनसन एण्‍ड जॉनसन निर्मित वैक्सीन को मंजूरी दी

अमेरिका ने Covid-19 की रोकथाम के लिए एक नई वैक्सीन के मंजूरी दी है. यह मंजूरी अमेरिका में खाद्य पदार्थों और औषधियों का विनियमन करने वाली एजेंसी ‘फूड एण्‍ड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन’ (FDF) ने 28 फरवरी को दी. इस वैक्सीन का निर्माण अमेरिकी कम्‍पनी जॉनसन एण्‍ड जॉनसन (Johnson & Johnson) ने किया है. जॉनसन की कोरोना वैक्सीन को अमेरिका में 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को लगाने की ही अनुमति दी गयी है.

एक डोज वाली वैक्सीन

  • यह एक डोज वाली वैक्सीन है, यानि इस वैक्सीन का सिर्फ एक डोज दिया जाना है. यह वैक्सीन पहली ही डोज के बाद अपना असर दिखाना शुरू कर देती है. फूड एण्‍ड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन’ (FDF) ने इस वैक्सीन को तीसरी वैक्सीन के रूप में लगाने की अनुमति दी है.
  • इससे पहले आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) ने दो डोज वाली मोडर्ना और फाइजर की वैक्सीन को पिछले साल दिसंबर में मंजूरी दी थी. दोनों वैक्सीन में दो सप्ताह के भीतर दो शॉट्स की आवश्यकता होती है.
  • जॉनसन की वैक्सीन’ फाइजर और मॉडर्ना का किफायती विकल्‍प है और इसे फ्रीजर की बजाय रेफ्रिजरेटर में ही सुरक्षित रखा जा सकता है.
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FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक हाल ही में आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्यक्षता जर्मनी ने की थी. बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में बरकरार रखने का निर्णय लिया.

इस निर्णय के बाद, अब पाकिस्तान को जून 2021 में होने वाली FATF की अगली बैठक तक इस सूची में ही रहना होगा. उल्लेखनीय है कि छह बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में रखे गये देशों को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होती है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी (अध्यक्ष: Dr. Marcus Pleyer)

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नासा का पांचवां रोवर परसिवेअरेंस सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की सतह पर उतरा

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) का पांचवां रोवर ‘परसिवेअरेंस’ (Perseverance) सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की सतह पर उतर गया है. यह रोवर धरती से 47.2 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर मंगल ग्रह की सतह पर 19 फरवरी को उतरा. छह पहियों वाला ये रोवर अगले दो साल तक मंगल की सतह पर मौजूद चट्टानों का परीक्षण कर जीवन के प्रमाणों की तलाश करेगा.

‘परसिवेअरेंस’ नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है. इस रोवर की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद अमेरिका मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा रोवर भेजने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह 9वां मंगल अभियान है.

रोवर परसिवेअरेंस (Perseverance): एक दृष्टि

  • एक टन भार वाला यह रोवर, सात फीट लंबी रोबोटिक आर्म से लैस है. वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए इसमें 19 कैमरे, दो माइक्रोफोन और अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं. इसमें लेजर स्पेक्ट्रोमीटर भी है, जिससे ऊर्जा के विभिन्न तरंगों का उपयोग करके चट्टानों की जांच की जा सकेगी.
  • ये रोवर करीब 30 चट्टानों और मिट्टी के नमूने इकट्ठा करके 2030 के दशक में किसी समय प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए पृथ्वी पर भेजेगा.
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रूस ने जर्मनी, पोलैंड और स्‍वीडन के राजनयिकों को निष्‍कासित किया

रूस ने जर्मनी, पोलैंड और स्‍वीडन के राजनयिकों को निष्‍कासित कर दिया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने जर्मनी, पोलैंड और स्‍वीडन के दूतावासों में अपना औपचारिक विरोध भी दर्ज कराया है.

एलेक्‍सी नवेलनी की रिहाई की मांग के लिए प्रदर्शन

जर्मनी, पोलैंड और स्‍वीडन के राजनयिकों ने एलेक्‍सी नवेलनी की रिहाई की मांग के लिए आयोजित प्रदर्शनों में भाग लिया था. एलेक्‍सी नवेलनी रुसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के सबसे बड़े आलोचक रहे हैं. दुनियाभर के नेताओं ने नवेलनी को मास्‍को की एक अदालत में सुनाई गई सजा की निंदा करते हुए उसकी रिहाई की मांग की है.

