3 दिसम्बर 2022: भोपाल गैस त्रासदी की 38वीं बरसी





मध्य प्रदेश में ‘भोपाल गैस त्रासदी’ (Bhopal gas tragedy) की 388वीं बरसी पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये. यह विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक है. इस हादसे की वजह से 2-3 दिसंबर की रात की गिनती देश के इतिहास में काला दिन के तौर पर होती है.

यूनियन कार्बाइड कारखाने में मिथाइल आइसो-साइनाइट गैस का रिसाव

1984 में 2 और 3 दिसम्बर की मध्य रात्रि को यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन (यूनियन कार्बाइड) कारखाने में ‘मिथाइल आइसो-साइनाइट गैस’ (Methyl Isocyanate Gas) के रिसने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गयी, जबकि लाखों लोग अभी भी प्रभावित हैं. इस गैस का उपयोग कीटनाशक के तौर पर किया जाता है. यूनियन कार्बाइड संयुक्त राज्य अमेरिका की रसायन और बहुलक बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है.

हादसे का मुख्‍य आरोपी वॉरेन एंडरसन

हादसे की गंभीरता को भांपते हुए मुख्‍य आरोपी और फैक्ट्री के संचालक वॉरेन एंडरसन देश छोड़कर भाग गया. एंडरसन की 29 सितंबर 2014 को उसकी मौत हो गई है. इसके अलावा भोपाल गैस त्रासदी को लेकर आवाज उठाने वाले और पीडि़तों को न्‍याय दिलाने की लड़ाई लड़ने वाले अब्‍दुल जब्‍बार का भी 14 नवंबर 2019 को निधन हो गया. उन्‍हें भारत सरकार ने पद्म-श्री से सम्‍मानित किया था.