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भारत ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की

भारत ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की है. इसका आयोजन 4 से 20 फरवरी के बीच बीजिंग में किया जा रहा है. राजनयिक बहिष्कार के बाद बीजिंग में भारत के कार्यवाहक राजदूत ओलंपिक उद्घाटन या फिर समापन में किसी भी तरह का हिस्सा नहीं लेंगे.

भारत से पहले बहिष्कार में कई देश शामिल हो चुके हैं

अमेरिका ने सबसे पहले शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की थी. इसके बाद से अब तक ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, एस्टोनिया, जापान, कोसोवो, लातविया, लिथुआनिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, स्वीडन और ब्रिटेन जैसे देशों ने आंशिक रूप से या पूरी तरह से इस बहिष्कार को समर्थन दिया है. अब भारत भी इन देशों के साथ शामिल हो चुका है.

राजनयिक बहिष्कार का क्या मतलब है?

शीतकालीन ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार का अर्थ है कि बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक 2022 में इन देशों के कोई अधिकारी मौजूद नहीं रहेंगे. लेकिन इन देशों के शामिल होंगे.

क्यों किया जा रहा है चीन का विरोध?

चीन अपनी उइगर आबादी के साथ कठोर व्यवहार, हांगकांग में बढ़ती अधीनता, तिब्बत के दमन, दक्षिण चीन सागर में अवैध क्षेत्रीय दावों और ताइवान के खिलाफ जबरदस्ती के मामले पर दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है.

चीन के शिनजियांग में दस लाख से अधिक मुसलमानों को यातना शिविरों में कैद किया गया है. पिछले साल लगभग 700,000 तिब्बती किसानों और खानाबदोशों के साथ जबरदस्ती हुई. तिब्बतियों को जबरन विचार परिवर्तन, घुसपैठ निगरानी, राजनीतिक पुन: शिक्षा, सैन्य-शैली के अधीन किया गया. इन सभी मामलों पर दुनियाभर में चीन का विरोध हो रहा है.

भारत ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार क्यों कर रहा है?

चीन ने इन ओलंपिक खेलों में सेना अधिकारी की फैबाओ (Qi Fabao) को मशाल वाहक के रूप में चुना है. की फैबाओ 2020 में भारत और चीन के बीच गलवान घाटी संघर्ष में शामिल थे जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे.

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तोक्‍यो में 16वें पैरालिंपिक खेलों का समापन, भारत का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन

जापान की राजधानी तोक्‍यो में 16वें पैरालिंपिक खेलों (Paralympic Games) 2020 का समापन हो गया. इसका आयोजन 24 अगस्त से 5 सितम्बर 2021 तक किया गया था.

इन खेलों के शुभारंभ की घोषणा जापान के राजा नारुहितो ने की थी. उद्घाटन समारोह की थीम – ‘हमारे पास पंख हैं’ (We Have Wings) रखा गया था.

उद्घाटन समारोह में एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता टेकचंद भारत के ध्‍वजवाहक थे. जबकि समापन समारोह में निशानेबाज अवनि लेखरा भारत की ध्‍वजवाहक थीं.

भारतीय खिलाडि़यों का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन

भारतीय खिलाडि़यों ने इस पैरालंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन किया. भारत ने 5 स्‍वर्ण, 8 रजत और 6 कांस्‍य पदक सहित कुल 19 पदक जीते. टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत ने शूटिंग में 5, एथलेटिक्स में 8, बैडमिंटन में 4 और तीरंदाजी और टेबल टेनिस में एक-एक पदक जीते. पदक तालिका में भारत 24वें स्‍थान पर रहा. इससे पहले, भारत ने इससे पहले सर्वाधिक कुल 12 पदक, 2016 रियो पैरालंपिक में जीते थे।

चीन, ब्रिटेन और अमेरिका शीर्ष स्थान पर

इन पैरालिंपिक खेलों में चीन (96 स्वर्ण, 60 रजत, 51 कांस्य, कुल 207) पहले, ब्रिटेन (41 स्वर्ण, 38 रजत, 45 कांस्य, कुल 124) दूसरे और अमेरिका (37 स्वर्ण, 36 रजत, 31 कांस्य, कुल 104) तीसरे स्थान पर रहा.