इन प्रतिनिधियों ने कथित रूप से उन सार्वजनिक प्रदर्शनों में भाग लिया था जिनके कारण रूस में पिछले दो सप्‍ताह के दौरान हजारों लोग सड़कों पर उतर आये थे.

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म्‍यामांर में सेना ने तख्‍तापलट कर सत्‍ता पर कब्‍जा किया

म्‍यामांर में हाल ही में सेना ने सत्‍ता पर कब्‍जा कर लिया है. सेना के कमांडर-इन-चीफ मिन आंग ह्लाइंग ने तख्‍तापलटने के बाद एक साल के आपातकाल की घोषणा कर दी. तख्‍तापलट के बाद सेना ने देश की वरिष्‍ठ नेता आंग सान सू ची, राष्ट्रपति यू विन मिंत सहित सत्‍ताधारी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के कई अन्‍य नेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों को हिरासत में ले लिया. इस बीच, सेना ने 11 सदस्‍यीय नये मंत्रिमंडल की घोषणा की है.

घटनाक्रम: एक दृष्टि

  • म्यांमार की सेना ने नवंबर 2020 में हुए चुनाव में भरी गड़बड़ी होने की आशंका जताई थी. जिसमें सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को भरी बहुमत मिला था.
  • उल्लेखनीय हैं कि म्यांमार में1962 से 2011 तक सैन्य शासन रहा है. 2010 में म्यांमार में आम चुनाव के बाद म्यांमार में ‘लोकतांत्रिक सरकार’ बानी थी.
  • भारत, ऑस्‍ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने म्‍यांमार में सैन्‍य तख्‍तापलट पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
  • अमरीका ने म्‍यांमा में सेना के सत्‍ता पर कब्‍जा करने और आंग सांग सू की समेत कई नेताओं को हिरासत में लिये जाने के बाद म्यांमार के खिलाफ प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की चेतावनी दी है.
  • म्यांमा में सैन्य कार्रवाई पर विश्‍व की तीव्र प्रतिक्रिया को देखते हुए आज संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गयी है.
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जो बाइडेन ने अमेरिका के राष्‍ट्रपति और कमला हैरिस ने उप-राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ ली

अमरीका के नव निर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने 20 जनवरी को देश के 46वें राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह कैपिटल बिल्डिंग में आयोजित किया गया था. 78 वर्षीय बाइडेन ने अपनी 127 वर्ष पुरानी परिवारिक बाइबल के साथ शपथ ग्रहण किये. इस अवसर पर उनकी पत्‍नी डॉक्‍टर जिल बाइडेन भी मौजूद थीं. चुनाव में डेमोकेटिक पार्टी के उम्मीदवार बाइडेन ने मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप को पराजित किया था.

78 वर्षीय बाइडेन अमेरिकी इतिहास में सबसे ज्यादा उम्र में राष्ट्रपति बने हैं. इससे पहले वे 2009 से 2017 तक 47वें उपराष्ट्रपति रह चुके हैं.

कमला हैरिस ने अमरीका की 49वें उप-राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ ली

शपथ ग्रहण समारोह में सुश्री कमला हैरिस ने अमरीका की 49वें उप-राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस सोनिया सोटोमेयर ने हैरिस को शपथ दिलाई। वे अमरीका की पहली महिला उप-राष्‍ट्रपति हैं। इस पद को ग्रहण करने वाली वे दक्षिण एशिया मूल की भी पहली और पहली ही अश्‍वेत महिला भी होंगी। कमला हैरिस ने माइक पेंस की जगह ली है.

कमला हैरिस भारतीय मूल की पहली अमरीकी सीनेटर रह चुकी हैं. वह ‘फीमेल ओबामा’ के रूप में मशहूर हैं. कैलिफोर्निया के ओकलैंड में जन्मीं कमला भारत की रहने वाली श्यामला गोपालन और जमैका मूल के अमरीकी नागरिक डोनाल्ड हैरिस की संतान हैं. कमला की मां श्यामला गोपालन 1960 में चेन्नई से अमरीका प्रवास कर गई थीं. श्यामला गोपालन भारत की एक कैंसर शोधकर्ता और ऐक्टिविस्ट थीं.

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