7 दिसम्बर: सशस्त्र सेना झंडा दिवस

प्रत्येक वर्ष 7 दिसम्बर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस (Armed Forces Flag Day) मनाया जाता है. झंडा दिवस का उद्देश्य देश वासियों द्वारा सेना के प्रति सम्मान प्रकट करना है. 1949 से ही हर साल सात दिसम्बर को देश की रक्षा के लिए शहीद होने वाले जवानों को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.

इस दिन सशस्‍त्र बल कर्मियों के कल्‍याण के लिए लोगों से धन जुटाया जाता है. इस दिन झंडे की खरीद से इकट्ठा हुए धन को शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च किया जाता है. इस धन के लिए भारत सरकार द्वारा सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (Armed forces Flag Day Fund) बनाया गया है. रक्षा मंत्रालय के तहत संचालित केंद्रीय सैनिक बोर्ड धन एकत्र करता है.

1949 में बलदेव सिंह समिति ने झंडा दिवस कोष की स्थापना की थी. 1993 में, भारत के रक्षा मंत्रालय ने संबंधित कल्याण कोष को सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में समेकित किया.

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7 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस

प्रत्येक वर्ष 7 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस (International Civil Aviation Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य राज्यों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन के महत्व के बारे में दुनिया भर में जागरूकता पैदा करना है.

इस वर्ष यानी 2022 में नागरिक विमानन दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘वैश्विक उड्डयन विकास के लिए नवाचार को आगे बढ़ाना’ (Advancing Innovation for Global Aviation Development) है. वर्ष 2019 से यह दिवस इसी थीम पर मनाया जा रहा है. यह थीम 2023 तक रहेगा.

ICAO (The International Civil Aviation Organization) ने 1994 में इस दिवस को मनाने की पहल की थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में, 7 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र प्रणाली में अन्तर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस के रूप में आधिकारिक तौर पर मान्यता दी.

विमानन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • दुनिया की सबसे पुरानी एयरलाइन KLM (Koninklijke Luchtvaart Maatschappij) है. इसकी स्थापना 1919 में हुई थी और इसकी पहली उड़ान एम्स्टर्डम और लंदन के बीच 17 मई, 1920 को हुई थी.
  • भारत की सबसे पुरानी एयरलाइन ‘टाटा एयरलाइंस’ है जिसे 1932 में जेआरडी टाटा द्वारा स्थापित किया गया था. 1946 में यह एयर इंडिया (Air India) बन गई.
  • एयरलाइन की उड़ान के दौरान पायलट और सह-पायलट एक ही भोजन नहीं करते हैं क्योंकि अगर एक भोजन विषाक्तता से ग्रस्त है, तो दूसरा विमान को उड़ा सकता है.
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6 दिसंबर 2022: महापरिनिर्वाण दिवस, डॉ भीमराव अम्बेडकर की 66वीं पुण्यतिथि





6 दिसम्बर 2022 को भारतीय संविधान के निर्माता और भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की 66वीं पुण्यतिथि थी. वर्ष 1956 में इसी दिन डॉ अम्बेडकर का निधन हुआ था.

उनकी पुण्यतिथि को प्रतिवर्ष ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ (Mahaparinirvan Diwas) के रुप में मनाया जाता है और बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी जाती है. 1990 में बाबा साहेब आम्‍बेडकर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था.

डॉक्टर आम्‍बेडकर न्यायवादी, अर्थशास्त्री, राजनेता और समाज सुधारक थे. उन्होंने दलितों, महिलाओं और श्रमिकों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया. भारत के स्वतंत्र होने के बाद नई सरकार में वह कानून एवं न्याय मंत्री बनाये गये थे. उन्हें संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था.

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5 दिसंबर: विश्व मृदा दिवस, थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 5 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है.

इस वर्ष यानी 2022 के विश्व मृदा दिवस का मुख्य विषय (Theme) ‘मिट्टी, जहां भोजन शुरू होता है’ (Soils, where food begins) है.

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने प्रति वर्ष 5 दिसंबर को ‘विश्व मिट्टी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला 20 दिसंबर 2013 को किया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2015 को ‘अन्तर्राष्ट्रीय मृदा वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी.

थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के जन्मदिन पर मनाया जाता है

थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज (Bhumibol Adulyadej) के जन्मदिन को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है. भूमिबोल 70 सालों तक थाइलैंड के राजा रहे थे. इस दौरान वह अपने क्षेत्र के हर गरीब से लेकर हर किसान की जिंदगी को सुझारने और खेती को नए आयाम देने के लिए 4 हजार प्रॉजेक्ट्स की शुरुआत की थी. इन सभी योजनाओं का मुख्य केंद्र मिट्टी ही थी. उन्होंने मिट्टी की समस्या पर ‘Sufficiency Economy Philosphy’ नाम की किताब भी लिखी थी.

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5 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस

प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस (International Volunteer Day) मनाया जाता है. यह दिवस स्थानीय, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सभी स्तरों पर परिवर्तन करने में लोगों की भागीदारी के सम्मान के रूप में मनाया जाता है.

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर स्वयंसेवकों की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करना है. ऐसे में दुनिया के सभी देशों को स्वयंसेवकों के योगदान के बारे में याद दिलाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2022 के अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘स्वेच्छा से एकजुटता’ (solidarity through volunteering) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में 5 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के रूप में मनाये जाने का फैसला 17 दिसंबर 1985 को किया था.

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4 दिसंबर: भारतीय नौसेना दिवस

प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस (Indian Navy Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारतीय नौसेना की उपलब्धियों और महत्त्वपूर्ण भूमिका की ओर ध्‍यान आकर्षित करना है.

इस वर्ष यानी 2022 के भारतीय नौसेना दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘Going out to the Neighbors of the Maritime’ है.

भारत की विजय का जश्न मनाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में भारत की विजय का जश्न मनाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है. पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर को हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया था. इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत की थी.

ऑपरेशन ट्राइडेंट
पाकिस्तान को मुहतोड़ जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया गया था. भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान PNS खैबर सहित पाकिस्‍तानी नौसेना के चार पोतों को डुबा दिया था, जिससे सैकड़ों पाकिस्‍तानी नौसैनिक मारे गए थे.

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3 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस

प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons With Disabilities) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य दिव्‍यांगों के हितों की रक्षा करना और समाज में हर वर्ग के दिव्‍यांगों की बेहतरी के लिए जागरूकता पैदा करना है.

इस वर्ष यानी 2022 के ‘अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस’ का मुख्य विषय (थीम) ‘समावेशी विकास के लिए परिवर्तनकारी समाधान: एक सुलभ और न्यायसंगत दुनिया को बढ़ावा देने में नवाचार की भूमिका’ (Transformative solutions for inclusive development: the role of innovation in fueling an accessible and equitable world) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाने का निर्णय 1992 में लिया था.

दिव्यांग से तात्पर्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसम्बर 2015 में विकलांगों को दिव्यांग कहने की अपील की थी. जो विशेष रूप से सक्षम लोगों की विशेष क्षमताओं की ओर इशारा करता है साथ ही समाज के हर वर्ग से अपील करता है कि वो अपने नज़रिए को सकारात्मक की ओर ले जाएं.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान की. यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिया जाता है.

सुगम्य भारत अभियान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2015 में ‘सुगम्य भारत अभियान’ की शुरूआत की थी. इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांग जनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना है.

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2 दिसंबर: राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस, जानिए क्या है भोपाल गैस त्रासदी

प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day) मनाया जाता है. यह दिवस भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवाने वाले लोगों की याद में मनाया जाता है.

इस दिन का उद्देश्य प्रदूषण को रोकने में मदद करने वाले कानूनों के बारे में लोगों को जागरुक करना, औद्योगिक आपदाओं के प्रबंधन तथा नियंत्रण के प्रति जागरूकता फैलाना और औद्योगिक प्रक्रियाओं व मानवीय लापरवाही से पैदा प्रदूषण को रोकना है.

प्रदूषण किसी भी व्यक्ति के लिए ऐसी समस्या है, जिससे स्वयं को बचाने के लिए निजी स्तर पर कुछ विशेष नहीं कर सकते, बल्कि यह सामूहिक प्रयास है. जानिए क्या है भोपाल गैस त्रासदी…»

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2 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस

प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस (International Day for the Abolition of Slavery) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मानव तस्करी, बाल श्रम और आधुनिक गुलामी के अन्य रूपों के उन्मूलन के प्रति लोगों में जागरुकता लाना है.