टोक्यो पैरालंपिक 2020: भारतीय पदक विजेता

1. भाविना पटेल: महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल (भाविनाबेन हसमुखभाई पटेल) ने देश को रजत पदक दिलाया. यह इस ओलंपिक का पहला पदक था. भाविना ने यह पदक टेबल टेनिस क्लास-4 के महिला एकल स्पर्धा में जीता.

भाविना भारत के लिए पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं. दीपा मलिक के बाद पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी महिला हैं. दीपा मलिक ने रियो 2016 पैरालंपिक खेलों की शॉटपुट प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था.

2. अवनी लखेड़ा: तोक्‍यो पैरालपिंक में भारत की अवनी लखेड़ा ने निशानेबाजी में स्‍वर्ण पदक जीता. उन्होंने यह पदक महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में जीता.

3. निषाद कुमार: पुरूषों की ऊंची कूद के टी47 स्पर्धा में निषाद कुमार ने रजत पदक देश के नाम किया. निषाद ने 2.06 मीटर की कूद लगाकर एशियाई रिकार्ड बनाया और दूसरे स्थान पर रहे.

4. विनोद कुमार: पुरुषों की चक्‍का फेंक (डिस्कस थ्रो) प्रतियोगिता के F52 स्पर्धा में विनोद कुमार ने 19.91 मीटर चक्‍का फेंक कर कांस्‍य पदक जीता.

5.योगेश कथूरिया: योगेश कथूरिया ने पुरुष डिस्कस थ्रो के F56 स्पर्धा में रजत पदक जीता. उन्होंने अपना बेस्ट थ्रो 44.38 मीटर का किया।

6. सुमित अंतिल:भाला फेंक एथलीट सुमित अंतिल ने स्‍वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा. सुमित ने यह पदक जेवलिन थ्रो के F-64 सपर्धा में जीता. इसमें उन्होंने 68.55 मीटर का थ्रो कर विश्व रिकॉर्ड बनाया.

7. देवेंद्र झाझरिया: देवेंद्र झाझरिया ने जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) में रजत पदक जीता. उन्होंने यह पदक पुरुषों की स्टैंडिंग जेवलिन थ्रो के F46 स्पर्धा में 64.35 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ जीता. पैरालंपिक खेलों में यह उनका तीसरा पदक था.

8. सुंदर सिंह गुर्जर: सुंदर सिंह गुर्जर ने टोक्यो पैरालंपिक में जेवलिन थ्रो (भाला फेंक) में कांस्य पदक जीता. स्टैंडिंग जेवलिन थ्रो के F46 स्पर्धा में सुंदर ने 62.58 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ यह पदक जीता.

9. सिंहराज अधाना: सिंहराज अधाना ने कांस्य पदक जीता। सिंहराज ने P1- पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 स्पर्धा में यह पदक जीता।

10. मरियप्पन थंगवेलु: पुरुषों की ऊंची कूद की T-63 स्पर्धा में मरियप्पन थंगवेलु ने रजत पदक जीता. मरियप्पन ने रियो पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की T-42 ऊंची कूद स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।

11. शरद कुमार: पुरुषों की ऊंची कूद की T-63 स्पर्धा का कांस्य पदक शरद कुमार ने जीता. इस स्पर्धा का रजत पदक भी भारत के एथलीट मरियप्पन थंगवेलु ने जीता था.

12. प्रवीण कुमार: पुरुषों के ऊंची कूद (हाई जंप) स्पर्धा में प्रवीण कुमार ने रजत पदक जीता.

