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वरिष्ठ नागरिकों को मदद देने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन-14567 शुरू

सरकार ने देश में वरिष्ठ नागरिकों को मदद देने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन-14567 शुरू की है. इस हेल्पलाइन नंबर का नाम ‘एल्डर लाइन’ दिया गया है.

एल्डर लाइन: मुख्य बिंदु

‘एल्डर लाइन’ का मकसद सभी वरिष्ठ नागरिकों और उनकी भलाई चाहने वालों को पूरे देश में एक मंच के साथ जोड़ना है, जिससे वे बिना किसी हिचक और परेशानी के अपनी चिंताओं को साझा कर सकें.

इस हेल्पलाइन पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, पेंशन मुद्दों, कानूनी मुद्दों पर मुफ्त जानकारी ली जा सकेगी. यह एल्डर लाइन नंबर वरिष्ठ नागरिकों को भावनात्मक रूप से समर्थन देता है और यहां तक कि दुर्व्यवहार के मामलों में मदद करता है.

हेल्पलाइन नंबर की मदद से सीनियर सिटीजन उन समस्याओं के बारे में जानकारी और मार्गदर्शन पा सकेंगे, जिनका सामना वे दिन-प्रतिदिन के आधार पर करते हैं.

एल्डर लाइन टाटा ट्रस्ट द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन है. भारत की सबसे पुरानी परोपकारी संस्था टाटा ट्रस्ट ने 2017 में तेलंगाना सरकार के सहयोग से हैदराबाद में विजयवाहिनी चैरिटेबल फाउंडेशन के माध्यम से शहर में वरिष्ठ नागरिकों की मदद करने के लिए इसकी शुरुआत की थी.

आज टाटा ट्रस्ट और एनएसई फाउंडेशन, तकनीकी भागीदार के रूप में, एल्डर लाइन चलाने में सरकार का सहयोग कर रहे हैं. अब तक, 17 राज्यों ने एल्डर लाइन खोल दी है और अन्य राज्य भी कतार में हैं.

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भारत के 14 बाघ अभयारण्यों को बेहतर संरक्षण के लिए वैश्विक CA/TS मान्यता

भारत के 14 बाघ अभयारण्यों को ग्लोबल कंजर्वेशन एश्योर्ड / टाइगर स्टैंडर्ड्स (Conservation Assured / Tigers Standards) की मान्यता मिली है. जिन 14 बाघ अभयारण्यों को मान्यता दी गई है उनमें असम के मानस, काजीरंगा और ओरंग, मध्य प्रदेश के सतपुड़ा, कान्हा और पन्ना, महाराष्ट्र के पेंच, बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, उत्तर प्रदेश के दुधवा, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन, केरल में परम्बिकुलम, कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व और तमिलनाडु के मुदुमलई और अनामलई टाइगर रिजर्व शामिल हैं.

कंजर्वेशन एश्योर्ड / टाइगर स्टैंडर्ड्स (CA/TS) को टाइगर रेंज कंट्रीज (TRC) के वैश्विक गठबंधन द्वारा मान्यता संबंधी उपकरण के रूप में स्वीकार किया गया है और इसे बाघों एवं संरक्षित क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों द्वारा विकसित किया गया है.

CA/TS विभिन्न मानदंडों का एक सेट है, जो बाघ से जुड़े स्थलों को इस बात को जांचने का मौका देता है कि क्या उनके प्रबंधन से बाघों का सफल संरक्षण संभव होगा.

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वाराणसी में अन्तरराष्ट्रीय रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 15 जुलाई को वाराणसी में नवनिर्मित अन्तरराष्ट्रीय रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया. शिवलिंग के आकार में निर्मित यह भवन जापान के सहयोग से बनाया गया है. इसके लिए जापान ने 186 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है.

  • इसका शिलान्यास दिसंबर 2015 में जापान के पीएम शिंजो अबे के भारत यात्रा के दौरान किया गया था. इस दौरान उन्होंने भारत को बुलेट ट्रेन की भी सौगात दी थी.
  • डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है और निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है. रुद्राक्ष में छोटा जैपनीज गार्डन बनाया गया है.
  • इस अंतरराष्ट्रीय सेंटर में लगभग 1,200 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है.
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बोत्सवाना में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हीरा खोजा गया

बोत्सवाना में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हीरा खोजे जाने का दावा किया गया है. यह खोज देबस्वाना डायमंड कंपनी द्वारा की गयी है. देबस्वाना डायमंड, डी बीयर्स (De Beers) और सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम है.

1098 कैरेट का यह हीरा 73 मिमी लंबा, 52 मिमी चौड़ा और 27 मिमी मोटा है. इसका नामकरण अभी नहीं किया गया है. यह हीरा दुनिया के दूसरा सबसे बड़ा हीरा ‘लेसेदी-ला-रोना’ (Lesedi la Rona) से कुछ ही हल्का है जो 2015 में बोत्सवाना में ही मिला था. दुनिया का सबसे बड़ा हीरा ‘कूलिनन स्टोन’ (Cullinan) है. यह 1905 में दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था, जो 3,106 कैरेट का है.