इस वर्ष यानी 2022 में अंतरराष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस का थीम ‘साहस की कहानियां: गुलामी का प्रतिरोध और जातिवाद के खिलाफ एकता’ (Stories of Courage: Resistance to Slavery and Unity against Racism) था.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अन्तर्राष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस को मनाने की शुरुआत 2 दिसंबर 1949 को की थी. इन दिन गुलामी के परंपरागत रूपों जैसे मानव तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरदस्ती शादी और सशस्त्र संघर्ष के दौरान बच्चों की सेना में जबरन भर्ती के उन्मूलन पर जोर दिया जाता है.

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वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है

वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान भारत में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों का अग्रिम शुभारंभ हाल ही में नई दिल्ली में हुआ था.

इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिये विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सरकार की तैयारियों की रूपरेखा प्रस्तुत किए हैं.

मुख्य बिन्दु

  • एक अनुमान के अनुसार अफ्रीका और एशिया में 90 मिलियन से अधिक लोग अपने आहार के लिए मोटे अनाजों पर निर्भर हैं.
  • मोटे अनाजों को काफी पोषणकारी और स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक माना जाता है. मोटे अनाजों में प्रोटीन, फाइबर, खनिज, लोहा और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.
  • भारत इन अनाजों के उत्पादन में प्रमुख स्थान रखता है. मोटे अनाजों के एशिया में कुल उत्पादन में 80 प्रतिशत और वैश्विक उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान भारत का है.
  • बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पारंपरिक मोटे अनाज के लाभों का उल्लेख करते हुए कहा था कि इनसे कुपोषण और भूख की वैश्विक समस्या हल हो सकती है.
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1 दिसम्बर: विश्व एड्स दिवस

प्रत्येक वर्ष 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है. यह दिवस इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मानाया जाता है.

दुनियाभर में कुल 3.8 करोड़ लोग HIB की चपेट में हैं. HIB एड्स एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती है जिसे 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.

इस वर्ष यानी 2022 के विश्व एड्स दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘ईक्‍वलाइज़्‌’ (Equalize) है.

सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरूआत अगस्त 1987 में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के एड्स की जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के दो व्यक्तियों ने की थी. 1988 से यह दिवस प्रत्येक वर्ष मानया जा रहा है.

एड्स क्या है?

एड्स, मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (HIV) से फैलने वाली बीमारी है. इसका इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है, लेकिन इससे बचाव संभव है. असुरक्षित यौन संबंध इसकी सबसे बड़ी वजह है. कुछ सावधानियां बरती जाए तो इसे रोका जा सकता है.

इस बीमारी में HIV वायरस व्यक्ति के प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को प्रभावित करता है. HIV संक्रमण बढ़ता चला जाए तो यह एड्स में बदल जाता है.

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के अनुसार भारत में इस वक्त करीब 21 लाख लोग HIB से संक्रमित है. पिछले एक दशक में भारत में HIB एड्स के नये संक्रमण के मामलों में करीब सत्तर फीसद की कमी आई है. भारत ने वर्ष 1992 में राष्‍ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की थी.

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1 दिसम्बर 2022: सीमा सुरक्षा बल का 58वां स्‍थापना दिवस

सीमा सुरक्षाबल (BSF) ने 1 दिसम्बर 2022 को अपना 58वां स्‍थापना दिवस (58th Raising Day of the BSF) मनाया. लगभग ढाई लाख कर्मियों वाले इस बल की स्‍थापना 1965 में आज ही के दिन की गई थी. BSF, पाकिस्‍तान और बंगलादेश के साथ लगती भारतीय सीमा का प्रहरी है.

BSF देश की पांच केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है. यह केन्द्रीय गृह मंत्रालय के नियंत्रण में आता है. BSF विश्व का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है.

BSF को पाकिस्‍तान और बंगलादेश के साथ लगती भारतीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा में भारतीय सेना के साथ तैनात किया जाता है. BSF को भारतीय क्षेत्रों की ‘रक्षा की पहली दीवार’ का कहा जाता है. इस बल का आदर्श वाक्य ‘जीवन पर्यन्त कर्तव्य’ है.

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