13. हरविंदर सिंह: हरविंदर सिंह ने पैरालम्पिक की तीरंदाजी स्पर्धा में भारत को पहला पदक दिलाया. उन्होंने पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व वर्ग में कांस्य पदक के लिये कोरिया के किम मिन सू को हराया.

14. मनीष नरवाल: भारतीय निशानेबाज मनीष नरवाल ने स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने यह पदक पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल SH-1 स्पर्धा में जीता. इसी स्‍पर्धा में सिंहराज रजत पदक जीतने में सफल रहे.

15. सिंहराज अदाना: पुरुषों की 50 मीटर पिस्टल SH-1 स्पर्धा के रजत पदक भारतीय निशानेबाज में सिंहराज अदाना ने जीता. इस स्पर्धां का स्वर्ण पदक भी भारतीय निशानेबाज मनीष नरवाल ने जीता था.

16. प्रमोद भगत: बैडमिंटन SL-3 स्पर्धा में भारत के प्रमोद भगत ने स्वर्ण पदक जीता. इस स्पर्धा का कांस्य पदक भी भारत के मनोज सरकार ने जीता था.

17. मनोज सरकार: बैडमिंटन SL-3 स्पर्धा में का कांस्य पदक भारत के मनोज सरकार ने जीता. इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक प्रमोद भगत ने जीता था.

18. सुहास एल यथिराज: नोएडा के जिला मजिस्‍ट्रेट और बैडमिंटन खिलाडी सुहास एल यथिराज ने बैडमिंटन में रजत पदक जीता.

19. कृष्णा नागर: कृष्णा नागर ने भारत के लिए पांचवां गोल्ड मेडल जीता. उन्होंने बैडमिंटन के SH-6 स्पर्धा में यह पदक जीता.

पैरालम्पिक खेल: एक दृष्टि

पैरालम्पिक खेलों में शारीरिक या बौद्धिक रूप से दुर्बल खिलाडि़यों को खेलों में भाग लेने का अवसर मिलता है. इसका पहला आयोजन 1960 में इटली के शहर रोम में हुआ था, जिसमें 23 देशों के 400 एथलीट शामिल हुए थे. तब से वे हर चार साल में पैरालम्पिक खेलों का आयोजन किया जाता रहा है.

 

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तोक्‍यो में पैरालिंपिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है

ओलिंपिक खेलों के सफल आयोजन के बाद जापान की राजधानी तोक्‍यो में पैरालिंपिक खेलों (Tokyo 2020 Paralympic Games) के आयोजन किया जा रहा है. जापान के राजा नारुहितो इन खेलों के शुभारंभ की घोषणा 24 अगस्त को की.

उद्घाटन समारोह तोक्‍यो के ओलिंपिक स्‍टेडियम में आयोजित किया गया. उद्घाटन समारोह की थीम – ‘हमारे पास पंख हैं’ था. उद्घाटन समारोह में एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता टेकचंद भारत के ध्‍वजवाहक थे.

तोक्‍यो पैरालिंपिक खेलों में भारत के 54 खिलाड़ी तीरंदाजी, एथलेटिक्‍स, बैडमिंटन, तैराकी और भारोत्‍तोलन सहित नौ प्रतिस्‍पर्धाओं में भाग लेंगे.

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32वां ओलंपिक खेल टोक्यो 2020: ओलंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

टोक्यो ओलंपिक 2020 (32वां ओलम्पियाड के खेल) का 8 अगस्त को समापन हो गया. इसका  23 जुलाई से 8 अगस्त 2021 के बीच टोक्यो, जापान में किया गया था. इस ओलंपिक में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जापान क्रमशः शीर्ष तीन स्थान पर रहे.