इस हीरे की कीमत के आकलन को अभी तक जारी नहीं किया गया है. हालांकि, 2017 में लंदन के एक जूलर को लेसेदी-ला-रोना को 53 मिलियन डॉलर में बेचा गया था.

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सामाजिक सुरक्षा संहिता – 2020 की धारा 142 की अधिसूचना जारी गयी

केन्द्रीय श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय ने आधार की प्रासंगिकता को कवर करने वाली सामाजिक सुरक्षा संहिता – 2020 की धारा 142 को अधिसूचित (notified) कर दिया है. इस धारा को प्रवासी मज़दूरों सहित अन्य श्रमिकों के डेटाबेस को एकत्रित करने के लिए अधिसूचित किया गया है.

सामाजिक सुरक्षा संहिता – 2020 की धारा 142 की अधिसूचना जारी होने से श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत अपने डेटाबेस के लिए लाभार्थियों के आधार का विवरण प्राप्त करने में सक्षम होगा.

राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (National Informatics Centre) देश के असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस (NDUW) के लिए एक पोर्टल विकसित कर रहा है. इस पोर्टल का उद्देश्य प्रवासी मज़दूरों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डाटा एकत्रित करना है, ताकि सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ इन श्रमिकों तक पहुँचाया जा सके. अंतर-राज्यीय प्रवासी मज़दूर केवल आधार कार्ड के विवरण के माध्यम से अपने आप को इस पोर्टल पर पंजीकृत कर सकता है.

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आतंकवाद से निपटने के लिए भारत का संयुक्त राष्ट्र को 0.5 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त योगदान

भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड (United Nations Trust Fund for Counter-Terrorism) में 500,000 अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त योगदान दिया है.

इस योगदान के बाद आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत का योगदान 1 मिलियन डॉलर से अधिक हो गया है. इस राशि के साथ, भारत का अब तक का कुल योगदान 1.05 मिलियन डॉलर है.

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भारत का सबसे बड़ा प्रवाहमान सौर ऊर्जा संयंत्र रामगुंडम में स्‍थापित किया जायेगा

भारत का सबसे बड़ा प्रवाहमान (तैरता हुआ) सौर ऊर्जा संयंत्र (India’s biggest floating solar power plant) तेलंगाना के रामगुंडम में स्‍थापित किया जायेगा. इस संयंत्र की क्षमता 100 मेगावॉट होगी. इस परियोजना को रामगुंडम के ताप बिजली संयंत्र जलाशय में स्‍थापित किया जायेगा.

यह सौर परियोजना राष्‍ट्रीय ताप बिजली निगम (NTPC) द्वारा शुरू किया जायेगा. इसकी अनुमानित लागत 423 करोड़ रुपये है. इस संयंत्र में साढे चार लाख फोटोवोल्‍टिक पैनल होंगे जो जलाशय के 450 एकड़ के क्षेत्र में प्रवाहित रहेंगे.

NTPC ने अपनी कुल क्षमता का 30 प्रतिशत उत्‍पादन हरित ऊर्जा के लिए रखा है. प्रवाहमान सौर ऊर्जा परियोजना का उद्देश्‍य कार्बन उत्‍सर्जन को कम करना है.

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विज्ञान प्रौद्योगिकी में शोध के लिए छह देशों के 40 लोगों को फेलोशिप

भारतीय संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शोध करने के लिए छह देशों के 40 लोगों को फेलोशिप दी गई है. विज्ञान एवं प्रैाद्योगिकी विभाग ने इन शोधार्थियों का चयन भारत विज्ञान एवं शोध फेलोशिप (ISRF) के लिए किया गया है. शोध प्रस्ताव, अनुभव और अकादमिक मेधा तथा प्रकाशन रिकार्ड के आधार पर उनका चयन किया गया है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पड़ोसी देशों को शामिल करने की भारत की पहल के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, म्यांमा, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड के शोधार्थियों के भारतीय विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान संस्थानों में काम करने के लिए ISRF कार्यक्रम शुरू किया है.

भारत विज्ञान एवं शोध फेलोशिप (ISRF)
ISRF का क्रियान्वयन 2015 से किया जा रहा है. यह कार्यक्रम पड़ोसी देशों के युवा शोधार्थियों को भारतीय संस्थानों व विश्वविद्यालयों में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करता है.

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राज्‍यसभा और लोकसभा टीवी का विलय किया गया

राज्‍यसभा टीवी (RSTV) और लोकसभा टीवी (LSTV) का विलय कर दिया गया है. विलय के बाद इसका नाम संसद टीवी (Sansad TV) कर दिया गया है. दोनों चैनलों के एकीकरण के बारे में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्‍यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोक सभा अध्‍यक्ष ओम बिडला ने संयुक्‍त रूप से यह निर्णय लिया है. प्रसार भारती के CEO सूर्य प्रकाश की अध्यक्षता में इस विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था.

