वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है
वर्ष 2023 अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान भारत में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों का अग्रिम शुभारंभ हाल ही में नई दिल्ली में हुआ था.
इन कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिये विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सरकार की तैयारियों की रूपरेखा प्रस्तुत किए हैं.
मुख्य बिन्दु
- एक अनुमान के अनुसार अफ्रीका और एशिया में 90 मिलियन से अधिक लोग अपने आहार के लिए मोटे अनाजों पर निर्भर हैं.
- मोटे अनाजों को काफी पोषणकारी और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है. मोटे अनाजों में प्रोटीन, फाइबर, खनिज, लोहा और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं.
- भारत इन अनाजों के उत्पादन में प्रमुख स्थान रखता है. मोटे अनाजों के एशिया में कुल उत्पादन में 80 प्रतिशत और वैश्विक उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान भारत का है.
- बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पारंपरिक मोटे अनाज के लाभों का उल्लेख करते हुए कहा था कि इनसे कुपोषण और भूख की वैश्विक समस्या हल हो सकती है.