पदक तालिका

संयुक्त राज्य अमेरिका 113 पदक (39 स्वर्ण, 41 रजत और 33 कांस्य पदक) के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर रहा. 88 पदक (38 स्वर्ण, 32 रजत और 18 कांस्य पदक) के साथ चीन दूसरे स्थान पर और 58 पदक (27 स्वर्ण, 14 रजत और 17 कांस्य पदक) के साथ जापान तीसरे स्थान पर रहा.
पदक तालिका में 65 पदक (22 स्वर्ण, 21 रजत और 22 कांस्य पदक) के साथ ग्रेट ब्रिटेन चौथे और 71 पदक (20 स्वर्ण, 28 रजत और 23 कांस्य पदक) के साथ रूसी ओलंपिक समिति (Team ROC) पांचवें स्थान पर रहा.

32वें ओलंपिक खेलों में भारत का प्रदर्शन

इस ओलंपिक में भारतीय दल ने कुल सात पदक जीते जिनमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं. पदक तालिका में भारत 48वें स्थान पर रहा.

यह ओलंपिक के इतिहास में भारत का अबतक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. टोक्यो से पहले भारत का सबसे सफल ओलंपिक 2012 लंदन ओलिंपिक रहा था. इसमें भारत ने दो रजत और चार कांस्य समेत कुल छह पदक अपने नाम किए थे.

32वें ओलंपिक खेलों में भारतीय पदक विजेता

1. नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक के एथलीट में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता
भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचा. नीरज ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया.

नीरज ने भाला फेंक स्पर्धा में 87.58 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक हासिल किया. 86.67 मीटर थ्रो के साथ चेक के जाकुब वेदलेच दूसरे स्थान पर और 85.44 मीटर के थ्रो के साथ चेक के वितेस्लाव वेसेली तीसरे नंबर पर रहे.

यह किसी ओलंपिक के एथलीट में भारत का पहला स्वर्ण पदक और ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत का यह दूसरा स्वर्ण पदक है. व्यक्तिगत स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक बीजिंग ओलंपिक 2008 में दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने जीता था.

2. बजरंग पूनिया ने कुश्ती में कांस्य पदक जीता
भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने कांस्य पदक जीता. उनहोंने यह पदक कुश्ती स्पर्धा के 65 किग्रा भार वर्ग में कजाकस्तान के पहलवान नियाजबेकोव दौलत को 8-0 से हराकर जीता.

केडी जाधव, सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक और रवि कुमार दहिया के बाद पुनिया ओलंपिक में पदक जीतने वाले छठे भारतीय पहलवान बने.

3. रवि दहिया ने कुश्ती स्पर्धा में रजत पदक जीता
रवि कुमार दहिया ने कुश्ती स्पर्धा के 57 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक जीता. वे फाइनल में रूसी पहलवान जौर उगेव से 7-4 से हार गये जिसकारण उन्हें रजत पदक दिया गया. इससे पहले फाइनल में पहुँचने के लिए रवि दहिया ने कज़ाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव को पराजित किया था.
रवि कुमार दहिया ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक और 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता था. वे एशियाई चैंपियनशिप में 2 बार स्वर्ण पदक जीत चुके हैं.

4. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 5 अगस्त को जर्मनी को 5-3 से हराकर कांस्य पदक जीता. भारतीय टीम सेमीफाइनल मैच में बेल्जियम से पराजित होने के बाद कांस्य पदक के लिए जर्मनी को पराजित किया. भारत की ओर से सिमरनजीत सिंह ने दो, जबकि हरमनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह और रुपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किए.

भारत ने 41 साल बाद हॉकी में कोई पदक जीता है. ओलंपिक के इतिहास में हॉकी में भारत का यह 12वां ओलंपिक मेडल है. भारत इससे पहले हॉकी में आठ स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य ओलंपिक पदक जीत चुका है. भारत ने आखिरी बार हॉकी में ओलंपिक पदक 1980 में जीता था.

5. लवलीना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में कांस्य पदक जीता
भारतीय महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) ने 4 अगस्त को कांस्य पदक जीता. उन्होंने यह पदक बॉक्सिंग में 69 किग्रा वर्ग में जीता. सेमीफाइनल बाउट में लवलीना को मौजूदा विश्व चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली ने पराजित किया.

