लॉरेल हबर्ड ओलंपिक में खेलने वाली पहली ट्रांसजेंडर एथलीट बनेंगी

न्यूजीलैंड की लॉरेल हबर्ड (Laurel Hubbard) ओलंपिक में खेलने वाली पहली ट्रांसजेंडर (पुरुष से महिला बनीं) एथलीट बनेंगी. हबर्ड ने 185 क्रिगा भार उठाकर न्यूजीलैंड की पांच सदस्यीय महिला भारोत्तोलन टीम में जगह बनाई है. वह महिलाओं के प्लस 87 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा पेश करेंगी. 43 वर्षीय हबर्ड मौजूदा खेलों में खेलने वाली सबसे उम्रदराज वेटलिफ्टर होंगी.

लॉरेल हबर्ड ने 2013 में अपना लिंग बदलवाया था. हबर्ड 2015 से ही ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पात्र बन गई थी, जब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOA) ने अपने नियमों में बदलाव किया था. इसमें किसी भी ट्रांसजेंडर एथलीट को एक महिला के रूप में खेलने की मंजूरी दी गई. बशर्ते उनकी पहली प्रतियोगिता से कम से कम 12 महीने पहले उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर 10 नैनोमोल प्रति लीटर से कम हो. टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है जो मांसपेशियों को बढ़ाता है.

हबर्ड ने इससे पहले तक उन्होंने पुरुषों की भारोत्तोलन स्पर्धाओं में भाग लिया था. उन्होंने 2017 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक और समोआ में 2019 प्रशांत खेलों में स्वर्ण पदक जीता था.

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