विलय के बाद रवि कपूर को संसद टीवी का मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्‍त किया गया है. वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवा निवृ‍त अधिकारी हैं. संसद टीवी लोकसभा और राज्‍यसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण दो अलग-अलग चैनलों पर करेगा.

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता की घोषणा

सरकार ने OTT (Over the Top Platform), ऑनलाइन स्ट्रीमिंग और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता की घोषणा की है. यह घोषणा 25 फरवरी को सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की.

घोषणा के मुख्य बिंदु

  • सोशल मीडिया का भारत में एक फिजिकल कार्यालाय अनिवार्य होगा. इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शिकायतों के निपटान के लिए मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और एक रेजिडेंट शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को आपत्तिजनक सामग्री के पहले प्रवर्तक (पोस्ट करने वाले) का खुलासा करना होगा.
  • सूचना और प्रसारण मंत्री ने ओटीटी और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों के नियमन के लिए त्रिस्तरीय तंत्र की भी घोषणा की. डिजिटल मीडिया पोर्टल को कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा.
  • डिजिटल मीडिया पर समाचार प्रदर्शित करने वालों को संबंधित भारतीय प्रेस परिषद की आचार संहिता और केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन कानून के मानदंडों का पालन करना होगा.
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ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘गो-इलैक्ट्रिक’ अभियान

केंद्र सरकार ने 19 फरवरी को ‘गो-इलैक्ट्रिक’ (Go Electric) अभियान शुरू किया. इसका उद्देश्‍य देश में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है. इस अभियान का मकसद बिजली से चलने वाले वाहनों और खाना पकाने के उपकरणों को प्रोत्‍साहन देना है.

गो-इलैक्ट्रिक अभियान: मुख्य बिंदु

  • गो इलेक्ट्रिक अभियान एक अनूठी पहल साबित हो सकता है क्योंकि यह उन उत्पादों को अपनाने पर बल देगा जो अक्षय ऊर्जा की मदद से संचालित होते हैं.
  • सरकार बिजली से चलने वाले वाहनों और खाना पकाने वाले उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है, ताकि आयातित जीवाश्‍म ईंधनों पर निर्भरता कम की जा सके और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम किया जा सके.
  • यह अभियान लोगों को जागरूक करेगा ताकि लोग पारंपरिक ईंधनों से संचालित होने वाले वाहनों को छोड़कर बिजली से चलले वाले वाहनों को अपनाए, साथ ही खाना बनाने के पारंपरिक तरीकों की बजाए बिजली से चलने वालों उपकरणों के ज़रिए खाना पकाएं.
  • इसकी मदद से जहां एक ओर कार्बन के उत्‍सर्जन में कमी आएगी, वहीं पेरिस समझौते के तहत किए गए वायदों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
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भारतीय संसद भवन के सौ साल पूरे, मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

12 फरवरी 1921 को भारतीय संसद भवन के 100 साल पूरे हो गये. 1921 में इसी दिन मौजूदा संसद भवन की आधारशिला रखी गयी थी. 15 अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र होने के बाद यह इमारत संसद भवन कहलाई.

भारतीय संसद भवन: एक दृष्टि

  • 12 फरवरी, 1921 को मौजूदा संसद भवन की आधारशिला ब्रिटेन के ड्यूक ऑफ कनाट ने रखी थी. उन्होंने इस बनने वाली इमारत को भारत के पुनर्जन्म के साथ-साथ उज्जवल भविष्य का प्रतीक बताया था.
  • मौजूदा संसद भवन का नक्शा प्रख्यात डिजायनर सर हरबर्ट बेकर ने सर एडविन लुटियंस के साथ मिलकर तैयार किया था. सर लुटियंस ने ही रायसीना हिल के आसपास की नई दिल्ली की बसावट का खाका खींचा था.
  • इस इमारत की आधारशिला रखने वाले ड्यूक ऑफ कनाट प्रिंस आर्थर के पदनाम पर ही नजदीक का कनाट प्लेस मार्केट बना.
  • प्रिंस आर्थर ब्रिटिश साम्राज्य के किंग जॉर्ज पंचम के चाचा थे. भारत के महत्व को समझते हुए ही उन्होंने कहा था- भारत की राजधानी को रोम की राजधानी एथेंस जैसा ही महत्व मिलना चाहिए. यह पूर्व के महत्वपूर्ण शहरों में शुमार होना चाहिए, जो अपनी परंपरा और संस्कृति के लिए जाना जाए. भारत खुद बहुमूल्य परंपराओं वाला देश है.
  • इसलिए इसकी राजधानी में सम्राट अशोक से जुड़ी कुछ चीजें समाहित की जानी चाहिए, कुछ समानताएं मुगलकालीन शासन वाली भी होनी चाहिए.
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