लवलीना विश्व चैंपियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता हैं. वह ओलिंपिक में बॉक्सिंग में पदक जीतने वाली भारत की तीसरी मुक्केबाज हैं. इससे पहले भारत की ओर से विजेंदर सिंह और एमसी मैरीकॉम ने ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता था.

6. पीवी सिन्धु ने बैडमिंटन में कांस्य पदक जीता
भारत की बैडमिंटन खिलाडी पीवी सिन्धु ने कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा. सिन्धु ओलिंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी. इससे पहले उन्होंने 2016 ओलिंपिक में रजत पदक जीता था.
सिन्धु सेमीफाइनल मुकाबले में चीनी तायपेई की ताई जू यिंग से हार गयी थीं. बाद में कांस्य पदक के मुकाबले में उन्होंने चीन की हे बिंग जाओ को 21-13, 21-15 से पराजित किया.

7. भारत के लिए पहला पदक मीरा बाई चानू ने जीता
तोक्यो ओलिम्पिक खेलों में भारत के लिए पहला पदक मीरा बाई चानू ने जीता. उन्होंने यह पदक वेट लिफ्टिंग के 49 किलोग्राम वर्ग में कुल 202 किलोग्राम भार उठा कर जीता. इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक चीन की झिहुई हाउ ने और इंडोनेशिया की कांतिका आयसाह ने कांस्य पदक जीता. मीरा बाई चानू, भारोत्तोलक में कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय बनी हैं.

32वां ओलम्पियाड खेल टोक्यो 2020: मुख्य बिंदु

  • 32वें ओलंपिक खालों का आयोजन 2020 में किया जाना था लेकिन covid-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था.
  • टोक्यों ओलंपिक में 46 खेल स्‍पर्धाएं आयोजित की गयीं, जिसमें 207 देशों के करीब 11 हजार खिलाड़ी लिए. भारत के 127 खिलाड़ी (71 पुरुष और 56 महिलाएं) ने हिस्सा लिया.
  • टोक्यो ओलंपिक 2020 का आधिकारिक मोटो (आदर्श वाक्य) ‘United by Emotion’ जबकि ओलंपिक का शुभांकर- ‘मेरातोयवा’ था.
  • ओलंपिक खेलों में इस बार बेसबॉल, सॉफ्टबॉल, कराटे, स्केटबोर्ड और सर्फिंग को भी शामिल किया गया था.
  • पहली बार किसी देश के दो ध्वजवाहक अपने-अपने देश के खिलाड़ियों का नेतृत्व किया.
  • उद्घाटन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक, हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम थे जबकि समापन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक, बजरंग पुनिया थे.
  • पहली बार बिना दर्शकों के आयोजित किया गया, क्‍योंकि जापान में कोरोना के कारण आपातकाल लगा दिया गया था.
  • ओलंपिक के दौरान दिये जाने वाले पदक जापान के रिसाईकल्‍ड इलैक्‍ट्रॉनिक उत्‍पादों से बने थे.
  • भारतीय घुड़सवार फ़वाद मिर्ज़ा ने ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स में शीर्ष पर रहते हुए ओलिंपिक कोटा हासिल किया था. घुड़सवारी में 20 साल में पहली बार भारत को ओलंपिक कोटा हासिल हुआ था. इससे पहले सिर्फ इम्तियाज अनीस ने वर्ष 2000 में हुए सिडनी ओलंपिक और दिवंगत विंग कमांडर आईजे लांबा ने 1996 अटलांटा ओलंपिक में भारत का घुड़सवारी में प्रतिनिधित्व किया था.
  • टोक्यो 2020 ओलंपिक, जापान में आयोजित होने वाला चौथा ओलंपिक था. टोक्यो में पहला ओलंपिक खेल 1964 में हुआ था.  इसी के साथ टोक्यो दो बार ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला एकमात्र एशियाई शहर बना.
  • जापान की 13 वर्षीय स्केटबोर्डर मोमीजी निशिया (Momiji Nishiya) ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता है. निशिया ने यह पदक स्केटबोर्ड स्पर्धा में जीता. वह ओलंपिक खेलों में अब तक की सबसे कम उम्र की स्वर्ण पदक विजेता बनीं.
  • ओलंपिक के इतिहास में भारत के नाम अब तक कुल 35 पदक हैं. इनमें 10 स्वर्ण, नौ रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं. सबसे ज्यादा आठ स्वर्ण पदक भारत की हॉकी टीम ने जीते हैं. देश के नाम व्यक्तिगत स्पर्धा में दो स्वर्ण पदक हैं, जो अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक के दौरान शूटिंग और टोक्यो ओलंपिक 2020 में नीरज चोपड़ा ने भला फेंक (जैवलिन थ्रो) में जीता है.

