आसियान और कुछ अन्य देशों के रक्षा मंत्रियों की छठी बैठक ‘मीटिंग प्लस’ (ASEAN Defence Ministers Meeting- ADMM Plus) हाल ही में थाइलैण्ड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित की गयी थी. राजनाथ सिंह ने इस बैठक में भारत का प्रत्निधित्व किया था.
- इस बैठक में आसियान के दस देशों के अलावा जापान, अमेरिका, चीन जैसे आठ देश भी अधिक व्यावहारिक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस बैठक में भाग लिए. इस बैठक के क्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘मीटिंग प्लस’ (ADMM Plus) तथा रक्षा एवं सुरक्षा 2019 प्रदर्शनी के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था.
- ADMM Plus बैठक के एजेंडे के तहत श्री सिंह ने म्यामांर के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल सीन विन के साथ मिलकर ‘हैंडबुक ऑन मिलिट्री मेडिसीन फोर आसियान’ भी जारी किया था.
- रक्षामंत्री सिंह ने आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों की छठी बैठक को सम्बोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि वे आतंकवादियों के ठिकानों और नेटवर्क को नष्ट कर उनके वित्तीय स्रोत को समाप्त कर तथा उनकी आवाजाही पर रोक लगाकर क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित बनाए.
भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्री संवाद
बैंकॉक की इस यात्रा के दौरान श्री राजनाथ सिंह ने चौथे भारत-सिंगापुर रक्षा मंत्री संवाद की सह अध्यक्षता की. उन्होंने सिंगापुर के उप-प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री हेंग स्वीकिट से वार्ता की. इस वार्ता में रक्षामंत्री ने भारत और सिंगापुर की सशस्त्र सेनाओं के बीच बढ़ते संयुक्त अभ्यासों पर संतोष व्यक्त किया. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढाने पर जोर दिया.
रक्षामंत्री ने दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि भारत के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र का अभिप्राय मुक्त, समावेशी और स्थिर क्षेत्र से है, जो सुरक्षित समुद्र, व्यापार संपर्क और आसियान देशों के बीच तालमेल से जुड़ा हो.
इंडिया राईजिंग सम्मेलन
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैंकाक यात्रा के दौरान इंडिया राईजिंग सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन का आयोजन भारतीय वाणिज्य संघ ने किया था. सम्मलेन को संबोधित करते हुए उन्होंने 2025 तक भारत के 26 अरब डॉलर के रक्षा उद्योग के लक्ष्य को प्राप्त करने की बात कही.
श्री सिंह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत का रक्षा निर्यात लगभग छह गुना बढ़ा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि 2025 तक एयरोस्पेस और रक्षा साजोसामान तथा सेवाओं के क्षेत्र में दस अरब डॉलर के निवेश की संभावना है.