 

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अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने अपने आदर्श वाक्य को परिवर्तित किया

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने ओलंपिक के आदर्श वाक्य को “Citius, Altius, Fortius” से बदलकर “Citius, Altius, Fortius, Communiter” करने का निर्णय किया है. यह निर्णय कोविड-19 महामारी के समय दुनिया भर में एकजुटता दिखाने के लिए किया गया है. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के संस्थापक पियरे डी कूपर्टिन के सुझाव पर इसे परिवर्तित किया गया है.

“Citius, Altius, Fortius” तीन लेटिन शब्दों से बना था जिसका अर्थ “Faster, Higher, Stronger” है. अब इसमें एक और लेटिन शब्द ‘Communiter’ को जोड़ा गया है, जिसका अर्थ ‘Together’ (एकजुट) होता है.

IOC ने 2020 टोक्यो ओलंपिक (2020 Tokyo Olympics) शुरू होने के ठीक पहले अपने आदर्श वाक्य में परिवर्तन किया है. 2020 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक 23 जुलाई से 8 अगस्त  2021 तक जापान के टोक्यो में आयोजित किया जाएगा. यह मूल रूप से वर्ष 2020 में आयोजित होने वाला था, लेकिन COVID-19 महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था.

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2020 ओलंपिक खेलों की भारतीय ओलंपिक टीम के आधिकारिक थीम गीत का शुभारंभ

2020 के टोक्यो ओलंपिक खेलों की भारतीय ओलंपिक टीम के आधिकारिक थीम सॉन्ग “लक्ष्‍य तेरा सामने है …” का शुभारंभ किया गया है. इसका शुभारंभ खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने 23 जून को किया. इस गाने को लोकप्रिय पार्श्व गायक मोहित चौहान ने संगीतबद्ध किया और गाया है. इस गीत को सुश्री प्रार्थना गहिलोटे ने लिखा हैं.

2020 का टोक्यो  ओलंपिक खेल 23 जुलाई से शुरू हो रहे हैं. अबतक सौ से अधिक भारतीय खिलाड‍़‍ियों ने इन खेलों के लिए क्‍वालीफाई किया है.

#चियर-फोर-इंडिया (#Cheer4India) अभियान

खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए क्विज, सेल्फी प्वाइंट, वाद-विवाद और ओलंपिक पर चर्चा जैसी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से एक राष्ट्रव्यापी #चियर-फोर-इंडिया (#Cheer4India) अभियान शुरू किया है.

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लॉरेल हबर्ड ओलंपिक में खेलने वाली पहली ट्रांसजेंडर एथलीट बनेंगी

न्यूजीलैंड की लॉरेल हबर्ड (Laurel Hubbard) ओलंपिक में खेलने वाली पहली ट्रांसजेंडर (पुरुष से महिला बनीं) एथलीट बनेंगी. हबर्ड ने 185 क्रिगा भार उठाकर न्यूजीलैंड की पांच सदस्यीय महिला भारोत्तोलन टीम में जगह बनाई है. वह महिलाओं के प्लस 87 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा पेश करेंगी. 43 वर्षीय हबर्ड मौजूदा खेलों में खेलने वाली सबसे उम्रदराज वेटलिफ्टर होंगी.

लॉरेल हबर्ड ने 2013 में अपना लिंग बदलवाया था. हबर्ड 2015 से ही ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पात्र बन गई थी, जब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOA) ने अपने नियमों में बदलाव किया था. इसमें किसी भी ट्रांसजेंडर एथलीट को एक महिला के रूप में खेलने की मंजूरी दी गई. बशर्ते उनकी पहली प्रतियोगिता से कम से कम 12 महीने पहले उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर 10 नैनोमोल प्रति लीटर से कम हो. टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है जो मांसपेशियों को बढ़ाता है.

हबर्ड ने इससे पहले तक उन्होंने पुरुषों की भारोत्तोलन स्पर्धाओं में भाग लिया था. उन्होंने 2017 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक और समोआ में 2019 प्रशांत खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.

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ब्रेक डांस को आधिकारिक तौर पर ओलंपिक खेल में शामिल किया गया

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने ब्रेक डांस को आधिकारिक तौर पर ओलंपिक खेल में शामिल किया है. पेरिस में 2024 में होने वाले खेलों में इसे पहली बार शामिल किया गया है. ओलंपिक में ब्रेक डासिंग को ‘ब्रेकिंग’ के नाम से जाना जाएगा.

IOC ने पेरिस ओलंपिक खेलों में पदक स्पर्धाओं की संख्या टोक्यो ओलंपिक खेलों की तुलना में 10 कम कर दी है. अब वहां 329 पदक स्पर्धाएं होंगी. भारोत्तोलन की चार श्रेणियां कम कर दी गई. इसके अलावा स्केटबोर्डिग, स्पोर्ट क्लाइंबिंग और सर्फिंग को भी इन खेलों में शामिल किया गया.

फोर्ब्स ने दुनिया की सौ शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 4 भारतीय महिलाओं को शामिल किया

फोर्ब्स पत्रिका ने वर्ष 2020 में दुनिया की सौ शक्तिशाली महिलाओं की सूची हाल ही में जारी की है. इस सूची में वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन सहित 4 भारतीय महिलाओं को शामिल किया गया है.

जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल शीर्ष स्थान पर

फोर्ब्स की इस सूची में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल लगातार दसवीं बार शीर्ष स्थान पर हैं. वहीं यूरोपियन सेंट्रल बैंक की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड लगातार दूसरी बार दूसरे स्थान पर रहीं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस सूची में तीसरे पायदान पर हैं.

4 भारतीय महिलाओं को शामिल किया गया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को सूची में 41वां स्थान मिला है. एचसीएल इंटरप्राइज की सीईओ रोशनी नादर मल्होत्रा 55वें और बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ 68वें पायदान पर रहीं. लैंडमार्क समूह की अध्यक्ष रेणुका जगतियानी को 98वां स्थान हासिल हुआ.

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IWF ने थाईलैंड और मलेशिया के भारोत्तोलन संघ पर प्रतिबंध लगाया

अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन फेडरेशन (International Weightlifting Federation- IWF) ने थाईलैंड और मलेशिया के भारोत्तोलन संघ पर प्रतिबंध लगा दिया है. IWF ने 5 अप्रैल को लिए अपने फैसले में थाई एमेच्योर भारोत्तोलन संघ पर 3 साल का और मलेशियन भारोत्तोलन संघ पर 1 साल का प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया.

इस प्रतिबंध के बाद थाईलैंड और मलेशिया के भारोत्तोलक टोक्यो ओलिंपिक खेलों में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. IWF के मुताबिक, ओलंपिक आयोजन जब भी हो, लेकिन इन देशों का कोई खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले सकेगा. थाईलैंड ने 2018 में 9 भारोत्तोलकोंं के डोपिंग में फंसने पर ओलंपिक से खुद नाम वापस लिया था.

IWF ने यह फैसला इन दोनों देशों में काफी संख्या में डोपिंग के मामले सामने के कारण लिया है. थाईलैंड और मलेशिया के पास IWF के इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 21 दिन का समय है.

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IOC ने टोक्यो में 2021 में होने वाले ओलंपिक खेलों के तारीखों की घोषणा की

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने टोक्यो में 2021 में होने वाले ओलंपिक खेलों के नई तारीखों की घोषणा कर दी है. इन खेलों का आयोजन 2021 में 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच होगा. वहीं पैरालंपिक गेम्स का आयोजन 24 अगस्त से 5 सितंबर 2021 के बीच होगा.

इससे पहले ओलंपिक खेलों का आयोजन 2020 में 24 जुलाई से 9 अगस्त के बीच होना था. लेकिन IOC और आयोजक जापान ने कोरोना वायरस के चलते खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया था. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने ओलंपिक खेलों को टाले जाने की सिफारिश ओलंपिक कमेटी से की थी.

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टोक्यों ओलंपिक खेलों को 2021 तक के लिए टला गया

टोक्यों में आयोजित ग्रीष्‍मकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक्स को 1 वर्ष के लिए टाल दिया गया है. अन्तर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) और टोक्यो ओंलपिक आयोजक समिति ने इसकी घोषणा 24 मार्च को की. कोरोना वायरस महामारी को देखते हएु इन खेलों को स्‍थगित गया है. टोक्यो ग्रीष्‍मकालीन 32वां ओलंपिक 24 जुलाई 2020 से शुरू होने थे.

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने IOC के अध्यक्ष थॉमस बाक के साथ हुई वार्ता में टोक्यों ओलंपिक को अगले वर्ष तक स्थगित करने पर सहमति बनी थी. जापान ने अब इन खेलों को अब वर्ष 2021 में कराने का फैसला किया है.

पहली बार ओलंपिक खेलों को स्थगित किया गया है

ओलंपिक के 124 साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों को स्‍थगित किया गया है. हांलाकि इससे पहले ये खेल 1916, 1940 और 1944 में युद्ध के कारण रद्द किये गये थे लेकिन किसी वायरस के कारण खेलों को पहली बार स्‍थगित किया गया है.

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ओलंपिक मशाल जापान पहुंचा, ग्रीस ने 2020 के टोक्यो ओलिम्पिक आयोजकों को सौंपा

ओलिम्पिक मशाल (Olympic Torch) 20 मार्च को जापान पहुंचा. ग्रीस ने 2020 के टोक्यो ओलिम्पिक आयोजकों को यह मशाल सौंपा. मशाल के साथ एक विमान मात्‍सुशिमा हवाई अड्डे पर उतरा.

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर मशाल का स्‍वागत समारोह धूमधाम से नहीं मनाने का फैसला किया गया था. देश भर में ओलिम्पिक मशाल फुकुशिमा में जेविलेज खेल परिसर से 26 मार्च को शुरू होगी.

ओलंपिक में मशाल क्यों जलाई जाती है?

ओलंपिक खेलों में मशाल जलाने की शुरुआत 1936 में हुई थी. उस साल ओलंपिक खेलों की मेजबानी बर्लिन ने की थी. मान्य़ताओं के अनुसार ग्रीस के लोग आग को बहुत पवित्र मानते थे. ओलंपिक मशाल को जलाकर ले जाने की शुरुआत देवता हेरा के मंदिर से शुरु की गई थी. उस समय ओलंपिक मशाल में आग सूर्य की किरणों के जरिए लगाई जाती थी. ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्य कि किरणों को काफी पवित्र माना जाता था.

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